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International Day of Non-Violence 2 October अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर पृष्ठभूमि- अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस महात्मा गांधी के जन्मदिन पर 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसे भारत में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस स्थापित करने के लिए मतदान हुआ। महासभा में सभी सदस्यों ने 2 अक्टूबर को इस रूप में स्वीकार किया।  महात्मा गांधी का जीवन और नेतृत्व प्रेरणादायक - गांधी, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता की ओर अग्रसर किया, दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और सामाजिक परिवर्तन के लिए अहिंसक आंदोलनों की प्रेरणा रहे हैं। अपने पूरे जीवन के दौरान, गांधी दमनकारी परिस्थितियों में बड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए भी अहिंसा के प्रति अपने विश्वास के लिए प्रतिबद्ध थे। उनके कार्यों के पीछे का सिद्धांत, जिसमें 1930 के ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह के साथ ब्रिटिश कानून के लिए बड़े पैमाने पर सविनय अवज्ञा को प्रोत्साहित करना शामिल था, वह यह था कि "पवित्र साधन से ही पवित्र  साध्य की प्राप्ति होती है"; अर्थात्, शांतिपूर्ण समाज को प्राप्त करने के ल

Mahatma Gandhi's Rajasthan Visits

गाँधी जी की राजस्थान यात्राओं के किस्से - देश के स्वाधीनता आंदोलन को जन आंदोलन बनाने वाले महात्मा गांधी का यह वर्ष 150वां जयंती वर्ष है। आने वाले 2 अक्टूबर को देश और विश्व गांधीजी की 150वीं जयंती मनाएगा। गांधीजी के विचारों के कारण ही आज राजस्थान ही नहीं वरन समूचा विश्व उन्हें याद कर रहा हैं। गांधी स्वयं ‘वन मैन आर्मी' थे। उन्होंने अपने जीवन दर्शन से लाखों लोगों को अपने साथ जोड़ कर सम्पूर्ण भारत में एक बड़ा आन्दोलन तैयार किया। गांधीजी ने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान भारत भ्रमण किया। राजस्थान से उनका खासा लगाव था। लेकिन वे अपने जीवन काल में केवल तीन बार ही राजस्थान आए एवं स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े गांधीवादियों को मार्गदर्शन दिया। वे तीन बार 1921, 1922 और 1934 में राजस्थान आए। तीनों ही बार वे अजमेर ही आए। गांधीजी का मानना था कि देशी राजा अंग्रेजी हुकूमत के सहारे ही टिके हैं, और अजमेर-मेरवाड़ा सीधे अंग्रेजी शासन के अधीन था। अत: उन्होंने अजमेर आकर अंग्रेजों से सीधे लड़ाई को चुना। तुम घोषणा कर दो कि गांधी बिना शास्त्रार्थ के ही हार गया- गांधीजी की इन तीन अजमेर यात्राओं में सबसे महत

कस्‍तूरबा गांधी बालिका विद्यालय [केजीबीवी बालिका छात्रावास योजना]

कस्‍तूरबा गांधी बालिका विद्यालय [केजीबीवी बालिका छात्रावास योजना] निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार का अधिनियम 2009 और इस अधिनियम के अन्तर्गत बनाए गए निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम-2011 के तहत्‌ राज्य सरकार एवं स्थानीय निकायों का यह संवैधानिक दायित्व है कि 6-14 वर्ष के सभी बच्चे अनिवार्य रूप से शाला में दर्ज हों, शाला में नियमित उपस्थिति रहे तथा सभी बच्चे न्यूनतम 8 वीं स्तर की गुणवत्तायुक्त शिक्षा अवश्य पूर्ण करें। इस कानून को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए यह आवश्यक है कि लक्षित आयु वर्ग समूह के सभी बच्चों को चिह्नित किया जाए तथा सभी बच्चों के संबंध में उपरोक्तानुसार उपलब्धि सुनिश्चित की जाए।  कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) योजना भारत सरकार द्वारा अगस्त, 2004 में उच्च प्राथमिक स्तर पर आवासीय विद्यालयों की स्थापना के लिए शुरू की गई थी, जो मुख्य रूप से दुर्गम क्षेत्रों में वंचित तबकों की लड़कियों विशेषकर SC, ST, OBC और अल्‍पसंख्‍यक समुदाय की  लड़कियों के लिए के लिए आरंभ की गई । यह योजना देश के शैक्षणिक रूप से पिछड़े ब्लॉक्स (EBB) में लागू

मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना

मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना योजना की पात्रता- 1.    छात्र-छात्रा के माता-पिता/सरंक्षक की वार्षिक आय 5.00 लाख रूपये के कम हो। 2.    छात्र-छात्रा विभाग द्वारा सूचीबद्ध राष्ट्रीय स्तर की शिक्षण संस्थाओं में संचालित पाठ्यक्रम अन्तर्गत नियमित अध्ययनरत हो  3.    छात्र-छात्रा किसी भी वर्ग/जाति से हो। 4.    छात्र-छात्रा राजस्थान का मूल निवासी हों।     उक्त योजना में शिक्षण संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों से ली गई नोन रिफन्डेबल फीस का 50 प्रतिशत राशि का पुनर्भरण/भुगतान नियमानुसार देय है। आवश्यक दस्तावेज- 1. भामाशाह आई.डी.  2. आधार कार्ड 3. मूल निवास प्रमाण पत्र  4. आय घोषणा पत्र 5. फीस की रसीद 6. अन्तिम उत्तीर्ण परीक्षा की अंक तालिका देय लाभ- विद्यार्थियों को शिक्षण संस्था द्वारा ली जाने वाली अनिवार्य अप्रतिदेय शुल्क/फीस राशि की आधी अर्थात 50 प्रतिशत फीस राशि का ही पुनर्भरण किया जाता है। अनुरक्षण भत्ता एवं प्रतिदेय शुल्क/ फीस राशि का पुनर्भरण नहीं किया जावेगा। ग्रुप कोर्स (यह कोर्स केवल उदारणार्थ है, विस्तृत कोर्स नियमावली में उपलब्ध ह

Shantiswaroop Bhatnagar Awards 2019 are announced शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2019 की घोषणा

आज अपने स्थापना दिवस के अवसर पर वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने वर्ष 2019 के लिए भारत के सर्वोच्च बहुविषयक विज्ञान पुरस्कार , प्रतिष्ठित ''शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार 2019'' के विजेताओं के नामों की घोषणा कर दी गई है। शांति स्वरूप भटनागर अवॉर्ड फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी, गणित, चिकित्सा विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान और इंजीनियरिंग जैसी 7 अलग-अलग कैटगरी में सीएसआईआर द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किए जाते हैं। विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं के नाम इस प्रकार हैं :- 1. जीव विज्ञान - डॉ. कायरात साई कृष्णन (भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान , पुणे) - डॉ. सौमेन बसक (राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान , नई दिल्ली) 2. रासायनिक विज्ञान - डॉ. राघवन बी सुनोज (आईआईटी , बॉम्बे) - डॉ. तापस कुमार माजी (जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र , बेंगलुरु) 3. पृथ्वी , वायुमंडल , महासागर और ग्रह विज्ञान - डॉ. सुबिमल घोष (आईआईटी , बॉम्बे) 4. इंजीनियरिंग विज्ञान - डॉ. माणिक वर्मा (माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया , बेंगलुरु)

Sherub Arora of Sri Ganganagar won Third Prize in CSIR Innovation Award for School Children-2019

स्कूली बच्चों के लिए सीएसआईआर इनोवेशन अवार्ड-2019 में श्री गंगानगर के शेरूब अरोड़ा ने जीता तृतीय पुरस्कार - Sherub Arora of Sri Ganganagar won Third Prize in CSIR Innovation Award for School Children-2019 स्कूली बच्चों के लिए सीएसआईआर इनोवेशन अवार्ड-2019 में राजस्थान के श्री गंगानगर के नोजगाय पब्लिक स्कूल के नौवीं कक्षा के छात्र शेरूब अरोड़ा ने तृतीय पुरस्कार जीता है। इसके अंतर्गत उन्हें 30000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। शेरूब अरोरा को उनके नवाचार युक्त प्रोजेक्ट ' GREEN DESERT' के निर्माण के लिए दिया गया है। 'GREEN DESERT' एक ऐसा उपकरण है, जो रेगिस्तान एवं कम पानी वाले क्षेत्रों में होने वाली न्यून वर्षा के जल को एकत्रित करके पौधों को बहुत कम पानी में पोषण देने के लिए किया जा सकता है। शेरूब ने बारिश के पानी का बेहतर दोहन करने के लिए एक बहुत ही सरल और बहुत उपयोगी "जल-बैटरी" ( water battery) बनाई है। यह जल-बैटरी वर्षा जल का संग्रह करती है जिसका उपयोग पौधों को सींचने में किया जाता है। उ नके द्वारा निर्मित प्रत्येक जल-बैटरी में 17 लीटर की जल

Rajasthan's Payal Recieved Global Change Maker Award

राजस्थान की पायल को मिला ग्लोबल चेंज मेकर पुरस्कार बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा अमेरिका में राजस्थान के अलवर जिले के हिंसला गांव की रहने वाली पायल जांगिड़ को मंगलवार को चेंज मेकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्‍मान उन्‍हें न्यूयॉर्क में 'गोलकीपर्स ग्लोबल गोल्स अवार्ड्स 2019' समारोह में दिया गया। इसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ग्लोबल गोलकीपर पुरस्कार दिया गया।  राजस्थान में बाल विवाह और बाल श्रम जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाद बुलंद करने के लिए पायल को यह सम्मान दिया गया। पायल की उम्र महज 17 साल है। पायल के माता-पिता बचपन में ही उसकी शादी करना चाहते थे, लेकिन पायल ने शादी करने से साफ मना कर दिया था। किसान पिता पप्पू जांगिड़ और गृहणी मां की पुत्री पायल ने न सिर्फ खुद के बाल विवाह से इनकार नहीं किया, बल्कि उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ प्रदेश में एक आंदोलन भी छेड़ दिया।  प्रारम्भ में पायल ने अपने गांव में ही नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के 'बचपन बचाओ आंदोलन' के 'बाल मित्र ग्राम (बीएमजी) कार्यक्रम' में