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Showing posts from September, 2018

Agricultural practices in Rajasthan राजस्थान की कृषि पद्वतियां

Agricultural practices in Rajasthan - राजस्थान में कृषि पद्वतियां राजस्थान की कृषि मूलत: वर्षा आधारित है लेकिन सिंचाई के साधनों निरंतर वृद्धि के कारण यहाँ पर विभिन्न खाद्यान्न व व्यापारिक फसलों के उत्पादन में वृद्धि हुई है। राजस्थान की भौतिक जलवायुगत सामाजिक-आर्थिक दशाआें की विविधताओं के कारण कृषि पद्वति परम्पराओं साधनों आदि में स्थानिक भिन्नता पाई जाती है। राज्य में कृषि का आर्थिक दृष्टि से नहीं वरन् सामाजिक दृष्टि से भी महत्त्व है। वर्तमान में राज्य की कुल आय का लगभग 50 प्रतिशत एवं पशुपालन से ही प्राप्त होता है। क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। कृषि क्षेत्र की दृष्टि से इसका देश में चौथा स्थान है। राजस्थान में देश के कुल कृषि क्षेत्र का लगभग 11 प्रतिशत भाग है। राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 48.30 प्रतिशत शुद्ध बोया गया क्षेत्र है। यहाँ की कृषि मुख्यतः वर्षा आधारित है। यहाँ की कृषि में स्थानिक विभिन्नता पाई जाती है। यहाँ पर कृषि राष्ट्रीय आय का साधन, जीवन का आधार, रोजगार का प्रमुख साधन, खाद्यान्न प्राप्ति का स्रोत तथा द्वितीयक व तृतीयक व्यवसायों के

Rajasthan's Gypsum Distribution Scheme- राजस्थान जिप्सम वितरण कार्यक्रम

  क्या होता है जिप्सम- जिप्सम एक प्रकार का खनिज है। रासायनिक संरचना की दृष्टि से यह कैल्सियम का सल्फेट है, जिसमें जल के भी दो अणु रहते हैं। इसका रासायनिक सूत्र CaSO 4 ·2H 2 O है। जिप्सम में 16 से 19 प्रतिशत कैल्शियम एवं 13 से 16 प्रतिशत सल्फर होता है। प्रकृति में  जिप्‍सम दो रूपों में पाया जाता है-   खनिज जिप्‍सम  - खनिज जिप्‍सम को भूगर्भ से खोदकर प्राप्‍त किया जाता है। अधिकांश खान उत्‍पादनों में जिप्‍सम की गुणवत्ता 70 से 95 प्रतिशत के बीच होती है।  उत्‍पाद जिप्‍सम   - उत्‍पाद जिप्‍सम में प्रमुख रूप से समुद्री जिप्‍सम, फोसफो जिप्‍सम, फ्लोरो जिप्‍सम, बोरो जिप्‍सम, स्‍क्रवर जिप्‍सम इत्‍यादि शामिल है। सामान्‍य नमक के उत्‍पादन के दौरान समुद्री जिप्‍सम समुद्र के पानी से एक उपउत्‍पाद (by product) के रूप में प्राप्‍त किया जाता है, जबकि अन्‍य प्रकार के जिप्सम विभिन्‍न रासायनिक सयंत्रो से सह-उत्‍पाद के रूप में प्राप्‍त होते हैं।  जिप्सम को कैल्‍साइंड करना - जिप्‍सम को गर्म करने पर इसमें उपस्थित जल की मात्रा कम हो जाती है।  इस प्रकार बने आंशिक निर्जलीकृत जिप्सम को कैल्‍साइंड जिप्‍सम कहते है