- राजस्थान सरकार ने राज्य के शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों, रिक्शावालों, ठेलेवालों, ऑटोवालों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं, बुजुर्गों एवं अन्य असहायों, जरूरतमंद व्यक्तियों को ध्यान में रखकर उनकी सेहत के लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरूआत की है।
- इस योजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा 15 दिसंबर 2016 को किया गया है।
- इस योजना में अन्नपूर्णा रसोई वैन के माध्यम से मात्र रु 5 में नाश्ता तथा मात्र रु 8 में पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है।
- योजना के पहले चरण में 12 शहरों में 80 अन्नपूर्णा रसोई वैनों के माध्यम से नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराया जाएगा-
- जयपुर
- जोधपुर
- कोटा
- अजमेर
- बीकानेर
- उदयपुर
- भरतपुर
- बारां
- बांसवाड़ा
- डुंगरपुर
- प्रतापगढ़
- झालावाड़
अन्नपूर्णा रसोई योजना की विशेषताएं
- इस रसोई वैन में लाभार्थियों के लिए नाश्ता, दोपहर का भोजन एवं रात्रि का भोजन उपलब्ध होगा। योजना में नाश्ता मात्र 5 रुपये में मिलेगा। नाश्ता के रूप में पोहा, सेवइयाँ, इडली साँभर, लापसी, ज्वार खिचड़ा, बाजरा खिचड़ा, गेहूं खिचड़ा आदि मिलेंगे।
- इस योजना में भोजन की थाली मात्र 8 रुपये में उपलब्ध होगी, जिसमें प्रत्येक भोजन सामग्री की मात्रा 350 ग्राम होगी। भोजन के रूप में दोपहर में दाल-चावल, गेहूं का चूरमा, मक्का का नमकीन खीचड़ा, रोटी का उपमा, दाल- ढ़ोकली, चावल का नमकीन खीचड़ा, कढ़ी-ढ़ोकली, ज्वार का नमकीन खीचड़ा, गेहूं का मीठा खीचड़ा इत्यादि शामिल हैं।
- योजना में रात्रि भोजन में भी प्रति थाली मात्र 8 रुपये में मिलेगी, जिसमें सामग्री की मात्रा 350 ग्राम होगी, यह सामग्री इस प्रकार है: दाल-ढ़ोकली, बिरयानी, ज्वार की मीठी खिचड़ी, चावल का नमकीन खीचड़ा, कढ़ी-चावल, मक्के का नमकीन खीचड़ा, बेसन गट्टा पुलाव, बाजरे का मीठा खीचड़ा, दाल-चावल, गेहूं का चूरमा इत्यादि।
- पहले चरण की सफलता के बाद इसे अन्य जिलों व तहसील स्तर पर लागू करना प्रस्तावित है।
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