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डॉ. राजेश कुमार व्यास को केन्द्रीय साहित्य अकादमी का सर्वोच्च सम्मान

डॉ. राजेश कुमार व्यास को मिला केन्द्रीय साहित्य अकादमी का सर्वोच्च सम्मान जयपुर, 29 जनवरी। जाने-माने कवि एवं आलोचक डॉ. राजेश कुमार व्यास को केन्द्रीय साहित्य अकादमी का सर्वोच्च पुरस्कार प्रदान किया गया है। केन्द्रीय साहित्य अकादमी द्वारा नई दिल्ली में आयोजित भव्य साहित्यिक समारोह में अकादमी के अध्यक्ष श्री चन्द्रोखर कम्बार ने उन्हें एक लाख रूपये नकद, प्रशस्ती पत्र और ताम्र फलक प्रदान कर सम्मानित किया।  डॉ. व्यास  राजस्थान सूचना एवं जनसम्पर्क सेवा में उप निदेशक पद पर कार्यरत हैं।  डॉ. व्यास को उनकी काव्य कृति ‘कविता देवै  दीठ ’ के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया। राजस्थानी भाषा में कविता की नई जमीन तैयार करने वाली यह कृति डॉ. व्यास की पैनी काव्य दृष्टि, संवेदना और परख की गहरी समझ में राजस्थानी शब्दों की अनूठी लय लिये है।  डॉ. व्यास को इससे पहले राजस्थानी भाषा, साहित्य और संस्कृति अकादमी के ‘गणेशीलाल व्यास उस्ताद ‘पद्य’ पुरस्कार के साथ ही भारत सरकार का प्रतिष्ठित ‘राहुल सांई त्यायन’ अवार्ड, राजस्थान सरकार की ओर से उत्कृष्ट लेखन पुरस्कार, पत्रकारिता का प्रतिष्ठित ‘माणक’

राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के वर्ष 2011-12 के लिए विभिन्न पुरस्कार घोषित

राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर ने वर्ष 2011-12 के लिए विभिन्न पुरस्कारों की घोषणा कर दी है । 29 मार्च को अकादमी अध्यक्ष श्याम महर्षि द्वारा घोषित किए गए विभिन्न पुरस्कार निम्नांकित है- *. 31 हजार रुपए का प्रतिष्ठित सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार- बीकानेर के साहित्यकार शिवराज छंगाणी को उनकी पुस्तक ‘इक्कड बिक्कड’ के लिए। *. पद्य विधा का 15 हजार रुपए का गणेशलाल व्यास उस्ताद पुरस्कार- प्रवासी राजस्थानी साहित्यकार मधुकर गौड, मुम्बई को उनकी पुस्तक काव्य पुस्तक ‘गीतां री पांण’ के लिए। *. इसी प्रकार निबंध, एकांकी, नाटक, यात्रा संस्मरण, व्यंग्य व रेखाचित्र विषय से जुड़ा 15 हजार रुपए का शिवचंद भरतिया गद्य पुरस्कार- उदयपुर के हरमन चौहान को उनकी पुस्तक ‘लखणां रा लाडा’ के लिए। *. 15 हजार रुपए के मुरलीधर व्यास राजस्थानी कथा साहित्यकार पुरस्कार- श्रीडूंगरगढ के श्री भगवान सैनी की पुस्तक ‘भेख’ के लिए। *. अनुवाद के क्षेत्र में दिए जाने वाला 7500 रुपए का बावजी चतुरसिंहजी अनुवाद पुरस्कार- कोटा के ओम नागर को उनकी अनुवाद पुस्तक ‘जनता बावळी होगी’ के लिए। *. लेखक की प्रथम कृति