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'The India Toy Fair' will be organized virtually from February 27, 2021 to March 2, 2021

‘भारत खिलौना मेला’ का आयोजन वर्चुअल माध्यम से 27 फरवरी 2021 से दो मार्च 2021 तक  'The India Toy Fair' will be organized virtually from February 27, 2021 to March 2, 2021 भारत सरकार वर्चुअल माध्यम से 27 फरवरी , 2021 से 2 मार्च , 2021 तक भारत खिलौना मेला , 2021 ( द इंडिया टॉय फेयर, 2021 The India Toy Fair ) का आयोजन कर रही है। यह पहल भारत को खिलौना उद्योग के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने को लेकर प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इस मेले का उद्देश्य स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए “ आत्मनिर्भर भारत ” और “ वोकल फॉर लोकल ” अभियानों के बुनियादी विषयों को एक प्रोत्साहन प्रदान करना है। इसके अलावा इसका उद्देश्य शिक्षा में सभी उम्र के लोगों की सीखने की प्रक्रिया को आनंदपूर्ण बनाने में खिलौने की क्षमता का लाभ भी उठाना है। भारत खिलौना मेला 2021 का उद्देश्य- नीति निर्माताओं , खिलौना निर्माताओं एवं वितरकों , निवेशकों , उद्योग विशेषज्ञों , सूक्ष्म , लघु एवं मध्यम उद्यमों ( एम

What is sweet revolution | क्या है मीठी क्रांति

  क्या है मीठी क्रांति- What is sweet revolution मीठी क्रांति sweet revolution शहद का उत्पादन बढ़ाने के लिए की जाने वाली क्रांति है। इस sweet revolution के जरिए किसानों को देश और विदेश में ग्राहक देकर उनकी आमदनी बढाई जानी है। ध्यातव्य है कि देश में सालाना 1.10 लाख टन शहद का उत्पादन होता है। अगले पांच साल में इसे दुगुना करने का लक्ष्य है। इस समय लगभग 10 हजार पंजीकृत किसान 15 लाख मधुमक्खियों की कॉलोनी बनाकर शहद उत्पादन कर रहे हैं। दुनिया भर में हम शहद बनाने वालों में टॉप-5 में है। इसे तेजी से बढ़ाने का लक्ष्य है। अनुमान है कि इससे आय में वृद्धि के साथ, फसलों का उत्पादन भी 15% तक बढ जाएगा। मीठी क्रांति sweet revolution के उदेश्य • किसानो को मधुमक्खी पालन से जोड़कर रोजगार प्रदान करना है। • कृषि एवं उद्यानिकी उपज तथा किसानों की आय को बढ़ाना। • शहद उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को अग्रणी बनाना। • बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाना। • गुणवतायुक्त शहद का उत्पादन। मधुमक्खी पालन एक कृषि आधारित गतिविधि है , जो एकीकृत कृषि व्यवस्था ( आईएफएस ) के तहत ग्रामीण क्षेत्र में किसान / भूमिहीन मज

Rajasthan Current Affairs 5-11 February 2021

  जनजातीय विद्यार्थियों के कौशल प्रशिक्षण हेतु टीएडी एवं सीपेट में करार सीपेट 90 जनजातीय विद्यार्थियों को 3 माह का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा जनजातीय युवाओं को नवीनतम तकनीकी से जोड़ने एवं उनके कौशल संवर्धन हेतु जनजाति क्षेत्रीय विकास ( टीएडी) विभाग एवं भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का जयपुर स्थित सीपेट संस्थान जनजातीय विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण देने हेतु सहमत हो गये हैं ।  संयुक्त शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग ( टीएडी) , श्रीमती नेहा गिरी ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं सीपेट के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत जयपुर स्थित सीपेट 90 जनजातीय विद्यार्थियों को प्लास्टिक प्रोसेसिंग और सीएनसी लेथ मशीन के तीन विभिन्न कार्यों के लिये 3 महीने का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा। समझौता पत्र पर टीएडी की ओर से आयुक्त श्री जितेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं सीपेट संस्था के निदेशक डॉ. सैय्यद अमानुल्ला ने हस्ताक्षर किये ।  प्लास्टिक प्रोसेसिंग प्रशिक्षण के लिये जनजातीय समुदाय का राजस्थान का मूल निवासी होना, 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण व आयु 18 से 35 वर्

90 जनजातीय विद्यार्थियों के कौशल प्रशिक्षण हेतु टीएडी एवं सीपेट में करार | Agreement on TAD and CIPET for skill training of 90 tribal students

जनजातीय विद्यार्थियों के कौशल प्रशिक्षण हेतु टीएडी एवं सीपेट में करार सीपेट 90 जनजातीय विद्यार्थियों को 3 माह का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा जनजातीय युवाओं को नवीनतम तकनीकी से जोड़ने एवं उनके कौशल संवर्धन हेतु जनजाति क्षेत्रीय विकास ( टीएडी) विभाग एवं भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का जयपुर स्थित सीपेट संस्थान जनजातीय विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण देने हेतु सहमत हो गये हैं ।  संयुक्त शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग ( टीएडी) , श्रीमती नेहा गिरी ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं सीपेट के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत जयपुर स्थित सीपेट 90 जनजातीय विद्यार्थियों को प्लास्टिक प्रोसेसिंग और सीएनसी लेथ मशीन के तीन विभिन्न कार्यों के लिये 3 महीने का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा। समझौता पत्र पर टीएडी की ओर से आयुक्त श्री जितेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं सीपेट संस्था के निदेशक डॉ. सैय्यद अमानुल्ला ने हस्ताक्षर किये ।  प्लास्टिक प्रोसेसिंग प्रशिक्षण के लिये जनजातीय समुदाय का राजस्थान का मूल निवासी होना, 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण व आयु 18 से 35 वर्ष

राज्यपाल श्री कलराज मिश्र द्वारा विधान सभा में दिए अभिभाषण का मूल पाठ | Governor Shri Kalraj Mishra's Abhibhashan in Vidhansabha's 15th session

राज्यपाल श्री कलराज मिश्र द्वारा पन्द्रहवीं राजस्थान विधान सभा के छठे सत्र में दिए अभिभाषण का मूल पाठ माननीय अध्यक्ष महोदय एवं माननीय सदस्यगण, पन्द्रहवीं विधान सभा के षष्ठम् सत्र के शुभारम्भ के अवसर पर मैं माननीय सदस्यों का अभिवादन करता हूँ और राज्य सरकार को प्रदेश के निरन्तर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिये बधाई देता हूँ। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण वर्ष 2020 में अनेक कटु अनुभवों का एहसास करना पड़ा। मुझे विश्वास है कि नववर्ष 2021 हम सबके लिये निरोगी, सुखद, वैभवशाली एवं मंगलमय होगा। 2. मेरी यह अपेक्षा है कि माननीय सदस्यगण इस सत्र में गहन चिन्तन और विचार-विमर्श कर प्रदेश की प्रगति, समृद्धि और चहुंमुखी विकास के लिये अपने ठोस सुझावों से सरकार को आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। 3. मुझे यह बताते हुये हर्ष है कि राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे विभिन्न नवाचारों से प्रदेश को नई पहचान मिली है। महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप के सिद्धांतों पर चल रही प्रदेश सरकार ने समृद्ध एवं विकसित राजस्थान के नवनिर्माण की परिकल्पना को नई दिशा देने के लिये हर सम्भव प्रयास किये हैं। 4. वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान