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राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज- 12 मई 2012 Rajasthan GK Quiz

1. राजस्थान राज्य सरकारी क्रय विक्रय संघ लिमिटेड (राजफैड) का मुख्यालय कहाँ स्थित है? उत्तर- जयपुर में 2. डेयरी एवं खाद्य विज्ञान प्रौद्योगिकी महाविद्यालय राजस्थान में कहाँ स्थित है? उत्तर- उदयपुर में 3. किस फसल को प्रायः पीला सोना भी कहा जाता है? उत्तर- जोजोबा को 4. राज्य के किस एकमात्र शहर का लक्ष्मण मंदिर बहुत प्रसिद्ध है? उत्तर- भरतपुर 5. मुस्लिम संत खुदाबख्श बाबा की दरगाह कहाँ स्थित है? उत्तर- सादड़ी (पाली) में 6. मेजा बाँध का निर्माण किस नदी पर किया गया है? उत्तर- कोठारी नदी पर 7. रियासतकालीन वॉल्टर योजना किससे संबंधित है? उत्तर- नमक व्यापार से 8. सींकला, झेरणा, नेतरा, गिड़गिड़ी शब्दावली किससे संबंधित है? उत्तर- दही बिलौने से 9. राजस्थान 3077, दुर्गापुरा-65, ट्रिट्रिकम, गंगा सुनहरी किस खाद्यान्न की किस्म हैं? उत्तर- गेंहूं की 10. तुर्रा कलंगी किस श्रेणी की लोक विधा है? उत्तर- ख्याल 11. अजमेर में आनासागर झील का निर्माण किस शासक ने करवाया था? उत्तर- अर्णोराज ने 12. बूंदी का किला किस राजा ने बनवाया था? उत्तर- राजा नगर सिंह ने 13. कोटा मे

राजस्थान आवास विकास लिमिटेड का नाम बदला

राजस्थान आवास विकास लिमिटेड की हाल ही में जयपुर में आयोजित विशेष बैठक में सर्व सम्मति से नया नाम "राजस्थान आवास विकास एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (आर ए वी आई एल)" रखने का निर्णय लिया गया। नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री गुरदयाल सिंह संन्धु की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नगरीय विकास विभाग द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन के अनुमोदन के बाद अब इस कंपनी में राज्य सरकार की अंश पूंजी 51 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त राजस्थान आवासन मंडल और जयपुर विकास प्राधिकरण की अंश पूंजी क्रमशः 25 व 24 प्रतिशत रखी गई है। बैठक में नई कंपनी के नियम एवं उपनियमों पर विस्तृत विचार विमर्श कर अंतिम रूप दिया गया। यह सरकारी कंपनी अब अफोर्डेबल हॉउसिंग पॉलिसी 2009 के क्रियान्वयन के लिए भवन निर्माण की योजना, डिजाईन, विकास, निर्माण तथा वित्तीय संसाधन जुटाने आदि के कार्य करेगी। इससे अफोर्डेबल हॉउसिंग पालिसी 2009 के तहत कराए जाने वाले निर्माण कार्यो में गति आएगी। कम्पनी के 10 सदस्यीय निदेशक मंडल के अध्यक्ष नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के मंत्री श्री शांति

Current Affairs Of Rajasthan-

राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता विधेयक, 2012 विधानसभा में पारित

राज्य विधानसभा ने अपने बजट अधिवेशन में राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता विधेयक, 2012 को 25 अप्रैल को ध्वनिमत से पारित कर दिया। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों की जानकारी दी कि उपापन प्रक्रिया में पारदर्शिता, बोली लगाने वालों को उचित एवं साम्यपूर्ण व्यवहार, प्रतियोगिता में अभिवृद्धि करने, दक्षता और मितव्ययता को बढ़ाने और सत्यनिष्ठा के संरक्षण के उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है। सदन में श्री धारीवाल ने बताया कि राज्य सरकार उपापन (प्रक्योरमेंट) में पूरी पारदर्शिता लाने के लिए संकल्पबद्ध है। इस कानून की प्रभावी क्रियान्विति के सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे। राज्य सरकार राज्य स्तरीय प्रक्योरमेंट पोर्टल बनाएगी जिसमें निविदा एवं कार्य के सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी का उल्लेख होगा। प्रदेश में 50 लाख रुपए से ज्यादा के कार्यों के लिए वर्तमान में ई-टेण्डरिंग व्यवस्था लागू है। साथ ही क्रय-विक्रय, निर्माण एवं सेवा क्षेत्र को विवादों, आलोचनाओं एवं शंकाओं से दूर करते हुए ऐसी पारदर्शी व्यवस्था लागू की जाएगी, जो पूर्णतः दोष रहित हो। द्वैषपूर्ण अवरोध, कार्य में व्यवधा

