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राज्यपाल श्री कलराज मिश्र द्वारा विधान सभा में दिए अभिभाषण का मूल पाठ | Governor Shri Kalraj Mishra's Abhibhashan in Vidhansabha's 15th session

राज्यपाल श्री कलराज मिश्र द्वारा पन्द्रहवीं राजस्थान विधान सभा के छठे सत्र में दिए अभिभाषण का मूल पाठ

माननीय अध्यक्ष महोदय एवं माननीय सदस्यगण,

  • पन्द्रहवीं विधान सभा के षष्ठम् सत्र के शुभारम्भ के अवसर पर मैं माननीय सदस्यों का अभिवादन करता हूँ और राज्य सरकार को प्रदेश के निरन्तर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिये बधाई देता हूँ। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण वर्ष 2020 में अनेक कटु अनुभवों का एहसास करना पड़ा। मुझे विश्वास है कि नववर्ष 2021 हम सबके लिये निरोगी, सुखद, वैभवशाली एवं मंगलमय होगा।

  • 2. मेरी यह अपेक्षा है कि माननीय सदस्यगण इस सत्र में गहन चिन्तन और विचार-विमर्श कर प्रदेश की प्रगति, समृद्धि और चहुंमुखी विकास के लिये अपने ठोस सुझावों से सरकार को आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे।

  • 3. मुझे यह बताते हुये हर्ष है कि राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे विभिन्न नवाचारों से प्रदेश को नई पहचान मिली है। महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप के सिद्धांतों पर चल रही प्रदेश सरकार ने समृद्ध एवं विकसित राजस्थान के नवनिर्माण की परिकल्पना को नई दिशा देने के लिये हर सम्भव प्रयास किये हैं।

  • 4. वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान राज्य सरकार ने विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद इस कठिन दौर में भी विकास के पहिये को निरन्तर गतिमान रखा है। आपदा को अवसर में बदलते हुये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के साथ ही सभी क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाये गये। मुझे यह बताते हुये गर्व है कि कोरोना प्रबन्धन में राजस्थान ने देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया है।

  • 5. ‘‘कोरोना से कोई जनहानि न हो’’ इस लक्ष्य के साथ कोरोना संक्रमण से प्रभावित व्यक्तियों की आरटीपीसीआर जांच सहित संबंधित सभी जांचें एवं उपचार की सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध करवायी गयी तथा ‘‘कोई भूखा न सोए’’ के संकल्प के साथ जरूरतमंदों को भोजन सहित अन्य सुविधाएं भी प्रदान की गयी।

  • 6. कोरोना के बावजूद समाज के हर वंचित को विकास की मुख्यधारा से जोड़कर विकासपरक दृष्टिकोण का दायरा बढ़ाते हुये राज्य की लोककल्याणकारी सरकार ने कृषक-ऋण माफी, इन्दिरा रसोई योजना, औद्योगिक विकास, वन स्टॉप शॉप, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, योजनाएं, महिला सशक्तीकरण, जल संरक्षण योजना, पेयजल, बिजली, सड़क, शिक्षा एवं चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाओं एवं आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं का विस्तार कर आमजन में नई उर्जा का संचार किया है।

  • 7. प्रारम्भ में प्रदेश में कोरोना की जांच की सुविधा नहीं होने के कारण जांच के लिये सैम्पल पुणे भिजवाये जाते थे। अब राज्य सरकार द्वारा कोरोना जांच की सुविधा सभी जिला मुख्यालयों पर उपलब्ध करवायी जा चुकी है। प्रदेश की कोरोना जांच क्षमता वर्तमान में 70 हजार आरटीपीसीआर टैस्ट प्रतिदिन हो चुकी है।

  • 8. कोरोना की रोकथाम एवं उपचार के लिये प्रदेश में 140 डेडिकेटेड कोविड अस्पताल एवं डेडिकेटेड कोविड हैल्थ सेन्टर, 43 हजार से अधिक आइसोलेशन बेड्स, 1 हजार 899 वेंटीलेटर्स, 3 हजार 170 आईसीयू बेड्स के साथ ही पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट्स, दवाओं और अन्य उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है।

  • 9. प्रदेष में कोरोना रोगियों का सम्पूर्ण ईलाज निःशुल्क किया जा रहा है। गंभीर कोरोना रोगियों की जान बचाने के लिये लगभग 40 हजार रुपए कीमत तक के जीवन रक्षक इंजेक्शन टोसिलीजूमेब एवं 4 हजार रुपये कीमत के रेमडेसीविर इंजेक्शन निःशुल्क लगाये जा रहे हैं तथा चैस्ट इंफेकशन की गम्भीरता जांचने के लिये एच. आर. सीटी स्कैन सहित अन्य समस्त जांचों की सुविधा भी निःशुल्क प्रदान की गयी है।

  • 10. हमारा राज्य प्लाज्मा थैरेपी में अग्रणी रहा है। कोरोना उपचार के लिये जयपुर, उदयपुर, बीकानेर, कोटा, जोधपुर, अजमेर एवं भीलवाड़ा में प्लाज्मा थैरेपी भी दी जा रही है।

  • 11. कोरोना वॉरियर्स जिसमें सभी सरकारी कर्मचारी एवं संविदाकर्मी शामिल हैं, की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर उनके परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया।

  • 12. कोरोना जनचेतना के लिये प्रदेश में 21 जून, 2020 से विशेष जागरूकता अभियान शुरू किया गया। विभिन्न विभागों के सहयोग से 2 अक्टूबर, 2020 से व्यापक स्तर पर ‘‘कोरोना के विरुद्ध जन आन्दोलन’’ प्रारम्भ किया गया। राज्य में देश में पहली बार मास्क की अनिवार्यता का कानून लागू किया एवं निःशुल्क मास्क वितरण प्रारम्भ किया गया।

  • 13. मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना कोरोना काल में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुयी है। इस योजना के प्रारम्भ से अब तक 86 करोड़ से अधिक बार रोगियों को लाभान्वित किया जा चुका है। इसके तहत विभिन्न प्रकार की 713 दवाएं, 181 सर्जिकल्स एवं 77 सूचर्स निःशुल्क उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।

  • 14. इसी प्रकार मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना भी आम अवाम के उपचार में अत्यंत महत्त्वपूर्ण सिद्ध हो रही है। इस योजना में 90 प्रकार की जांचें निःशुल्क की जा रही हैं। योजना के प्रारम्भ होने से अब तक लगभग 33 करोड़ 86 लाख निःशुल्क जांचें की जा चुकी हैं।

