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Rajasthan Current GK May-June 2019

राजस्थान समसामयिक घटनाचक्र - मई-जून 2019

राजस्थान करंट अफेयर्स Rajasthan Current Affairs

राजीविका एवं भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के मध्य अनुबन्ध


जयपुर 31 मई। ग्रामीण विकास विभाग की राजीविका योजना के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्याओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुक्रवार को सचिवालय में राजीविका एवं भारतीय जीवन बीमा निगम के मध्य अनुबन्ध किया गया है। 

इस अनुबन्ध के तहत् प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में इन समस्त परिवारों को जोड़ने के लिए उपरोक्त दोनों योजनाओं की कुल प्रीमीयम राशि 342 रुपये में से 171 रुपये जीवन बीमा निगम द्वारा अनुदान के रूप में सरकार से लिए जायेंगे तथा शेष 171 रुपये सदस्य महिला द्वारा दिये जायेंगे। इस योजना के तहत् प्राकृतिक मृत्यु की अवस्था में 2 लाख रूपये तथा दुर्घटना होने पर 4 लाख रुपये की बीमा राशि होगी। 

इस अनुबन्ध पर राज्य सरकार की तरफ से अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, श्री राजेश्वर सिंह तथा जीवन बीमा निगम से श्री एस.एस. चौधरी, मण्डल प्रबन्धक, जयपुर द्वारा हस्ताक्षर किये गये। इस अवसर पर भारतीय जीवन बीमा निगम एवं राजीविका के अधिकारीगण उपस्थित थे। 

राजीविका व सेन्टर फॉर माईक्रो फाईनेन्स (टाटा ट्रस्ट) के मध्य अनुबन्ध


जयपुर 31 मई। ग्रामीण विकास विभाग की राजीविका योजना अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्याओं के परिवार की आय में स्थाई वृद्धि एवं आजीविका संवद्र्धन के लिए शुक्रवार को राजीविका तथा सेन्टर फॉर माईक्रो फाईनेन्स के मध्य एक अनुबन्ध किया गया। 

इस अनुबन्ध के तहत् राजीविका में गठित फैडरेशन्स के माध्यम से इस योजना को लागू किया जायेगा। फैडरेशन द्वारा कृषि व गैर कृषि क्षेत्रों में निर्धन परिवारों के उत्पादन को संग्रहण, भंडारण व प्रसंस्करण की सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। सेन्टर फॉर माईक्रो फाईनेन्स (टाटा ट्रस्ट) द्वारा उपरोक्त गतिविधियों के क्रियान्वयन में तकनीकी सहयोग प्रदान किया जायेगा। 

इस अनुबन्ध पर राज्य सरकार की तरफ से अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, श्री राजेश्वर सिंह तथा सेन्टर फॉर माईक्रो फाईनेन्स की कार्यकारी निदेशक, श्रीमती मल्लिका श्रीवास्तव द्वारा हस्ताक्षर किये गये। इस अवसर पर अधिकारीगण उपस्थित थे।

आपकी बेटी योजना में आर्थिक सहायता राशि एक हजार रुपये बढ़ाई


जयपुर, 30 मई। राज्य सरकार ने ‘‘आपकी बेटी योजना‘‘ के तहत कक्षा 1 से 8 में अध्ययनरत बालिकाओं को दी जाने वाली वार्षिक आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 2100 रुपये तथा कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत बालिकाओं के लिए आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 

योजना के तहत अब तक राजकीय विद्यालय में कक्षा 1 से 8 में अध्ययनरत बालिकाओं को 1100 रुपये तथा कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत बालिकाओं को 1500 रुपये की वार्षिक आर्थिक सहायता मिल रही थी। योजना के प्रारंभ से सत्र 2018-19 तक सहायता राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की पहल पर योजना में आर्थिक सहायता राशि बढ़ाई गई है। अब इन बालिकाओं को सत्र 2019-20 से बढ़ी हुई आर्थिक सहायता राशि प्राप्त होगी। 

उल्लेखनीय है कि ‘‘आपकी बेटी योजना‘‘ के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत ऎसी बालिकाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है जिनके माता-पिता दोनों अथवा किसी एक का निधन हो गया हो। 

राजस्थान का पहला मेंगो फेस्टिवल हुआ बांसवाड़ा में-


जयपुर, 7 जून। फलों के राजा आम की बांसवाड़ा में पाई जाने वाली 46 प्रजातियों से देश-दुनिया को रूबरू करवाने के लिए राजस्थान का पहला मेंगो फेस्टिवल बांसवाड़ा के कुशलबाग मैदान में शुरू हुआ।  जिला प्रशासन, कृषि अनुसंधान केन्द्र तथा बांसवाड़ा पर्यटन उन्नयन समिति के तत्वावधान में आयोजित हुए तीन दिवसीय बांसवाड़ा मेंगो फेस्टिवल में 13 स्टॉल्स पर आम की विविध 46 प्रजातियों की प्रदर्शनी लगाई गई थी, वहीं 8 पर आम के उत्पादों का प्रदर्शन व विक्रय किया गया। एक स्टॉल तकनीकी परामर्श केन्द्र के रूप में स्थापित थी जहां पर कृषि अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक मौजूद रहकर आम के संबंध में जनसामान्य की शंकाओं का समाधान कर रहे थे।