राजस्थान सुनवाई का अधिकार देने वाला पहला राज्य बना-

Current Affairs Of Rajasthan

राज्य विधानसभा में गुरुवार 25 अप्रैल को राजस्थान सुनवाई का अधिकार विधेयक- 2012 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री शांतिलाल धारीवाल ने सदन में विधेयक को प्रस्तुत करते हुए विधेयक लाए जाने के कारणों एवं उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोक शिकायतों एवं समस्याओं की प्रभावी और समयबद्ध तरीके से उनके निकटतम स्थानों पर सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए इस विधेयक को लाया गया है। यह महसूस किया जा रहा था कि लोगों की शिकायतों की वक्त पर सुनवाई नहीं होती थी एवं उन पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं हो पा रहा था। जितने समय में उसे न्याय मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा था। यदि ऐसी सुनवाई शिकायत के प्रारम्भ में ही उपलब्ध करा दी जाए तो इससे जनसामान्य की ऊर्जा और आर्थिक व्यय दोनों को बचेंगे। श्री धारीवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने पूरे देश में सर्वप्रथम पहल करते हुए निर्णय लिया है कि लोक शिकायतों और समस्याओं को संवेदनशीलता एवं सहानुभूति से सुना जाए और उनका त्वरित निराकरण किया जाए। यह विधेयक पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रशासन को मूर्त रूप देने के लिए पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनेगा। > सुनवा

पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बैकवर्ड रीजन्स ग्रान्ट फण्ड- B.R.G.F.)

विकास के क्षेत्र में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के लिए पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बी.आर.जी.एफ.) कार्यक्रम की शुरुआत छह वर्ष के लिए पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 2006-07 में की गई। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत 100% केन्द्रीय सहायता के लिए राजस्थान के 12 जिलों सहित देश के कुल 250 जिलों का चयन किया जा चुका है। यह कोष चयनित जिलों में मौजूदा संसाधनों की परिपूर्ति करने हेतु अतिरिक्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध करवाता है, जिसके निम्नलिखित उद्देश्य हैं- 1. स्थानीय बुनियादी ढांचे एवं अन्य विकास आवश्यकताओं संबंधी गंभीर कमियों को पूरा करना जिन्हे मौजूदा संसाधनों से पूरा नहीं किया जा पा रहा है। 2. स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप, सहभागी नियोजन, निर्णायक क्षमता, क्रियान्वयन तथा मॉनिटरिंग को सुदृढ़ बनाने हेतु क्षमता विकास (Capacity Development) के माध्यम से पंचायत एवं नगरीय निकाय स्तरीय शासन को सुदृढ़ करना। 3. स्थानीय निकायों को नियोजन, क्रियान्वयन एवं योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करना। 4. पंचायतों को सौंपे गए महत्वपूर्ण कार्यों के नियोजन एवं निष्पादन में सुधार करना एवं स्था

राजस्थान मदरसा बोर्ड की उपलब्धियाँ

1. मदरसों का पंजीकरण- मदरसा बोर्ड का गठन जनवरी, 2003 में किया गया। उस समय इसमें कुल 1635 मदरसे वक्फ बोर्ड से स्थानांतरित होकर आए। मदरसा बोर्ड के गठन से लेकर अब तक कुल 3025 मदरसों का पंजीकरण किया गया है। 2. नियुक्तियां- हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक ज्ञान विषय की प्रारंभिक स्तर की स्कूली शिक्षा की व्यवस्था के लिए बोर्ड द्वारा शिक्षा सहयोगियों की नियुक्ति की गई है। इसके अंतर्गत वर्तमान में 1793 शिक्षा सहयोगी बोर्ड के द्वारा पंजीकृत मदरसों में कार्यरत हैं। सरकार की घोषणा के अनुरूप मदरसों में 3500 शिक्षा सहयोगियों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है तथा अब तक 1870 शिक्षा सहयोगियों को मदरसा आवंटन किया जा चुका है। 3. कंप्यूटर शिक्षा- मदरसों में कंप्यूटर शिक्षा हेतु राज्य सरकार द्वारा 500 कंप्यूटर शिक्षा सहयोगियों के पदों का सृजन किया है, अब तक 487 कंप्यूटर शिक्षा सहयोगियों की नियुक्ति की जा चुकी है। 4. कक्षा आठ तक क्रमोन्नति- मुख्यमंत्री की घोषणा वर्ष 2009-10 के क्रम में मदरसा शिक्षा को कक्षा 8 तक क्रमोन्नति संबंधी आदेश राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए है। इसके अंतर्गत 251 मदरसों

राजस्थान मदरसा बोर्ड-1

"हर घर में इल्म की शमा रोशन करेंगे" के नारे के साथ अपने उद्देश्य को उद्घाटित करते राजस्थान मदरसा बोर्ड का मुख्यालय जयपुर में राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मण्डल के झालाना संस्थानिक क्षेत्र के भवन में ही स्थित है। इसके वर्तमान अध्यक्ष मौलाना मौहम्मद फज्ले-हक़ हैं जिन्हें सरकार द्वारा राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। राजस्थान में मदरसा शिक्षा का ऐतिहासिक परिपेक्ष्य:- मदरसे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक शिक्षा के परम्परागत केन्द्र रहे हैं। बड़ी संख्या में मुस्लिम बच्चे इन मदरसों में तालीम (शिक्षा) हासिल करते रहे हैं। प्रारंभ में दीनी (धार्मिक) तथा दुनियावी दोनों प्रकार की तालीम हुआ करती थी। परन्तु 1857 के पश्चात् उत्पन्न राजनीतिक एवं सामाजिक पारिस्थितियों में ये मदरसे आधुनिक शिक्षा की पहुंच से दूर होते चले गए। नतीजतन इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे केवल दीन की तालीम तक ही सीमित रहे। दीन की तालीम के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा की जरूरत एवं अहमियत को आजादी के बाद शिद्दत से महसूस किया जाने लगा। आइन (संविधान) में मुल्क के हर बच्चे को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की बात कही गई है एवं इसमें