भगवान शिव के भक्तों के लिए दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा को पूरा तैयार होने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता है, इसके निर्माता ने बताया कि यह प्रतिमा 351 फीट ऊंची है, और यह राजस्थान के पुष्टिमार्ग के प्रथम पीठ ऐतिहासिक शहर नाथद्वारा में स्थित है। जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाना था, किन्तु
निर्माण अपेक्षा से अधिक लंबा हो गया है, और उद्घाटन की तारीख स्थगित हो गई। कथित तौर पर, प्रतिमा का निर्माण अगस्त तक पूरा होने वाला है। यह नाथद्वारा नगर जहाँ विश्व प्रसिद्ध श्रीनाथजी मंदिर है, में गणेश टेकरी पर बनाई जा रही है।
इस प्रतिष्ठित संरचना को ''स्टैच्यू ऑफ बिलीफ़'' का नाम दिया गया है। इसका निर्माण 2,500 टन परिष्कृत स्टील के साथ किया गया, जो उच्च गुणवत्ता वाले तांबे और जस्ता के पेडस्टल से युक्त है। प्रतिमा को विभिन्न स्तरों पर तीन दीर्घाओं से सुसज्जित किया गया है; जहाँ आगंतुक क्रमशः 20 फीट, 110 फीट और 270 फीट की ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं। भगवान शिव के त्रिशूल का निर्माण 315 फीट की ऊंचाई पर किया गया है।
गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बाद भारत में दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा होगी, जिसे पिछले साल अक्टूबर में लोगों के देखने के लिए खोला गया था। यह गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, चीन में स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा और म्यांमार में लेक्युन सेट्यकर के बाद दुनिया में चौथा सबसे बड़ा भी है।
स्टैच्यू ऑफ बिलीफ का निर्माण अप्रैल २०१३ में शुरू हुआ तथा यह अब पूर्ण होने के अंतिम चरण में है। इस दिव्य संरचना में भगवान शिव का मुखमंडल लाल रंग में रंगा गया है, जबकि अन्य अंगों पर रंग बाकी है। शिव की प्रतिमा के ठीक सामने नंदी की एक प्रतिमा भी बनाई गई है। यह परियोजना मिराज समूह द्वारा संचालित है।
आईए इस शोर्ट विडियो में इसकी एक झलक देखिए...
कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली
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