नेशनल वायरल हेपिटाइटिस कंट्रोल कार्यक्रम प्रारंभ

जयपुर, 7 जून। पंजाब के बाद राजस्थान दूसरा राज्य है जहां यह नेशनल वायरल हेपिटाइटिस कंट्रोल कार्यक्रम कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। हेपेटाइटिस एक गंभीर समस्या है और इसके बारे में चिकित्सकों के साथ ही आमजन को जागरूक करने की आवश्यकता है। वायरल हेपेटाइटस की स्क्रीनिंग तथा समय पर उपचार से ही इसके दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। प्रदेश में एस.एम.एस मेडिकल कॉलेज जयपुर, जेएलएन अजमेर तथा जोधपुर मेडिकल कॉलेज को हेपेटाइटस बी एवं सी की स्क्रीनिंग जांच व उपचार के लिए आदर्श उपचार केन्द्र के रूप में चुना गया है। सभी जिला चिकित्सालयों में हेपेटाइटस की जांच व उपचार केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश में हेपेटाइटस कंट्रोल प्रोग्राम के अन्तर्गत सभी आवश्यक दवाईयां जिला चिकित्सालयों में स्थापित हेपेटाइटस उपचार केन्द्रों पर भिजवाई जा रही हैं। यह सभी दवाईयां मरीजों को निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी। विभाग द्वारा संस्थागत प्रसव पर समस्त शिशुओं को हेपेटाइटस की खुराक निःशुल्क दी जा रही है। गर्भवती महिलाओं की जांच करवाकर हेपेटाइटस पाजीटिव पाये जाने पर निःशुल्क जांच व उपचार करवाया जा रहा है। हेपेटाइटस कंट्रोल प्रोग्राम के अन्तर्गत प्रदेश के चिकित्सकों को केन्द्रीय संस्थानों में भेजकर प्रशिक्षण दिलवाया गया है। अब ये चिकित्सक अन्य चिकित्सकों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। नेशनल वायरल हेपिटाइटिस कंट्रोल कार्यक्रम के तहत प्रदेश में इस वर्ष 3 आदर्श उपचार केंद्रों के साथ ही जिला स्तर पर उपचार सुविधाएं सुलभ करा दी जाएंगी। इसके बाद यह सुविधा ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध कराई जाएगी।


राजस्थानी साहित्य सेवा , पुस्तक एवं लोकगीत सहित अन्य श्रेणियों के लिए दिए जायेंगे पुरस्कार


जयपुर, 4 जून। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में प्रवासी राजस्थानियों की प्रमुख समाजसेवी संस्था राजस्थान रत्नाकर द्वारा राजस्थानी साहित्य सेवा, राजस्थानी पुस्तक एवं राजस्थानी लोकगीतों सहित अन्य श्रेणियों के लिए विशेष पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। राजस्थान रत्नाकर के चैयरमेन राजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि इन पुरस्कारों के चयन के लिए एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति प्राप्त आवेदनों में से श्रेष्ठ रचनाकारों के नाम की अनुशंसा करेगी। संस्था के प्रधान रमेश कनोडिया ने अवगत कराया कि इन पुरस्कारों के लिए 18 जून तक आवेदन मंगवाये गये हैं। संस्था महामंत्री सुमित गुप्ता के अनुसार यह पुरस्कार आगामी 21 जुलाई को नई दिल्ली के अम्बेडकर इंटरनेशनल सेन्टर, जनपथ पर आयोजित होने वाले संस्था के वार्षिक समारोह में दिए जायेंगे।

स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एंजल इन्वेस्टर समिट


जयपुर,3 जून । राजस्थान में स्टार्टअप के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करने और फडिंग समस्या को दूर करने के लिए आई स्टार्ट राजस्थान और चैम्बर ऑफ कामर्स और इंडस्ट्रीज की ओर से 3 जून को एंजल इन्वेस्टर्स समिट का किया गया। इस समिट की सबसे खास बात यह है कि करीब 30 इन्वेस्टर्स यहां आएंगे और ISTART programme के अंतर्गत रजिस्ट्रड स्टार्टअप को परखकर निवेश करेंगे। इस समिट का आयोजन झालाना स्थित टैक्नो हब में होगा। चयनित स्टार्टअप का बूट कैम्प में समिट के लिए स्टार्टअप को शॉटलिस्ट  किया है। समिट के दौरान अलग-अलग सैशन्स में इन्वेस्टर्स इन स्टार्टअप को परखेंगे। नए स्टार्टअप में निवेश की समस्या दूर होगी इस समिट के पीछे प्रदेश में नए इनोवेटिव आइडिया और स्टार्टअप में फंडिग समस्या को दूर करना है। राजस्थान में स्टार्टअप रजिस्ट्रेशन के लिए जब से इंटीग्रेटेड सिंगल विंडो की शुरूआत हुई है तब से अब तक 1 हजार 416 स्टार्टअप का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। इनमें से 898 स्टार्टअप को अप्रुव किया जा चुका है। इनमें से चयनित स्टार्टअप के लिए इन्वेस्टर पिच तैयार की गई हे। इस इन्वेस्टर पिच समिट में करीब 30 एंजेल इन्वेस्टर में से अपने पंसद के स्टार्टअप का चयन कर उसमें निवेश करेंगे।

उद्योग रत्न पुरस्कारों के लिए 28 जून तक प्रस्ताव आमंत्रित -


जयपुर, 9 जून। उद्योग एवं राजकीय उपक्रम विभाग ने राज्य के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) से उद्योग रत्न पुरस्कारों के लिए 28 जून तक आवेदन आमंत्रित किए है। इसके अंतर्गत कुल 14 उद्योग रत्न पुरस्कार दिए जाएंगे जिसमें 12 पुरस्कार एमएसएमई उद्यमोंं और एक पुरस्कार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हस्तशिल्पि और एक बुनकर को दिया जाएगा। पुरस्कार स्वरुप एक-एक लाख रुपए नकद, प्रशस्ति पत्र और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया जाएगा।

