मरू क्षेत्र का मेवा - फोग केलिगोनम या फोग की करीब 60 प्रजातियां झाडी या छोटे वृक्षों के रूप में उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी एशिया व दक्षिणी यूरोप में पाई जाती है। इनमें से केलिगोनम पोलिगोनाइडिस (Calligonum polygonoides Linn) जिसे स्थानीय भाषा में फोग, फोगाली, फोक तथा तूरनी आदि नामों से पुकारा जाता है। यह पोलिगोनेएसी कुल का सदस्य है। फोग सफेद व काली रंग की झाड़ी है, जिसमें शाखित शाखाएं होती है। यह अत्यंत शुष्क एवं ओंस दोनों परिस्थिति में जीवित रह सकता है। भारत में यह उत्तरी पंजाब व पश्चिमी राजस्थान में अधिक मिलता है। इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान में बागोही पहाडियों मे आर्मीनिया व सीरिया में भी मिलता है। पश्चिमी राजस्थान में केलिगोनम पोलीगोनाइडिस सामान्यतः 80 मिमी से 500 मिमी वर्ष वाले तथा 32-40 डिग्री से. तापमान वाले इलाकों में मिलता है। यह रेतीले इलाकों, टिब्बों तथा चटटानी क्षेत्रों में भी उग सकता है। इसमें पुष्पण प्रायः फरवरी के अंत से मार्च के मध्य तक होता है। फल सामान्यतः मार्च के अंत तक या अप्रैल मध्य तक परिपक्व हो जाते है। इसके एक पौधे से डेढ़ से 4 किलो तक बीज प्राप्त हो सकता है। इन्ह
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