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राजस्थान मत्स्य पालन प्रश्नोत्तरी

राजस्थान मत्स्य पालन प्रश्नोत्तरी-

S. No.Question / प्रश्‍नAnswer / उत्‍तर
मछली बीज उत्पादन का समय? मानसून आने पर जून जुलाई माह में। 
मछली बीज उत्पादन की विधि? प्रेरित प्रजनन विधि। 
हैचरी में कैसे उत्पादन होता है?  नर व मादा मछली को हारमोन्स का इन्जेक्शन देकर पानी का प्रवाह कर प्रजनन करवाया जाता है। 
मछली बीज पालने हेतु किस अवस्था का संचय करना चाहिये? 1. बड़े तालाबों में आंगुलिक अवस्था।


2. मध्यम व छोटे तालाब में फ्राई अवस्था।


3. स्वयं के तालाब एवं ग्रामीण पोखरों में फ्राई अवस्था। 
मछली बीज संचय की दर क्या होनी चाहिये? 1. बड़े तालाबों में 500 आंगुलिक प्रतिहेक्टर।


2. मध्यम व छोटे तालाब में 5000 प्रति हेक्टर फ्राई।


3. स्वयं के तालाब एवं ग्रामीण पोखरों में 20 से 25 हजार स्पान प्रति हैक्टर। 
यदि छोटा बीज प्राप्त कर उसे पाला जाये तो कितने दिनों में बड़ा होगा?  20-30 दिनों में यह बड़ा हो जायेगा, जो पालने योग्य उत्तम सार्इज है। 
बीज को पालने में क्या भोजन देना चाहिये? बच्चे के विकास हेतु सरसों की खल व चावल की भूसी, एग्रीमिन कृत्रिम भोजन के रूप में देना चाहिये। वर्तमान में रेडीमेड फिश फीड भी उपलब्ध है। 
मछली के बीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर किस प्रकार परिवहन किया जाये? मछली के बीज की अवस्था अनुसार उनका पोलिथीन की थेली/कन्टेनरों में परिवहन किया जाता है। 
पोलिथीन की थैली में किस अवस्था का मछली का बीज परिवहन किया जाता हैं?  पोलिथिन की थेली में स्पान व फ्राई की प्रथम अवस्था तक परिवहन करना लाभप्रद रहता है। थेली में पानी व ऑक्सिजन की उपस्थिति में बीज परिवहन किया जाता है। 
10 मछली के बीज राजस्थान में कहॉं से प्राप्त किया जा सकता है? विभाग के मछली बीज उत्पादन केन्द्र क्रमश: कोटा, रावतभाटा, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, अलवर जिलों में तथा निजी उत्पादक चौधरी केन्द्र हनुमानगढ़ व छतरगढ़ (बीकानेर) से मछली बीज प्राप्त किया जा सकता है। 
11 मत्स्य बीज के प्रदेश से बाहर उपलब्धि के कौन-कौनसे स्थान है? कलकत्ता, भड़ौच (गुजरात) । 
12 मीठे पानी की मछलियाँ कितने प्रकार की होती है? 1. मेजर कार्प,


2. केट फिश,


3. माईनर कार्प व अन्य। 
13 क्या राजस्थान में समुद्री मछली का भी पालन होता हैं? नहीं, प्रदेश में केवल स्वच्छ जल व खारा पानी में पालन योग्य मछलियों/झींगा का पालन होता हैं। 
14 मेजर कार्प मछलियाँ कौन- कौन सी का पालन होता है?  कतला, रोहू, मिग्रल, महासीर मछली का पालन विशेषतोर पर किया जाता हैं। 
15 क्या विदेशी मछलीयों का पालन भी होता है? हां, मेजर कार्प के साथ-साथ विदेशी मछलियों का भी पालन होता है। 
16 विदेशी मछलियाँ कौन-कौनसी हैं जिनका पालन होता है? कॉमन कार्प/सिल्वर कार्प/ग्रास कार्प मछलियों का पालन किया जाता है। 
17 मिश्रत पालन क्या है? विभिन्न प्रकार की मछलियॉं जिनके भोजन की आदत भिन्न-भिन्न हैं, का पालन एक साथ करना ही मिश्रत मछलीपालन कहलाता है। 
18 मिश्रत पालन के क्या लाभ हैं?   मिश्रत पालन से तालाब में विभिन्न स्तरों पर उपलब्ध भोजन का उपयोग हो जाता है।  
19 मेजर कार्प मछली का मुख्य भोजन क्या हैं?  तालाबों में उपलब्ध सूक्ष्मजीव भोज्य पदार्थ (प्लेंक्टोन) अन्य तल में पाये जाने वाले पदार्थ, सूक्ष्मदर्शी पौधे, सड़े-गले पदार्थ आदि।  
20 मिश्रत मत्स्य पालन में मछलियों का उत्तम अनुपात क्या हैं?  1. कतला 40 प्रतिशत, रोहू 30 प्रतिशत., म्रिगल 30 प्रतिशत.,