राज्य सरकार द्वारा घोषित एमएसएमई नीति के तहत प्रदेश में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले उद्यमों को पुरस्कृत करने का प्रावधान है और इसी की क्रियान्विति में इस साल के पुरस्कारों के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मांगे गए हैं। पुरस्कारों की विस्तृत जानकारी विभागीय वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा जिला उद्योग केन्द्रों से भी संपर्क कर उद्योग रत्न पुरस्कारों के आवेदन, आवश्यक दस्तावेजों आदि की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
एमएसएमई क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए दिए जाने वाले 12 पुरस्कारों में प्रत्येक वर्ग यानी कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को एक टर्नओवर की दृष्टि से सर्वाधिक ग्रोथ, दो पर्यावरण मापदंडोें, उर्जा संरक्षण तकनीक को अपनाने, श्रम उत्पादकता बढ़ाने और श्रम कल्याण के क्षेत्र में नवाचारों, तीन सर्वश्रेष्ठ महिला उद्यमी और चार बीमार उद्योग के पुनरुद्धार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले उद्योगों के प्राप्त आवेदनों में से उत्कृष्ठता के आधार पर चयन कर लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों को चार-चार अर्थात 12 पुरस्कार दिए जाएंगे। इसके अलावा एक-एक पुरस्कार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हस्तशिल्पियों एवं बुनकरों के प्राप्त आवेदनों में से चयन कर दिया जाएगा।
उद्योग रत्न पुरस्कारों के लिए आवेदन करने वाले उद्योग एमएसएमईडी एक्ट 2006 के अंतर्गत ईएम पार्ट ॥ या उद्योग आधार प्रमाण पत्र धारक राजस्थान के उद्यम जो गत तीन वर्षोे से निरंतर उत्पादनरत होने के साथ ही किसी भी श्रेणी के आवेदक किसी भी आपराधिक मामलें में संलिप्त नहीं होने चाहिए।

नाथद्वारा में आयोजित हुआ श्रीनाथ जगन्नाथ उत्सव


जयपुर, 8 जून। विश्वास संस्थान एवं नृत्याभनिय संस्थान, जिला प्रशासन तथा मन्दिर मंडल नाथद्वारा के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक एवं कला परंपराओं को समृद्ध करने के साथ ही कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए नाथद्वारा के वल्लभ विलास में श्रीनाथ जगन्नाथ उत्सव आयोजित किया गया। श्रीनाथ जगन्नाथ महोत्सव के अन्तर्गत वल्लभ विलास में शास्त्रीय नृत्यों की विभिन्न विधाओं तथा चित्रकला की प्रतियोगिताओं आयोजित की गई।

समारोह में देश के महाराष्ट्र , गुजरात, उड़ीसा, पंजाब, देहली, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, सहित कई राज्यों के शास्त्रीय नृत्याें की विभिन्न विधाओं के मशहूर कलाकार भाग लिया। इसके निर्णायक मंडल में गुरु सरोज मोहंती, गुरु बिचित्रानंदन, डॉ संध्या पुरेचा, प्रो संध्या भाटिया, गुरु राज श्री शिर्के को सम्मिलित किया गया। निर्णायक मंडल के समस्त सदस्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर कलाकार हैं।

राष्‍ट्रीय साम्‍प्रदायिक सद्भाव पुरस्‍कारों के लिए नामांकन 30 जून, 2019 तक

साम्‍प्रदायिक सद्भाव और राष्‍ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में उत्‍कृष्‍ट योगदान देने के लिए पात्र व्‍यक्तियों और संगठनों से राष्‍ट्रीय साम्‍प्रदायिक सद्भाव पुरस्‍कार-2019 के लिए नामांकन आमंत्रित किए गए हैं। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून, 2019 है। राष्‍ट्रीय साम्‍प्रदायिक सद्भाव पुरस्‍कारों की स्‍थापना केन्‍द्रीय गृह मंत्रालय के अन्‍तर्गत एक स्‍वायत संस्‍था राष्‍ट्रीय साम्‍प्रदायिक सद्भाव संस्‍थान (एनएफसीएच) के द्वारा की गई थी।   
राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव पुरस्कार, 2019 की व्यक्तिगत श्रेणी में प्रत्येक को प्रशस्ति पत्र और 5 लाख रुपये तथा संगठन श्रेणी में 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। व्‍यक्तिगत श्रेणी में राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव के क्षेत्र में कम से कम दस साल की अवधि तक काम कर चुके व्‍यक्तियों के नाम पुरस्‍कार के लिए विचार किए जाने के पात्र होंगे, जबकि राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के क्षेत्र में 5 साल से अधिक कार्य करने वाले संगठनों के नामों पर विचार किया जाएगा।
नामांकन राष्‍ट्रीय साम्‍प्रदायिक सद्भाव संस्‍थान (एनएफसीएच), 9वीं मंजिल, ‘सी’ विंग, लोक नायक भवन, खान मार्केट, नई दिल्‍ली-110003 को 30 जून, 2019 तक भेजे जा सकते हैं। इनका विवरण संस्‍थान की वेबसाइट www.nfch.nic.in से या संस्‍थान के कार्यालय से प्राप्‍त किया जा सकता है।

एमएसएमई वेब पोर्टल "राज उद्योग मित्र" का शुभारम्भ 

https://rajudyogmitra.rajasthan.gov.in/images/rajudhyogmitra_logo.png
जयपुर, 12 जून। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जयपुर में एमएसएमई वेबपोर्टल "राज उद्योग मित्र" www.rajudyogmitra.rajasthan.gov.in  का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मात्र 6 माह में ही ऎसे कदम उठाए गए हैं, जिससे निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और राजस्थान इन्वेस्टर फ्रेण्डली स्टेट बनेगा। मार्च माह में लाया गया सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेंट एण्ड ऑपरेशन) अध्यादेश, 2019 तथा आज शुरू किया गया एमएसएमई वेब पोर्टल इसी दिशा में क्रांतिकारी कदम हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का पहला ऎसा राज्य है, जिसने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने के लिए अध्यादेश लागू किया है। अब राज्य में उद्यम लगाने के लिए  एमएसएमई उद्यमियों को तीन साल तक किसी प्रकार की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी। इस वेबपोर्टल पर स्वघोषणा प्रपत्र भरकर ही उद्यमी अपना एमएसएमई उद्यम स्थापित कर सकेंगे। उन्हें किसी भी सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पडे़ंगे। उन्हें हर तरह के सरकारी हस्तक्षेप से मुक्ति मिलेगी और वे निश्चिंत होकर अपना कारोबार कर सकेंगे। आने वाले विधानसभा सत्र में ही इस अध्यादेश को बिल बनाकर एक्ट का रूप देंगे।  


मुख्यमंत्री ने कहा कि एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए भी प्रदेश में 10 हैक्टेयर तक कृषि भूमि का लैण्ड यूज चेंज करने की आवश्यकता नहीं है। सरकार जल्द ही नई उद्योग नीति लाएगी। नेशनल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की तर्ज पर ही प्रदेश में भी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल बनाई जाएगी तथा सिंगल विण्डो सिस्टम को भी प्रभावी बनाया जाएगा।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वेब पोर्टल पर सेल्फ डिक्लरेशन प्रपत्र भरने वाले उद्यमियों श्री अनिल भाटी, श्री परमजीत कपूर एवं श्री गौरव राजोरिया, श्री पवन शर्मा तथा श्री चेतन पनिया एवं श्री विजय पनिया को उनके द्वारा स्थापित की जाने वाली एमएसएमई इकाइयों के लिए ‘प्राप्ति का प्रमाण पत्र‘ प्रदान किया। 


क्या है एमएसएमई अध्यादेश 
राज्य सरकार ने प्रदेश में नए उद्यमों के अनुकूल माहौल तैयार करने और निवेशकों की सुविधा के लिए कई सकारात्मक कदम उठाते हुए एमएसएमई उद्यमियों को सरकारी दफ्तराें के चक्कर नहीं लगाने पड़ें और वे सिर्फ सेल्फ डिक्लेरेशन प्रपत्र भरकर ही अपना व्यवसाय शुरू कर सकें, इसके लिए 4 मार्च को ‘सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (फैसेलिटेशन ऑफ एस्टेबिलेशमेन्ट एण्ड ऑपरेशन) अध्यादेश, 2019‘ अधिसूचित किया था और 24 मई को इसके नियम [Micro, Small & Medium Enterprise (Facilitation of Establishment and Operation) Ordinance, 2019 (Rules)] भी अधिसूचित कर दिए। 

इस अध्यादेश के लागू होने से उद्यमी के समय की बचत होगी और वह अपना ध्यान उद्योग के विस्तार और उत्पादन बढ़ाने पर लगा सकेगा। उद्यमी सिर्फ सेल्फ डिक्लेरेशन प्रपत्र भरकर ही अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगे। इतना ही नहीं, उन्हें तीन साल तक विभिन्न विभागों की स्वीकृतियों एवं निरीक्षणों सहित कई तरह की विधिक एवं प्रशासनिक जटिलताओं से मुक्ति मिल जाएगी। इस अध्यादेश के क्रियान्वयन के लिए एक ऑनलाइन एप्लीकेशन भी तैयार की गई है। अध्यादेश के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर निवेश संवर्धन ब्यूरो (BIP) तथा जिला स्तर पर जिला उद्योग केंद्र नोडल एजेन्सी होंगे।
 
अध्यादेश के प्रावधानों के अनुसार उद्यमी एक निर्धारित प्रारूप में इलेक्ट्रॉनिक अथवा भौतिक रूप से ‘‘उद्यम स्थापना करने का आशय‘‘(Declaration of Intent) नोडल एजेन्सी को प्रस्तुत करेगा और नोडल एजेन्सी द्वारा ‘‘प्राप्ति का प्रमाण-पत्र‘‘ (Acknowledgment Certificate) जारी किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें तीन वर्ष तक विभिन्न विभागों की स्वीकृति एवं निरीक्षणों से छूट मिल जाएगी। हालांकि उन्हें प्रदेश में पहले से प्रभावी सभी कानूनों के अनुरूप चलना होगा। तीन वर्ष का समय पूरा होने के बाद उद्यमों को अगले 6 माह में आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त करनी हाेंगी।

इस अध्यादेश में नये एमएसएमई उद्यमों को राज्य सरकार के अधिनियमों से सम्बन्धित स्वीकृतियों से मुक्ति तो दी ही गई है, साथ ही भारत सरकार के भी जिन अधिनियमों में राज्य सरकार को छूट प्रदान करने की शक्ति मिली हुई है, उनमें भी छूट का प्रावधान किया गया है।

राजस्थान की सुमन राव बनी फेमिना मिस इंडिया 2019


56वें फेमिना मिस इंडिया 2019 प्रतियोगिता में राजस्थान की सुमन राव ने ख़िताब जीत कर ये ताज हासिल कर किया है। 22 साल की सुमन ने अनुकृति वास के बाद अब ये खिताब जीता है। राजस्थान के राजसमंद जिले के आमेट पंचायत समिति के आईडाणा की मूल निवासी सुमन राव वर्तमान में चार्टेड अकाउंटेंट की तैयारी कर रही थी। पिछले वर्ष रनर अप रही सुमन ने इस वर्ष ये खिताब जीतकर अपना सपना साकार किया है। इस साल 2019 में मिस इंडिया का खिताब जीतने वाली सुमन वर्ष 2018 में ताज से चूक गई थी तथा दूसरे स्थान पर रही थी। नवी मुंबई में महात्मा एजेकुशन सोसाइटी से अपनी पढ़ाई करने वाली सुमन राव सीए की छात्रा रही हैं। फेमिना मिस इंडिया-2019 सुमन राव अब थाईलैंड में होने वाली मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी।


