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ग्रामीण विकास योजनाओं में अजमेर, बारां एवं झुन्झुनू प्रथम स्थान पर

ग्रामीण विकास योजनाओं में अजमेर, बारां एवं झुन्झुनू प्रथम स्थान पर जयपुर, 1 मार्च। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा विभाग की प्रमुख योजनाओं में राज्य के समस्त जिलों द्वारा की गई प्रगति की रैकिंग की गई है इसमें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, मनरेगा, राजीविका, प्रधान मंत्री आवास योजना एवं स्वच्छ भारत मिशन में अजमेर, बांरा एवं झुन्झुनू जिले प्रथम स्थान पर रहे हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग श्री राजेश्वर सिंह ने बताया कि उक्त योजनाओं की प्रगति मापने के लिए 100 अंक निर्धारित किये गये थे इनमें से प्राप्तांकों के अनुसार सूचकांक एवं अंक निर्धारित कर रैंकिंग जारी की गई है।  श्री सिंह ने बताया कि मनरेगा में 10 सूचकांक के 40 अंक, स्वच्छ भारत मिशन में 3 सूचकांक के 9 अंक, प्रधान मंत्री आवास योजना में 9 में से 18, ग्रामीण विकास में 4 में से 12, पंचायती राज में 3 में से 6 एवं राजीविका में 5 में से 15 अंक निर्धारित किये गये थे।  उन्होंने बताया कि अजमेर, बांरा, झुन्झुनू 100 में से 51 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पर रहे हैं जबकि पाली, बीकानेर,

Schemes of Tribal Area Development Department - जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की योजनाएँ

जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की योजनाएँ 1. आश्रम छात्रावासों का संचालन जनजाति छात्र-छात्राएं उनके निवास स्थान के नजदीक वांछित स्तर का विद्यालय नहीं होने की स्थिति में उनके परिवारों की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण दूर-दराज के विद्यालयों में अध्ययन जारी नहीं रख पाते हैं। अतः ऐसे छात्र-छात्राएं अध्ययन जारी रख सकें, इस उद्देश्य से विभाग द्वारा 356 आश्रम छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। इन छात्रावासों में 2000/- रू प्रतिमाह प्रति छात्र-छात्रा की दर से निःशुल्क आवास, भोजन, पोशाक एवं अन्य सुविधाऐं उपलब्ध करायी जाती है। आश्रम छात्रावासों में कार्यरत अधीक्षक एवं कोच को 15 प्रतिशत विशेष भत्ता एवं 10 प्रतिशत मकान किराया भत्ता दिया जा रहा है। 2. आवासीय विद्यालय संचालन योजना अनुसूचित क्षेत्र, माडा क्षेत्र तथा सहरिया क्षेत्र में छात्र-छात्राओं में शिक्षा के उन्नयन हेतु भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा आवासीय विद्यालयों का निर्माण कराया गया है। आवासीय विद्यालयों में स्वीकृत शैक्षिक/अशैक्षिक पदों पर शिक्षा विभाग से कर्मचारियों/ अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति/पदस्थापन पर लिए जाकर अध्य

कामधेनू डेयरी योजना आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर, 2018

कामधेनू डेयरी योजना  आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर, 2018 जयपुर, 21 दिसम्बर। गोपालन विभाग द्वारा आर.के.वी.वाई- रफ्तार अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 10 कामधेनू डेयरी स्थापित की जानी है। जिसमें आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर, 2018 रखी गई है। गोपालन निदेशालय के निदेशक श्री विश्राम मीना ने बताया कि कामधेनू डेयरी स्थापित करने के इच्छुक पशुपालक, गोपालक एवं लघु सीमान्त कृषक जिनके पास डेयरी की आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए जगह के अतिरिक्त एक एकड़ स्वयं की जमीन हो, इसके लिए आवेदन कर सकते है। उन्होंने बताया कि कामधेनू योजना में एक ही नस्ल की 30 देशी (गीर,थारपारकर आदि) दुधारू नयी गाये क्रय करना आवश्यक है।  श्री मीना ने बताया कि आवेदक को पशुपालन या डेयरी का तीन से पांच वर्ष का अनुभव होना जरूरी है। तथा आवेदन के पास 50 रूपये प्रति लीटर दुग्ध क्रय करने की क्षमता होनी चाहिए।  उन्होंने बताया कि योजना में महिलाओं एवं अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमान्त कृषकों को प्राथमिकता दी जायेगी। योजना के विस्तृत दिशा-निर्देश एवं श

