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Showing posts with the label राजस्थान की योजनाएँ

Gyan Sankalp Portal and Mukhyamantri Vidya Dan Kosh - ज्ञान संकल्प पोर्टल एवं मुख्यमंत्री विद्या दान कोष

ज्ञान संकल्प पोर्टल एवं मुख्यमंत्री विद्यादान कोष   राजस्थान में राजकीय विद्यालयों को आर्थिक सहयोग प्रदान करने तथा आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण के लिए दानदाता अब शिक्षा विभाग द्वारा विकसित किए जाने वाले 'ज्ञान संकल्प पोर्टल' एवं 'मुख्यमंत्री विद्या दान कोष' के जरिए अपना सहयोग कर सकेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बनाया जा रहा यह पोर्टल फंडिंग गेप को कम करने में मददगार साबित होगा। पोर्टल एवं कोष का मुख्य उद्देश्य- राजकीय विद्यालयों की मूलभूत आवश्यकताओं एवं प्राथमिकताओं के अनुसार सीएसआर, भामाशाहों, संस्थाओं व क्राउड फंडिंग के माध्यम से आवश्यक धनराशि का संग्रहण व प्रबंधन करना एवं विद्यालयों के विकास हेतु विभिन्न प्रोजेक्ट्स हेतु दानदाताओ का सहयोग प्राप्त करना हैं। इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भामाशाह और औद्योगिक घराने कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसेबिलिटी (सीएसआर) के तहत जुड़कर सीधे राजस्थान सरकार को शिक्षा में किए जा रहे नवाचारों एवं आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाने में अपना सहयोग दे सकते हैं।  इस पोर्टल के माध्यम से भामाशाह व औद्योगिक घराने प्रदेश के विद्यालयों

Insurance and Pension Schemes for Construction Labours- निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना

निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना हितलाभ-    प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना में हिताधिकारी द्वारा अपने बैंक खाते से जमा कराई गयी प्रीमियम या अंशदान राशि के 50 से 100 प्रतिशत तक का मण्डल द्वारा पुनर्भरण। योजना हितलाभ मण्डल द्वारा देय अंशदान/प्रीमियम(रू.) प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना बीमित की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 2 लाख रू. बीमा राशि 12.00 (100 प्रतिशत) प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना बीमित की किसी भी कारण से मृत्यु होने पर 2 लाख रू. 165.00 (50 प्रतिशत) अटल पेंशन योजना सदस्य की 60 वर्ष की आयु होने पर 1 हजार से 5 हजार रू. मासिक पेंशन 252 से 1,746 रू. (आयु के अनुसार 1000/- पेंशन के लिए वार्षिक अंशदान का 50 प्रतिशत) भामाशाह निर्माण श्रमिक बीमा योजना (आम आदमी बीमा योजना) दुर्घटना में मृत्यु होने पर- 75,000 रू. स्थाई पूर्ण अशक्तता पर-75,000 रू. स्थाई अपूर्ण अशक्तता पर- 37,500रू सामान्य मृत्यु पर- 30,000 रू. मण्डल द्वारा शत प्रतिशत प्रीमियम राशि का भुगतान कर सभी हिताधिकारिय