  • 15. आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना का नवीन चरण 30 जनवरी, 2021 से प्रारम्भ किया गया है। सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना 2011 के आधार पर पात्र लाभार्थी परिवारों एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आने वाले लाभार्थी परिवारों को शामिल करते हुये 1 करोड़ 10 लाख परिवारों को इस योजना में शामिल किया गया है। निःशुल्क बीमा कवर 3 लाख 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है।

  • योजनान्तर्गत कुल प्रीमियम राशि 1 हजार 749 करोड़ रुपये में से 78 प्रतिशत से अधिक अर्थात् 1 हजार 372 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जा रही है। इसके अलावा इस योजना के लाभार्थी परिवारों हेतु 42 करोड़ रुपये राशि का अतिरिक्त प्रावधान कर कोविड-19 और डायलिसिस का इलाज राज्य सरकार अपने खर्चे से करवायेगी।

  • 16. चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिये 2 हजार अतिरिक्त पद सृजित कर नियुक्तियां दी गयी, इन्हें मिलाकर वर्ष 2020 में कुल 2 हजार 727 चिकित्सकों एवं 11 हजार से अधिक नर्सिंगकर्मियों को भी नियुक्तियां दी गयी हैं।

  • 17. हैल्थकेयर वर्कर्स एवं फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स को प्राथमिकता से कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। प्राथमिकता क्रम से बुजुर्गों व अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को वैक्सीन लगाई जायेगी। इस अभियान में सक्रिय जनसहभागिता से राजस्थान मॉडल राज्य बना है एवं प्रथम चरण में 61 प्रतिशत वैक्सीनेशन पूर्ण करने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी राजस्थान की प्रशंसा की है।

  • 18. आम नागरिकों का बीमारियों से बचाव सुनिश्चित करने के लिये ‘‘निरोगी राजस्थान’’ अभियान की शुरूआत की गयी। अभियान के दौरान स्वास्थ्य जागरूकता तथा आमजन व चिकित्सा संस्थानों के मध्य कड़ी के रूप में कार्य करने के लिये प्रत्येक राजस्व ग्राम में स्वास्थ्य मित्र के रूप में एक महिला एवं एक पुरुष को चिन्हित किया गया है। अब तक करीब 80 हजार स्वास्थ्य मित्रों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जा चुका है। शहरी क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य मित्र चयन करने की प्रक्रिया प्रगति पर है।

  • 19. राज्य सरकार स्वदेशी चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के विशेष प्रयास कर रही है। कोरोना की रोकथाम एवं उपचार में आयुर्वेद, यूनानी एवं होम्योपैथी चिकित्सा पद्धतियों का भी उपयोग किया गया। राजकीय क्षेत्र में पहली बार जोधपुर एवं केकड़ी में लगभग 18 करोड़ रुपये की राशि से होम्योपैथिक महाविद्यालय का निर्माण करवाया जायेगा। सीकर में 4 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि से ‘‘एकीकृत आयुष चिकित्सालय‘‘ का निर्माण करावाया जायेगा।

माननीय सदस्यगण !

  • 20. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत वर्ष 2020-21 में 24 लाख 23 हजार कृषकों को 3 हजार 973 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम का भुगतान किया है।

  • 21. वित्तीय वर्ष 2020-21 में खरीफ व रबी फसलों के लिये दिसम्बर, 2020 तक 18 लाख 33 हजार मैट्रिक टन यूरिया व 7 लाख 18 हजार मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति करवायी जा चुकी है तथा यह आपूर्ति निरन्तर जारी है।

  • 22. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में अब तक 28 हजार 526 हैक्टेयर क्षेत्र में फव्वारा संयंत्र व 13 हजार 755 हैक्टेयर क्षेत्र में बूंद-बूंद सिंचाई व मिनी स्प्रिंकलर स्थापित किये गये हैं।

  • 23. प्रदेश के किसानों के कल्याण हेतु गठित कृषक कल्याण कोष में अब तक 2 हजार करोड़ रुपये का बैंक ऋण लेकर 1 हजार 830 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना एवं पशु चिकित्सालय भवनों के निर्माण आदि के लिये स्वीकृति प्रदान की गयी है।

  • 24. राज्य में कृषि उपजों के प्रसंस्करण व व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिये बनाई गयी नई नीति के तहत अब तक 179 परियोजनाओं को मंजूरी देकर 69 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया जा चुका है। इसमें 266 करोड़ रुपये का निवेश निहित है।

  • 25. किसानों के व्यापक हित को दृष्टिगत रखते हुये राज्य सरकार ने विधान सभा का विशेष सत्र आहूत कर 3 नये कृषि कानून पारित किये हैं।

  • 26. किसानों कीे 5 हैक्टेयर तक की कृषि भूमि को कुर्की से मुक्त रखने संबंधी कानून पारित किया गया है। राज्य में इस वर्ष टिड्डी नियंत्रण के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किया गया।

  • 27. किसानों एवं आमजन की कठिनाई को ध्यान में रखते हुये सिंचाई, पेयजल एवं अन्य कार्यों के लिये ट्यूबवैल खुदाई के लिये आवश्यक एनओसी के प्रावधान को समाप्त कर राहत प्रदान की गयी है।

  • 28. कृषक हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुये राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 में दिसम्बर, 2020 तक 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक के अल्पकालीन ब्याज मुक्त ऋण, 244 करोड़ रुपये के मध्यकालीन ऋण एवं 108 करोड़ रुपये के दीर्घकालीन ऋण वितरित किये जा चुके हैं।

  • 29. सहकारिता आन्दोलन को गति देने हेतु ‘’समग्र सहकारी विकास परियोजना’’ के द्वितीय चरण के अन्तर्गत राज्य के चयनित तीन जिलों-सीकर, जालोर, बांसवाड़ा में परियोजनाओं का संचालन किया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में इन परियोजनाओं में 10 करोड़ 41 लाख रुपये की राशि व्यय की गयी है।

  • 30. एसडीआरएफ से कोरोना महामारी के बचाव व रोकथाम हेतु विभिन्न विभागों एवं जिलों को 768 करोड़ 90 लाख रुपये की राशि हस्तान्तरित की गयी है।

  • 31. वर्ष 2020 में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुयी सार्वजनिक परिसम्पत्तियों की तात्कालिक मरम्मत हेतु 4 हजार 445 कार्यों के लिये 82 करोड़ 12 लाख रुपये की स्वीकृति जारी की गयी है।

  • 32. प्राकृतिक आपदाओं यथा ओलावृष्टि, बाढ़, सूखा तथा टिड्डी आक्रमण आदि से होने वाले फसल खराबे से प्रभावित किसानों को कृषि आदान अनुदान भुगतान के लिये वर्ष 2020-21 में 562 करोड़ 98 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं।

माननीय सदस्यगण !

