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आर. एस. एम. एम. एल. - राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड

स्थापना-

राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (RSMML) राजस्थान सरकार के अग्रणी व विकासशील उपक्रमों में से एक उपक्रम है। इसका मुख्यालय उदयपुर में है। इसकी स्थापना उदयपुर जिले के झामर कोटडा क्षेत्र से रॉक फॉस्फेट के खनन के लिए की गई थी। झामर कोटडा खान का विस्तार लगभग 26 किमी तक है जिसमें करीब 740 लाख टन रॉक फॉस्फेट होने का अनुमान है।

उद्देश्य- 

इसकी स्थापना का प्रारंभिक उद्देश्य उदयपुर जिले के झामर कोटडा क्षेत्र से रॉक फॉस्फेट के खनन के लिए था किन्तु प्रमुख उद्देश्य न्यून लागत वाले तकनीकी नवाचारों का विकास करना है। इसके साथ ही खनिज आधारित प्रायोजनाओं को विकसित करना भी इसका एक उद्देश्य है। इसके अलावा ''लिग्नाइट आधारित ताप विद्युत् संयंत्रों'' को ईंधन के रूप में लिग्नाइट उपलब्ध कराना और जैसलमेर में पवन ऊर्जा फार्म्स की स्थापना करना है। 

RSMML द्वारा खनन कार्य-

RSMML उपक्रम ने अधात्विक खनिजों के उत्पादन एवं विपणन में देश में सम्मानजनक स्थान अर्जित किया है। RSMML बहुखनिज उत्खनन प्रतिष्ठान है जो विभिन्न स्थानों पर रॉक फॉस्फेट, लिग्नाइट कोयला, SMS ग्रेड लाईम स्टोन, फ्लुरोस्पार तथा जिप्सम का खनन करता है। RSMML रॉक फॉस्फेट तथा जिप्सम के उत्पादन एवं विक्रय में न केवल देश में प्रथम है अपितु कार्बोनेट रॉक फॉस्फेट की ओपन कास्ट माइनिंग की तकनीक में विश्व भर में भी अग्रणी है। 

RSMML द्वारा ऊर्जा उत्पादन-

  • खनन के अतिरिक्त यह प्रतिष्ठान ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी कार्य कर रहा है इसके द्वारा 106.3 MW क्षमता का पवन ऊर्जा संयंत्र जैसलमेर में स्थापित किया जा चुका है।
  • इन संयंत्रों से विद्युत उत्पादन क्षमता लगभग 1,815 लाख यूनिट वार्षिक हो गई है।
  • इसकी पवन ऊर्जा परियोजना, जैसलमेर के क्लीन डेवलपमेंट मैकेनिज्म के अंतर्गत चार परियोजनाओं का पंजीकरण हो चुका है।

राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड के उत्पादन -

  • लाइमस्टोन-

इस उपक्रम द्वारा सानू (जैसलमेर) व गोट्न ( नागौर ) आदि स्थानों पर लाइमस्टोन का उत्पादन किया जा रहा है। देश के कुल स्टील ग्रेड लाइमस्टोन के उत्पादन का 85 प्रतिशत जैसलमेर के सानू माइंस क्षेत्र से होता है। यहाँ से भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) के इस्पात संयंत्रों, टाटा स्टील, जिंदल स्टील आदि देश के प्रमुख स्टील उद्योगों को लाइमस्टोन की आपूर्ति नियमित रूप से की जा रही है। 
गोट्न से उत्पादित लाइमस्टोन को  केमिकल एवं सफेद सीमेंट निर्माण उद्योग में काम में लिया जाता है।
  • लिग्नाइट खनन - 

    इसके द्वारा गिरल {बाड़मेर}, कसनौ व मातासुख (नागौर) की लिग्नाइट पट्टी में खनन किया जा रहा है।
  • फ्लुरोस्पार उत्पादन -

    इसके द्वारा भीनमाल (जालोर) में फ्लुरोस्पार (CaF2) का खनन किया जा रहा है। जो राजस्थान में फ्लुरोस्पार की एकमात्र कार्यशील यूनिट है।

    रॉक फास्फेट का उत्पादन - 

    यह कंपनी उदयपुर के झामर-कोटडा की ओपन कास्ट खानों से रॉक फास्फेट का उत्पादन कर रही है जो देश के कुल  रॉक फास्फेट उत्पादन का  98 % है। रॉक फास्फेट (P2O5)  का उपयोग  फास्फेट उर्वरक के रूप में  किया जाता है। 

    जिप्सम व सेलेनाईट उत्पादन -

    इसके द्वारा थार मरूस्थल से जिप्सम का खनन किया जा रहा है। उच्च शुद्धता व गुणवत्ता युक्त क्रिस्टलीय जिप्सम को सेलेनाईट कहते हैं। जो सेरिमिक उद्योग तथा सर्जिकल ग्रेड के प्लास्टर ऑफ़ पेरिस के निर्माण में उपयोगी है। खेतों की मृदा की क्षारीयता को कम करने के लिए जिप्सम का उपयोग  किया जाता है।


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