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राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज ( Rajasthan GK Quiz)- 18 दिसंबर 2011

1. राजस्थान के जयपुर में 1927 में चरखा संघ की स्थापना किसने की? उत्तर- जमनालाल बजाज ने 2. राजस्थान की जनता में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए चुरु में कन्हैयालाल ढूँढ और गोपालदास द्वारा स्थापित सभा का नाम क्या था? उत्तर- सर्वहितकारिणी सभा 3. लड़कियों की शिक्षा हेतु गोपालदास द्वारा स्थापित विद्यालय का नाम क्या था? उत्तर- पुत्री पाठशाला 4. वाल्मीकि संघ या आदिवासी संघ या अस्पर्श्यता संघ की स्थापना किसके द्वारा की गई? उत्तर- हरिनारायण शर्मा 5. अछूतों की शिक्षा हेतु कबीर पाठशाला की स्थापना किसने की? उत्तर- कन्हैयालाल ढूँढ ने 6. जोधपुर में चाँदमल सुराणा द्वारा मारवाड हितकारिणी सभा किस वर्ष स्थापित की गई जिसको जयनारायण व्यास द्वारा पुनर्जीवित किया गया? उत्तर- 1924 में 7. मारवाड़ हितकारिणी सभा द्वारा प्रकाशित की गई किस पुस्तक में तत्कालीन मारवाड़ प्रशासन की कटु आलोचना की गई? उत्तर- पोपाबाई री पोल 8. किस कानून को बीकानेर का काला कानून कहा गया? उत्तर- सार्वजनिक सुरक्षा कानून को 9. जयपुर में 1907 में वर्धमान विद्यालय की स्थापना किसके द्वारा की गई?

राजस्थान समसामयिकी क्विज-Rajasthan Current GK Quiz

1. राजस्थान में मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना की शुरुआत कब की गई? उत्तर- 3 जून 2011 को बाँसवाड़ा में 2. राजस्थान राज्य अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी कब जारी की गई? उत्तर- 23 दिसंबर 2009 को 3. राजस्थान में किस योजना के तहत 38.83 लाख बीपीएल तथा स्टेट बीपीएल परिवारों को 2 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्रतिमाह 25 किलोग्राम गेहूँ देने अथवा 3.60 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से फोर्टिफाइड आटा दिए जाने का प्रावधान है? उत्तर- मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना 4. फोर्टिफाइड आटे में सामान्य आटे की तुलना में कौनसे पोषक तत्व मिले होते हैं? उत्तर- आयरन, फोलिक एसिड व विटामिन बी- 12 5. पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में उपभोक्ता सप्ताह के दौरान प्रतिमाह किन दिनांकों के मध्य उचित मूल्य की दुकानों पर सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति में राशन सामग्री का वितरण किए जाने का प्रावधान है? उत्तर- 22 से 28 तारीख के बीच 6. राजस्थान में मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना कब लागू की गई? उत्तर- 2 अक्टूबर 2011 से 7. केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई जननी सुरक्षा योजना को राज्य में किस नाम से ला

Rajasthan G. K. Current Affairs- राजस्थान समसामयिक घटनाचक्र

नहीं रही पूर्व विधायक कांता कथूरिया बीकानेर जिले के कोलायत की पूर्व विधायक कांता कथूरिया का दिनांक 15 दिसंबर को जयपुर में निधन हो गया। कई दिनों से बीमार चल रही पूर्व विधायक 80 वर्ष की थी। वे दो बार कोलायत विधानसभा क्षेत्र की विधायक रही। उनके नाम पर बीकानेर में कांता कथूरिया कॉलोनी भी बसाई गई। कांता कथूरिया बीकानेर की पहली महिला वकील थीं। इसके बाद वे नगर परिषद की प्रथम महिला चेयरमैन और जिला प्रमुख भी बनीं। वे समाज कल्याण विभाग, राजस्थान सिंधी अकादमी, स्टेट वेयर हाउस कार्पोरेशन और महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष भी रहीं। राजस्थान महिला आयोग की प्रथम अध्यक्ष भी बनीं। वे राजस्थान लोक सेवा आयोग की सदस्य भी रही थी। इसके अलावा वे कई अन्य पदों पर रहीं। बाद में उनके नाम पर कांता कथूरिया चेरिटेबल ट्रस्ट भी गठित किया गया। पूर्व विधायक कांता कथूरिया के निधन पर वित्त आयोग के अध्यक्ष डा. बी.डी.कल्ला ने शोक व्यक्त किया है। वर्ष 2011 का माणक अलंकरण वर्ष 2011 का माणक अलंकरण वरिष्ठ पत्रकार एवं साप्ताहिक हरदम के प्रकाशक व संपादक देवीसिंह बड़गूजर को देने की घोषणा की गई है। इसी क्रम में विशिष्ट प्रो

