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राजस्थान में वन-सरंक्षण की दिशा में रियासतकालीन प्रयास-

वन-सरंक्षण की दिशा में रियासतकालीन प्रयास-   20 वीं सदी के प्रारंभ में कुछ राजाओं ने वनों के संरक्षण के महत्त्व को समझा तथा शिकारगाहों के रूप में वनों को रक्षित किया।   लगभग 90 वर्ष पूर्व जोधपुर रियासत ने तथा 45 वर्ष पूर्व मेवाड़ रियासत ने वनों के प्रबंध के लिए कार्यकारी योजना का ड्राफ्ट तैयार किया किन्तु अन्य रियासतों ने कोई प्रयास नहीं किये।   टोंक राज्य शिकार कानून - 1901 (Tonk State Shikar Act- 1901) राजस्थान का वन एवं वन-सम्पदा संरक्षण की दिशा में प्रथम संगठित प्रयास था। विभिन्न रियासतों में निम्नांकित कानून लागू किये गए जो स्वाधीनता के पश्चात वर्तमान राजस्थान के निर्माण तक कार्यरत रहे- Mewar Shooting Rules 1921,  Kotah Forest Rules 1924,  Jaipur Shooting Rules 1931,  Bharatpur State Forest act, 1942,  Mewar Forest Act, 1942,  Dungarpur State Forest Act, 1941,  Banswara Forest Act, 1946 and  Kotah Forest Act, 1947