जनजाति लोककला व संस्कृति के अनूठा संगम ‘‘आदि महोत्सव’-


जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (टीएडी), जनजाति अनुसन्धान संसथान (टीआरआई) और भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के सयुंक्त तत्वावधान में जनजाति लोककला एवं संस्कृति के अनूठे संगम “आदि महोत्सव“ का शुभांरभ 14 जून को उदयपुर के लोककला मण्डल में मुख्य अतिथि जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री अर्जुन सिंह बामनिया ने पारंपरिक वाद्ययंत्र “नगाड़ा“ बजाकर किया। इस महोत्सव में टीएडी, टीआरआई एवं लोककला मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में प्रदर्शित आदि शिल्प हाट, जड़ी बूटियों से उपचार, जनजाति माण्डना, भित्ति चित्रण तथा ट्राईफेड के ट्राईबस इण्डिया द्वारा प्रदर्शनी के स्टॉल लगाए गए, जिनमें राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के नायाब शिल्प नमूनों का प्रदर्शन एवं विक्रय किया गया। 14 से 16 जून तक चले इस त्रि-दिवसीय 'आदि महोत्सव' में आदिवासी कलाकारों द्वारा धुलिया-माताजी नार, बांसवाडा के भील जनजाति द्वारा गैर, डांगरी तथा घूमरा नृत्य, करौली का दंगल, शाहबाद, बांरा के सहरिया जनजाति का स्वांग नृत्य, सिरोही के गरासिया जनजाति का वालर नृत्य व रायण नृत्य, भील जनजाति के गवरी नृत्य नाटिका आदि की प्रस्तुतियां दी। साथ ही बाड़मेर के भील जनजाति के कलाकारों द्धारा पाबूजी की पड़ का वाचन, भील जनजाति द्वारा कच्छी घोड़ी नृत्य व गवरी नृत्य, उदयपुर के मीणा जनजाति के कलाकारों द्वारा लाखा बंजारा नृत्य, डूगंरपुर के भील जनजाति द्वारा भजन, उदयपुर के कथोड़ी जनजाति के द्वारा मालविया नृत्य तथा करौली के मीणा जनजाति द्वारा लोक गीत दंगल प्रस्तुत किया गए।

इसमें 16 जून को जनजाति प्रतिभा खोज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। राजस्थान की जनजाति कला के कलाकारों को प्रोत्साहित करने, उन्हे उचित प्रकार से मंच प्रदान करने तथा उनकी कला, शिल्प को प्रचारित करने तथा जन-जन तक पहुचांने के उद्देश्य से आयोजित इस समारोह में राजस्थान के कई शिल्पकारों ने शिल्प का प्रदर्शन एवं विक्रय किया तथा कई गुणीजनों (जड़ी- बूटी का ज्ञान रखने वाले आदिवासी) ने राजस्थान की वन सम्पदा में उपलब्ध जड़ी- बूटियों से बीमारियों के इलाज से अवगत कराया। कार्यक्रम के तहत 15 जून को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय आधुनिक समय में आदिम संस्कृति का महत्व तथा इसे कैसे जीविका से जोड़ा जा सकता है'' था ।

सरिस्का में बाघ ST-16 की मौत


इस ST-16 बाघ को पैर में ही चोट लगने के कारण इसका इलाज किया गया था। बताया जाता है की इस बाघ के पैर के जख्म का इलाज करने के लिए उसे बेहोश करने के लिए ट्रेंकुलाइजर दिया गया और इसके असर से बाघ चल बसा। बाघ एसटी-16 को हाल ही में रणथम्भौर से सरिस्का लाया गया था, रणथम्भौर में बाघ का नाम टी-75 था, जबकि सरिस्का में इस युवा बाघ को एसटी-16 नाम दिया गया था। बाघ ST-16 दरअसल रणथम्भौर की मशहूर बाघिन सुंदरी का पुत्र था, जो रणथंभौर में काफी समय अपना दबदबा कायम किए हुए था। इस युवा बाघ की उम्र करीब छह साल थी तथा 'सरिस्का' में वर्तमान में मौजूद तीन नर बाघों में से एसटी-13 और एसटी-15 कम उम्र के होने तथा एसटी-6 के बेहद बुजुर्ग और घायल होने के कारण बाघों के प्रजनन को बढ़ावा देने के लिए इस छह साल की उम्र के दबंग बाघ ST-16 को सरिस्का में लाया गया था। रणथम्भौर में अपनी दबंग पहचान और सरिस्का में प्रजनन की जरूरत की वजह से बाघ ST-16 एक डोमिनेंट बाघ साबित होता, इसीलिए उसे रणथम्भौर से सरिस्का शिफ्ट किया गया था। इस बाघ ST16 ने 15 अप्रैल के बाद बाघिन एसटी 2 के साथ में मिलन भी किया। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सरिस्का बाघ परियोजना में मृत नर बाघ एसटी-16 की मौत की उच्चस्तरीय प्रशासनिक जांच के आदेश दे दिये हैं। श्री अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव (सहकारिता), को इसके लिये जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

स्वच्छ जलाशय की मछलियों के विक्रय पर 31 अगस्त तक रोक

राज्य सरकार ने 17 जून 2019 को एक अधिसूचना जारी कर राजस्थान मत्स्य क्षेत्र अधिनियम 1953 की धारा 7 एवं राजस्थान मत्स्य  क्षेत्र नियम 1958 के नियम 11 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत संपूर्ण राज्य में 16 जून से 31 अगस्त 2019 तक स्वच्छ जलाशयों की मछलियों के विक्रय या वस्तु विनिमय के लिये प्रस्थापना करने या उसे अभिदर्शित करने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया।

