यह जोधपुर से 66 किमी दूरी पर है। ओसियां जोधपुर जिले में स्थित ऐसा आध्यात्मिक क्षेत्र है, जहां का प्राचीन इतिहास यहाँ की धरोहरों में देखा जा सकता है। प्राचीनकाल में उत्केशपुर या उकेश के नाम से लोकप्रिय ओसियां के 16 वैष्णव, शैव व जैन मंदिर 8 वीं से 12 वीं शताब्दी में निर्मित माने गए हैं। ये प्रतिहारकालीन स्थापत्य कला व संस्कृति के उत्कृष्ट प्रतीक है। ओसियां प्रारंभ में वैष्णव और शैव संप्रदाय का केन्द्र था किंतु कालांतर में यह जैन धर्म का केंद्र बन गया तथा यहां पर महिषासुरमर्दिनी मंदिर के पश्चात सच्चिया माता का मंदिर निर्मित हुआ, जिसकी वजह से यह हिन्दू एवं जैन दोनों धर्मावलंबियों का तीर्थ बना। विद्वान भंडारकर ने ओसियां के प्राचीनतम 3 वैष्णव मंदिरों को हरिहर नाम दिया, जो एक ऊंचे चबूतरे पर स्थित है। पुरातन विश्लेषणों के अनुसार वास्तव में ये तीनों मंदिर हरिहर के न होकर, विष्णु भगवान के थे। वर्तमान में किसी भी मंदिर के गर्भगृह में जैन धर्म के तीर्थंकर की कोई प्रतिमा मौजूद नहीं है, जबकि प्रत्येक गर्भगृह के बाहर वैष्णव प्रतिमाएं जैसे कृष्ण लीला एवं विष्णु वाहन गरूड़ की प्रतिमाएं
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