  • 33. राज्य सरकार द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा पेंशन की विभिन्न योजनाओं में लगभग 83 लाख 85 हजार पेंशनर्स को प्रतिमाह पेंशन राशि का भुगतान किया जा रहा है। योजनाओं में वर्ष 2020-21 में अब तक 7 हजार 31 करोड़ रुपये की पेंशन राशि का भुगतान किया जा चुका है।

  • 34. कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुये पेंशनर्स के अतिरिक्त अन्य वर्गों-बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अन्त्योदय, भवन व संनिर्माण श्रमिकों, निराश्रित, असहाय एवं स्ट्रीट वेण्डर सहित लगभग 33 लाख जरूरतमंद परिवारों को 3 हजार 500 रुपये के हिसाब से 1 हजार 155 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई गयी।

  • 35. राज्य सरकार द्वारा सिलिकोसिस पीड़ित परिवारों के पुनर्वास हेतु जारी सिलिकोसिस नीति के अन्तर्गत पीड़ित परिवारों के बच्चों को पालनहार योजना का लाभ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।

  • 36. अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, आर्थिक पिछड़ा वर्ग, विमुक्त जनजातियां एवं मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिसम्बर, 2020 तक 303 करोड़ 65 लाख रुपये व्यय कर 1 लाख 92 हजार 641 विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया है।

  • 37. राज्य सरकार द्वारा विशेष योग्यजन कल्याण के लिये संचालित 6 मुख्य योजनाओं के अन्तर्गत विगत 2 वर्षों में 15 करोड़ 55 लाख रुपये व्यय कर 10 हजार 202 विशेष योग्यजनों को लाभान्वित किया गया तथा स्वयंसेवी संस्थाओं को 39 करोड़ 52 लाख रुपये का अनुदान वितरित किया गया है।

  • 38. अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों को आर्थिक सम्बल प्रदान करने की दृष्टि से पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना तथा मेरिट कम मीन्स छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित किये जाने के साथ ही बेरोजगार युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के लिये कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

  • 39. राज्य में पंजीकृत 3 हजार 260 मदरसों में 1 लाख 92 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो रहे हैं।

  • 40. जनजाति क्षेत्र के 1 लाख 26 हजार सहरिया, खैरवा एवं 3 हजार 253 कथोड़ी व्यक्तियों को प्रतिमाह प्रति यूनिट 500 ग्राम दाल, 500 मिलीलीटर तेल व 250 मिलीलीटर देशी घी निःशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है।

  • 41. अनुसूचित क्षेत्र, माड़ा क्षेत्र तथा सहरिया क्षेत्र में 2 हजार 539 मां बाड़ी केन्द्रों का संचालन कर 76 हजार 170 बालक-बालिकाओं को लाभान्वित किया जा रहा है।

  • 42. कुसुम योजना के अंतर्गत 4 हजार 500 जनजाति कृषकों को लाभान्वित करने के लिये स्वीकृति जारी की गयी है। सौर ऊर्जा आधारित 54 सामुदायिक जलोत्थान सिंचाई योजनाओं हेतु 23 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं।

  • 43. समेकित बाल विकास योजनान्तर्गत वर्तमान में राज्य में 304 बाल विकास परियोजनाएं एवं 61 हजार 613 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। इनमें लगभग 40 लाख लाभार्थियों को पूरक पोषाहार से लाभान्वित किया जा रहा है, जिसमें 3 से 6 वर्ष के 13 लाख बच्चे शाला पूर्व शिक्षा से लाभान्वित हो रहे हैं।

  • 44. प्रधानमंत्री मातृ-वन्दना योजना में लाभार्थी को निर्धारित शर्तें पूरी करने पर कुल 5 हजार रुपये की राशि दी जाती है। वर्ष 2020-21 में योजनान्तर्गत लगभग 2 लाख गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है।

  • 45. राज्य सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं 3 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति में सुधार लाने के लिये 19 नवम्बर, 2020 से इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना 5 जनजातीय जिलों प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर और बारां में शुरू की गयी है। योजनान्तर्गत दूसरी संतान के जन्म पर गर्भवती एवं धात्री महिला को कुल 6 हजार रुपये की राशि सीधे उनके खातों में हस्तान्तरित की जायेगी।

माननीय सदस्यगण !

  • 46. राज्य सरकार द्वारा गांवों के सुनियोजित एवं चरणबद्ध विकास के लिये शुरू की गयी ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज की विभिन्न योजनाओं पर वित्तीय वर्ष 2020-21 में 4 हजार 372 करोड़ रुपये का व्यय कर आधारभूत संरचना के 9 हजार 300 कार्य पूर्ण कराये गये। इसके अलावा महात्मा गांधी नरेगा योजना में 7 हजार 196 करोड़ रुपये व्यय कर 69 लाख से अधिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया तथा 33 करोड़ 90 लाख मानव दिवस सृजित किये गये हैं। राज्य में ‘‘एक गांव-चार काम’’ के तहत चारागाह विकास, मॉडल तालाब, श्मशान व कब्रिस्तान तथा खेल मैदान के कुल 42 हजार 468 कार्य स्वीकृत कर 11 हजार 615 कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं।

  • 47. राज्य में हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिये विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कोष से वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 की निर्धारित राशि में से प्रतिवर्ष 1 करोड़ रुपये की राशि खर्च करने का प्रावधान किया गया है।

  • 48. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के परिवार की महिलाओं को सक्षम एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिये राजीविका योजना में लगभग 1 लाख 84 हजार स्वयं सहायता समूहों को रोजगार देने हेतु 1 हजार 805 करोड़ रुपयेे का सम्बल प्रदान कर 21 लाख 50 हजार परिवारों को लाभान्वित किया गया है।

  • 49. राजीव गांधी जल संचय योजना के प्रथम चरण में जल संग्रहण एवं संरक्षण के 18 हजार कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं।