Rajasthan Seeds Mini-kit Scheme- राजस्थान बीज मिनिकिट योजना

बीज मिनिकिट योजना       राज्य योजना, राष्ट्रीय तिलहन एवं ऑयल पॉम मिशन तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मिनिकिट वितरण        मिनिकिट का आयोजन राजस्थान के विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के लिए फसल की उपज एवं गुणवत्‍ता के आधार पर किस्म चयन में सहायक होती है। कमजोर वर्ग के कृषकों को मिनिकिट के माध्‍यम से लाभान्वित किया जाता है। पात्रता :- मिनिकिट अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमान्त तथा गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले कृषकों को प्राथमिकता से मिनिकिट का वितरण किया जाता है। कुल लागत का 10 प्रतिशत टोकन मनी के रूप में कृषक से वसूल कर मिनिकिट वितरण किये जाते हैं। मिनिकिट महिला के नाम से दिये जाते है, चाहे भूमि महिला के पति/पिता/ससुर के नाम से हो। एक महिला को मिनिकिट का एक ही पैकेट दिया जायेगा। एक ही कृषक परिवार की अलग-अलग कृषक महिला सदस्य के नाम से मिनिकिट नहीं दिए जाएंगे। यदि किसी ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कृषक उपलब्‍ध नहीं हो तो सामान्य श्रेणी के महिला कृषकों में मिनिकिट वितरण किया जा सकता है। मिनिकिट्स हेतु ऐसे कृषकों का चयन क

Rajasthan's Gypsum Distribution Scheme- राजस्थान जिप्सम वितरण कार्यक्रम

  क्या होता है जिप्सम- जिप्सम एक प्रकार का खनिज है। रासायनिक संरचना की दृष्टि से यह कैल्सियम का सल्फेट है, जिसमें जल के भी दो अणु रहते हैं। इसका रासायनिक सूत्र CaSO 4 ·2H 2 O है। जिप्सम में 16 से 19 प्रतिशत कैल्शियम एवं 13 से 16 प्रतिशत सल्फर होता है। प्रकृति में  जिप्‍सम दो रूपों में पाया जाता है-   खनिज जिप्‍सम  - खनिज जिप्‍सम को भूगर्भ से खोदकर प्राप्‍त किया जाता है। अधिकांश खान उत्‍पादनों में जिप्‍सम की गुणवत्ता 70 से 95 प्रतिशत के बीच होती है।  उत्‍पाद जिप्‍सम   - उत्‍पाद जिप्‍सम में प्रमुख रूप से समुद्री जिप्‍सम, फोसफो जिप्‍सम, फ्लोरो जिप्‍सम, बोरो जिप्‍सम, स्‍क्रवर जिप्‍सम इत्‍यादि शामिल है। सामान्‍य नमक के उत्‍पादन के दौरान समुद्री जिप्‍सम समुद्र के पानी से एक उपउत्‍पाद (by product) के रूप में प्राप्‍त किया जाता है, जबकि अन्‍य प्रकार के जिप्सम विभिन्‍न रासायनिक सयंत्रो से सह-उत्‍पाद के रूप में प्राप्‍त होते हैं।  जिप्सम को कैल्‍साइंड करना - जिप्‍सम को गर्म करने पर इसमें उपस्थित जल की मात्रा कम हो जाती है।  इस प्रकार बने आंशिक निर्जलीकृत जिप्सम को कैल्‍साइंड जिप्‍सम कहते है

निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजना

निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजना हितलाभ- 1. हाउसिंग फाॅर आॅल मिशन (अरबन) अथवा सरकार की अफोर्डेबल हाउसिंग योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आवास योजना अथवा केन्द्र/राज्य सरकार की अन्य किसी आवास योजना के पात्र हिताधिकारियों को, संबंधित योजना के प्रावधानानुसार, मण्डल द्वारा अधिकतम् 1.50 लाख रूपये तक की सीमा में अनुदान। 2. स्वयं के भूखण्ड पर आवास का निर्माण करने की स्थिति में अधिकतम 5 लाख रूपये निर्माण लागत की सीमा में, वास्तविक निर्माण लागत का 25 प्रतिशत तक, अनुदान। वरीयता (योजना की अन्य शर्तें पूरा करने की स्थिति में) - (i) बीपीएल श्रेणी के हिताधिकारी को, (ii) अनु. जाति/अनु. जन जाति के हिताधिकारी को, (iii) विशेष योग्यजन को (iv) केवल दो पुत्रियाँ वाले हिताधिकारियों को (v) पालनहार योजना में आने वाली महिला/परिवार को (vi) तथा एक से अधिक वर्षाें अर्थात्, 2, 3 या 4 वर्षों से मण्डल में पंजीकृत हिताधिकारी को वरीयता दी जावेगी। पात्रता एवं शर्ते- 1. मण्डल में कम से कम 1 वर्ष से हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो; 2. यदि स्वयं के भूखण्ड पर आवास बनाता है तो भूखण्ड प

Agriculture Schemes of Rajasthan - प्रमाणित बीज वितरण हेतु अनुदान सहायता

प्रमाणित बीज वितरण हेतु अनुदान सहायता फसल उत्‍पादन में गुणवत्‍तायुक्‍त /प्रमाणित बीज का प्रमुख योगदान है। इससे ना केवल प्रति इकाई फसल उत्‍पादन में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होती है, अपितु फसल उत्‍पादन के अन्‍य आदानों यथा उर्वरक, सिचाई आदि का भी समुचित उपयोग होता है। देय लाभ :- विभाग द्वारा संचालित विभिन्‍न योजनाओं के तहत प्रमाणित बीज वितरण पर देय लाभ का विवरण निम्‍नानुसार है। 1     दलहनी फसले (मूंग, मोठ, उडद, अरहर, चना)-   15 वर्ष तक की अवधि की अधिसूचित किस्‍मों के बीज की कीमत का 50 प्रतिशत अ‍थवा रूपये 2500 प्रति क्वि. जो भी कम हो 2     मोटा अनाज (बाजरा, ज्‍वार, मक्‍का, जौ) की किस्‍में-        सामान्य किस्‍में-    10 वर्ष से कम अ‍वधि की अधिसूचित किस्‍मों के बीज की कीमत का 50 प्रतिशत अ‍थवा रूपये 1500 प्रति क्वि. जो भी कम हो संकर किस्‍में -   10 वर्ष से कम अ‍वधि की अधिसूचित किस्‍मों के बीज की कीमत का 50 प्रतिशत अ‍थवा रूपये 5000 प्रति क्वि. जो भी कम हो। 3     गेहूं एवं धान-       10 वर्ष से कम अ‍वधि की अधिसूचित किस्‍मों के बीज की कीमत का 50 प्रतिशत अ‍थवा रूपये

Sahyog and Uphar Plan of Rajasthan सहयोग एवं उपहार योजना

सहयोग एवं उपहार योजना   योजना की वर्तमान स्थिति राजस्थान सरकार द्वारा 1997-98 से आर्थिक दृष्टि से कमजोर विधवा महिलाओं के पुत्रियों के विवाह के लिए अनुदान योजना प्रारम्भ की गयी थी। इसी प्रकार वर्ष 2005 में बी.पी.एल. परिवारों को पुत्रियों के विवाह हेतु सहयोग योजना शुरू की गयी थी। राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 में दोनों योजनाओं को एक करके  सहयोग एवं उपहार योजना शुरू की गयी थी। योजना का लाभ पात्र व्यक्ति को समय पर एवं पारदर्शिता से मिले, इस हेतु इस वर्ष ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से सहायता राशि स्वीकृत करने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा रही है। लाभांवित वर्ग- सहयोग एवं उपहार योजना सभी वर्गों के बी.पी.एल. परिवार, अन्त्योदय परिवार, आस्था कार्डधारी परिवार तथा आर्थिक दृष्टि से ऎसे कमजोर परिवार जिनमें कमाने वाला वयस्क व्यक्ति नहीं हो, ऎसी विधवा महिलाओं की पुत्रियों के विवाह के लिए सहायता राशि उपलब्ध करायी जाती है। देय सहायता राशि- सहयोग एवं उपहार योजना में वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार देय सहायता राशि में वृद्धि की ग

Rajasthan Shubh Shakti Yojna of Construction Workers Welfare Board - शुभशक्ति योजना

श्रमिक कल्याण मण्डल, राजस्थान की शुभशक्ति योजना इस योजना का शुभारंभ श्रम विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा किया गया है । इस योजना का उद्देश्य श्रमिकों के हितों की रक्षा और अविवाहित महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है । हितलाभ-  हिताधिकारियों की वयस्क व अविवाहिता पुत्री को तथा महिला हिताधिकारी को 55,000 रूपये प्रोत्साहन/सहायता राशि देय होगी। प्रोत्साहन राशि का उपयोग महिला हिताधिकारी/पुत्री के विवेक के अनुसार आगे शिक्षा या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने, स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ करने, कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने आदि में तथा स्वयं के विवाह हेतु उपयोग में लिया जाएगा । पात्रता एवं शर्ते· 1 लड़की के पिता या माता अथवा दोनों, कम से कम एक वर्ष से श्रमिक कल्याण मण्डल में पंजीकृत हिताधिकारी/निर्माण श्रमिक हों। पंजीयन कराने  के लिए किसी भी ई मित्र केन्द्र से हिताधिकारी को https://sso.rajasthan.gov.in/signin लिंक पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा । सबसे पहले उसे अपनी SSO आई डी  बनानी होगी और फिर श्रम विभाग के एप पर क्लिक करके पंजीयन करवाना होगा ।  2 अधिकतम् दो पुत्रियो

झालावाड़ जिले के कंवरपुरा मण्डवालान से मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना का शुभारंभ

झालावाड़ जिले के कंवरपुरा मण्डवालान से मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना का शुभारंभ    जयपुर, 6 जनवरी। मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना गांव को स्वच्छ, स्वस्थ एवं सुन्दर बनाने के लिए प्रारम्भ की गई राज्य सरकार की महत्ती योजना है। यह योजना राज्य की उन ग्राम पंचायतों में लागू की जा रही है जो कि खुले में शौच जाने के अभिशाप से मुक्त (ओडीएफ) हो चुकी है। योजना का राज्य स्तरीय शुभारंभ शुक्रवार को पंचायत समिति खानपुर की ग्राम पंचायत कंवरपुरा मण्डवालान में राज्य जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटीदार, संसदीय सचिव श्री नरेन्द्र नागर, जिला प्रमुख टीना कुमारी भील तथा जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी द्वारा किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए श्रीकृष्ण पाटीदार ने कहा कि जिले की पहली ओडीएफ ग्राम पंचायत कंवरपुरा मण्डवालान के लिए बड़े ही गर्व का विषय है कि मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना का शुभारम्भ यहां से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना के प्रारम्भ होने से न सिर्फ ग्राम पंचायत कंवरपुरा मण्डवालान को बल्कि राज्य की ओडीएफ हो चुकी अन्य ग्राम पंचाय

Prasav Sakhi Programme of Rajasthan - राजस्थान का ‘प्रसव सखी‘ कार्यक्रम

राजस्थान का ‘प्रसव सखी‘ कार्यक्रम  (Prasav Sakhi Programme of Rajasthan) राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने 2 अक्टूबर 2016 को प्रदेश में ‘प्रसव सखी‘ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रदेश में भी अधिक प्रसवभार वाले 30 राजकीय चिकित्सालयों में तमिलनाडु एवं छत्तीसगढ़ राज्यों की तर्ज पर ‘प्रसव सखी‘ कार्यक्रम को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रारंभ किया गया। इनमें चुनिंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामिल है। इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में ‘प्रसव सखी‘ द्वारा प्रसूता को प्रसव पीड़ा में भावनात्मक सहयोग प्रदान करने एवं डिलीवरी के दौरान चिकित्सालय में उसके साथ ‘प्रसव सखी‘ के रह सकने का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत प्रसव सखी का चयन करते समय स्वयं के परिवार की प्रसव की अनुभवी महिला को प्राथमिकता दी जाती है। योजना में प्रसव के समय प्रसूता के साथ उसके परिवार की स्वस्थ एवं व्यावहारिक महिला का प्रसव सखी के रूप में सहयोग लिया जा रहा है। प्रसव सखी डिलीवरी के समय प्रसूता को भावनात्मक रूप से सहयोग देने के साथ ही जन्म के तुर

राजस्थान पशु बांझपन निवारण शिविर योजना (Combat Infertility in Cattle)

राजस्थान  पशु बांझपन निवारण शिविर योजना  (Combat Infertility in Cattle) उद्देश्यः- राजस्थान प्रदेश में उपलब्ध पशुधन में से लगभग 10 प्रतिशत पशुधन प्रतिवर्ष बांझ होता है। बांझ पशुधन का समय पर उपचार होने से इन्हें प्रजनन योग्य बनाकर गर्भित किया जा सकता है। इसके लिये पशुपालकों को अपने पशुओं को बांझ होने से बचाने के उपायों की जानकारी उपलब्ध करवाना तथा उन्हें ऐसे पशुओं का चिह्नीकरण कर समय पर पूर्ण इलाज करवाने के लिये प्रेरित करना आवश्यक है। कार्य योजनाः- इस योजना के तहत् समस्त जिलों में पशुधन की संख्या एवं पशुधन के आधार पर 4 से 5 गांवों के एक काॅम्पेक्ट क्षेत्र का बांझ निवारण शिविर लगाने हेतु चयन किया जाता है। चयनित गांवों के बांझ पशुओं के पशुपालकों की सूची सर्वे कर तैयार की जाती है। प्रत्येक शिविर की अवधि 5 दिवस होती है। प्रत्येक शिविर में कम से कम 50 पशुओं का बांझपन उपचार किया जाना आवश्यक है। शिविरों के आयोजन हेतु औषधियों का उपयोग पशुधन निःशुल्क आरोग्य दवा योजनान्तर्गत उपलब्ध औषधियों में से किया जाता है। शिविरों के आयोजन हेतु यदि ऐसी औषधियों की आवश्यकता है जो विभागीय अनुमो

MUKHYAMANTRI RAJSHREE SCHEME - मुख्यमंत्री राजश्री योजना

बेटियां घर की लक्ष्मी हैं लेकिन कई कारणों से बालिकाओं की जन्म दर कम रही है। बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने, उन्हें शिक्षित व सशक्त बनाने के लिए सरकार ने 1 जून 2016 से मुख्यमंत्री राजश्री योजना राज्य में शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य है कि बेटियों की जन्म दर बढ़े, बेटियों को अच्छी परवरिश मिले व बेटियां पढ़ लिखकर आगे बढ़ें।  बजट घोषणा 2016-17 के अनुसार मुख्यमंत्री‬ ‪शुभलक्ष्मी‬ ‎योजना‬ का नाम बदलकर आज से मुख्यमंत्री ‪‎राजश्री‬ योजना हो गया। इसी के साथ ही इसमें लाभान्वित राशि भी 7400 रुपए से बढ़कर 50 हजार रुपए कर दी  गई। शुभलक्ष्मी योजना में सरकार सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाली बेटी को 2100 रुपए की आर्थिक सहायता देती थी तथा योजना के तहत समय-समय पर मां-बेटी को 7400 रुपए तक की आर्थिक सहायता देने का भी प्रावधान था। शुभलक्ष्मी योजना 1 अप्रैल 2013 से संचालित थी जो अब राजश्री योजना हो गयी है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने शुभलक्ष्मी योजना का नाम बदलने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी 50 हजार रुपए कर दी है एवं इसका लाभ 1 जून से सरकारी अस्पतालों तथा जेएसवाई द्वा

Annapurna kitchen scheme अन्नपूर्णा रसोई योजना

राजस्थान सरकार ने राज्य के शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों, रिक्शावालों, ठेलेवालों, ऑटोवालों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं, बुजुर्गों एवं अन्य असहायों, जरूरतमंद व्यक्तियों को ध्यान में रखकर उनकी सेहत के लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरूआत की है। इस योजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा 15 दिसंबर 2016 को किया गया है।  इस योजना में अन्नपूर्णा रसोई वैन के माध्यम से मात्र रु 5 में नाश्ता तथा मात्र रु 8 में पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। योजना के पहले चरण में 12 शहरों में 80 अन्नपूर्णा रसोई वैनों के माध्यम से नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराया जाएगा- जयपुर जोधपुर कोटा अजमेर बीकानेर उदयपुर भरतपुर बारां बांसवाड़ा डुंगरपुर प्रतापगढ़ झाला वाड़ अन्नपूर्णा रसोई योजना की विशेषताएं इस रसोई वैन में लाभार्थियों के लिए नाश्ता, दोपहर का भोजन एवं रात्रि का भोजन उपलब्ध होगा। योजना में नाश्ता मात्र 5 रुपये में मिलेगा। नाश्ता के रूप में पोहा, सेवइयाँ, इडली साँभर, लापसी, ज्वार खिचड़ा, बाजरा खिचड़ा, गेहूं खिचड़ा आदि मिलेंगे। इस योजना में

मिशन परिवार विकास परियोजना

परिवार कल्याण सेवाओं को प्रभावी बनाने हेतु मिशन परिवार विकास     जयपुर, 26 दिसम्बर। परिवार कल्याण सेवाओं का प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने हेतु ‘मिशन परिवार विकास‘ परियोजना के तहत प्रदेश के 14 जिलों में विशेष कार्ययोजना बनाकर कुल प्रजनन दर सहित विभिन्न परिवार नियोजन मापदंड़ों में सुधार लाया जायेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा युनीसेफ, युएनएफपीए, निपी तथा पाथ फाईन्डर इत्यादि संगठनों के साथ चयनित जिलों में प्रभावी परिवार कल्याण गतिविधियां की जायेगी। मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सोमवार को झालाना डूंगरी स्थित राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केन्द्र में आयोजित ‘मिशन परिवार विकास‘ की आमुखीकरण कार्यशाला में यह जानकारी दी।  ‘मिशन परिवार विकास‘ में शामिल 14 जिले  धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर व भरतपुर (भरतपुर संभाग), उदयपुर, डूंगरपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा (उदयपुर संभाग), जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली व सिरोही (जोधपुर संभाग) एवं कोटा संभाग के बारां है। केन्द्र द्वारा कुल प्रजनन दर मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्युदर अधिक वाले 14 जिलों को मिशन परिवार विकास