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Rajasthan's Payal Recieved Global Change Maker Award

राजस्थान की पायल को मिला ग्लोबल चेंज मेकर पुरस्कार


बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा अमेरिका में राजस्थान के अलवर जिले के हिंसला गांव की रहने वाली पायल जांगिड़ को मंगलवार को चेंज मेकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्‍मान उन्‍हें न्यूयॉर्क में 'गोलकीपर्स ग्लोबल गोल्स अवार्ड्स 2019' समारोह में दिया गया। इसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ग्लोबल गोलकीपर पुरस्कार दिया गया। 
राजस्थान में बाल विवाह और बाल श्रम जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाद बुलंद करने के लिए पायल को यह सम्मान दिया गया। पायल की उम्र महज 17 साल है। पायल के माता-पिता बचपन में ही उसकी शादी करना चाहते थे, लेकिन पायल ने शादी करने से साफ मना कर दिया था। किसान पिता पप्पू जांगिड़ और गृहणी मां की पुत्री पायल ने न सिर्फ खुद के बाल विवाह से इनकार नहीं किया, बल्कि उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ प्रदेश में एक आंदोलन भी छेड़ दिया। 
प्रारम्भ में पायल ने अपने गांव में ही नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के 'बचपन बचाओ आंदोलन' के 'बाल मित्र ग्राम (बीएमजी) कार्यक्रम' में 'बाल पंचायत प्रमुख' के रूप में कार्य किया। पायल के कार्य की प्रशंसा कैलाश सत्यार्थी ने अपने एक लेख में की थी। पायल ने बच्चों के अधिकार और शिक्षा के लिए काम करने वाली संस्था 'द वल्डर्स चिल्ड्रन प्राइज' के लिए जूरी सदस्य के रूप में भी काम किया। 

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने पायल के चेंज मेकर पुरस्कार हासिल करने पर कहा कि पायल ने आज हमें गौरवान्वित किया है। उसने अपनी शादी से मना करने का साहस दिखाया। वह उन युवा महिलाओं में से एक हैं जो भारत और अन्य जगहों पर बच्चों के शोषण के खिलाफ सबसे आगे हैं। साथ ही गांव और आस-पास के गांवों में अन्य बच्चों के विवाह के खिलाफ भी उसने आवाज उठाई।
2015 में पायल सिर्फ 12 साल की थीं, जब उन्हें राष्ट्रपति बराक ओबामा और मिशेल ओबामा से मिलने का मौका मिला। वह राजस्थान में अपने गांव के बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ती रहती हैं, जहां वह बाल संसद की अध्यक्ष हैं। पायल ने 12 साल की उम्र में अपनी शादी के खिलाफ आवाज उठाई। वो लगातार बाल श्रम के खिलाफ आवाज उठाती रहीं।  पायल के प्रयासों का काफी असर हुआ है तथा उसके गांव और आस-पास के गांवों में बाल विवाह में रोक लगी है। बच्चे स्कूल जाने लगे हैं। पायल ने बाल मजदूरी और बाल विवाह के खिलाफ जमीनी स्तर पर क्रांतिकारी तरीके से काम किया गांव में बाल-विवाह प्रथा पूर्ण तरीके से खत्म करने में सफलता प्राप्त की। 



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