राजस्थान की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में उपयोगी है रतनजोत की खेती रतनजोत उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में पाया जाने वाला एक झाडीनुमा पौधा है। यह वृक्षमूल वाले सभी तिलहनों में सर्वाधिक उपादेय, हरा-भरा रहने वाला, मुलायम व चिकनाईयुक्त लकड़ीवाला झाड़ीदार पौधा है जिसका वानस्पतिक नाम जेट्रोफा करकास है । यह तीन व चार मीटर की ऊंचाई का यह पादप लगभग सदाबहार व मुलायम लकड़ी का पौधा होता है। इसे राजस्थान के अर्द्ध शुष्क जलवायु के पथरीले, रेतीले व पहाड़ी क्षेत्र में आसानी से लगाया जा सकता है। इसके लिए कम पानी की जरूरत होती है, यह जल्दी फल देना भी प्रारंभ कर देता है और लगभग 30-40 सालों तक कम देख-रेख के बावजूद बहुवर्षीय रूप में फलता रहता है । इसे पशु नहीं खाते हैं और न ही इस पर बीमारियों का प्रकोप होता है। इसे खेतों के बाड़ के रूप में लगाया जा सकता है। इसका मुख्य उपयोगी भाग बीज है जिसमें लगभग पच्चीस से पैंतीस प्रतिशत तक अखाद्य तेल पाया जाता है। इसकी तीन व पाँच कोणीय हृदयाकार पत्तियाँ दो एवं पन्द्रह सेन्टीमीटर लंबी होती है। इसमें पीले-हरे फूल टहनियों के अंत में माह अप्रेल-मई
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