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RAJASTHAN STATE GAS LIMITED - राजस्थान राज्य गैस लिमिटेड

RAJASTHAN STATE GAS LIMITED - राजस्थान राज्य गैस लिमिटेड खुदरा गैस के बुनियादी ढांचे को स्थापित करने तथा घरेलू, मोटर वाहन, वाणिज्यिक और औद्योगिक ग्राहकों के लिए स्वछ्तर ईंधन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए राज्य में एक नोडल एजेंसी के रूप में 'गेल गैस लिमिटेड' (महारत्न कंपनी गेल (इंडिया) लिमिटेड की सहायक कंपनी) और 'राजस्थान राज्य पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड' (राजस्थान राज्य खान और खनिज लिमिटेड- आर.एस.एम.एम.एल. की एक सहायक कम्पनी) द्वारा 20 सितंबर 2013 को 'एक ''RSPCL-GAIL GAS LIMITED'' नामक संयुक्त उद्यम कंपनी' को स्थापित किया गया था। राजस्थान में खुदरा गैस के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री की उपस्थिति में 28/10/2014 को आरआईआईसीओ (राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम) के साथ उक्त संयुक्त उद्यम कंपनी द्वारा समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने के बाद, यह कंपनी ''आरएसपीसीएल-गेल गैस लिमिटेड'' से ''राजस्थान राज्य गैस लिमिटेड (आरएसजीएल)'' में परिवर्तित हो गई। राजस्थान

राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड

राजस्थान में शक्ति विकास सन् 1949 में प्रारंभ हुआ। उस समय विद्युत शक्ति केवल बहुत कम शहरों तक ही सीमित थी तथा विद्युत को लक्जरी वस्तु माना जाता था। उस समय कुल 42 से अधिक शहर और गाँव विद्युतीकृत नहीं थे तथा स्थापित उत्पादन क्षमता केवल 13.27 MW थी। राजस्थान राज्य विद्युत बोर्ड का गठन 1 जुलाई 1957 को होने के पश्चात राज्य में विद्युत उत्पादन के प्रयास तेज हुए। राज्य सरकार द्वारा किए गए पावर रिफॉर्म्स के तहत राजस्थान राज्य विद्युत बोर्ड RESB को जुलाई 2000 में निम्नलिखित पाँच कंपनियों में बाँट दिया गया- 1. राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RVUN) 2. राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (RVPN) 3. अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (AVVNL) 4. जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL) 5. जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JDVVNL) राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड- इस निगम को निम्नलिखित कार्य सौंपा गया- >राज्य में शक्ति उत्पादन संयंत्रों का विकास, उनका संचालन और रखरखाव करना। राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की स्थापना 1

आर. एस. एम. एम. एल. - राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड

स्थापना- राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (RSMML) राजस्थान सरकार के अग्रणी व विकासशील उपक्रमों में से एक उपक्रम है। इसका मुख्यालय उदयपुर में है। इसकी स्थापना उदयपुर जिले के झामर कोटडा क्षेत्र से रॉक फॉस्फेट के खनन के लिए की गई थी। झामर कोटडा खान का विस्तार लगभग 26 किमी तक है जिसमें करीब 740 लाख टन रॉक फॉस्फेट होने का अनुमान है। उद्देश्य-  इसकी स्थापना का प्रारंभिक उद्देश्य उदयपुर जिले के झामर कोटडा क्षेत्र से रॉक फॉस्फेट के खनन के लिए था किन्तु प्रमुख उद्देश्य न्यून लागत वाले तकनीकी नवाचारों का विकास करना है। इसके साथ ही खनिज आधारित प्रायोजनाओं को विकसित करना भी इसका एक उद्देश्य है। इसके अलावा ''लिग्नाइट आधारित ताप विद्युत् संयंत्रों'' को ईंधन के रूप में लिग्नाइट उपलब्ध कराना और जैसलमेर में पवन ऊर्जा फार्म्स की स्थापना करना है।  RSMML द्वारा खनन कार्य- RSMML उपक्रम ने अधात्विक खनिजों के उत्पादन एवं विपणन में देश में सम्मानजनक स्थान अर्जित किया है। RSMML बहुखनिज उत्खनन प्रतिष्ठान है जो विभिन्न स्थानों पर रॉक फॉस्फेट, लिग्नाइट कोयला, SMS ग्रेड लाईम

राजस्थान सामान्य ज्ञान -
बाड़मेर लिग्नाइट माइनिंग कंपनी लिमिटेड


>बाड़मेर लिग्नाइट माइनिंग कंपनी लिमिटेड पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में स्थापित पहली विद्युत उत्पादन कंपनी है जिसकी स्थापना सन् 2009 में की गई थी। > यह राजस्थान सरकार के उपक्रम राजस्थान स्टेट माइंस एण्ड मिनरल्स लिमिटेड - RSMM तथा निजी क्षेत्र के उद्यम राज वेस्ट पॉवर लिमिटेड - RWPL के बीच निष्पादित एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। > इस कंपनी में RSMM का 51 प्रतिशत तथा RWPL का 49 प्रतिशत अंश है जबकि इनका ऋण समता अनुपात 70 : 30 है। > इसके अंतर्गत 135 - 135 मेगावाट की लिग्नाईट तापीय विद्युत उत्पादन परियोजना के अंतर्गत आठ इकाइयाँ स्थापित की गई है। > ये इकाइयाँ बाड़मेर जिले के भादरेश गाँव में स्थापित की गई है। > इनमें कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 135 X 8 = 1080 मेगावाट है। > इनमें बाड़मेर जिले की कपूरड़ी और जालिपा लिग्नाइट माइंस से निकाला गया तथा आयातित कोयला काम में लिया जा रहा है।