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Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

विज्ञानी और शिक्षाविद विधानसभा अध्यक्ष- डॉ. सी.पी. जोशी

प्रसिद्ध कांग्रेस नेता और विज्ञानी शिक्षाविद डॉ. सी.पी. जोशी सर्वसम्मति से बने विधानसभा अध्यक्ष राजस्थान की पन्द्रहवीं विधानसभा ने 16 जनवरी बुधवार को सर्वसम्मति से पुष्टिमार्गीय नगरी नाथद्वारा के विधायक प्रसिद्ध कांग्रेस नेता और विज्ञानी शिक्षाविद डॉ. सी.पी. जोशी को विधानसभा का अध्यक्ष चुना। इससे पहले सदन के नेता श्री अशोक गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए श्री सी.पी. जोशी के नाम का प्रस्ताव किया, जिसका अनुमोदन प्रतिपक्ष के नेता श्री गुलाब चंद कटारिया ने किया। श्री सचिन पायलट, श्री राजेन्द्र राठौड़, श्री महादेव सिंह, श्री कान्ति प्रसाद और श्री राजेन्द्रसिंह गुढ़ा ने भी श्री जोशी के नाम का प्रस्ताव किया, जिनका अनुमोदन श्रीमती वसुन्धरा राजे, डॉ. महेश जोशी, श्री बाबूलाल नागर एवं श्री हनुमान बेनीवाल ने किया। इसके पश्चात सदन द्वारा सर्वसम्मति से श्री सी.पी. जोशी को विधानसभा अध्यक्ष चुन लिया गया। श्री जोशी को सदन के नेता श्री अशोक गहलोत और उप नेता प्रतिपक्ष श्री राजेन्द्र राठौड़ सहित अन्य वरिष्ठ सदस्य आसन तक लेकर आए। इसके पश्चात् उन्होंने आसन ग्रहण किया।  राज्

Schemes for Specially Abled Persons - विशेष योग्यजन हेतु संचालित कुछ योजनाएं

विशेष योग्यजन हेतु संचालित कुछ संक्षिप्त योजनाएं - विशेष योग्यजन निदेशालय वर्ष 1951-52 में राज्य सरकार ने इन विशेष योग्यजन वर्गो के सर्वागीण विकास के लिये अलग से विभाग स्थापित करने का फैसला किया था और उसे पिछड़े वर्गो का विभाग नाम दिया गया था। इस विभाग की वस्तु सीमित थी तथा बाद में समाज कल्याण के विभिन्न पहलुओं को लाने के लिये इसे समाज कल्याण विभाग नाम दिया गया। दिनांक 21.02.07 की अधिसूचना के द्वारा विभाग को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के रूप में बदल दिया गया। दिनांक 18.10.11 से पूर्व विशेष योग्यजनों को विभिन्न योजनाओं का संचालन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा किया जाता था। वर्ष 2011-12 की बजट घोषणा संख्या 64 विशेष योग्यजनों की अल्प एवं दीर्घ अवधि की समस्याओं के समाधान हेतु अलग से निदेशालय स्थापित करने की घोषणा की पालना में आदेश क्रमांक 80621 दिनांक 19.10.11 से निदेशालय प्रारम्भ कर दिया गया। निदेशालय का नाम परिवर्तित कर विशेष योग्यजन निदेशालय मंत्रीमण्डल आज्ञा 41/2012 दिनांक 14 फरवरी, 2012 से किया गया। महामहिम राज्यपाल महोदय के अनुमोदन उपरान्त दिनांक 01.

Rajasthan News- खाद्य प्रसंस्करण के लिए अनुदान पाने वाली पहली कृषक बनी बारां की प्रमिला

खाद्य प्रसंस्करण के लिए अनुदान पाने वाली पहली कृषक बनी बारां की प्रमिला  राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन प्रोत्साहन कृषकों के द्वार योजना  जयपुर, 11 जनवरी। राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड द्वारा बारां जिले के मांगरोल की महिला कृषक श्रीमती प्रमिला को आंवले की प्रसंस्करण इकाई हेतु 18.39 लाख रूपये का अनुदान स्वीकृत किया है। उल्लेखनीय है कि यह प्रदेश की पहली कृषक हैं, जिन्हें ’’राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन प्रोत्साहन कृषकों के द्वार योजना’’ के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए अनुदान स्वीकृत किया गया है।  कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी.के. गोयल ने बताया कि राज्य सरकार की घोषणा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विपणन बोर्ड ने त्वरित कार्यवाही करते हुए महिला कृषक को आंवले की प्रसंस्करण इकाई हेतु अनुदान स्वीकृत किया है। राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड की प्रशासक डॉ. वीणा प्रधान बताया कि श्रीमती प्रमिला बाई द्वारा स्वयं के खेत पर उत्पादित आंवले से मुरब्बा, केण्डी, ज्यूस, आचार आदि बनाए जाने की 'प्रसंस्करण इकाई' लगाये जाने के लिए 36.78 ला

OBC Commission of Rajasthan - राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग

उच्चतम न्यायालय द्वारा मण्डल आयोग रिपोर्ट के संबंध में इन्द्रा साहनी 16 नवम्बर, 1992 को दिए गए निर्देशों के अनुरुप केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों को 4 माह के अन्दर अपने-अपने राज्यों में पिछड़ा वर्ग आयोगों की स्थापना की जानी थी, इसकी अनुपालना में राजस्थान सरकार की अधिसूचना संख्या एफ 11(125) आरएण्डपी /सकवि/ 92-93/14293 दिनांक 11 मार्च, 1993 के द्वारा राजस्थान में सर्वप्रथम राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया। राजस्थान सरकार द्वारा पूर्व में प्रशासनिक आदेश द्वारा गठित आयोग के स्थान पर दिनांक 21.10.2016 को राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यादेश, 2016 जारी किया गया। जिसके संदर्भ में दिनांक 24.10.2016 को अधिसूचना क्रमाक एफ.11(150)आरएण्डपी /आरआरबीसी/2015/65566 द्वारा राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया। इस आयोग को राजस्थान राज्य में पिछड़े वर्गों (अनुसूचित जाति/जनजाति के अतिरिक्त) की सूची में विभिन्न वर्गों को सम्मिलित करने व हटाने हेतु राज्य सरकार को सुझाव देने का कार्य सौंपा गया। राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष  - From 19.03.1993   to 18.03.19

Schemes of Tribal Area Development Department - जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की योजनाएँ

जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की योजनाएँ 1. आश्रम छात्रावासों का संचालन जनजाति छात्र-छात्राएं उनके निवास स्थान के नजदीक वांछित स्तर का विद्यालय नहीं होने की स्थिति में उनके परिवारों की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण दूर-दराज के विद्यालयों में अध्ययन जारी नहीं रख पाते हैं। अतः ऐसे छात्र-छात्राएं अध्ययन जारी रख सकें, इस उद्देश्य से विभाग द्वारा 356 आश्रम छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। इन छात्रावासों में 2000/- रू प्रतिमाह प्रति छात्र-छात्रा की दर से निःशुल्क आवास, भोजन, पोशाक एवं अन्य सुविधाऐं उपलब्ध करायी जाती है। आश्रम छात्रावासों में कार्यरत अधीक्षक एवं कोच को 15 प्रतिशत विशेष भत्ता एवं 10 प्रतिशत मकान किराया भत्ता दिया जा रहा है। 2. आवासीय विद्यालय संचालन योजना अनुसूचित क्षेत्र, माडा क्षेत्र तथा सहरिया क्षेत्र में छात्र-छात्राओं में शिक्षा के उन्नयन हेतु भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा आवासीय विद्यालयों का निर्माण कराया गया है। आवासीय विद्यालयों में स्वीकृत शैक्षिक/अशैक्षिक पदों पर शिक्षा विभाग से कर्मचारियों/ अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति/पदस्थापन पर लिए जाकर अध्य