श्रीनाथजी का नाथद्वारा पधारने का इतिहास राजस्थान का श्रीनाथद्वारा शहर पुष्टिमार्गिय वैष्णव सम्प्रदाय का प्रधान पीठ है जहाँ भगवान श्रीनाथजी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। प्रभु श्रीजी का प्राकट्य ब्रज के गोवर्धन पर्वत पर जतिपुरा गाँव के निकट हुआ था। महाप्रभु वल्लभाचार्य जी ने यहाँ जतिपुरा गाँव में मंदिर का निर्माण करा सेवा प्रारंभ की थी। भारत के मुगलकालीन शासक बाबर से लेकर औरंगजेब तक का इतिहास पुष्टि संप्रदाय के इतिहास के समानान्तर यात्रा करता रहा। सम्राट अकबर ने पुष्टि संप्रदाय की भावनाओं को स्वीकार किया था। मंदिर गुसाईं श्री विट्ठलनाथजी के समय सम्राट की बेगम बीबी ताज तो श्रीनाथजी की परम भक्त थी तथा तानसेन , बीरबल , टोडरमल तक पुष्टि भक्ति मार्ग के उपासक रहे थे। इसी काल में कई मुसलमान रसखान , मीर अहमद इत्यादि ब्रज साहित्य के कवि श्रीकृष्ण के भक्त रहे हैं। भारतेन्दु हरिशचन्द्र ने यहाँ तक कहा है- '' इन मुसलमान कवियन पर कोटिक हिन्दू वारिये '' किन्तु मुगल शासकों में औरंगजेब अत्यन्त असहिष्णु था। कहा जाता
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