राजस्थान में गौ-वंश राजस्थान के पशुपालन के क्षेत्र में गाय का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। राजस्थान की अर्थव्यवस्था में गौधन का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत की समस्त गौ वंश का लगभग 8 प्रतिशत भाग राजस्थान में पाया जाता है। गौ वंश संख्या में भारत में प्रथम स्थान उत्तरप्रदेश का है। राजस्थान राज्य का भारत में गौ-वंश संख्या में सातवाँ स्थान है। राज्य में कुल पशु-सम्पदा में गौ-वंश प्रतिशत 22.8 % है। संख्या में बकरी के पश्चात् गौवंश का स्थान दूसरा है। राजस्थान में अधिकतम गौवंश उदयपुर जिले में हैं जबकि न्यूनतम धौलपुर में हैं। गौशाला विकास कार्यक्रम की राज्य में शीर्ष संस्था राजस्थान गौशाला पिजंरापोल संघ, जयपुर है। बस्सी (जयपुर) में गौवंश संवर्धन फार्म स्थापित किया गया है। राज्य गौ सेवा आयोग, जयपुर की स्थापना 23 मार्च 1951 को की गई थी। गौ-संवर्धन के लिए दौसा व कोड़मदेसर (बीकानेर) में गौ सदन स्थापित किए गए हैं। राज्य में पशुगणना 2012 के अनुसार कुल गौधन संख्या 1,33,24,462 या लगभग 133.2 लाख (13.32 मिलियन) है। अन्तर पशुगणना अवधि (2007-2012) के दौरान गौधन की संख्या में 9.94% की वृद्धि
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