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New technology for High Electron Mobility Transistor will make India self-reliant in power transistor technology | IISc Develops India’s first e-mode Gallium-Nitride Power Transistor

उच्‍च इलेक्ट्रॉन मोबिलिटी ट्रांजिस्टर के लिए नई प्रौद्योगिकी भारत को पावर ट्रांजिस्टर प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाएगी बैंगलोर के वैज्ञानिकों ने एक अत्‍यधिक विश्वसनीय , उच्च इलेक्ट्रॉन गतिशीलता ट्रांजिस्टर ( High Electron Mobility Transistor - HEMTs ) विकसित किया है , जो सामान्य रूप से बंद उपकरण है और यह 4 एम्‍पियर तक विद्युत-धारा को भेज सकता है और 600 वोल्‍ट पर संचालित हो सकता है। गैलियम नाइट्राइड ( GaN ) से बना यह पहला स्वदेशी HEMT उपकरण इलेक्ट्रिक कारों , लोकोमोटिव , पावर ट्रांसमिशन और हाई वोल्टेज तथा हाई-फ़्रीक्वेंसी स्विचिंग की आवश्यकता वाले अन्य क्षेत्रों में उपयोगी है , जो पावर इलेक्ट्रॉनिक्स में आवश्यक स्थिर और सक्षम ट्रांजिस्टर आयात करने की लागत में कमी लाएगा। प्रभावी स्विचिंग निष्‍पादन ( efficient switching performance) के लिए पावर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम ऑफ-स्टेट में उच्च अवरोधक वोल्टेज

ब्लड टेस्ट से शराब सेवन के दुष्प्रभाव प्रभाव का चलेगा पता | भारतीय वैज्ञानिकों की खोज

ब्लड टेस्ट से शराब सेवन के दुष्प्रभाव प्रभाव का चलेगा पता रमन अनुसंधान संस्थान की खोज से लाल रक्त कणिकाओं के आकार और संख्या से शराब सेवन के प्रभाव का चलेगा पता वैज्ञानिकों ने लाल रक्त कोशिकाओं के आकार की हाई रेजोल्यूशन माप के जरिए उन पर अल्कोहल की लंबी अवधि के असर का पता लगाने के लिए विशेष निर्देशों के अनुरूप प्लेटफॉर्म बनाया है। हाई रेजोल्यूशन प्लेटफॉर्म जो कि अल्कोहल के प्रभाव से आरबीसी के आकार में कमी दिखाता है, को विभिन्न परिस्थितियों जो रक्त में आरबीसी की संख्या और आकार में बदलाव करती हैं, के लिए प्वाइंट ऑफ केयर जांच के लिए अनुकूल बनाया जा सकता है। हालांकि ये ज्ञात है कि अल्कोहल आरबीसी को प्रभावित करता है, सटीकता के साथ शारीरिक बदलावों को मापना काफी जटिल और कठिन है। इस चुनौती को हल करने के लिए, रमन अनुसंधान संस्थान (आरआरआई) जो कि विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के द्वारा वित्त पोषित एक स्वायत्त संस्थान है, के वैज्ञानिकों ने प्रोफेसर गौतम सोनी के नेतृत्व में विशेष निर्देशानुसार इलेक्ट्रो-फ्लूएडिक प्लेटफॉर्म को विकसित किया है, जो कि परिष्कृत रेजोल्यूशन से क

कोविड-19 वायरस के टीके के सीमित आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) का कोविड-19 वायरस के टीके के सीमित आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति पर प्रेस वक्तव्य PIB Delhi केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति की बैठक 1 और 2 जनवरी 2021 को हुई और मैसर्स सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और मैसर्स भारत बायोटेक के कोविड- 19 वायरस के टीके के सीमित आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति के प्रस्ताव और मैसर्स कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल से संबंधित सिफारिशें की गईं।   विषय विशेषज्ञ समिति में पल्मोनोलॉजी , इम्युनोलॉजी , माइक्रोबायोलॉजी , फॉर्माकोलॉजी , पीडियाट्रिक्स , इंटरनल मेडिसिन आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं।   मैसर्स सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया , पुणे ने एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से तकनीकी हस्तांतरण के साथ सार्स-कोव- 2 स्पाइक (एस) ग्लाइकोप्रोटीन को एनक