  • 50. पंचायतीराज विभाग के अन्तर्गत चौदहवें एवं पन्द्रहवें वित्त आयोग में 1 हजार 422 करोड़ रुपये व्यय कर 36 हजार 600 कार्य तथा पांचवें राज्य वित्त आयोग के तहत 425 करोड़़ रुपये व्यय कर 13 हजार 558 कार्य पूर्ण किये गये हैं।

  • 51. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में व्यक्तिगत शौचालय, सामुदायिक स्वच्छता परिसर एवं ठोस व तरल कचरा प्रबंधन के कार्य सम्पादित करवाने हेतु 1 हजार 298 करोड़ रुपये की कार्ययोजना अनुमोदित की गयी है।

  • 52. स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों में 3 लाख 46 हजार घरेलू शौचालयों तथा 2 हजार 774 सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। प्रदेश में 5 हजार 389 वार्डों से घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य किया जा रहा है।

  • 53. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर 20 अगस्त, 2020 से जरूरतमंदों को सम्मानपूर्वक बैठाकर 8 रुपये में भोजन की थाली उपलब्ध कराने के लिये प्रदेश की 213 नगरीय निकायों में इंदिरा रसोई योजना शुरू की गयी है। अब तक 1 करोड़ 55 लाख से अधिक भोजन थालियां उपलब्ध कराई जा चुकी है। राज्य सरकार द्वारा प्रति थाली 12 रुपये का अनुदान वहन किया जा रहा है।

  • 54. राज्य में शहरी क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास की दिशा में 28 सितम्बर व 5 अक्टूबर, 2020 को जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, उदयपुर, कोटा व भरतपुर संभागों में जलापूर्ति, सीवरेज, उद्यान, हेरिटेज संरक्षण व पार्किंग हेतु 2 हजार 261 करोड़ रुपये की 61 परियोजनाओं का शुभारम्भ एवं 443 करोड़ रुपये के 25 कार्य पूर्ण किये गये हैं।

  • 55. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत प्रदेश में 4 शहरों यथा जयपुर, कोटा, अजमेर एवं उदयपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिये विभिन्न कार्यों पर अब तक 1 हजार 171 करोड़ रुपये व्यय किये जा चुके हैं।

  • 56. जयपुर मेट्रो रेल परियोजना फेज-1बी (चांदपोल से बड़ी चौपड़) जयपुर की विरासत को संरक्षित रखते हुये कार्य को पूर्ण कर 23 सितम्बर, 2020 से भूमिगत मेट्रो ट्रेन का संचालन किया जा रहा है।

  • 57. मुख्यमंत्री जन आवास योजना में 1 हजार 448 आवासों का (आनन्द विहार, सूर्य नगर वाटिका, खेड़ा जगन्नाथपुरा) एवं राजस्थान आवासन मण्डल की विभिन्न योजनाओं में 4 हजार से अधिक आवासों का निर्माण कराया जायेगा।

  • 58. कोटा शहर में चल रहे डेयरी व्यवसाय एवं पशुपालकों को सुव्यवस्थित रूप से बसाने के लिये 300 करोड़ रुपये की लागत से देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।

  • 59. पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये आवश्यक प्रावधानों के साथ राजस्थान पर्यटन नीति, 2020 लागू की गयी है।

  • 60. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 22 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से मन्दिर समूह- किराड़ू (बाड़मेर), हर्ष देवल शिव मन्दिर-बिलाड़ा (जोधपुर), सूर्य मन्दिर-बूढ़ादीत (कोटा), सेठानी का जोहड़-चूरू, मीनारयुक्त कूप-बूटिया (चूरू), जलमहल-डीग एवं किशोरी महल-भरतपुर में संरक्षण व जीर्णोद्धार के कार्य करवाये जा रहे हैं।

  • 61. प्रदेश में नवनिर्मित पांच पेनोरमाओं गुरुगोविन्द सिंह पेनोरमा (बूढ़ा जोहड़, रायसिंहनगर-श्री गंगानगर) भगवान श्री परशुराम पेनोरमा (मातृकुण्डिया-चित्तौडगढ़), भगवान श्री देवनारायण पेनोरमा (मालासेरी, आसीन्द-भीलवाड़ा), महाराणा कुम्भा पेनोरमा (माल्यावास, देवगढ़-राजसमन्द), वीर गोरा-बादल पेनोरमा (चित्तौड़गढ़) का लोकार्पण किया गया है।

  • 62. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोहों की कड़ी में 9 अगस्त से 15 अगस्त, 2020 तक प्रदेश के समस्त जिलों में “अगस्त क्रान्ति सप्ताह” का आयोजन किये जाने के साथ ही 2 अक्टूबर, 2020 को ‘‘शांति, सद्भाव एवं अहिंसा पर‘‘ एक वैश्विक ई-सम्मेलन का भी आयोजन किया गया।

  • 63. सद्भावना दिवस 20 अगस्त, 2020 को बीकानेर में 4 करोड़ 13 लाख रुपये की लागत से नवनिर्मित अभिलेख म्यूजियम का लोकार्पण किया गया।

  • 64. लोक कला की विरासत के संरक्षण, संवर्धन एवं उन्नयन के लिये लॉकडाउन की अवधि में राज्य के कलाकारों को आर्थिक सम्बल देने के लिये “मुख्यमंत्री लोक कलाकार योजना” के अन्तर्गत लोक कलाकारों को आर्थिक सहायता प्रदान कर लाभान्वित किया गया है।

माननीय सदस्यगण !

  • 65. राज्य सरकार की निर्बाध एफआईआर दर्ज करने की नीति से आपराधिक प्रकरणो के रजिस्ट्रीकरण की संख्या में वृद्धि की सच्चाई को जानते हुये भी पीड़ित को न्याय सुनिश्चित करने के लिये हर फरियादी की एफआईआर दर्ज की जा रही है।

  • 66. समाज के कमजोर वर्गों तथा महिला अत्याचार के अपराधों को रोकने के लिये राज्य के प्रत्येक जिले में महिला अपराध अनुसंधान इकाइयों का गठन किया गया है।

  • 67. दुष्कर्म के प्रकरणों में त्वरित एवं प्रभावी अनुसंधान के परिणामस्वरूप इन प्रकरणों के अनुसंधान समय में 60 प्रतिशत की कमी आयी है।

  • 68. पुलिस सहायता के लिये ट्विटर हैंडल ‘राजस्थान पुलिस हैल्पडेस्क’ शुरू किया गया है। पुलिस मित्र योजना के तहत अब तक करीब 30 हजार पुलिस मित्र बनाये जा चुके हैं। अब तक राज्य में करीब 34 हजार ग्राम रक्षक सूचीबद्ध किये जा चुके हैं।