हाथकरघा बुनकरों को राज्य व जिला स्तर पर दिए जाएंगे नकद पुरस्कार-


राज्य के हाथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। जिला स्तरीय पुरस्कारों के लिए जिले के महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र के कार्यालय में 30 जून तक आवेदन किए जा सकते हैं। जिला स्तरीय पुरस्कारों के लिए चयनित प्रथम व द्वितीय पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में से राज्य स्तरीय पुरस्कारों के लिए चयन किया जाएगा। राज्य स्तरीय पुरस्कारों के लिए जिला उद्योग केन्द्रों द्वारा आयुक्त उद्योग विभाग के कार्यालय में नाम भेजे जाएंगे। जुलाई में राज्य स्तरीय पुरस्कारों का भी चयन किया जाएगा। उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि राज्य स्तरीय पुरस्कारों में पांच नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। इनमें पहले पुरस्कार के रुप में 21 हजार रु., 11 हजार रु. द्वितीय पुरस्कार, 7100 रु. तृतीय पुरस्कार और दो बुनकरों को 3100-3100 रु. सांत्वना पुरस्कार के रुप में दिए जाएंगे। इसी तरह से जिला स्तर पर दिए जाने वाले पुरस्कारों मे 5100 रु. का नकद पुरस्कार पहले पुरस्कार के रुप में दिया जाएगा। द्वितीय पुरस्कार 3100 रु., तृतीय पुरस्कार 2100 रु. व दो सांत्वना पुरस्काराें में 1100-1100 रुपए दिए जाएंगे। पिछले 3 सालों से हाथकरघा पर बुनाई करने वाले बुनकर राज्य व जिला स्तरीय पुरस्कार के लिए पात्र होंगे। पिछले तीन साल में पुरस्कार प्राप्त बुनकर नकद पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। अजमेर, अलवर, बारां, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चुरु, दौसा, जयपुर शहर व ग्रामीण, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कोटा, पाली, सवाई माधोपुर, श्रीगंगानगर और टोंक के हाथकरघा बुनकर अपने जिले के जिला उद्योग केन्द्र में 30 जून, 2019 तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रपत्र व आवश्यक जानकारी जिला उद्योग केन्द्र से प्राप्त की जा सकती है। इसी तरह से अन्य बुनकर अपने जिले के जिला उद्योग केन्द्रों पर 30 जून तक पुरस्कार हेतु आवेदन जमा करा सकते हैं।

कोटा सांसद ओम बिरला  चुने गए लोकसभा के नए अध्यक्ष -




राजस्थान की कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद श्री ओम बिरला निर्विरोध लोकसभा के नए अध्यक्ष चुने गए। केंद्र की राजनीति में आने से पहले बिरला राजस्थान की सियासत में सक्रिय थे। वह राजस्थान विधानसभा की कोटा दक्षिण सीट से 3 बार विधायक निर्वाचित हुए। 2003 में राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो उन्हें संसदीय सचिव का पद दिया गया। इसके बाद 2008 में वह एक बार फिर विधायक निर्वाचित हुए। 2013 में लगातार तीसरी बार ओम बिरला विधानसभा के चुनाव में भी विजयी हुए। इसके बाद अगले साल 2014 के लोकसभा आम चुनाव में वे कोटा-बूंदी संसदीय सीट से सांसद बने। 56 साल के ओम बिरला वर्ष 2019 में लगातार दूसरी बार लोकसभा का सांसद बने हैं। 17वीं लोकसभा के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के श्री रामनारायण मीणा को 2 लाख 79 हजार 677 वोटों से हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजपरिवार से आने वाले कांग्रेस के इज्यराज सिंह को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। 

समाजसेवी व पर्यावरण प्रेमी के रूप में पहचान है ओम बिरला की  -


  • 26 जनवरी 2001 को गुजरात में आए विनाशकारी भूकंप में बिरला ने प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए डॉक्टरों के साथ 100 सदस्यों की टीम की अगुआई की। इस दौरान उन्होंने लगातार 10 दिन तक लोगों को भोजन और दवाएं उपलब्ध कराई। 
  • केदारनाथ त्रासदी के समय भी ओम बिरला ने बचाव और राहत कार्यों में उल्लेखनीय कार्य किया था।
  • उन्होंने बारां जिले में सहरिया जनजाति के बच्चों में कुपोषण व अर्ध-बेरोजगारी को दूर करने के लिए एक मिशन चलाया।
  • बूंदी के लोगों को चंबल का पानी मुहैया कराने के लिए भी बिरला ने मुहिम का नेतृत्व किया था। 
  • विभिन्न माध्यमों के द्वारा सामाजिक सेवा, राष्ट्र सेवा, गरीब, वृद्ध, ​​विकलांग और असहाय महिलाओं की सहायता करने में वे अग्रणी रहे हैं। 
  • उन्होंने विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से विकलांग, कैंसर रोगियों और थैलेसेमिया रोगियों की मदद की हैं तथा दिव्यांगों को मुफ्त ट्राई साइकिलें, व्हीलचेयर और कान की मशीन प्रदान करवाने में योगदान किया है।
  • पर्यावरण जागरूकता के कार्यक्रमों में भी उनकी काफी दिलचस्पी होने के कारण ओम बिरला की पहचान पर्यावरण प्रेमी के रूप में पर्यावरण संरक्षण उपायों को अंजाम देने के लिए भी है। उन्होंने कोटा नगर में प्रदूषण का प्रभाव कम करने और हरियाली लौटाने के लिए चलाये गए अभियान "ग्रीन कोटा मिशन" के अंतर्गत वृक्ष लगाने के लिए जनता को प्रेरित किया था और इस मिशन में लगभग 1 लाख पौधे कोटा में लगाए गए।
 

वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में रेल यात्रा में 2 और हवाई यात्रा में 3 नये सर्किट जोड़े 

