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राजस्थान की रियायती दर पर आवासीय भूखण्ड का आंवटन योजना-

राजस्थान की रियायती दर पर आवासीय भूखण्ड का आंवटन योजना- राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 158 के प्रावधानों में संशोधन कर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के कमजोर वर्गों के परिवारों को पंचायत 300 वर्ग गज तक की भूमि रियायती दरों (2 रूपये से 10 रूपये, प्रति वर्ग मीटर) पर आंवटित की जा सकेगी। ग्रामीण क्षेत्रों के निम्नांकित कमजोर वर्गों के ऐसे परिवार जिनके पास स्वयं के गृह स्थल/गृह नहीं हो, पात्र हैं- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के परिवार स्वच्छकारों व पिछडे़ वर्गों के परिवार ग्रामीण कारीगर (आर्टिजन के परिवार) श्रम मजदूरी पर आधारित भूमिहीन परिवार विकलांग व्यक्ति गाडिया लुहार, यायावर (घुमक्कड) जनजातियों के परिवार ऐसे बाढ़ग्रस्त परिवार जिनके गृह बाढ़ में बह गये हैं या गृह या गृह स्थल बाढ़ के कारण भावी निवास हेतु अयोग्य हो गये हैं। सरहद पर पूर्व सैनिक प्राथमिकता-  पात्र परिवार के उन परिवारों को प्राथमिकता दी जावेगी जिन्होंने परिवार नियोजन को स्थायी रूप से अपना लिया है। उपरोक्त पात्र परिवारों के वयस्क विवाहित पुत्र जो इनके साथ एक ही स्थान पर रहता है किन्तु अब वह पृथक से

दीनदयाल उपाध्याय आदर्श ग्राम योजना

दीनदयाल उपाध्याय आदर्श ग्राम योजना 1-उद्देश्यः- राजस्थान राज्य की लगभग 77 प्रतिशत जनसंख्या 39753 गांवों में निवास करती है । ग्रामीण विकास की अनेक योजनाओं के उपरान्त भी अधिकांश ग्रामों में कुछ आधारभूत सुविधाओं का अभाव है। जनसंख्या के बढ़ते दबाव के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, बिजली, सड़कों, स्वास्थ्य सेवाओं आदि मूलभूत सुविधाओं की मांग निरन्तर बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्र की आबादी का पलायन शहरों की ओर होने लगा है। ग्रामीण विकास की वर्तमान अवधारणा पर पुनःविचार कर गांवों के समग्र विकास की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि वहां के लोगों को आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत सुविधाऐं उपलब्ध हो सके एवं उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। उक्त उद्देश्य की पूर्ति के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2006-07 से ‘‘दीनदयाल उपाध्याय आदर्श ग्राम योजना’’ प्रारम्भ करने का निर्णय लिया। 2-चयनः- राज्य के सभी छोटे-बड़े ग्रामो में सामाजिक एवं आर्थिक आधारभूत सुविधाएं एक साथ उपलब्ध कराया जाना सम्भव नहीं है। प्रथम चरण में राज्य सरकार ने वर्ष 2006-07 में 50 गांवों को ‘‘दीनदयाल उपाध्याय आदर्श ग्राम’’ बनाने का न

अम्बेकर शिक्षा पुरस्कार योजना

  अम्बेकर शिक्षा पुरस्कार योजना- योजना का परिचय-  2006-07 में प्रारम्भ हुई इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विद्यार्थियों को उच्च अंक प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर  की कक्षा 10 एवं 10+2 की परीक्षा में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग में पृथक-पृथक सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले एक-एक विद्यार्थी को यह सम्मान दिया जाता है। पुरस्कार राशि - माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर  की कक्षा 10 एवं 10+2 की परीक्षा में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के  एक-एक विद्यार्थी को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, जयपुर द्वारा आमंत्रित आमंत्रित करके 51 हजार रुपये एवं  प्रशस्ति पत्र बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर प्रति वर्ष 14 अप्रैल को दिया जाता है।