केरल प्रवासी राजस्थानी संवाद-2021 मुख्यमंत्री गहलोत हुए शामिल | CM Gahlot Participated in Kerala Prawasi Rajasthani Samwad 2021
केरल प्रवासी राजस्थानी संवाद-2021 (Kerala Prawasi Rajasthani Samwad 2021) में मुख्यमंत्री गहलोत हुए शामिल
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने शनिवार 23 जनवरी को केरल के तिरुवनंतपुरम में राजस्थान फाउंडेशन और राजस्थान संघ, तिरुवनंतपुरम द्वारा आयोजित प्रवासी राजस्थानियों के साथ संवाद कार्यक्रम Kerala Prawasi Rajasthani Samwad 2021 को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस कार्यक्रम में कहा कि राजस्थान में तेल,
गैस के अतिरिक्त पोटाश और सिल्वर जैसे खनिजों के बड़े भण्डार मिलने से
हिन्दी सिनेमा के लोकप्रिय गीत ‘मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले
हीरे-मोती...‘ की कल्पना साकार हुई है। इन खनिजों के उत्पादन से यहां कई
प्रकार के नए उद्योग-धंधों के विकास की संभावनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि
प्रवासियों को प्रदेश में उपजे इन अवसरों का भरपूर लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने फूड
प्रोसेसिंग सहित अनेक एमएसएमई उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए
फेसिलिटेशन एक्ट, नई औद्योगिक नीतियां और ‘वन स्टॉप शॉप‘ जैसी सुविधाएं
शुरू की हैं, जिससे उद्यमियों के लिए अधिक सकारात्मक माहौल बना है।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि राज्य सरकार ने कई शैक्षणिक एवं औद्योगिक संस्थानों के साथ-साथ
आधारभूत विकास के बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। इनके चलते आने वाले समय में
राजस्थान की सूरत एकदम बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य के
महत्वपूर्ण राजमार्गों के आस-पास औद्योगिक क्षेत्र तथा अन्य गतिविधियां
शुरू करने और विभिन्न संभागों में कच्चे माल की उपलब्धता के अनुसार कलस्टर
विकसित करने का निर्णय लिया है। साथ ही, प्रदेश में नए उद्योग स्थापित करने
के लिए 15 नए औद्योगिक क्षेत्र शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने संवाद
कार्यक्रम के दौरान प्राप्त सुझावों पर विचार कर समुचित क्रियान्विति करने
का विश्वास दिलाया।
श्री गहलोत ने कहा कि हमारे
प्रवासी देश और दुनिया में जहां-जहां भी हैं, हम वहां जाएंगे तथा उनके साथ
संवाद स्थापित करेंगे। कोविड-19 महामारी के दौर में दूसरी जगहों पर बसे जिन
लोगों को तकलीफें हुई हैं और आने वाले वक्त में उन्हें राजस्थान आने पर
क्या-क्या सुविधाएं दी जा सकती हैं, इसका पूरा ध्यान राजस्थान फाउंडेशन के
द्वारा रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर फाउण्डेशन के चैप्टर नहीं
हैं, वहां नए चैप्टर खोलकर गतिविधियां शुरू की जाएंगी। साथ ही, जहां पहले
से फाउण्डेशन की मौजूदगी है, वहां इसकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री
ने प्रवासी राजस्थानियों को अपने गृह प्रदेश में आकर कार्य करने का आह्वान
करते हुए कहा कि उन्हें पूरी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने कहा
कि हम उद्यम स्थापना और निवेश से इतर सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवहार के
तहत केरल सहित देश के दूसरे राज्यों अथवा विदेशों में रह रहे प्रवासी
राजस्थानियों के साथ संपर्क-संवाद लगातार जारी रखेंगे और हरसंभव मदद
करेंगे। इसके लिए प्रदेश में जिला स्तर पर ‘नॉन-रेजिडेन्ट राजस्थान सेल‘ भी
स्थापित की जाएंगी। साथ ही, राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर प्रवासियों के लिए
विशेष ‘ग्रीवेन्स रीड्रेसल विण्डो‘ के माध्यम से उनकी समस्याओं का समयबद्ध
समाधान किया जाएगा। श्री गहलोत ने कहा कि
संवेदनशील और पारदर्शी राजस्थान सरकार ने कोविड महामारी के समय 24 X 7 काम
करके तथा 10-10 घण्टे बैठकें कर प्रदेशवासियों को घातक वायरस के कहर से
बचाने के लिए शानदार प्रबंधन किया।
राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त
श्री धीरज श्रीवास्तव ने संवाद कार्यक्रम में कहा कि कोविड-19 के दौर में
मुख्यमंत्री श्री गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए गए सराहनीय
कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने में
सफलता के साथ-साथ कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिए बेहतरीन प्रबंधन किया जा
रहा है। डब्ल्यूएचओ की रैंकिंग में सभी 5 पैरामीटर को पूरा करने
पर राजस्थान को ‘मोस्ट एफिशिएंट इंडियन स्टेट फोर कोविड-19 वैक्सीनेशन‘
घोषित किया गया है। साथ ही, राजस्थान में पहली ड्राइव में केन्द्र सरकार के
90 प्रतिशत वैक्सीन यूटिलाइज के लक्ष्य को प्राप्त कर 97 प्रतिशत वैक्सीन
यूटिलाइज करने में सफलता प्राप्त की।
श्री
श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत की दूरदर्शी सोच से यह मुमकिन
हो पाया है कि हम दुनिया के कोने-कोने में बैठे राजस्थानी प्रवासियों को
एक साथ जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 में
मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने दुनियाभर में बसे प्रवासी राजस्थानियों को गृह
प्रदेश से जोड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय राजस्थानी कॉन्क्लेव का आयोजन करवाया
था। यह संकल्पना रखी गई थी कि प्रवासियों को राजस्थान में आकर अपनी
संस्कृति से जुड़ने तथा राज्य के विकास कार्यों में भागीदार बनने में कोई
दिक्कत नहीं हो, इसके लिए स्थाई व्यवस्था बनाई जाए। इसी विचार के साथ मार्च
2001 में राजस्थान फाउंडेशन बनाया गया, जिसका काम देश तथा विदेशों में बसे
हुए प्रवासी राजस्थानियों को अपनी मातृभूमि से भावनात्मक रूप से जोड़ने का
है।
इस अवसर पर सांसद श्री शशि थरूर, अन्य जनप्रतिनिधि, बड़ी संख्या में केरल में राजस्थानी प्रवासी और गणमान्यजन उपस्थित थे।
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