2. कतला 40 प्रतिशत, रोहू 30 प्रतिशत., म्रिगल 15 प्रतिशत., कामनकार्प 15 प्रतिशत।


3. कतला 10 प्रतिशत, रोहू 30 प्रतिशत, म्रिगल 15 प्रतिशत, कामनकार्प 15 प्रतिशत, ग्रास कार्प 10 प्रतिशत, सिल्वरकार्प 20 प्रतिशत   
21 मेजर कार्प की सामान्यत: वार्षिक वृद्धि कितनी होती हैं?  1. कलता 1 से 2 किलोग्राम


2. रोहू 0.750 से 1 किलोग्राम


3. म्रिगल 0.600 से 0.750 किलोग्राम 
22 तालाब के पानी में मछली के भोजन को बढ़ाने के लिये क्या करना चाहिये?   चूना, उर्वरक (काबर्निक व अकाबर्निक) एवं कृत्रिम भोजन का उचित दर से (आवश्यकता अनुसार) उपयोग करना चाहिये।  
23 मछली पालन के लिये पानी का आदर्श मानक क्या हैं?  1. रंग हल्का हरा या भूरा,


2. तापमान 25-30 डि.सै.,


3. पी.एच. 7.5 से 8.5,


4. घुलित ऑक्सीजन: 6-8 पी.पी.एम. 
24 खाद देने की उचित विधि क्या है?1. चूने का उपयोग बीज संचय के एक माह पूर्व किया जाना चाहिए (दर 200 किलोग्राम प्रति हैक्टर)


2. गोबर की खाद एवं रसायनिक खाद का उपयोग मत्स्य बीज संचय से 10 से 15 दिन पूर्व करना चाहिए (गोबर एक हजार किलोग्राम 150-200 कि0ग्रा0 सुपरफास्फेट प्रति हैक्टर की दर से)।


