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Banganga Fair of Rajasthan राजस्थान का बाणगंगा मेला -

Banganga Fair of Rajasthan राजस्थान का बाणगंगा मेला - राजस्थान का 'बाणगंगा मेला' प्रतिवर्ष वैशाख माह (अप्रैल-मई) की पूर्णिमा के दिन जयपुर जिले की ऐतिहासिक नगरी 'बैराठ' (विराटनगर) से 11 किलोमीटर की दूरी पर बाणगंगा नामक एक छोटी नदी के पास आयोजित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह जलधारा पांच पांडवों में से एक अर्जुन द्वारा निर्मित की गई है। कहते हैं कि महाभारत काल में जब भीष्म पितामह शर-शय्या पर थे तब उनकी प्यास बुझाने के लिए अर्जुन ने एक बाण पृथ्वी में मार कर जलधारा उत्पन्न की थी । अतः यह मान्यता है कि उनके बाण से उत्पन्न यह जलधारा ही ' बाणगंगा ' नदी के नाम से विख्यात हो गई । भौगोलिक दृष्टि से बैराठ नामक स्थान की पहाड़ियां ही बाणगंगा नदी का उदगम् स्थल है। बैराठ जयपुर से 85 किलोमीटर दूर है । यह शाहपुरा के निकट जयपुर से अलवर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8   पर एक मोड़ के पास है। इस स्थान पर जाने के लिए जयपुर और उक्त मोड़ से नियमित बस सेवा उपलब्ध है । उक्त मोड़ से लगभग एक किलोमीटर दूर बाणगंगा स्थित है । इस पवित्र स्थल पर भरने वाले इस

Livestock Marketing and State level Cattle Fairs in Rajasthan :---- राजस्थान में पशुधन विपणन एवं राज्य स्तरीय पशु मेले---

Rajasthan is the home tract of various breeds of different livestock species.  With a view to encourage the livestock farming and to maintain these important famous breeds of the livestock, 10 state level cattle fairs are organized every year by the department in the different parts of the State.  The Animal Breeders earn about Rs. 25-30 Crore annually through the sale of the animals.  Besides these state level cattle fairs, nearly 240 cattle fairs are also organized by different agencies like Panchayat Samities, Nagar Palikas etc. in the State. राजस्थान का भू-भाग विभिन्न पशुधन प्रजातियों के लिए गृह क्षेत्र है। पशुधन के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए और पशुओं की महत्वपूर्ण प्रसिद्ध नस्लों को बनाए रखने की दृष्टि से राज्य के विभिन्न भागों में पशुपालन विभाग द्वारा हर साल 10 राज्य स्तरीय पशु मेले आयोजित किये जाते हैं। राजस्थान में पशु धन मालिक /प्रजनक पशुओं की बिक्री के माध्यम से सालाना 25-30 करोड़ रुपये कमाते हैं। इन राज्य स्तरीय पशु मेलों के अलावा , लगभग 240 पशु मेले भ