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राजस्थान समसामयिक- लोकदेवता देवनारायण पर डाक टिकट

दिनांक 3 सितम्बर को केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट ने भीलवाड़ा जिले के आसीन्द के सवाई भोज मंदिर प्रांगण में भारतीय डाक विभाग द्वारा लोकदेवता देवनारायण पर जारी 5 रुपए के डाक टिकट का विमोचन किया। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह तथा वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री रामलाल जाट भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि आज डाक विभाग ने गुर्जरों के आराध्यदेव देवनारायण पर डाक टिकट जारी किया जिससे समाज का सम्मान बढा है। उन्होंने कहा कि नई पीढी के नौजवान हमारे लोक देवताओं तथा आदर्श पुरुषों के व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रेरणा ग्रहण करें एवं उनके द्वारा सुझाए मार्ग पर चलते हुए सेवा का संकल्प लें। इससे पूर्व उन्होंने भगवान देव नारायण के सवाईभोज तीर्थ पर आयोजित मेले का विधिवत उद्घाटन भी किया और भगवान देवनारायण के मंदिर में दर्शन किए। लोक देवता देवनारायण सैकड़ों वर्षों से पूरे देश में एक महान दैवीय योद्धा के रूप में पूजे जाते हैं। उनका जीवन एवं वीर गाथाएं कई पीढ़ियों के नौजवानों के प्रेरणा स्रोत रहे हैं। देश भर में देवनारायण के अनेक मंदिर हैं एवं उनके लाखों अनुय

Devnarayan ji, the deity of Gurjars गुर्जरों के आराध्य लोक देवता देवनारायण जी

लोक देवता देवनारायण जी या देवजी Rajasthan Study- राजस्थान के लोकदेवता : देवनारायण जी Rajasthan ke Lokdevata devnarayan ji देवजी का जन्म - राजस्थान के लोक देवता देवनारायण जी Rajasthan ke Lokdewata devnarayan ji का जन्म सन् 1243 के लगभग माघ शुक्ला छठ को बगड़ावत महाभारत के नायक पिता गुर्जर वीर भोजा (सवाई भोज) और माता साडू देवी खटाणी के घर मालासेरी की डूंगरी, आसीन्द (भीलवाड़ा) में हुआ था। इनका जन्म का नाम उदयसिंह (ऊदल जी) था। पिता भोजा इनके जन्म से पूर्व ही भिनाय के शासक से युद्ध करते हुए अपने 23 भाइयों सहित मारे गए थे। भिनाय के शासक से इनकी रक्षा करने के लिए इनकी माता इन्हें अपने पीहर मालवा लेकर चली गई, वहीं ननिहाल में इनकी परवरिश हुई। इन तथ्यों की पुष्टि 'मारवाड़ राज की पर्दुशमारी रिपोर्ट' तथा बीकानेर संग्रहालय में संरक्षित ग्रंथ 'अथ वात देवजी बगड़ावत री' से होती है। बड़े होकर देवजी गायों की रक्षा करने तथा अपने पूर्वजों की मौत का प्रतिशोध लेने भिनाय गए। वहाँ उनका भिनाय के शासक से भयंकर संघर्ष हुआ। इस युद्ध में उन्होंने उसे मौत के घाट उतार दिया एवं गायों