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सहकारी क्षेत्र में कमजोर वर्ग के लिये पीपीपी मॉडल पर बनाए जाएंगे आवास

सहकारी क्षेत्र में कमजोर वर्ग के लिये पीपीपी मॉडल पर बनाए जाएंगे आवास जयपुर, 9 मार्च। राजस्थान राज्य सहकारी आवासन संघ प्राथमिकता से राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिये आवासों का निर्माण करेगा, इसकी शुरूआत पीपीपी मॉडल पर की जायेगी। निर्मित आवासों की समय पर सुपुदर्गी के साथ उपभोक्ता के हितों की रक्षा को सहकारी आवासन संघ सुनिश्चित करेगा। यह जानकारी रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने दी। डॉ. पवन शनिवार को झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित राईसेम परिसर में आयोजित राष्ट्रीय सहकारी आवासन परिसंघ की 182वीं निदेशक मण्डल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में कच्चा बिल्डिंग मैटेरियल की आपूर्ति सहकारी आवासन संघ द्वारा की जायेगी, इसके लिये परस्पर सहयोग आधारित कार्य योजना को मूर्त रूप प्रदान किया जायेगा।  उन्होंने बताया कि सहकारी आवासन संघ पीपीपी मॉडल के तहत तीन आधारभूत संरचनाओं पर कार्य करेगा, जिसमें कई स्थानों पर सहकारी आवासन संघ की जमीन होगी तो कही जगह निजी भवन निर्माताओं की होगी तथा कच्चा मैटेरियल एवं भवन निर्माण तकनीक व निर्माण की जिम्मेदारी को आ

प्रदेश में सहकारी क्षेत्र में सुपर स्टोर की श्रंखला होगी शुरू, ग्रामीण क्षेत्र में भी खुलेंगे सुपर स्टोर

प्रदेश में सहकारी क्षेत्र में सुपर स्टोर की श्रंखला होगी शुरू, ग्रामीण क्षेत्र में भी खुलेंगे सुपर स्टोर जयपुर में स्वेज फार्म पर शुरू हुआ सहकारी सुपर स्टोर जयपुर, 4 फरवरी। सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल आंजना ने कहा कि हम प्रदेश के सहकारी क्षेत्र में सुपर स्टोर की श्रंखला शुरू करने जा रहे हैं ताकि उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पाद एक ही छत के नीचे उचित मूल्य पर मुहैया कराये जा सकें। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में जयपुर में न्यू सांगानेर रोड स्थित स्वेज फार्म पर सुपर स्टोर की शुरूआत की गई है। अकेले जयपुर में ही ऎसे 13 और स्टोर खोले जायेंगे। सुपर स्टोर के कन्सेप्ट को ग्राम स्तर पर ले जाया जाएगा ताकि ग्रामीण क्षेत्र में ब्राण्डेड उत्पाद उपलब्ध हो सके। इस दो मंजिला सुपर स्टोर के माध्यम से 4 हजार से अधिक उत्पाद उपलब्ध होंगे। यहां प्रतिष्ठित कम्पनियों के उत्पादों के अलावा कॉनफैड के स्वयं के मसाला प्लाण्ट में उत्पादित शु़द्ध उपहार एगमार्क मसाले, रेडी टू ईट उत्पाद, किचन वेयर व टूल्स, सौन्दर्य प्रसाधन की पूरी रेंज, तथा टॉयलेटरीज व स्टेशनरी आईटम्स उपलब्ध होंगे।  अभी प्रदेश म

Co-operative Schemes and Major Co-operative Institutions in Rajasthan - राजस्थान में सहकारिता की योजनाएँ एवं प्रमुख सहकारिता संस्थाएं

राजस्थान में सहकारिता का इतिहास करीब एक शताब्दी पुराना है। समय गुजरने के साथ-साथ सहकारी संस्थाएं लगातार मजबूत होती गई। आज स्थिति यह है कि सहकारिता आंदोलन से किसान और ग्रामीणों के साथ-साथ शहरी समुदाय भी लाभान्वित होने लगा है। सहकारिता आंदोलन की इससे बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है कि आज बड़ी संख्या में महिलाएं भी सहकारिता से जुड़ रही हैं। महिला कल्याण में सहकारिता आंदोलन की बड़ी भूमिका है। करीब साढ़े चार हजार विभिन्न सहकारी संस्थाओं से जुड़कर महिलाएं अपना और अपने आसपास के लोगों का जीवन बेहतरी की ओर मोड़ चुकी हैं। आज गांवों में ही नहीं, बल्कि शहरों में भी सहकारी संस्थाओं ने अपनी पहचान बनाई है। दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए जहां उपभोक्ता भण्डारों के प्रति लोगों में विश्वास है, वहीं बीमारी की स्थिति में उपभोक्ता दवा केन्द्र आमजन और पैंशनर्स के लिए एक मिशन की तरह काम कर रहे हैं। सहकारिता का सिद्धान्त परस्पर सहयोग की भावना पर आधारित है, जिसका मूल मंत्र है ’’एक सबके लिए-सब एक के लिए’’। राजस्थान में सबसे पहले वर्ष 1904 में अजमेर में सहकारिता की शुरुआत हुई, इसके बाद भरतपुर में 1915,