  • 69. राज्य सरकार विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में प्राथमिकता से कार्य कर रही है। इसी क्रम में सूरतगढ़ सुपरक्रिटिकल तापीय विद्युत परियोजना की इकाई-7 से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर विगत दो वर्षों में उत्पादन क्षमता में 1 हजार 497 मेगावाट की वृद्धि की गयी है जिससे राज्य की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 21 हजार 836 मेगावाट हो चुकी है।

  • 70. दिसम्बर, 2018 से अब तक 1 हजार 963 मेगावाट सोलर व 27 मेगावाट पवन ऊर्जा सहित कुल 1 हजार 990 मेगावाट अक्षय ऊर्जा स्रोतों से उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुयी है। राज्य में 5 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा, 4 हजार 338 मेगावाट पवन ऊर्जा एवं 120 मेगावाट बायोमास ऊर्जा सहित कुल 9 हजार 460 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन संयंत्र स्थापित हैं।

  • 71. गत दो वर्षों में विद्युत तंत्र को सुदृढ़ करने के लिये 400 केवी का एक, 220 केवी के 3 व 132 केवी के 19 ग्रिड सब-स्टेशन तथा 33 केवी के 387 सब-स्टेशन स्थापित कर 1 लाख 63 हजार कृषि कनेक्शन, ग्रामीण क्षेत्र में 9 लाख 71 हजार व शहरी क्षेत्र में 2 लाख 28 हजार घरेलू कनेक्शन जारी किये गये हैं।

  • 72. किसानों को कड़ाके की सर्दी में रात को सिंचाई नहीं करनी पड़े, इस दिशा में किसानों को बड़ी राहत देने के लिये अपै्रल, 2023 तक पूरे प्रदेश में कृषि सिंचाई हेतु दिन में बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत अभी 15 जिलों में कृषि हेतु दिन में किसानों को थ्री फेज बिजली उपलब्ध कराई जा रही है।

  • 73. कोरोना के कारण विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ताओं को बिजली के बिलों के भुगतान को स्थगित कर बिना ब्याज एवं बिना विलम्ब शुल्क के बकाया बिल राशि जमा कराने की सुविधा दी गयी है। इस पर राज्य सरकार द्वारा 310 करोड़ का भार वहन किया गया है।

  • 74. प्रसारण तन्त्र की कुशल निगरानी हेतु स्मार्ट ट्रांसमिशन नेटवर्क एंड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम को लगभग 500 ई.एच.वी ग्रिड सब-स्टेशनों पर लागू किया गया है। इससे फाइबर ऑप्टिकल नेटवर्क द्वारा विजुअल मॉनिटरिंग व दूरस्थ नियन्त्रण केन्द्रों के माध्यम से निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।

  • 75. प्रदेश में शिक्षा के नेटवर्क को मजबूती प्रदान करने के लिये 31 हजार शिक्षकों की भर्ती हेतु रीट परीक्षा का आयोजन 25 अप्रेल, 2021 को करवाये जाने का निर्णय लिया गया है।

  • 76. सभी जिला मुख्यालयों पर बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दिये जाने के लिये महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय प्रारम्भ किये गये। इस योजना का विस्तार करते हुये वर्ष 2020-21 में ब्लॉक स्तर पर 168 ब्लॉक्स में राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय खोले जा चुके हैं।

  • 77. इन्दिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना में 1 हजार 112 बालिकाओं को लाभान्वित कर 8 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बालिकाओं के बैंक खातों में हस्तान्तरित की जा चुकी है।

  • 78. राज्य में देवभाषा संस्कृत को बढ़ावा देने के लिये 49 वरिष्ठ उपाध्याय, 10 प्रवेशिका एवं 6 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को क्रमोन्नत किया गया है तथा 5 नवीन प्राथमिक संस्कृत विद्यालय खोले गये हैं। राजकीय शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय, दौसा को आचार्य स्तर पर क्रमोन्नत किया गया है।

  • 79. राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा का प्रसार करने के लिये वर्ष 2020-21 में 38 नवीन राजकीय महाविद्यालय प्रारम्भ किये गये एवं 12 राजकीय महाविद्यालयों को स्नातक से स्नातकोत्तर में क्रमोन्नत किया गया है।

  • 80. राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी के सिद्धान्तों से प्रेरित होकर देश में पहली बार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में सामुदायिक सेवा पर आधारित ‘आनन्दम्‘ नाम से अनिवार्य विषय पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है।

  • 81. प्रदेश की पाॅलिटेक्निक शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाए जाने के लिये इसी सत्र से सेमेस्टर आधारित नवीन पाठ्यक्रम लागू किया गया है। इसमें उद्योगों के साथ इन्टर्नशिप को अनिवार्य किया गया है। इससे विद्यार्थियों का उद्योगों के साथ प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट में भी अभिवृद्धि होगी।

माननीय सदस्यगण !

  • 82. राजस्व विभाग द्वारा राजस्थान काश्तकारी अधिनियम लागू किये जाने की दिनांक 15 अक्टूबर को राजस्व दिवस के रूप में मनाये जाने की शुरूआत की गयी है।

  • 83. राज्य की कुल 265 तहसीलों को ऑनलाइन किया जा चुका है। राजस्व विभाग द्वारा किये गये अभिनव प्रयोग एवं नवाचारों के माध्यम से आमजन एवं काश्तकारों को घर बैठे आॅनलाइन सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है।

  • 84. ई-मित्र, मोबाईल एप एवं ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ई-हस्ताक्षरित जमाबंदी, गिरदावरी, नामान्तरकरण आवेदन, नकल-नक्शा आदि सुविधाएं आमजन को उपलब्ध करवायी गयी है।

  • 85. राज्य की समस्त ऑनलाइन तहसीलों में पंजीयन दस्तावेजों के होने पर स्वतः नामान्तरकरण की कार्यवाही शुरू की जा रही है। कृषकों को कृषि कार्य के तहत आसानी से समय पर ऋण उपलब्ध करवाने के लिये झुन्झुनूं जिले में कृषि ऋण पोर्टल लॉन्च करने के बाद अब इसे जयपुर जिले में भी आरम्भ कर दिया गया है।