3. बीज संचय के बार प्रत्येक माह इसी दर से खाद डालना उचित रहता है। 
25 तालाब के पानी में प्लेक्टोन के निरीक्षण का सरलतम तरीका क्या हैं?  इसका अनुमान मुट्ठी बंद कर कोहनी तक हाथ पानी में डालना चाहिये अगर मुट्ठी दिखना बंद हो जाये तो समझना चाहिये कि मछली का भोजन प्रचुर मात्रा में है।  
26 पानी का गहरा हरा होने पर क्या करना चाहिए?  सभी प्रकार की खादों का उपयोग बन्द कर देगा चाहिए।   
27 मछली पालन के लिए पानी की गहराई कितनी होनी चाहिए?  लगभग 1.5 मीटर  
28 मछली पालन के लिए तालाब कच्चा उचित रहता है अथवा पक्का एवं क्यों?  कच्चे तालाब उचित रहते हैं क्योंकि तालाब की भूमि में उपलब्ध रसायन पानी में घुल कर उत्पादन क्षमता बढ़ाते है।  
29 पानी में घुली हुर्इ ऑक्सीजन की कमी के क्या लक्षण है?  प्रात:काल मछलियों का पानी की सतह पर आकर मुंह फाड़ना ऑक्सीजन की कमी दर्शाता है।  
30 यदि पानी में घुलित ऑक्सीजन की कमी हो जाए तो क्या करना चाहिए?  पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए पानी को फव्वारे के रूप में छोड़ना चाहिए।  
31 मछली को कृत्रिम भोजन देने की उचित विधि क्या है?   तालाब में कुछ निश्चत स्थानों पर निश्चित मात्रा में प्रतिदिन भोजन दिया जाना चाहिए।  
32 मछली पालन की जानकारी कहॉं से प्राप्त होगी?  राज्य के अधिकांश जिलों में मछली पालन विभाग के कार्यालय स्थापित हैं उनसे जानकारी प्राप्त की जा सकती है।  
33 मछली पालन में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आवेदन कहॉं करना होगा?   प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए जिला कार्यालयों में आवेदन करना होगा।  
34 निजी क्षेत्र में आवेदन करने के लिए कौन-कौनसी आवश्यक शर्ते होगी?   निजी क्षेत्र में मत्स्य पालन के लिए कोई आवश्यक शर्त नहीं है। बशर्ते जमीन स्वयं के नाम हो।  
35 प्रशिक्षण में क्या सुविधाएं मिलती है?   प्रशिक्षण नि:शुल्क प्रदान किया जाता है एवं 15 दिवसीय प्रशिक्षण भत्ता दिया जाता है। 
36 प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद में सरकार क्या सुविधाएं देती है?  गॉंव में उपलब्ध ग्रामीण पोखर एवं छोटे ग्रामीण तालाब ग्राम पंचायत के माध्यम से आवंटित कराए जाते है?  
37 निजी भूमि पर तालाब बनाने पर क्या कोई अनुदान देय है?  हॉं, निजी भूमि पर तालाब बनाकर मछली पालन करने पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित दर पर अनुदान देय है।  
38 मत्स्य बीज उत्पादन हेतु क्या हैचरी निर्माण पर भी कोई अनुदान देय हैं?  हॉं, हैचरी निर्माण पर भी अनुदान देय है।  
39 राजस्थान में जलाशयों को क्या ठेके पर दिया जाता है?   हॉं, विभिन्न श्रेणी के जलाशयों को विभिन्न अवधि हेतु ठेके पर दिया जाता है।  
40 जलाशय किस-किस श्रेणी के है?   राजस्थान में जलाशयों की श्रेणी उनसे प्राप्त होने वाली आय के अनुसार विभाजित की गई हैं। ये श्रेणीयॉं क, ख, ग एवं घ हैं।  
41 जलाशयों के ठेके कौन करता है?   क श्रेणी के जलाशयों का ठेका मत्स्य विभाग द्वारा किया जाता है। जबकि ख, ग, व घ श्रेणी के जलाशय का ठेका पंचायत राज विभाग द्वारा किया जाता है।  
42 राजस्थान में जलाशयों के ठेके कब होते हैं और कितनी अवधि के लिये होते हैं?   जलाशयों को ठेके पर देने के लिये समय-समय पर समाचार पत्र के माध्यम से विज्ञप्ति जारी की जाती हैं। ठेके की अवधि प्रत्येक वर्ष एक अप्रैल से 31 मार्च तक के लिये होती है।  
43 जलाशयों के ठेके में कौन-कौन भाग ले सकता है?  जलाशयों का ठेका भारत का कोई भी नागरिक ले सकता है।  
44 राजस्थान में कौन-कौनसी मछलियां पाली जाती है?   राजस्थान में मेजर कार्य मछलियां विशेषत कतला, रोहू, म्रिगल एवं विदेशी मछलियां में कामन कार्प व ग्रास कार्प विशेष रूप से पाली जाती है।  
45 इन मछलियों को पालने में कितना लाभ होता है?   एक हैक्टर जलक्षैत्र में इन मछलियों को समानुपात: में डालने पर लगभग रूपये 50,000 से 60,000 तक का शुद्ध लाभ मिल सकता है। 
46 इन मछलियों के बीज कहाँ  से प्राप्त होगें?   इन मछलियों का प्रजनन विभाग में करवाया जाता है। विभाग के उत्पादन केन्द्रों से इनको निर्धारित दरों पर प्राप्त किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त खुले बाजार में भी व्यवसायी जुलाई, अगस्त के महिनों में बाहर से लाकर राजस्थान में विक्रय करते हैं, फिर भी कोई कठिनाई  हो तो विभाग से सम्पर्क किया जा सकता है।  
47 मछलियों का बीज किस दर से मिलता है?  एक इंच का बच्चा 70 से 100 रूपये प्रति हजार की दर से उपलब्ध होता है।  
48 कितने दिनों में मछली बेचने लायक हो जाती है? मछली का बच्चा डालने के लगभग 8 से 10 माह में 500 ग्राम से 1000 ग्राम तक हो जाता है और विक्रय के लिए तैयार हो जाता है। 
49 मछली पालने हेतु सरकार मछलियों के भोजन एवं अन्य इनपुट आदि पर कोई अनुदान देती है?  इनपुट पर भारत सरकार द्वारा निश्चित अनुदान रू0 दस हजार तक प्रति हैक्टर देय है तथा अनुसूचित जाति जनजाति के व्यक्तियों को रू0 बारह हजार पांच सौ तक अनुदान देय है। 
50 मछली पालने के लिये इनपुट में क्या-क्या शामिल है?  मछलियों के अच्छे विकास हेतु सरसों/मूंगफली की खल, एग्रीमिन तथा राईस ब्रान बराबर मिलाकर मछलियों के औसत वजन के 2 प्रतिशत तक प्रति दिन दिया जाना चाहिये। इसके अतिरिक्त पानी में गोबर की खाद, फास्फेट व यूरिया का भी सीमित उपयोग करने से मछलियों का विकास तेजी से होता है।  
51 मछली पकड़ने के लिये किन- किन जालों की आवश्यकता होती है?   मछली पकड़ने के लिए ढैया जाल, छन्टा जाल व फसला जाल उपयोग में लिये जाते हैं। 
52 मछली बीज पालने योग्य किस्म  कतला, रोहू, म्रिगल, कामनकार्प, ग्रासकार्प आदि।  
53 क्या विदेशी मांगूर एवं बिग हैड मछली का पालन राज्य में किया जा सकता है? नहीं, इन मछली के पालन पर नियमों में प्रतिबंध है। 

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