जयपुर, 19 जून। राजस्थान के वरिष्ठ नागरिक अब वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत विदेश भी जा सकेगे। हवाई मार्ग से वरिष्ठ नागरिक नेपाल के काठमाडू, पशुपतिनाथ की निःशुल्क तीर्थ यात्रा कर सकेगे।  देवस्थान विभाग की राज्य स्तरीय समिति की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय पारित किये गये। इस वर्ष 5 हजार यात्री हवाई जहाज से एवं 5 हजार यात्री रेल से तीर्थ यात्रा पर जायेगे। रेल यात्रा में 2 और हवाई यात्रा में 3 नये सर्किट जोड़े गये है। ये निम्न है -

हवाई यात्रा के 3 नये सर्किट-

1  नेपाल मेें पशुपतिनाथ-काठमांडू सर्किट-

नेपाल मेें पशुपतिनाथ-काठमांडू सर्किट में तीर्थ यात्रियों को काठमांडू तक हवाई जहाज से एवं वहाँ से आगे पशुपतिनाथ तक बसों के माध्यम से ले जाया जायेगा। 

2  गंगासागर-दक्षिणेश्वर काली-वेलूर मठ-कोलकता सर्किट-

इसमें यात्रियों को कोलकाता तक हवाई मार्ग से और वहाँ से आगे बस के माध्यम से ले जाया जायेगा। 

3  देहरादून- हरिद्वार-ऋषिकेश सर्किट- 

इसमें तीर्थ यात्रियों को देहरादून तक हवाई जहाज में एवं वहाँ से आगे बस के माध्यम से ले जाया जायेगा। गौरतलब है कि यह 3 नये सर्किट इस वर्ष योजना में शामिल किये गये है इससे पूर्व योजना में 6 सर्किट शामिल थे जिन्हे बढ़ाकर 9 कर दिया गया है।

रेल यात्रा में 2 नये सर्किट-

1  श्रीगोवर्धन-नंदगॉव-बरसाना-मथुरा-वृंदावन सर्किट 

2 अजमेर (अजमेर शरीफ) दिल्ली (शेख निजामुदद्ीन औलिया की दरगाह) एवं फतेहपुर सीकरी आगरा (शेेख सलीम चिश्ती की दरगाह) सर्किट 

गौरतलब है कि इससे पूर्व रेल यात्रा में 6 सर्किट शामिल थे। जिन्हें बढ़ाकर 8 कर दिया गया है।

योजना के तहत रेल से जाने वाले 65 वर्ष या इससे अधिक के नागरिक भी अब अपने साथ सहायक ले जा सकेगे। गौरतलब है कि इससे पूर्व 70 वर्ष एवं इससे अधिक आयु के यात्रियों को ही सहायक ले जाने की अनुमति थी। मुख्य यात्री के साथ रेल यात्रा में जाने वाले पुरूष सहायक की आयु सीमा न्यूनतम 21 वर्ष से 50 वर्ष तक रखी गई है। इसके साथ ही सेवानिवृत्त सरकारी कार्मिक भी योजना का लाभ उठा सकेगे। इससे पूर्व सेवानिवृत्त सरकारी कार्मिक योजना का  लाभ उठाने के लिये पात्र नहीं थे। तीर्थ यात्रा योजना में हवाई एवं रेल मार्ग पर 5-5 प्रतिशत सीटे पत्रकारों के लिये आरक्षित की गई है। योजना का लाभ 60 वर्ष या इससे अधिक आयु के पत्रकार ले सकेगे।
किन्ही परिस्थितियों में रेल एवं हवाई यात्रा के दौरान स्थान रिक्त रहने पर आवश्यकता अनुसार ऎसे इच्छुक पात्र व्यक्ति जिन्होंने आवेदन नहीं किया है लेकिन यात्रा के आवेदन के पात्र है, ऎसे व्यक्ति को रिक्त रही सीटों पर राज्य स्तरीय अनुमोदन उपरान्त भिजवाया जा सकेगा। 
हवाई यात्रा के दौरान 40 यात्रियों पर 1 अनुरक्षक 40 से 80 यात्रियों के लिये 2 एवं 80 से ज्यादा वरिष्ठ यात्रियों के लिये 3 अनुरक्षक जायेगे। यात्रा के लिये आवेदन 5 जुलाई से शुरू होगे। आवेदन देवस्थान के पोर्टल पर दिये गये लिंक के माध्यम से ऑनलाइन ही स्वीकार किये जायेगे।

सभी जिलों में होंगे लाइवलीहुड बिजनस इंक्यूबेटर स्थापित


जयपुर, 18 जून। प्रमुख शासन सचिव लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम श्री आलोक ने राज्य के सभी जिलों में लाइवलीहुड बिजनस इंक्यूबेटर स्थापित करने की आवश्यकता प्रतिपादित की है। उन्होंने कहा कि तकनीकी संस्थानों के साथ ही उद्यम प्रोत्साहन संस्थान एलबीआई की स्थापना के प्रस्ताव तैयार करें ताकि केन्द्र सरकार के वित्तीय सहयोग से इनकी स्थापना कर युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण के साथ ही उपलब्ध संसाधनों से कारोबार की शुरुआत करने का अवसर उपलब्ध कराए जा सके।

वित्तीय समावेशन तथा कौशल विकास की नीति आयोग की रैकिंग मेें जैसलमेर देशभर में प्रथम-


जैसलमेर जिले को माह जनवरी-फरवरी 2019 की अवधि के दौरान वित्तीय समावेशन तथा कौशल विकास कार्यक्रमों में उल्लेखनीय प्रगति के लिए नीति आयोग की रैंकिंग में देश भर में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि पर जैसलमेर जिले को केन्द्र से 3 करोड़ रुपये की अतिरिक्त ग्रांट भी हासिल होगी। उल्लेखनीय है कि नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने जैसलमेर जिले की इस उपलब्धि की जानकारी मुख्य सचिव श्री डी.बी. गुप्ता को पत्र लिखकर दी है। पत्र में उन्होंने बताया कि जनवरी-फरवरी 2019 के दौरान जैसलमेर जिले के अधिकारियों ने लगातार प्रयासरत रहकर वित्तीय समावेशन तथा कौशल विकास कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संचालित किया है। इसके चलते जिले को देशभर में प्रथम स्थान हासिल हुआ है। 

