देवनारायण आवासीय योजना द्वितीय चरण में आवेदन 29 जनवरी से
स्वायत्त शासन मंत्री ने किया पुस्तिका का विमोचन
- स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने रविवार 24 जनवरी को देवनारायण नगर एकीकृत पशुपालक आवासीय योजना के द्वितीय चरण, कोटा में आवेदन प्राप्त करने की पुस्तिका का विमोचन कर द्वितीय चरण का शुभारम्भ किया। नगरीय विकास मंत्री ने बताया कि -
- योजना के दूसरे चरण में 29 जनवरी से आवेदन पत्रों की बिक्री शुरू हो जायेंगी और आवेदन 26 फरवरी तक जमा कराए जा सकते हैं।
- योजना में रियायती दरों पर 555 आवास मय पशु बाड़ा तथा भूसा गोदाम,डेयरी एवं अन्य व्यावसायिक दूकानों हेतु भू-खण्डों के आवंटन हेतु आवेदन प्राप्त किये जायेंगे।
- आवेदन पत्र एवं पुस्तिका का शुल्क 100 रुपये हैं।
- आवेदन आई सी आई सी आई बैंक की कोटा स्थित किसी भी शाखा से प्राप्त किये जा सकते हैं।
- योजना के प्रथम चरण में 360 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
क्या है देवनारायण नगर एकीकृत पशुपालक आवासीय योजना-
देवनारायण नगर एकीकृत पशुपालक आवासीय योजना के उद्देश्य-
- कोटा राजस्थान को प्रथम कैटल फ्री शहर बनाने के उद्देश्य से यह योजना लागु की गई है ।
- इसका उद्देश्य यह है कि शहर की सड़कें पशु मुक्त हाे सकें, इनसे होने वाली दुर्घटनाएं न हो और शहर के पशुपालक सम्मानजनक जीवन जी सकें।
- कोटा शहर को गंदगी और अतिक्रमण से मुक्त करना ।
देवनारायण नगर एकीकृत पशुपालक आवासीय योजना की विशेषताएं -
- नगर विकास न्यास कोटा द्वारा 300 करोड़ की लागत से बनने वाली प्रदेश की पहली देवनारायण नगर एकीकृत आवासीय योजना पर काम शुरू हो गया है।
- यह योजना कोटा बाईपास पर ग्राम - धर्मपुरा की 108 हेक्टेयर भूमि पर बन रही है।
- इस योजना में शहर की काॅलोनियों और मुख्य सड़काें के किनारे बसे 900 पशुपालकाें काे यहां शिफ्ट किया जाएगा।
- यह राजस्थान की पहली ऐसी याेजना है, जिसमें पशुपालकाें काे बाड़ाें के साथ रहने और उनकी मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति की जा रही है। आप में एक अद्भुत योजना है, जिसमें पशुपालकों को अपने पशुओं के पास रहने और उनकी देखभाल करने के लिए भूखण्डों तथा आवासीय भवनों का आवंटन किया जाना है।
- उनके लिए हर तरह से सुविधायुक्त नया कस्बा बसाया जा रहा है।
- यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल इस योजना के पहले चरण के लिए लाॅटरी भी निकाल चुके हैं।
- देवनारायण नगर एकीकृत आवासीय योजना के विकास कार्यों का शिलान्यास 17 अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम सेकिया था।
क्या सुविधा हाेगी याेजना में
- पशुपालकों के लिए आवास मय शेड, गोदाम, हाट बाजार, मानव एवं पशु चिकित्सालय, स्कूल, डेयरी उत्पाद बेचने का स्थान, बायोगैस प्लांट की व्यवस्था रहेगी।
- सामुदायिक शौचालय एवं मेला ग्राउंड, रंगमंच, पानी, अंडरग्राउंड बिजली, सामुदायिक सुविधा केंद्र आदि रहेगा।
- परिसर में प्रवेश के लिए सिंहद्वार बनेगा।
900 पशुपालक शिफ्ट होंगे इस कॉलोनी में
यूआईटी के सर्वे में सामने आया कि शहर में लगभग 900 से ज्यादा पशुपालक हैं, जिनमें से करीब 50 फीसदी अतिक्रमण कर पशुपालन रह रहे हैं। शहर में कुल पशुओं की संख्या लगभग 14 हजार है, जिनमें से अधिकांश सड़काें पर रहते हैं। इस वजह पशुपालकाें के पास पर्याप्त बाड़े नहीं होना है। ये सभी इस कॉलोनी में शिफ्ट किए जाएंगे। यहां पशुपालकों के लिए सारी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। दूध बेचने के लिए बड़ी मंडी भी बनाई जाएगी। पशुपालकों की अतिरिक्त आय के लिए उनसे गोबर खरीदा जाएगा, जो बायोगैस प्लांट में इस्तेमाल किया जाएगा।
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