Skip to main content

Posts

Showing posts with the label CSIR Award

Shantiswaroop Bhatnagar Awards 2019 are announced शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2019 की घोषणा

आज अपने स्थापना दिवस के अवसर पर वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने वर्ष 2019 के लिए भारत के सर्वोच्च बहुविषयक विज्ञान पुरस्कार , प्रतिष्ठित ''शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार 2019'' के विजेताओं के नामों की घोषणा कर दी गई है। शांति स्वरूप भटनागर अवॉर्ड फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी, गणित, चिकित्सा विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान और इंजीनियरिंग जैसी 7 अलग-अलग कैटगरी में सीएसआईआर द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किए जाते हैं। विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं के नाम इस प्रकार हैं :- 1. जीव विज्ञान - डॉ. कायरात साई कृष्णन (भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान , पुणे) - डॉ. सौमेन बसक (राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान , नई दिल्ली) 2. रासायनिक विज्ञान - डॉ. राघवन बी सुनोज (आईआईटी , बॉम्बे) - डॉ. तापस कुमार माजी (जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र , बेंगलुरु) 3. पृथ्वी , वायुमंडल , महासागर और ग्रह विज्ञान - डॉ. सुबिमल घोष (आईआईटी , बॉम्बे) 4. इंजीनियरिंग विज्ञान - डॉ. माणिक वर्मा (माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया , बेंगलुरु)

Sherub Arora of Sri Ganganagar won Third Prize in CSIR Innovation Award for School Children-2019

स्कूली बच्चों के लिए सीएसआईआर इनोवेशन अवार्ड-2019 में श्री गंगानगर के शेरूब अरोड़ा ने जीता तृतीय पुरस्कार - Sherub Arora of Sri Ganganagar won Third Prize in CSIR Innovation Award for School Children-2019 स्कूली बच्चों के लिए सीएसआईआर इनोवेशन अवार्ड-2019 में राजस्थान के श्री गंगानगर के नोजगाय पब्लिक स्कूल के नौवीं कक्षा के छात्र शेरूब अरोड़ा ने तृतीय पुरस्कार जीता है। इसके अंतर्गत उन्हें 30000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। शेरूब अरोरा को उनके नवाचार युक्त प्रोजेक्ट ' GREEN DESERT' के निर्माण के लिए दिया गया है। 'GREEN DESERT' एक ऐसा उपकरण है, जो रेगिस्तान एवं कम पानी वाले क्षेत्रों में होने वाली न्यून वर्षा के जल को एकत्रित करके पौधों को बहुत कम पानी में पोषण देने के लिए किया जा सकता है। शेरूब ने बारिश के पानी का बेहतर दोहन करने के लिए एक बहुत ही सरल और बहुत उपयोगी "जल-बैटरी" ( water battery) बनाई है। यह जल-बैटरी वर्षा जल का संग्रह करती है जिसका उपयोग पौधों को सींचने में किया जाता है। उ नके द्वारा निर्मित प्रत्येक जल-बैटरी में 17 लीटर की जल