Sahyog and Uphar Plan of Rajasthan सहयोग एवं उपहार योजना

सहयोग एवं उपहार योजना   योजना की वर्तमान स्थिति राजस्थान सरकार द्वारा 1997-98 से आर्थिक दृष्टि से कमजोर विधवा महिलाओं के पुत्रियों के विवाह के लिए अनुदान योजना प्रारम्भ की गयी थी। इसी प्रकार वर्ष 2005 में बी.पी.एल. परिवारों को पुत्रियों के विवाह हेतु सहयोग योजना शुरू की गयी थी। राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 में दोनों योजनाओं को एक करके  सहयोग एवं उपहार योजना शुरू की गयी थी। योजना का लाभ पात्र व्यक्ति को समय पर एवं पारदर्शिता से मिले, इस हेतु इस वर्ष ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से सहायता राशि स्वीकृत करने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा रही है। लाभांवित वर्ग- सहयोग एवं उपहार योजना सभी वर्गों के बी.पी.एल. परिवार, अन्त्योदय परिवार, आस्था कार्डधारी परिवार तथा आर्थिक दृष्टि से ऎसे कमजोर परिवार जिनमें कमाने वाला वयस्क व्यक्ति नहीं हो, ऎसी विधवा महिलाओं की पुत्रियों के विवाह के लिए सहायता राशि उपलब्ध करायी जाती है। देय सहायता राशि- सहयोग एवं उपहार योजना में वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार देय सहायता राशि में वृद्धि की ग

Rajasthan Shubh Shakti Yojna of Construction Workers Welfare Board - शुभशक्ति योजना

श्रमिक कल्याण मण्डल, राजस्थान की शुभशक्ति योजना इस योजना का शुभारंभ श्रम विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा किया गया है । इस योजना का उद्देश्य श्रमिकों के हितों की रक्षा और अविवाहित महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है । हितलाभ-  हिताधिकारियों की वयस्क व अविवाहिता पुत्री को तथा महिला हिताधिकारी को 55,000 रूपये प्रोत्साहन/सहायता राशि देय होगी। प्रोत्साहन राशि का उपयोग महिला हिताधिकारी/पुत्री के विवेक के अनुसार आगे शिक्षा या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने, स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ करने, कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने आदि में तथा स्वयं के विवाह हेतु उपयोग में लिया जाएगा । पात्रता एवं शर्ते· 1 लड़की के पिता या माता अथवा दोनों, कम से कम एक वर्ष से श्रमिक कल्याण मण्डल में पंजीकृत हिताधिकारी/निर्माण श्रमिक हों। पंजीयन कराने  के लिए किसी भी ई मित्र केन्द्र से हिताधिकारी को https://sso.rajasthan.gov.in/signin लिंक पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा । सबसे पहले उसे अपनी SSO आई डी  बनानी होगी और फिर श्रम विभाग के एप पर क्लिक करके पंजीयन करवाना होगा ।  2 अधिकतम् दो पुत्रियो

Padmakshi Award पद्माक्षी पुरस्कार

पद्माक्षी पुरस्कार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर द्वारा कक्षा 8,10 व 12 की परीक्षाओं में ज़िला स्तर पर पहला स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को क्रमश: 40,000, 75,000 एवं 1 लाख रुपये व प्रमाण पत्र दिये जाएंगे। (सभी वर्ग, बी.पी.एल. एवं नि:शक्त शामिल) कक्षा 8 (संस्कृत विभाग) प्रवेशिका एवं वरिष्ठ उपाध्याय की बोर्ड परीक्षा में उपरोक्त वर्गों में राज्य स्तर पर पहला स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को भी ये पुरस्कार दिये जाएंगे। कक्षा 12वीं एवं वरिष्ठ उपाध्याय की पुरस्कार प्राप्त बालिकाओं को पुरस्कार राशि के अतिरिक्त स्कूटी भी दी जायेगी। किसी भी वर्ग में समान अंक लाने वाली एक से अधिक बालिकाएं हों तो सभी को पुरस्कार राशि व प्रमाण पत्र दिये जाएंगे। कक्षा 12वीं के कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय को मिलाकर सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाली बालिका को पुरस्कार हेतु पात्र माना जायेगा। इन पुरस्कारों के लिए पूरक परीक्षा परिणाम को शामिल नहीं किया जाएगा। पद्माक्षी पुरस्कार हर साल बसन्त पंचमी को ज़िला मुख्यालय पर आयोजित समारोह में दिया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें -- http://bit

Bhamashah Health Insurance Scheme - भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना

भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (Bhamashah Health Insurance Scheme) राजस्थान सरकार की महत्वपूर्ण एवं गरीबों के लिए बनाई गई कल्याणकारी भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (Bhamashah Health Insurance Scheme) निर्धन परिवारों के लिए वरदान बनकर उभरी है। प्रदेश में आज ऎसे अनेकों परिवार हैं जो कभी पैसों के अभाव में अपना उपचार नहीं करवा पाए, इस योजना का लाभ उठाकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। महंगे इलाज का भार अब नहीं गरीब की जेब पर राज्य सरकार द्वारा एक बड़े लोक कल्याणकारी कदम के रूप में राजस्थान में 13 दिसम्बर 2015 से भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (Bhamashah Health Insurance Scheme) का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसका क्रियान्वयन राज्य के खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत पात्र लाभार्थी परिवारों के लिए बीमा कम्पनी (Insurance Company) के माध्यम से किया जा रहा है। इस योजना का 13 दिसम्बर 2017 से नवीनीकरण किया गया है, जिसके अन्तर्गत पैकेज संशोधन के अतिरिक्त योजना के कुछ प्रावधानों में भी बदलाव किया है।   उद्देश्य- सरकार का उद्देश्य राज्य के गरीब परिवारों को योजना के जरिए बीम

झालावाड़ जिले के कंवरपुरा मण्डवालान से मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना का शुभारंभ

झालावाड़ जिले के कंवरपुरा मण्डवालान से मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना का शुभारंभ    जयपुर, 6 जनवरी। मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना गांव को स्वच्छ, स्वस्थ एवं सुन्दर बनाने के लिए प्रारम्भ की गई राज्य सरकार की महत्ती योजना है। यह योजना राज्य की उन ग्राम पंचायतों में लागू की जा रही है जो कि खुले में शौच जाने के अभिशाप से मुक्त (ओडीएफ) हो चुकी है। योजना का राज्य स्तरीय शुभारंभ शुक्रवार को पंचायत समिति खानपुर की ग्राम पंचायत कंवरपुरा मण्डवालान में राज्य जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटीदार, संसदीय सचिव श्री नरेन्द्र नागर, जिला प्रमुख टीना कुमारी भील तथा जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी द्वारा किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए श्रीकृष्ण पाटीदार ने कहा कि जिले की पहली ओडीएफ ग्राम पंचायत कंवरपुरा मण्डवालान के लिए बड़े ही गर्व का विषय है कि मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना का शुभारम्भ यहां से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना के प्रारम्भ होने से न सिर्फ ग्राम पंचायत कंवरपुरा मण्डवालान को बल्कि राज्य की ओडीएफ हो चुकी अन्य ग्राम पंचाय

Prasav Sakhi Programme of Rajasthan - राजस्थान का ‘प्रसव सखी‘ कार्यक्रम

राजस्थान का ‘प्रसव सखी‘ कार्यक्रम  (Prasav Sakhi Programme of Rajasthan) राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने 2 अक्टूबर 2016 को प्रदेश में ‘प्रसव सखी‘ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रदेश में भी अधिक प्रसवभार वाले 30 राजकीय चिकित्सालयों में तमिलनाडु एवं छत्तीसगढ़ राज्यों की तर्ज पर ‘प्रसव सखी‘ कार्यक्रम को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रारंभ किया गया। इनमें चुनिंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामिल है। इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में ‘प्रसव सखी‘ द्वारा प्रसूता को प्रसव पीड़ा में भावनात्मक सहयोग प्रदान करने एवं डिलीवरी के दौरान चिकित्सालय में उसके साथ ‘प्रसव सखी‘ के रह सकने का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत प्रसव सखी का चयन करते समय स्वयं के परिवार की प्रसव की अनुभवी महिला को प्राथमिकता दी जाती है। योजना में प्रसव के समय प्रसूता के साथ उसके परिवार की स्वस्थ एवं व्यावहारिक महिला का प्रसव सखी के रूप में सहयोग लिया जा रहा है। प्रसव सखी डिलीवरी के समय प्रसूता को भावनात्मक रूप से सहयोग देने के साथ ही जन्म के तुर

