उदयपुर से लगभग 25 - 26 किलोमीटर दूरी पर नाथद्वारा मार्ग पर स्थित नागदा एक प्राचीन दर्शनीय स्थान है। यह एकलिंगजी (कैलाशपुरी) से लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित है। नागदा के मंदिर उदयपुर जिले के कैलाशपुरी गाँव की सुंदर बाघेला झील के किनारे प्राकृतिक वादियों के मध्य स्थित है। नागदा राज्य की स्थापना 6ठी शताब्दी में मेवाड़ के चतुर्थ शासक नागदित्य द्वारा की गई। प्रारंभ में इस नगर को नागह्रिदा के नाम से जाना जाता था क्योंकि राजा सिलादित्य के पिता नागादित्य द्वारा इसको स्थापित किया गया था, जो 646 ई. में वहां शासन कर रहे थे। नागदा का यह नगर यह मेवाड़ की प्राचीन राजधानी था। यह शिव, वैष्णव और जैन मंदिरों से समृद्ध शहर था। बाद में जब मेवाड़ पर सिसोदिया वंश का आधिपत्य हुआ तो यह स्थान भी उन शासकों के अधीन हो गया। इसके बाद पंद्रहवीं शताब्दी में, गुहिल राजा मोकल ने अपने भाई बाघ सिंह के नाम पर एक बड़ी झील ( बाघेला झील) का निर्माण किया। यहाँ स्थित 661 ई. का अभिलेख इस स्थान की प्राचीनता को प्रमाणित करता है, यह स्थान पुरातात्विक सामग्री की शैली के आधार पर उतना प्राचीन प्रतीत नहीं होता है क्योंकि
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