  • 86. राज्य में 5 स्थानों सुजानगढ़-चूरू, दूदू-जयपुर, बालोतरा-बाड़मेर, भिवाड़ी-अलवर, एवं कुचामन सिटी-नागौर में अतिरिक्त जिला कलक्टर कार्यालयों का सृजन किया गया है।

  • 87. राज्य सरकार द्वारा हक त्याग पर स्टाम्प ड्यूटी समाप्त करने के साथ ही सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं को सार्वजनिक प्रयोजनार्थ चिकित्सा एवं शैक्षणिक सुविधाएँ, वृद्धाश्रम, अनाथालय, नारी निकेतन, कुष्ठ केन्द्र, विशेष योग्यजन केन्द्र, व्यसन मुक्ति केन्द्र, कन्या आश्रम एवं बाल गृह प्रयोजनार्थ भूमि रूपान्तरण शुल्क को भी समाप्त कर दिया गया है।

  • 88. राजस्व कानूनों का सरलीकरण करने के लिये एक कमेटी का गठन कर विषय विषेषज्ञों एवं आमजन से सुझाव मांगे गये हैं।

  • 89. नवसृजित ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों एवं अन्य राजकीय कार्यालयों के भवन निर्माण हेतु लगभग 122 हैक्टेयर भूमि का आवंटन किया गया है।

  • 90. गौशाला हेतु भूमि आवंटन नियमों में संशोधन कर भूमि आवंटन की समयावधि 20 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष की गयी है।

  • 91. राज्य में गौ-वंश संरक्षण एवं संवर्धन के लिये वित्तीय वर्ष 2020-21 में गौशाला व कांजी हाउस में आवासित गौवंश के श्रण पोषण हेतु 585 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गयी है।

  • 92. विगत दो वर्षों में प्रदेश में 571 नये पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोले गये हैं। पशुधन के संरक्षण एवं पशुपालकों के हितार्थ पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजनान्तर्गत गत दो वर्षों में 5 करोड़ 89 लाख पशुओं का उपचार तथा 8 करोड़ 12 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया है।

  • 93. राज्य सरकार द्वारा शिक्षित बेराजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में त्वरित गति से कार्यवाही की जा रही है। विगत 2 वर्षों में 81 हजार 893 युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी हैं एवं 50 हजार 865 पदों के लिये भर्ती प्रक्रिया जारी है।

  • 94. कोरोना महामारी व लॉकडाउन के कारण उपजी कठिन परिस्थितियों को देखते हुये बेरोजगार आषार्थियों के हितार्थ मई, 2020 से दिसम्बर, 2020 तक 188 ऑनलाइन शिविर आयोजित कर 7 हजार 104 बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं।

  • 95. राज्य सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं को आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना 1 फरवरी, 2019 से आरम्भ कर अब तक 800 करोड़ रुपये की राशि बेरोजगारी भत्ते के रूप में वितरित कर लगभग 2 लाख 50 हजार बेरोजगार युवाओं को लाभान्वित किया गया है।

  • 96. सरदारशहर-चूरू, भादरा-हनुमानगढ़, करेड़ा-भीलवाड़ा, सादुलषहर-श्रीगंगानगर, मंडावा-झुन्झुनूं, नदबई- भरतपुर एवं कठूमर-अलवर में आईटीआई खोले जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

  • 97. वर्ष 2020-21 में दिसम्बर, 2020 तक 1 लाख 79 हजार 520 निर्माण श्रमिकों का हिताधिकारियों के रूप में पंजीकरण कर भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण की विभिन्न योजनाओं में लगभग 163 करोड़ 11 लाख रुपये व्यय कर 71 हजार 325 हिताधिकारियों को लाभान्वित किया गया है।

माननीय सदस्यगण !

  • 98. कोरोना काल के दौरान लगभग साढे़ 4 करोड़ निःशुल्क सूखा राशन किट और भोजन के पैकेट वितरित किये गये। वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्यों पर रेकार्ड 22 लाख 19 हजार मैट्रिक टन गेहूं की खरीद की गयी। इससे 2 लाख 18 हजार से ज्यादा किसान लाभान्वित हुये हैं।

  • 99. प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नेशनल पोर्टेबिलिटी लागू करते हुये वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना के तहत अब तक लगभग 95 प्रतिशत अर्थात् 4 करोड़ 18 लाख लाभार्थियों की आधार सीडिंग करवायी जा चुकी है।

  • 100. सरकार द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं के लाभ आमजन को सरलता, सुगमता एवं पारदर्शी रूप से पहुंचाने के लिये शुरू की गयी राजस्थान जन-आधार योजना में 22 दिसम्बर, 2020 तक 1 करोड़ 79 लाख से अधिक परिवारों के 6 करोड़ 70 लाख व्यक्तियों का नामांकन किया जा चुका है।

  • 101. सुशासन को बढ़ावा देने एवं आमजन को सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं एवं उपलब्धियों की जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के लिये ‘‘जनकल्याण पोर्टल’’ लॉन्च किया गया है।

  • 102. राज्य में अनुसंधान, अन्वेषण एवं नवाचारों को बढ़ावा देने के लिये बौद्धिक संपदा अधिकार नीति लागू की जा रही है। भरतपुर में क्षेत्रीय विज्ञान कार्यालय खोला जा रहा है।

  • 103. प्रदेश में उद्योगों के विकास एवं निवेश को प्रोत्साहन देने की दिशा में रीको द्वारा अजमेर, अलवर, कोटा, सीकर, उदयपुर, भीलवाड़ा एवं जोधपुर जिलों में 840 करोड़ रुपये की लागत के 7 नये औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के साथ ही अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चूरू, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, सिरोही, टोंक, जोधपुर एवं बीकानेर जिलों में 3 हजार 300 करोड़ रुपये की लागत के 17 नये औद्योगिक क्षेत्रों का शुभारम्भ किया गया है।

  • 104. दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा घोषित जोधपुर-पाली-मारवाड़ एवं खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना स्पेशल इन्वेस्टमेन्ट रीजन के लिये रीको को क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण घोषित किया गया है।

  • 105. ‘‘वन स्टॉप शॉप‘‘ प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु बोर्ड ऑफ़ इन्वेस्टमेन्ट का गठन कर ऑनलाइन ’’राज निवेश’’ पोर्टल की व्यवस्था की गयी है।

