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राजस्थान की अंतर्राज्यीय सिंचाई एवं विद्युत् परियोजनाएं -



 1.  Chambal Valley Complex (MP, Rajasthan)

  1. Chambal (Rajasthan)
  2. Chambal (Madhya Pradesh)
  3. Chambal HE Complex (MP, Rajasthan)

2. Mahi Bajaj Sagar Dam Project (Rajasthan,Gujarat)

3. Bhakra Nangal Irrigation Project (Punjab, Haryana, Rajasthan)

  1. Bhakra Nangal (includes Bhakra main Line canal and Bist Doab Canal)-Punjab
  2. Bhakra Nangal(IS)-Rajasthan
  3. Bhakra Nangal - Haryana

4. Gurgaon Canal Irrigation Project (Haryana, Rajasthan)

  1. Gurgaon canal (Haryana)
  2. Gurgaon Canal (Rajasthan)

5. Agra Canal Irrigation Project (Haryana, UP, Rajasthan)

  1. Agra Canal (Haryana)
  2. Agra Canal (UP)
  3. Bharatpur Feeder (Rajasthan)

6. Okhla Barrage (UP, Rajasthan, Haryana)

7. Beas Unit - I & II (Punjab, Haryana, Rajasthan)

  1. Beas Unit I (Beas sutlej link)-Punjab
  2. Beas Unit II (pong dam)(Including Extension)-Punjab
  3. Beas Unit I & Unit II (Inclulding their extension)-Haryana
  4. Beas ( Unit I and Unit II)-Rajasthan

8. Sardar Sarovar Complex (Gujarat, Maharashtra, MP, Rajasthan)

  1. Sardar Sarovar Power Complex (MP, Maharashtra, Gujarat)
  2. Sardar sarovar Multipurpose Project (Gujarat)
  3. Narmada Canal (Rajasthan)

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Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

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