- 1818 से पूर्व प्रचलित शिक्षा के ब्रिटिश दस्तावेजों में देशी शिक्षा (इंडिजिनियस एज्यूकेशन) सम्बोधित किया हैं। - उसके बाद में विकसित होने वाली शिक्षा प्रणाली को अंग्रेजी शिक्षा, पाश्चात्य शिक्षा या आधुनिक शिक्षा के नाम से सम्बोधित किया है लेकिन इसमें अंग्रेजी पाश्चात्य और भारतीय शिक्षा तत्वों के तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समावेश होने के कारण इसे आधुनिक शिक्षा कहना उपयुक्त होगा। -औपचारिक शिक्षा धार्मिक संस्कार-हिन्दुओं में उपनयन और मुसलमानों में बिस्मिल्लाह रस्म के बाद प्रारम्भ होती थी । -अभिलेखागार सामग्री और प्राच्य विद्या प्रतिष्ठानों की पाण्डुलिपियों के अध्ययन के आधार पर शिक्षा व्यवस्था को दो भागों में विभक्त करके अध्ययन किया जा सकता हैं- पहला प्राथमिक और दूसरा उच्च शिक्षा। 1. देशी प्राथमिक शिक्षा- - प्राथमिक शिक्षा के रूप में हिन्दुओं की पाठशाला, चटशाला, जैनियों के उपाषरा, वानिका और मुसलमानों के मकतब थे। इनके अतिरिक्त मंदिर, मस्जिद के आंगन, चौपाल, किसी विशिष्ट शिक्षक एवं व्यक्ति का घर, बरामदा, दूकानें व अन्