राजस्थान सामान्य ज्ञान आभूषण क्विज ( Rajasthan GK jewelry Quiz)

1. सटका शरीर के किस अंग का आभूषण है? अ. गला ब. कमर स. नाक द. पैर उत्तर- ब 2. कंदौरा शरीर के किस अंग पर पहना जाता है? अ. सिर ब. कमर स. उँगली द. पैर उत्तर- ब 3. निम्नांकित में से सिर पर पहने जाने वाला आभूषण है- अ. बोर या बोरला ब. नथ स. बिछिया द. टड्डा उत्तर- अ 4. रखड़ी आभूषण किस अंग का है? अ. कमर ब. सिर स. हाथ द. गला उत्तर- ब 5. निम्नांकित में से पैर में पहने जाने वाले आभूषण हैं- अ. हंसली, सूरलिया, बाली ब. करधनी, कड़ा, बंगड़ी स. टनका, हिरना, पैंजनी द. मोली, सूरमा, बंगड़ी उत्तर- स 6. निम्नांकित में से पुरुषों द्वारा पहने जाने वाला आभूषण है- अ. बोरला ब. मुरकिया स. बंगड़ी द. टड्डा उत्तर- ब 7. पंचलड़ी, हंसुली, हाली व तिणणिया किस अंग पर पहने जाते हैं- अ. सिर ब. गला स. कमर द. बाजू उत्तर- ब 8. राजस्थान का मशहूर लोकगीत गोरबंद किस पशु के गले में पहने जाने वाले आभूषण से संबंधित है? अ. घोड़ा ब. बैल स. ऊँट द. बकरी उत्तर- स 9. गले में बाँधी जाने वाली देवी देवताओं की प्रतिमा को कहते हैं- अ. नावा ब. चौकी स. उपर्युक्त दोनों द. इनमें से कोई नहीं उत्त

राजस्थान के अभिजीत गुप्ता ने "लंदन क्लासिक शतरंज टूर्नामेंट" जीता

भारतीय ग्रैंडमास्टर अभिजीत गुप्ता ने इंग्लैंड के कीथ आरकैल को अंतिम दौर की बाजी में हराकर "लंदन क्लासिक शतरंज टूर्नामेंट" में फिडे ओपन का खिताब जीता जबकि भारत के ही इंटरनेशनल मास्टर सहज ग्रोवर दूसरे स्थान पर रहे। मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन गुप्ता आठ अंकों के साथ इस चैम्पियनशिप में पहले स्थान पर रहे हैं। राजस्थान के इस शातिर को इस जीत से 2500 पाउंड की इनामी राशि मिली। भीलवाड़ा राजस्थान के अभिजीत गुप्ता एक अत्यंत साधारण परिवार से हैं। वे 19 वर्ष की आयु में शतरंज के महारथी बने। मात्र 13 वर्ष की उम्र में वे भारत के कनिष्ठ वर्ग के विजेता बने। तीन वर्ष पूर्व 2008 में कनिष्ठ-वर्ग की विश्व-प्रतियोगिता भी उन्होंने शानदार ढंग से जीती थी। अभिजीत गुप्ता ने माह अप्रैल 2011 में दुबई में आयोजित 45 हजार डॉलर इनाम वाला दुबई ओपन शतरंज टूर्नामेंट जीता था तथा अभिजीत शतरंज का यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। अभिजीत ने 2009 में राष्ट्रमंडल शतरंज प्रतियोगिता में रजत पदक तथा वर्ष 2010 में एशियन शतरंज चैम्पियनशिप में भी कांस्य पदक हासिल किया था।