  • 106. वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 2 लाख 13 हजार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों ने उद्योग आधार मेमोरेंडम फाइल किये हैं। इन उद्यमों में 26 हजार 315 करोड़़ रुपये का निवेश और 9 लाख से अधिक लोगों को रोजगार सुलभ हुआ है।

  • 107. कोरोना से प्रभावित रीको औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों को रियायतें देने हेतु एमनेस्टी योजना आरम्भ की गयी है।

  • 108. ‘’मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना’’ में विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार क्षेत्र में नये उद्यम स्थापित करने तथा वर्तमान उद्यमों के विस्तार व आधुनिकीकरण के लिये वित्तीय संस्थानों के माध्यम से लघु उद्यमियों को 10 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 5 से 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान उपलब्ध कराते हुये दिसम्बर, 2020 तक 4 हजार 307 आवेदकों को ऋण वितरित किया गया है।

  • 109. राज्य में निवेश को बढ़ावा देने हेतु नवीन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की स्थापना हेतु प्रारम्भिक 3 वर्ष तक उद्यमों को विभिन्न विभागों की स्वीकृतियों व निरीक्षणों से मुक्त करते हुये अब तक 8 हजार 358 उद्यमों को राज-उद्योग मित्र पोर्टल पर ‘‘अभिस्वीकृति प्रमाण-पत्र‘‘ जारी किये जा चुके हैं।

  • 110. राज्य में स्पोर्ट्स गुड्स एवं टॉयज सेक्टर में निवेष आकर्षित करने के लिये खुशखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र, अलवर में वर्ष 2020 में ’’स्पोर्ट्स गुड्स एवं टॉयज जोन’’ की स्थापना की गयी है।

  • 111. बाड़मेर रिफाइनरी परियोजना का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। परियोजना में अब तक 5 हजार 367 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के कार्य करवाये जा चुके हैं तथा लगभग 37 हजार 688 करोड़ रुपये के कार्यादेश दिये जा चुके हैं।

  • 112. रिवर सैण्ड के विकल्प के रूप में एम-सैण्ड का उपयोग करने व इसको अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिये राजस्थान एम-सैण्ड नीति-2020 जारी की गयी है।

  • 113. राज्य के 17 जिला परिवहन कार्यालयों यथा ब्यावर, किशनगढ़, चौमूं, नागौर, धौलपुर, बारां, चूरू, सुजानगढ़, करौली, सवाईमाधोपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, शाहपुरा (भीलवाड़ा), हनुमानगढ़, रामगंजमण्डी एवं राजसमंद में ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक के निर्माण हेतु 25 करोड़ 14 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं।

  • 114. अंगदान एवं अंग प्रत्यारोपण को मजबूती प्रदान करने के लिये राज्य में सोटो का गठन करने के साथ ही हृदय एवं लीवर का सफल प्रत्यारोपण किया जा चुका है। अंगदान हेतु आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से ड्राइविंग लाईसेंस आवेदकों से पूछे जाने वाले अंगदान से संबंधित प्रश्न को अनिवार्य कर दिया गया है।

  • 115. कोरोना के दौरान लगभग 5 लाख 39 हजार श्रमिकों, प्रवासी राजस्थानियों, छात्र-छात्राओं आदि को बसों द्वारा निःशुल्क यात्रा सुविधा दी गयी। इनमें से 1 लाख 3 हजार रेल-यात्रियों एवं 22 हजार प्रवासियों को हवाई अड्डों से अलग-अलग जिलों में गंतव्य स्थल तक पहुंचाया गया। इस उल्लेखनीय कार्य के लिये राज्य को एक्सीलेंस इन ट्रांसपोर्ट मोबिलिटी केटेगरी में राष्ट्रीय पीएसयू अवार्ड प्राप्त हुआ है।

  • 116. कोरोना काल के दौरान दिवंगतों के अस्थि-विसर्जन हेतु मोक्ष कलश योजना प्रारम्भ की गयी। इस योजना के तहत राज्य के विभिन्न स्थानों से दिसम्बर, 2020 तक 24 हजार 455 लोगों को निःशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की गयी।

  • 117. सितम्बर, 2020 में सम्पन्न जेईई एवं नीट परीक्षा, 2020 में सम्मिलित होने वाले सभी परीक्षार्थियों को निगम की साधारण एवं द्रुतगामी बसों में आने-जाने के लिये किराये में 100 प्रतिशत की छूट देकर परीक्षार्थियों को लाभान्वित किया गया है।

माननीय सदस्यगण !

  • 118. राज्य सरकार ने प्रदेश में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की ओर सार्थक कदम उठाते हुये प्रदेश के 29 अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को विभिन्न सरकारी विभागों में आउट ऑफ़ टर्न उच्च पदों तक नियुक्तियां दी हैं।

  • 119. प्रदेश के तीन खिलाड़ियों सुश्री अपूर्वी चंदेला, श्री दिव्यांश सिंह पंवार व सुश्री भावना जाट ने टोक्यो ओलम्पिक के लिये जगह बनाई। प्रदेश के 6 पैरा खिलाड़ियों श्री सुंदर सिंह गुर्जर, श्री देवेन्द्र झांझड़िया, श्री संदीप सिंह मान, श्री कृष्णा नागर, सुश्री अवनी लेखरा तथा श्री श्याम सुंदर स्वामी ने टोक्यो पैरा-ओलम्पिक के लिये क्वालिफाई किया।

  • 120. सड़क तंत्र को और अधिक मजबूत करने की दिशा में राज्य सरकार ने अपने 2 वर्ष के कार्यकाल में 10 हजार 788 करोड़ रुपये व्यय कर 4 हजार 248 किलोमीटर लम्बाई में नवीन सड़कों, 689 किलोमीटर लम्बाई में राष्ट्रीय राजमार्गों, 3 हजार 159 किलोमीटर लम्बाई में राज्य राजमार्गों व 16 हजार 967 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के विकास कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं।

  • 121. प्रदेश में 2 आरओबी व 4 आरयूबी का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 25 आरओबी व 41 आरयूबी का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

  • 122. प्रदेश में 500 व अधिक आबादी के सड़कों से वंचित गांवों को सड़कों से जोड़ने की योजना के तहत 34 गांवों को सड़कों से जोड़ दिया गया है तथा 296 गांवों को जोड़ने का कार्य प्रगति पर है।

  • 123. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तृतीय फेज के प्रथम चरण में 1 हजार 139 करोड़ रुपये की लागत सेे 2 हजार 198 किलोमीटर में ग्रामीण सड़कों का उन्नयन के 237 कार्य एवं आरआईडीएफ-25 में 383 करोड़ रुपये की लागत से 2 हजार 252 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के नवीनीकरण के 699 कार्य प्रगति पर है।

