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Why is world Wetland Day celebrated on 2nd February | 2 फरवरी को क्यों मनाया जाता है विश्व आर्द्रभूमि दिवस

Why is world Wetland Day celebrated on 2nd February 2 फरवरी को क्यों मनाया जाता है विश्व आर्द्रभूमि दिवस विश्व आर्द्रभूमि दिवस के बारे में वर्ष 1971 में अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड्स अर्थात आर्द्र  भूमि पर रामसर कन्वेंशन (Ramsar Convention on Wetlands) पर हस्ताक्षर करने के उपलक्ष्य में हर वर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस  (World Wetland Day) जाता है। 1971 में ईरान के रामसर Ramsar में रामसर संधि पत्र (Ramsar Treaty) पर हस्ताक्षर के अनुबंध करने वाले पक्षों में से भारत एक है। भारत ने 1 फरवरी , 1982 को इस पर हस्ताक्षर किए।  1982 से 2013 के दौरान , रामसर स्‍थलों की सूची में कुल 26 स्‍थलों को जोड़ा गया , हालांकि , इस दौरान 2014 से 2022 तक , देश ने रामसर स्थलों की सूची में 49 नई आर्द्रभूमि जोड़ी हैं। रामसर प्रमाण पत्र में अंकित स्‍थल की तिथि के आधार पर इस वर्ष (2022) के लिए 19 स्‍थल और पिछले वर्ष (2021) के लिए 14 स्‍थल हैं। रामसर स्थलों की अधिकतम संख्या तमिलनाडु में है (रामसर स्थलों की संख्या - 14) , इसके पश्‍चात उत्‍तर प्रदेश में रामसर के 10 स्थल हैं। भारत 1982 से इस कन्वेंशन

Monsoon and other winds in India | भारत में मानसून एवं अन्य पवने

भारत में मानसून Monsoon and other winds in India- हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- ''कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है।''   मानसून हवाओं का अर्थ अधिकांश समय वर्षा कराने से नहीं लिया जाना चाहिये। इस परिभाषा की दृष्टि से संसार के अन्य क्षेत्र, जैसे- उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, उप-सहारा अफ़्रीका, आस्ट्रेलिया एवं पूर्वी एशिया को भी मानसून क्षेत्र की श्रेणी में रखा जा सकता है।  मानसून पूरी तरह से हवाओं के बहाव पर निर्भर करता है। आम हवाएं जब अपनी दिशा बदल लेती हैं तब मानसून आता है।.जब ये हवाएं ठंडे से गर्म क्षेत्रों की तरफ प्रवाहित होती हैं तो उनमें नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण वर्षा होती है। मानसून से अभिप्राय ऐसी जलवायु से है, जिसमें ऋतु के अनुसार पवनों की दिशा में उत्क्रमण हो जाता है। भारत की जलवायु उष्ण मानसूनी है, जो दक्षिणी एवं दक्षिणी-पूर्वी एशिया में पाई जाती है। अंग्रेज़ी शब्द मानसून पुर्तगाली शब्द 'मॉन्सैओ' से निकला है, जिसका मूल उद्गम अरबी शब्द मॉवसिम (मौसम) से आया है।

भारत का भौतिक स्वरूप - भारत के भू-आकृतिक विभाग

भारत का भौतिक स्वरूप - भारत के भू-आकृतिक विभाग भारत भौतिक विविधताओं का देश है। यहाँ लगभग सभी प्रकार की स्थलाकृतियाँ पाई जाती हैं। एक मोटे अनुमान के अनुसार भारत के कुल क्षेत्रफल के 29.3 प्रतिशत भाग पर पर्वत, 27.7 प्रतिशत भाग पर पठार तथा 43 प्रतिशत भाग पर मैदान फैले हुए हैं। भू-आकृतिक दृष्टि से भारत को चार विभागों में बाँटा जा सकता है- 1. उत्तरी विशाल पर्वत,  2. उत्तरी विशाल मैदान,  3. विशाल पठार,  4. तटवर्ती मैदान और द्वीप समूह। उत्तरी विशाल पर्वत- भारत की उत्तर सीमा पर स्थित कश्मीर की उत्तरी पर्वत श्रृंखलाएँ तथा पठार, खास हिमालय पर्वत और अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड, असम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय की पहाड़ियाँ सम्मिलित हैं। इन सभी को तीन वर्गों में रखा जा सकता है। (i) हिमालय पर्वत           (ii) हिमालय पार की पर्वत श्रेणियाँ         (iii) पूर्वाचल या पूर्वी पहाड़ियाँ।  (i) हिमालय पर्वत हिमालय संसार की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है। यह पर्वत भारत की उत्तरी सीमा पर पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में 2500 किलोमीटर की दूरी में फैला है। जम्मू-कश्मीर में