राज्य में एवियन इनफ्लूएन्जा से मरे कौए, राज्य में बर्ड फ्लू की दस्तक

कौओें की मृत्यु पर, पशुपालन विभाग ने उठाये एहतियाती कदम राज्य स्तर पर नियन्त्रण कक्ष स्थापित जयपुर 03 दिसम्बर। हाल ही में झालावाड में एवियन इनफ्लूएन्जा या बर्ड फ्लू से हुई कौओं की मृत्यु की पुष्टि के दृष्टिगत राज्य में मुर्गीपालन व्यवसाय की सुरक्षा को लेकर विभागीय स्तर पर एहतियात के तौर पर की गई तैयारी की जानकारी देने के उद्देश्य से रविवार 03 दिसम्बर को यहां जयपुर में पशुधन भवन के सभागार में आयोजित बैठक में पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री कुंजी लाल मीणा ने अवगत कराया कि राज्य में एवियन इनफ्लूएन्जा को लेकर विभाग पूरी तरह सतर्क एवं सजग है ओर राज्य में मुर्गीपालन से जुड़ें मुर्गीपालकों को वर्तमान में चिन्तित होने की आवश्यकता नही है।   वर्तमान में कौओें में मृत्यु के कारण जानने के लिये राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल को भेजे गये सैम्पल में कौओें में एवियन इनफ्लूएन्जा से मौत की पुष्टि हुई है। पशुपालन विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्र में स्थानों को चिन्हि्त कर मृत पक्षियों के शवों का वैज्ञानिक रूप से निस्तारण किया जा रहा है तथा बीमार पक्षियों का उपचार हेतु पशुप

सागवाड़ा के मुकेश पंवार ने खोजी देश की 1328 वीं तितली

‘बिग बटरफ्लाई मंथ’ में राजस्थान को मिला राष्ट्रीय गौरव सागवाड़ा के मुकेश पंवार ने खोजी देश की 1328 वीं तितली देशभर में तितलियों को गिनने, समझने व संरक्षण की मुहिम को आमजन तक ले जाने के लिए पांच सितंबर 2020 से  मनाए गए तितली माह यानी “बिग बटरफ्लाई मंथ“ के तहत राजस्थान में देश की 1328 वीं तितली की खोज हुई है। स्पीआलिया जेब्रा नामक इस तितली की खोज के सूत्रधार बने हैं उदयपुर संभाग अंतर्गत डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा कस्बे निवासी तितली विशेषज्ञ व शिक्षक मुकेश पंवार।  पिछले 15 वर्षों से तितलियों पर शोध कर रहे वागड़ नेचर क्लब के सदस्य व सरकारी स्कूल के शिक्षक मुकेश पंवार ने इस स्पीआलिया जेब्रा तितली को 8 नवम्बर 2014 को सागवाड़ा के धनराज फार्म हाउस पर देखा था और उसी दौरान उन्होंने फोटो क्लिक कर इसकी पहचान के लिए उत्तराखंड के भीमताल स्थित बटरफ्लाई शोध संस्थान को भेजा था। बटरफ्लाई शोध संस्थान ने इस तितली की पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस तितली पर करीब 6 साल की लंबी शोध प्रक्रिया के बाद संस्थान के निदेशक पीटर स्मेटाचौक ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि यह तितली भारत की 1328 वीं त

कोरोना का इलाज करने वाले एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर का क्या कहना है इसके बारे में।

कोरोना का इलाज करने वाले अस्पताल के डॉक्टर का क्या कहना है इसके बारे में???? जानिए डॉ रमन शर्मा, सीनियर प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज, जयपुर के विचार और संदेश।

Current Affairs October 2019

  Current Affairs October 2019 शांति का नोबल पुरस्कार इथोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को - इस साल 2019 का नोबल शांति पुरस्कार इथोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय शांति और सहयोग में उनके प्रयासों और विशेषकर शत्रु देश इरिट्रिया के साथ शांति स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री अबी अहमद अली का नाम नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। स्वीडन की जानी-मानी हस्ती अल्फ्रेड नोबल के नाम पर नोबल पुरस्कारों की शुरुआत की गयी थी और 1969 में पहला पुरस्कार दिया गया था। वर्ष 2018 व 2019 के साहित्य नोबेल पुरस्कार की घोषणा- पोलिश लेखक ओल्गा टोकार्चुक को वर्ष 2018 का नोबेल साहित्य पुरस्कार और ऑस्ट्रीयाई उपन्यासकार पीटर हैंडका को वर्ष 2019 के साहित्य नोबेल पुरस्कार मिला। पिछले साल 2018 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया था। नोबेल पुरस्कार देने वाली प्रतिष्ठित स्वीडिश एकेडमी ​ने पिछले साल एक यौन उत्पीड़न कांड के कारण 2018 का नोबेल साहित्य पुरस्कार की घोषणा नहीं की थी। टोकार्चुक को पिछले साल मैन बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार भी दिया गया था। स्वीडिश एकेडमी ने एक बयान मे