आदिवासियों की तीर्थ स्थली 'घोटिया आंबा' का प्रसिद्ध मेला पौराणिक महत्त्व की आदिवासियों की तीर्थ स्थली 'घोटिया आंबा' बाँसवाड़ा से करीब 45 किमी दूर स्थित है। यह जिले की बागीदौरा पंचायत समिति के बारीगामा ग्राम पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आता है। यह तीर्थ पाण्डवकालीन माना जाता है। कहा जाता है कि यहाँ पाण्डवों ने अपने अज्ञातवास के दिन गुजारे थे। यहाँ स्थित कुंड को पाण्डव कुंड कहा जाता है। घोटिया आंबा में प्रतिवर्ष चैत्र माह में एक विशाल मेला लगता है जिसमें भारी संख्या में आदिवासी भाग लेते हैं। वेणेश्वर के पश्चात यह राज्य का आदिवासियों की दूसरा बड़ा मेला है। इस वर्ष घोटिया आंबा मेला 1 अप्रैल से प्रारंभ होकर 5 अप्रैल तक चला। दिनांक 3 अप्रैल को अमावस्या के अवसर पर मुख्य मेला भरा। इस मुख्य मेले में मेलार्थियों का भारी सैलाब उमड़ा और यहाँ घोटेश्वर शिवालय तथा मुख्यधाम पर स्थित अन्य देवालयों व पौराणिक पूजा-स्थलों पर श्रृद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। वनवासियों के इस धाम के प्रमुख मंदिर घोटेश्वर शिवालय के गर्भ गृह में पाटल वर्णी शिवलिंग के अलावा पांडवों के साथ देवी कुंती व भगवान कृष
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