नागदा के प्राचीन "सासबहू" के मंदिर- Temples of Rajasthan- Sahastra Bahu Temple of Nagda Udaipur

  उदयपुर से लगभग 25 - 26 किलोमीटर दूरी पर नाथद्वारा मार्ग पर स्थित नागदा एक प्राचीन दर्शनीय स्थान है। यह एकलिंगजी (कैलाशपुरी) से लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित है। नागदा के मंदिर उदयपुर जिले के कैलाशपुरी गाँव की सुंदर बाघेला झील के किनारे प्राकृतिक वादियों के मध्य स्थित है। नागदा राज्य की स्थापना 6ठी शताब्दी में मेवाड़ के चतुर्थ शासक नागदित्य द्वारा की गई। प्रारंभ में इस नगर को नागह्रिदा के नाम से जाना जाता था क्योंकि राजा सिलादित्य के पिता नागादित्य द्वारा इसको स्थापित किया गया था, जो 646 ई. में वहां शासन कर रहे थे। नागदा का यह नगर यह मेवाड़ की प्राचीन राजधानी था। यह शिव, वैष्णव और जैन मंदिरों से समृद्ध शहर था। बाद में जब मेवाड़ पर सिसोदिया वंश का आधिपत्य हुआ तो यह स्थान भी उन शासकों के अधीन हो गया। इसके बाद पंद्रहवीं शताब्दी में, गुहिल राजा मोकल ने अपने भाई बाघ सिंह के नाम पर एक बड़ी झील ( बाघेला झील) का निर्माण किया। यहाँ स्थित 661 ई. का अभिलेख इस स्थान की प्राचीनता को प्रमाणित करता है, यह स्थान पुरातात्विक सामग्री की शैली के आधार पर उतना प्राचीन प्रतीत नहीं होता है क्योंकि

Rajasthan's Folk Saint Dhanna ji -राजस्थान में धार्मिक आंदोलन के प्रवर्तक संत धन्नाजी

राजस्थान में भक्ति मार्ग परंपरा में संत धन्ना का महत्वपूर्ण स्थान है। तत्कालीन समाज के धार्मिक जीवन को नया मोड़ देने में जाट भक्त धन्ना ने अभूतपूर्व योगदान किया था। कहा जाता है कि राजस्थान में धार्मिक आंदोलन की शुरुआत करने वाले संत धन्ना ही थे। नाभादास के ' भक्तमाल ' और ' धन्ना री परची ' से पता लगता है कि वे रामानंद के शिष्य थे। संत धन्ना का जन्म राजस्थान के टौंक जिले के धुवन गाँव में वि. सं. 1472 अर्थात सन् 1415 ई. में एक जाट परिवार में हुआ था। धन्ना की बचपन ईश्वर में प्रवृत्ति थी तथा मन भक्ति भाव से ओतप्रोत था। शनैः शनैः उनकी धार्मिक प्रवृत्ति बढ़ती गई और बनारस जाकर वे रामानंद के शिष्य बन गए। रामानंद इनको घर पर ही ईश्वर भक्ति करने , साधु-संतों की सेवा करने तथा ईश्वर , गुरु और साधु को एक मान कर पूजने तथा दूसरा कोई विचार मन में नहीं लाने का आदेश दिया। धन्ना जाट जाति के किसान परिवार के थे। उनके एक पद ' धन्ना री आरती ' के अनुसार वे एक ग्रहस्थ थे। वे पैतृक व्यवसाय कृषि करते हुए तथा ग्रहस्थ-जीवन में रह कर ही अलौकिक शक्ति प्राप्त करने में लीन रहे।