Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी
साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम
बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली'' में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। यह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है।
मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करने के लिए यूपी, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां के मेले में लाखों श्रद्धालु काली खोली मन्दिर में बाबा की अखंड ज्योति के दर्शन कर आशीर्वाद लेते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग बाबा से मन्नतें मांगते हैं वे पूरी भी हो जाती हैं।
बाबा मोहनराम को भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है। कहा जाता है कि करीब 350 साल पहले भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में रहने वाले नंदू भगत को बाबा मोहनराम ने दर्शन दिए। बाबा मोहनराम ने नंदू भगत को वचन दिया कि वह प्राणीमात्र की सभी समस्याओं में उनकी सेवा करें। उनके द्वारा कहे गए वचनों को वह पूरा करेंगे। यह आशीर्वाद उनके वंशजों पर भी बना रहेगा। जिसके बाद नंदू भगत ने काली खोली बाबा के प्रकट होने वाले स्थान पर ज्योत जलाई और साथ ही मिलकपुर ग्राम स्थित जोहड़ की पाल पर कुटिया बनाकर बाबा मोहनराम की भक्ति करने लगे। तब से मिलकपुर में बाबा मोहनराम का पूजास्थल बनाकर अखंड ज्योत के साथ पूजा होने लगी। बाबा के मंदिर में श्रद्धालु आने लगे। इसके बाद भिवाड़ी क्षेत्र के अलावा दूर-दराज से भी श्रद्धालु दर्शनों को आने लगे।
मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करने के लिए यूपी, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां के मेले में लाखों श्रद्धालु काली खोली मन्दिर में बाबा की अखंड ज्योति के दर्शन कर आशीर्वाद लेते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग बाबा से मन्नतें मांगते हैं वे पूरी भी हो जाती हैं।
बाबा मोहनराम को भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है। कहा जाता है कि करीब 350 साल पहले भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में रहने वाले नंदू भगत को बाबा मोहनराम ने दर्शन दिए। बाबा मोहनराम ने नंदू भगत को वचन दिया कि वह प्राणीमात्र की सभी समस्याओं में उनकी सेवा करें। उनके द्वारा कहे गए वचनों को वह पूरा करेंगे। यह आशीर्वाद उनके वंशजों पर भी बना रहेगा। जिसके बाद नंदू भगत ने काली खोली बाबा के प्रकट होने वाले स्थान पर ज्योत जलाई और साथ ही मिलकपुर ग्राम स्थित जोहड़ की पाल पर कुटिया बनाकर बाबा मोहनराम की भक्ति करने लगे। तब से मिलकपुर में बाबा मोहनराम का पूजास्थल बनाकर अखंड ज्योत के साथ पूजा होने लगी। बाबा के मंदिर में श्रद्धालु आने लगे। इसके बाद भिवाड़ी क्षेत्र के अलावा दूर-दराज से भी श्रद्धालु दर्शनों को आने लगे।
Jai Baba mohanram ki🙏jai Shri Krishna Radhe 💕🙏🏻
ReplyDeleteजय हो बाबा की , जय श्री कृष्ण...
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