राजस्थान पशु बांझपन निवारण शिविर योजना (Combat Infertility in Cattle)

राजस्थान  पशु बांझपन निवारण शिविर योजना  (Combat Infertility in Cattle) उद्देश्यः- राजस्थान प्रदेश में उपलब्ध पशुधन में से लगभग 10 प्रतिशत पशुधन प्रतिवर्ष बांझ होता है। बांझ पशुधन का समय पर उपचार होने से इन्हें प्रजनन योग्य बनाकर गर्भित किया जा सकता है। इसके लिये पशुपालकों को अपने पशुओं को बांझ होने से बचाने के उपायों की जानकारी उपलब्ध करवाना तथा उन्हें ऐसे पशुओं का चिह्नीकरण कर समय पर पूर्ण इलाज करवाने के लिये प्रेरित करना आवश्यक है। कार्य योजनाः- इस योजना के तहत् समस्त जिलों में पशुधन की संख्या एवं पशुधन के आधार पर 4 से 5 गांवों के एक काॅम्पेक्ट क्षेत्र का बांझ निवारण शिविर लगाने हेतु चयन किया जाता है। चयनित गांवों के बांझ पशुओं के पशुपालकों की सूची सर्वे कर तैयार की जाती है। प्रत्येक शिविर की अवधि 5 दिवस होती है। प्रत्येक शिविर में कम से कम 50 पशुओं का बांझपन उपचार किया जाना आवश्यक है। शिविरों के आयोजन हेतु औषधियों का उपयोग पशुधन निःशुल्क आरोग्य दवा योजनान्तर्गत उपलब्ध औषधियों में से किया जाता है। शिविरों के आयोजन हेतु यदि ऐसी औषधियों की आवश्यकता है जो विभागीय अनुमो

MUKHYAMANTRI RAJSHREE SCHEME - मुख्यमंत्री राजश्री योजना

बेटियां घर की लक्ष्मी हैं लेकिन कई कारणों से बालिकाओं की जन्म दर कम रही है। बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने, उन्हें शिक्षित व सशक्त बनाने के लिए सरकार ने 1 जून 2016 से मुख्यमंत्री राजश्री योजना राज्य में शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य है कि बेटियों की जन्म दर बढ़े, बेटियों को अच्छी परवरिश मिले व बेटियां पढ़ लिखकर आगे बढ़ें।  बजट घोषणा 2016-17 के अनुसार मुख्यमंत्री‬ ‪शुभलक्ष्मी‬ ‎योजना‬ का नाम बदलकर आज से मुख्यमंत्री ‪‎राजश्री‬ योजना हो गया। इसी के साथ ही इसमें लाभान्वित राशि भी 7400 रुपए से बढ़कर 50 हजार रुपए कर दी  गई। शुभलक्ष्मी योजना में सरकार सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाली बेटी को 2100 रुपए की आर्थिक सहायता देती थी तथा योजना के तहत समय-समय पर मां-बेटी को 7400 रुपए तक की आर्थिक सहायता देने का भी प्रावधान था। शुभलक्ष्मी योजना 1 अप्रैल 2013 से संचालित थी जो अब राजश्री योजना हो गयी है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने शुभलक्ष्मी योजना का नाम बदलने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी 50 हजार रुपए कर दी है एवं इसका लाभ 1 जून से सरकारी अस्पतालों तथा जेएसवाई द्वा

Annapurna kitchen scheme अन्नपूर्णा रसोई योजना

राजस्थान सरकार ने राज्य के शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों, रिक्शावालों, ठेलेवालों, ऑटोवालों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं, बुजुर्गों एवं अन्य असहायों, जरूरतमंद व्यक्तियों को ध्यान में रखकर उनकी सेहत के लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरूआत की है। इस योजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा 15 दिसंबर 2016 को किया गया है।  इस योजना में अन्नपूर्णा रसोई वैन के माध्यम से मात्र रु 5 में नाश्ता तथा मात्र रु 8 में पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। योजना के पहले चरण में 12 शहरों में 80 अन्नपूर्णा रसोई वैनों के माध्यम से नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराया जाएगा- जयपुर जोधपुर कोटा अजमेर बीकानेर उदयपुर भरतपुर बारां बांसवाड़ा डुंगरपुर प्रतापगढ़ झाला वाड़ अन्नपूर्णा रसोई योजना की विशेषताएं इस रसोई वैन में लाभार्थियों के लिए नाश्ता, दोपहर का भोजन एवं रात्रि का भोजन उपलब्ध होगा। योजना में नाश्ता मात्र 5 रुपये में मिलेगा। नाश्ता के रूप में पोहा, सेवइयाँ, इडली साँभर, लापसी, ज्वार खिचड़ा, बाजरा खिचड़ा, गेहूं खिचड़ा आदि मिलेंगे। इस योजना में

मिशन परिवार विकास परियोजना

परिवार कल्याण सेवाओं को प्रभावी बनाने हेतु मिशन परिवार विकास     जयपुर, 26 दिसम्बर। परिवार कल्याण सेवाओं का प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने हेतु ‘मिशन परिवार विकास‘ परियोजना के तहत प्रदेश के 14 जिलों में विशेष कार्ययोजना बनाकर कुल प्रजनन दर सहित विभिन्न परिवार नियोजन मापदंड़ों में सुधार लाया जायेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा युनीसेफ, युएनएफपीए, निपी तथा पाथ फाईन्डर इत्यादि संगठनों के साथ चयनित जिलों में प्रभावी परिवार कल्याण गतिविधियां की जायेगी। मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सोमवार को झालाना डूंगरी स्थित राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केन्द्र में आयोजित ‘मिशन परिवार विकास‘ की आमुखीकरण कार्यशाला में यह जानकारी दी।  ‘मिशन परिवार विकास‘ में शामिल 14 जिले  धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर व भरतपुर (भरतपुर संभाग), उदयपुर, डूंगरपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा (उदयपुर संभाग), जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली व सिरोही (जोधपुर संभाग) एवं कोटा संभाग के बारां है। केन्द्र द्वारा कुल प्रजनन दर मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्युदर अधिक वाले 14 जिलों को मिशन परिवार विकास

Firewood free village scheme जलाऊ लकड़ी मुक्त ग्राम योजना-

जलाऊ लकड़ी मुक्त ग्राम योजना- टाईगर रिजर्व क्षेत्रों में गैस कनेक्शन वितरण योजना ग्रामीण लोग र्इंधन की आवश्यकताओं और प्रायः अपनी आजीविका के लिए भी वन संसाधनों एवं वन उत्पादों पर निर्भर रहते हैं। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में जलाऊ लकड़ी घरेलू र्इंधन का परम्परागत स्त्रोत रही है, जो प्रायः क्रय नहीं की जाकर संरक्षित क्षेत्रों व वन क्षेत्रों से एकत्रित की जाती रही है। संरक्षित क्षेत्रों और उनके आस-पास के क्षेत्रों से जलाऊ लकड़ी एकत्रित करने से वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास खत्म होता है। इससे वन्यजीव एवं मानव के बीच संघर्ष बढ़़ता है एवं वन्यजीवों तथा स्थानीय लोगों दोनों के लिए संकट उत्पन्न होता है। सबसे अधिक समस्या टाईगर रिजर्व के सन्दर्भ में देखी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों विशेषतः संरक्षित क्षेत्रों के आस-पास के गांवों में रहने वाली महिलाओं का काफी समय जलाऊ लकड़ी एकत्रित करने में व्यतीत होता है। इस कारण अन्य आय सृजन गतिविधियों एवं गृह कार्यों के लिए उनके पास अपेक्षाकृत कम समय उपलब्ध हो पाता है। चूल्हे के धुएं से महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। आवश्यकता इस बात की है क