इकाइयों के ऐसे भौगोलिक जमाव (नगर या कुछ सटे गांव और उनसे लगते हुए क्षेत्र) को क्लस्टर (जमघट) कहते हैं, जो लगभग एक ही तरह के उत्पाद तैयार करते हैं तथा जिन्हें समान अवसरों और खतरों का सामना करना पड़ता है। हस्तशिल्प या हथकरघा उत्पादों को तैयार करने वाली पारिवारिक इकाइयों के भौगोलिक जमाव (गांवों,कस्बों) को आर्टिशन क्लस्टर कहते हैं। 1. गोटा लूम व गोटा लेस क्लस्टर, अजमेर 2. प्रस्तर कलाकृति क्लस्टर, डूंगरपुर 3. मूतिर्कला (मार्बल मूर्ति) क्लस्टर , गोला का बास (थानागाजी ), अलवर 4. सेंड स्टोन उत्पाद क्लस्टर, पिचुपाड़ा, दौसा 5. कांच कशीदा क्लस्टर, धनाऊ (बाड़मेर) 6. शहद क्लस्टर, भरतपुर 7. आरी - तारी जरदोजी वर्क क्लस्टर, नायला (जयपुर) 8. चर्म जूती क्लस्टर , भीनमाल (जालौर) 9. स्टोन क्लस्टर, जैसलमेर 10. काष्ठ कला (कावड़ व अन्य लकड़ी उत्पाद) क्लस्टर, बस्सी, चित्तौड़गढ़ 11. कोटा डोरिया साड़ी क्लस्टर, कोटा 12. रंगाई-छपाई (फेंटिया, चूंदड़ी, साड़ी, बेडशीट व चादर) क्लस्टर, आकोला (चित्तौड़) 13. चर्म रंगाई एवं चर्म उत्पाद क्लस्टर, बानसूर (अलवर) 14. हथकरघा (खेस, टॉवेल, गमछे, चादर, ड
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