Adhai din ka Jhonpra, Ajmer अढाई दिन का झोंपड़ा, अजमेर अढाई दिन का झोंपड़ा एक ऐतिहासिक ईमारत है, जो राजस्थान के शहर अजमेर में स्थित है। यह अजमेर में ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह से आगे कुछ ही दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि यह ऐतिहासिक इमारत चौहान सम्राट बीसलदेव ने सन 1153 में बनवाई थी। यह मूलत: संस्कृत विद्यालय (सरस्वती कंठाभरण महाविद्यालय) थी, जिसे बाद में शाहबुद्दीन मुहम्मद ग़ोरी के आदेश पर सन 1191 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने मस्जिद का रूप देना प्रारंभ किया जो 1199 में पूर्ण हुई। यह भी कहा जाता है कि 11वीं सदी के अंतिम दशक में मुहम्मद गोरी ने तराईन के युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को परास्त कर दिया और उसकी फौजों ने अजमेर में प्रवेश के लिए कूच किया तो गोरी ने वहां नमाज अदा करने के लिए मस्जिद बनाने की इच्छा प्रकट की और इसके लिए 60 घंटे का समय दिया। अतः इस मस्जिद को बनवाने में सिर्फ़ ढाई दिन ही लगे, इसलिए इसे 'अढाई दिन का झोंपड़ा' कहा जाता है, किन्तु यह सत्य प्रतीत नहीं होता है। इसके बारे एक अन्य प्रचलित बात यह है कि यहाँ हर साल अढाई दिन का मेला लगता है, जिसके कारण इसे अढा
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