  • 124. प्रदेश के प्रत्येक शहर, गांव और ढाणी में फ्लोराइड रहित शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिये दिसम्बर, 2018 में 44 वृहद् पेयजल परियोजनाएं प्रगतिशील थी। इनमें से अब तक 11 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं और 33 परियोजनाएं प्रगतिरत हैं।

  • 125. इन परियोजनाओं के माध्यम से गत दो वर्षों में 14 शहरों, 2 हजार 845 गांवों एवं 2 हजार 710 ढाणियों को पेयजल से लाभान्वित किया गया है। पेयजल गुणवत्ता प्रभावित बस्तियों व ढाणियों में 929 आरओ प्लान्ट्स एवं 1 हजार 280 सौर ऊर्जा आधारित डी-फ्लोरीडेशन संयंत्र चालू कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है।

  • 126. जल जीवन मिशन के अन्तर्गत अब तक 8 हजार 261 करोड़ रुपये की स्वीकृतियां जारी कर 5 लाख 11 हजार घरेलू पेयजल कनेक्शन दिये जा चुके हैं।

  • 127. राज्य की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं पर इस वित्तीय वर्ष में दिसम्बर तक 1 हजार 309 करोड़ रुपये व्यय कर 9 हजार 504 हैक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित की गयी है।

  • 128. सरकार द्वारा पारदर्शी जल प्रबन्धन की दिशा में बांधों एवं नहर प्रणाली के लिये राज्य में सर्वप्रथम बीसलपुर बांध पर स्काडा सिस्टम स्थापित किया जा चुका है। अब गुढ़ा बांध-बूंदी, जवाई बांध-पाली, नर्मदा नहर परियोजना-सांचैर, गंगनहर तथा भाखड़ा नहर पर स्काडा सिस्टम स्थापित किया जा रहा है।

  • 129. राज्य के मरु क्षेत्र हेतु जल पुनर्गठन परियोजना के अंतर्गत दिसम्बर, 2020 तक 828 किलोमीटर लम्बाई की वितरिकाओं का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण किया जा चुका है। नर्मदा नहर वृहद् परियोजना में इस वित्तीय वर्ष में दिसम्बर तक लगभग 23 करोड़ रुपये व्यय कर जालोर व बाड़मेर जिले के 233 गांवों में सिंचाई सुविधा व 1 हजार 541 गांवों में पेयजल उपलब्ध कराया गया है।

  • 130. सिंचित क्षेत्र विकास के तहत प्रगतिरत परियोजनाओं यथा गंगनहर फेज द्वितीय (श्रीगंगानगर), सिद्धमुख तथा अमरसिंह जस्साना (हनुमानगढ़) एवं भाखड़ा नहर परियोजना (हनुमानगढ़ एवं श्रीगंगानगर) पर इस वित्तीय वर्ष में दिसम्बर तक 40 करोड़ 80 लाख रुपये व्यय कर 9 हजार 867 हैक्टेयर कमाण्ड क्षेत्र में निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है।

  • 131. वर्ष 2020 में राज्य में विभिन्न स्तर के 52 नवीन न्यायालयों की स्थापना एवं क्रमोन्नयन किया गया हैं तथा 8 हजार 124 विधिक साक्षरता शिविर आयोजित कर 9 लाख 55 हजार से अधिक व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया है।

  • 132. राजस्थान वरिष्ठ पत्रकार सम्मान योजना में वरिष्ठ अधिस्वीकृत पत्रकारों को दी जाने वाली 5 हजार रुपये प्रतिमाह सम्मान राशि को बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है।

  • 133. पत्रकार और उनके आश्रितों को 6 गम्भीर बीमारियों के लिये देय आर्थिक सहायता को अब सभी प्रमुख गम्भीर बीमारियों के लिये लागू कर दिया गया है। साथ ही विशेष मामलों में अधिकतम एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि में वृद्धि कर इसे 2 लाख रुपये कर दिया गया है। मेडिकल डायरी की सुविधा अब सवैतनिक गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों को भी दिये जाने का निर्णय लिया गया है।

  • 134. क्रूड ऑयल के अन्तर्राष्ट्रीय दाम में भारी गिरावट का लाभ आम जनता को देने के बजाय केन्द्र सरकार अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) एवं स्पेशल उत्पाद शुल्क में लगातार वृद्धि कर रही है एवं बेसिक उत्पाद शुल्क को लगातार कम कर रही है। इससे राज्यों को डिविजिबल पूल से मिलने वाले राजस्व में लगातार कमी आ रही है। निरंतर बढ़ रही पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों की मार से त्रस्त आमजन को राहत प्रदान करने के लिये राज्य सरकार ने राज्य में पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाली वैट दर में 2 प्रतिशत की कमी की है। जी.एस.टी. रिटर्न फाईल करने की अंतिम तिथि में वृद्धि एवं वैट सत्यापन प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है।

  • 135. बी.पी.एल. श्रेणी महिलाओं व विषेष योग्यजन को स्टाम्प ड्यूटी में छूट एवं विषेष राहत योजना में ब्याज व शास्ति की छूट देकर राहत प्रदान की गयी है।

  • 136. मुझे खुशी है कि राज्य सरकार द्वारा जनकल्याण और जनसेवा की भावना से संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन देने के साथ ही प्रदेश के समग्र विकास की दृष्टि से हर वर्ग तक लोककल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा कर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं।

  • 137. मैं चाहूंगा कि प्रदेश के समस्त नागरिकों को गरिमामय जीवन जीने के अवसर सुलभ कराने एवं राज्य के चहुंमुखी विकास के लिये आप और हम सामंजस्य की भावना से सार्थक प्रयास करें। हम सब राजस्थान की आन-बान और शान में अकल्पनीय वृद्धि करने के लिये एकजुट होकर प्रदेश की जनता के आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक उत्थान में सहभागी बनें।

’’सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। 

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्।।’’ 

’’सभी सुखी होवें, सभी रोग मुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।’’

  • 138. आइए ! राजस्थान के ऐतिहासिक गौरव एवं आत्मसम्मान को सर्वोपरि मानकर खुशहाल, समृद्ध और निरोगी राजस्थान के निर्माण के लिये मिलजुल कर कार्य करने का संकल्प लें।

                                                              जयहिन्द

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Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली