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Firewood free village scheme जलाऊ लकड़ी मुक्त ग्राम योजना-

जलाऊ लकड़ी मुक्त ग्राम योजना- टाईगर रिजर्व क्षेत्रों में गैस कनेक्शन वितरण योजना ग्रामीण लोग र्इंधन की आवश्यकताओं और प्रायः अपनी आजीविका के लिए भी वन संसाधनों एवं वन उत्पादों पर निर्भर रहते हैं। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में जलाऊ लकड़ी घरेलू र्इंधन का परम्परागत स्त्रोत रही है, जो प्रायः क्रय नहीं की जाकर संरक्षित क्षेत्रों व वन क्षेत्रों से एकत्रित की जाती रही है। संरक्षित क्षेत्रों और उनके आस-पास के क्षेत्रों से जलाऊ लकड़ी एकत्रित करने से वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास खत्म होता है। इससे वन्यजीव एवं मानव के बीच संघर्ष बढ़़ता है एवं वन्यजीवों तथा स्थानीय लोगों दोनों के लिए संकट उत्पन्न होता है। सबसे अधिक समस्या टाईगर रिजर्व के सन्दर्भ में देखी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों विशेषतः संरक्षित क्षेत्रों के आस-पास के गांवों में रहने वाली महिलाओं का काफी समय जलाऊ लकड़ी एकत्रित करने में व्यतीत होता है। इस कारण अन्य आय सृजन गतिविधियों एवं गृह कार्यों के लिए उनके पास अपेक्षाकृत कम समय उपलब्ध हो पाता है। चूल्हे के धुएं से महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। आवश्यकता इस बात की है क

प्रतापगढ़ में जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना को मंजूरी -

देश के 62 जिलों में नए जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना को मंजूरी दी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2,871 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अब तक कवर न हुए 62 जिलों में एक - एक जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) खोलने को मंजूरी दी है। 12 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान इस उद्देश्य के लिए 109.53 करोड़ रुपये का खर्च होगा और साथ ही 2017-18 से 2024-25 तक के लिए 2,761.56 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। ये जवाहर नवोदय विद्यालय प्रतिभाशाली बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाली आधुनिक शिक्षा प्रदान करेंगे और इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे प्रमुख रूप से शामिल रहेंगे। यह उम्मीद है कि करीब 35,000 छात्रों को इन जवाहर नवोदय विद्यालयों से लाभ मिलेगा। एक संपूर्ण जवाहर नवोदय विद्यालय में 47 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करवाया जाता है और इस अनुसार 62 विद्यालयों में 2,914 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष स्थायी रोजगार प्रदान किया जाएगा। चूंकि ये विद्यालय आवासीय और सह-शिक्षा वाली प्रकृति के हैं , इसलिए सभी कर्मचार