Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Universities of Rajasthan

What is Rajasthan ILD Skills University - क्या है राजस्थान आईएलडी कौशल विश्वविद्यालय

राजस्थान आईएलडी कौशल विश्वविद्यालय (Rajasthan ILD Skills University- RISU) राजस्थान आईएलडी कौशल विश्वविद्यालय (Rajasthan ILD Skills University-RISU) को 07.03.2017 को राज्य विधानसभा में पारित राजस्थान सरकार ''राजस्थान आईएलडी कौशल विश्वविद्यालय, जयपुर अधिनियम 2017 (2017 अधिनियम संख्याक 6)'' के रूप में शामिल किया गया है। युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए तथा सामान्य शिक्षा के साथ कौशल विकास को जोड़ने के लिये राज्य सरकार द्वारा सरकारी क्षेत्र में कौशल विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए यह विधेयक लाया गया था। इस संबंध में रिसर्जेंट राजस्थान 2015 में आईएफसीआई (इंडस्ट्रीयल फाइनेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया), आई एल डी (इंस्टीट्युट ऑफ लीडरशिप डवलपमेंट), आरएसएलडीसी (राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम) तथा उच्च शिक्षा विभाग के मध्य एमओयू किया गया था। यह विश्वविद्यालय भारत का प्रथमं सरकारी कौशल विश्वविद्यालय है। राज्य में राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे को लागू करने के लिए RISU एक प्रभावी संस्थागत हस्तक्षेप है। RISU के पहले कुलपति के रूप में पूर्व IAS और भारत सरकार

राजस्थान के विश्वविद्यालय-
JAGADGURU RAMANANDACHARYA RAJASTHAN SANSKRIT UNIVERSITY

जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय एक विहङ्गम दृष्टि- अनादिकाल से भारत देश ज्ञानोपासना का केन्द्र रहा है। यह शाब्दी साधना ऋषियों के अनहद में मुखरित होती हुई साक्षात् श्रुति-स्वरूप में इस धरा पर अवतीर्ण हुई। यह विश्वविदित तथ्य है कि ऋग्वेद मानव के पुस्तकालय की सर्वप्रथम् पुस्तक है। ऋचाओं की अर्चना, सामगानों की झंकृति, यजुर्मन्त्रों के यजन तथा आथर्वणों के शान्ति-कर्मों  से भारतीय प्रज्ञा पल्लवित और पुष्पित हुई । वेदों की श्रुति-परम्परा ने अपनेज्ञान का प्रसार करते हुए उपनिषद्, अष्टादश पुराण, शिक्षा-कल्प-निरुक्त-व्याकरण-ज्योतिष-छन्द, योगतन्त्र, षडदर्शन, रामायण, महाभारत, ललित काव्य, नीतिकाव्य आदि का अमूल्य वाङ्मय सर्वजनहिताय, सर्वजनसुखाय विश्व को दिया। श्रमण परम्परा का बहुमूल्य वाङ्गमय भी संस्कृत में निहित है। इस बहुआयामी साहित्य के विकास के फलस्वरूप भारतीयों की प्रसिद्धि अग्रजन्मा के रूप में हुई तथा वेदों का ज्ञान भारतीय मनीषा का पर्याय बन गया। इस प्रकार भारतीय संस्कृति की संवाहिका होने का गौरव संस्कृत भाषा को जाता है। संस्कृत के इस विशाल वाङ्मय की कालजयिता का

Universities of Rajasthan : name, place and year of establishment
राजस्थान के विश्वविद्यालय : नाम, स्थान एवं स्थापना वर्ष


1. Rajasthan University, jaipur, 1947 2. Jainarayan Vyas University, Jodhpur, 1967 3. Mohan lal Sukhadiya University, Udaipur, 1962 4. Maharshi Dayanand University, Ajmer, 1987 5. Swami Keshwanand Rajasthan Agriculture University, Bikaner, 1987 6. Rajasthan Sanskrit University ( Jagadguru Ramanandachary Sanskrit University), 1998 7. National Law University, Jodhpur, 1999 8. Maharana Pratap Agricultural University Udaipur, 2000 9. Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Rajasthan Ayurved University, Jodhpur , 2002 10. Maharaja Ganga Singh University, Bikaner, 2003 11. Kota University, Kota, 2003 12. Rajasthan University of Health Sciences, 2005 13. Rajasthan Technical University, Kota, 2006 14. Jodhpur National University, Jodhpur, 2009 15. Rajasthan Veterinary and Animal Science University, Bikaner 16.  Vardhman Mahavir Open University, Kota Private Universities of Rajasthan Established under Rajasthan Private University Act 2005 and respective universities ac