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Showing posts from October, 2012

जानिए राजस्थान के राजकीय पशु ऊँट के बारे में

ऊँट रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक है। मरूधरा की कठिन जीवनयापन शैली में यह मानव का जीवन संगी है। अपनी अनूठी जैव-भौतिकीय विशेषताओं के कारण यह शुष्क एवं अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों की विषमताओं में जीवनयापन के लिए अनुकूलन का प्रतीक बन गया है। रेत के धोरो में ऊँट के बिना जीवन बिताना अति दुष्कर है। ‘रेगिस्ता‍न का जहाज’ के नाम से प्रसिद्ध इस पशु ने परिवहन एवं भार वाहन के क्षेत्र में अपरिहार्यता की हद तक पहचान बनाई है परंतु इसके अतिरिक्त भी ऊँट की बहुत सी उपयोगिताएं हैं जो निरन्तर सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों से प्रभावित है। ऊँटों ने प्राचीन काल से वर्तमान समय तक नागरिक कानून एवं व्यवस्था, रक्षा व युद्ध के क्षेत्र में महत्ती भूमिका निभाई है।  तत्कालीन बीकानेर के विश्व प्रसिद्ध गंगा रिसाले को शाही सेना में स्थान मिला था तथा इन ऊँटों ने प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्धों में भी भाग लिया था। राजस्थान के पश्चिमी भाग में इन्दिरा गांधी नहर के निर्माण के समय ऊँटों ने इंजीनियरों की बहुत सहायता की थी। आजकल उष्ट्र कोर भारतीय अर्द्ध सैनिक बल के अन्तर्गत सीमा सुरक्षा बल का एक मह

राजस्थान समसामयिक घटनाचक्र-
***डॉ सी पी जोशी को रेल मंत्रालय का अतिरिक्त दायित्व- वे राजस्थान से पहले रेलमंत्री बने***

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री डॉ सीपी जोशी को केन्द्र सरकार में रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रेल मंत्री मुकुल राय (तृणमूल सांसद) का इस्तीफा शनिवार दिनांक 22 सितंबर को स्वीकार कर लिया और उन्हें यह प्रभार सौंपा गया। यह महत्वपूर्ण मंत्रालय कांग्रेस के पास 17 साल बाद वापस आया है। अब तक के अंतिम कांग्रेसी रेल मंत्री सी.के. जाफर शरीफ थे, जो 1991-1995 तक रेल मंत्री थे। डॉ सीपी जोशी मूलतः नाथद्वारा के निवासी है तथा वर्तमान में भीलवाड़ा से लोकसभा सदस्य हैं। राजस्थान से अब तक कोई भी रेल मंत्री के पद पर नहीं रहा है। डॉ जोशी राजस्थान के पहले ऐसे नेता है जिन्हें रेल मंत्रालय का दायित्व मिला है। यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि उनके रेलमंत्री बनने से राजस्थान में रेलवे के विकास की गति बढ़ेगी जिससे राज्य के समग्र विकास में भी तेजी आएगी। अगर डॉ जोशी इस पद पर लगातार रहे तो राजस्थान की कई अधूरी रेल परियोजनाएँ जल्दी पूरी हो जाएगी तथा नई रेल योजनाओं को मंजूरी मिलेगी और नई रेल गाड़ियाँ भी चालू होगी। "राजस्थान के विविध रंग" की ओर से