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संझ्या : सांझ से जुड़ा एक कन्‍या लोकपर्व

सांझी, संझ्या, मामुलिया, रली आदि कई नाम से जाना जाने वाला ये पर्व प्रत्येक घर में मनाया जाता है जिसमें महिलाएं विशेषकर कन्याएं अपने घर के मुख्य द्वार के पास की दीवार पर गोबर और फूलों से सझ्याँ की झांकी बनाती है ।   लोक देवी गौरी (पार्वती) का रूप भी है संझ्या- साँझी की प्रतिष्ठा राजस्थान में लोक देवी गौरी (पार्वती) के रूप में भी है, इसीलिए यहाँ संध्या देवी को प्रातःकाल में दूध व पुष्प से तथा शाम को शक्कर मिले आटे को छिड़क कर पूजते हैं। लड़कियाँ इस पर्व में साँझी को माता पार्वती मानकर अच्छे घर तथा वर के लिए कामना करती है।  गोबर और पुष्पों से होता है संझ्या का अलंकरण - इस पर्व में पहले दिन कुंवारी लड़कियां अपने घर के मुख्य द्वार के समीप गेरू से एक सम चौरस आकृति बनाती है, फिर इस पर चूने से बोर्डर बनाती है। गोबर से अलग-अलग आकृतियां बनाकर उन्हें फूल व पत्तियों से सजाया जाता है। बाद में इसकी पूजा-अर्चना की जाती है। इसे प्रतिदिन भोग लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में शाम को घर के बाहर संझ्या बनाने से पितृ खुश होते हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करने के साथ ही संकटों

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज-
8 जुलाई 2011

1. प्रसिद्ध संत मीराबाई किस लोकदेवता की बुआ थी? अ. बाबा रामदेव जी ब. कल्ला जी स. देवनारायण जी द. भूरिया बाबा उत्तर- ब 2. सेना के जवानों की देवी किसे कहते हैं? अ. आई माता, बिलाड़ा ब. सकराय माता, झुंझुनूं स. तनोट माता, जैसलमेर द. ज्वाला माता, जोबनेर उत्तर- स 3. किस लोक देवता की गाड़ी की पूजा की जाती है? अ. बिग्गाजी ब. मामादेव जी स. मेहाजी माँगलिया द. हरभू जी उत्तर- द 4. निम्न में से पंच पीरों में शामिल नहीं है- अ. रामदेव जी ब. मामादेव जी स. मेहाजी माँगलिया द. हरभू जी उत्तर- ब 5. हर्षनाथ भेरु का स्थान किस जिले में है जहाँ प्रतिवर्ष भादवा शुक्ल तेरस को मेला लगता है? अ. जैसलमेर ब. सीकर स. अलवर द. उदयपुर उत्तर- ब 6. किस लोक देवी का प्रतीक चिह्न जैसलमेर के राज्य चिह्न में बना है? अ. नागणेची माता ब. ज्वाला माता स. तनोट देवी द. स्वांगिया देवी उत्तर- द 7. नरहड़ के पीर की दरगाह किस शहर में है? अ. जावरा ब. चिड़ावा स. कपासन द. पीपासर उत्तर- ब 8. दाऊदी बोहरा समुदाय का प्रमुख तीर्थ स्थल है- अ. कपासन ब. अजमेर स. गलियाकोट द. चिड़ावा उत्तर- स 9. दादू संप्रदाय