योग-2019 के प्रोत्‍साहन और विकास में उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्‍कार -


वर्ष 2019 के लिए योग के प्रोत्‍साहन और विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए निम्नांकित राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जायेंगे -

1. व्‍यक्तिगत-राष्‍ट्रीय श्रेणी में - गुजरात के लाईफ मिशन के स्‍वामी राजर्षि मुनि को। 

2. व्‍यक्तिगत- अंतर्राष्‍ट्रीय श्रेणी में - इटली की सुश्री एंटोनिटा रो को।

3. संगठन-राष्‍ट्रीय श्रेणी में - बिहार स्‍कूल ऑफ योग को।

4.  संगठन-अंतर्राष्‍ट्रीय श्रेणी में - जापान योग निकेतन को


पुरस्‍कार के तहत एक ट्रॉफी, प्रमाण-पत्र तथा नकद पुरस्‍कार दिये जायेंगे। प्रत्‍येक पुरस्‍कार का मूल्‍य 25 लाख रूपये होगा।

स्‍वामी राजर्षि मुनी लिम्‍बड़ी गुजरात के योगी हैं। उन्‍होंने 1971 में स्‍वामी कृपालवंदना से दीक्षा ली थी। स्‍वामी राजर्षि मुनी ने 1993 में लकुलिश इंटरनेशनल फेलाशिप इनलाइटमेंट मिशन (लाइफ मिशन) की स्‍थापना की। मिशन ने योग के प्रोत्‍साहन के लिए महत्‍वपूर्ण कार्य किया है। स्‍वामी जी ने लाइफमिशन के माध्‍यम से हजारों लोगों की जिंदगी को छुआ है।

सुश्री एंटोनिटा रोजी लेरिसी, इटली की योग शिक्षक हैं और योग के क्षेत्र में 42 वर्षों से अधिक का उनका अनुभव है। वह मूल रूप से स्‍वामी शिवानंद योग परंपरा की शिष्‍या हैं। उन्‍होंने बाद में विभिन्‍न भारतीय योग गुरूओं से योगाभ्‍यास के अग्रणी पहलुओं की शिक्षा ली। वह योग के प्रति समर्पण के लिए पूरे विश्‍व में आदरणीय हैं।

बिहार स्‍कूल ऑफ योग, मुंगेर की स्‍थापना 1964 में श्री स्‍वामी सत्‍यानंद सरस्‍वती ने की थी। यह योग संस्‍थान पारंपरिक वेदांती, तांत्रिक तथा योगिक शिक्षाओं का समकालीन शारीरिक तथा मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विज्ञान के मेलजोल से उभरे नए दृष्टिकोणों को मिलाकर योग तकनीक विकसित करने के लिए प्रसिद्ध है। बिहार स्‍कूल ऑफ योग प्रसिद्ध अस्‍पतालों, संगठनों तथा प्रतिष्‍ठानों में सहयोग से योग परियोजनाओं तथा चिकित्‍सा अनुसंधान में निर्देशन का काम करता है।

जापान योग निकेतन की स्‍थापना 1980 में की गई और यह जापान में योग का पथ- प्रदर्शक रहा है। जापान योग निकेतन ऋषिकेश के योग निकेतन तथा एस-व्‍यास योग विश्‍वविद्यालय बंगलुरू के सहयोग से कार्य करता है। यह संस्‍थान जापान में संस्‍थागत प्रमाणित योग पेशेवरों को लाने में प्रमुख है।

इसरो 15 जुलाई, 19 को प्रक्षेपित करेगा चंद्रयान 2 -


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के अध्‍यक्ष डॉ के सिवन ने चंद्रमा के लिए भारत के आगामी चंद्रयान-2 अभियान के बारे में कहा कि चंद्रयान-2  को जीएसएलवी एमकेIII-एम1के प्रक्षेपण यान के जरिए 15 जुलाई, 2019 को तड़के 02.51 मिनट पर श्रीहरिकोटा प्रेक्षपित किया जाएगा। चंद्रयान -2 का विक्रम लैंडर के 06 सितंबर, 2019 को चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावना है। 

विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में भारतीय रिकर्व टीम ने जीता रजत पदक,  भारतीय महिला कंपाउंड टीम को कांस्य, जबकि ज्योति सुरेखा वेनम ने जीता कांस्य-

पिछले हफ्ते नीदरलैंड के हर्टोजेनबोश में आयोजित विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में भारत ने एक रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं तथा टोक्यो 2020 का ओलंपिक कोटा कर लिया है। 
  1. भारतीय पुरुष रिकर्व टीम को रजत - भारतीय पुरुष रिकर्व टीम ने जिसमें अतनु दास, तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव शामिल थे, एक रजत पदक जीता है। चौदह साल बाद तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची भारतीय टीम को चीन के हाथों 2-6 से हारकर रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। 
  2. ज्योति सुरेखा वेनम ने महिलाओं की कंपाउंड तीरंदाजी में कांस्य - महिलाओं की श्रेणी में, ज्योति सुरेखा वेनम ने महिलाओं की कंपाउंड तीरंदाजी में तुर्की की यसिम बोसटन को शूट-ऑफ में हरा कर भारत के लिए पहला व्यक्तिगत पदक (कांस्य पदक) जीता है।
  3. भारतीय महिला कंपाउंड टीम को कांस्य - भारतीय महिला कंपाउंड टीम ने विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में तुर्की के खिलाफ अपना मुकाबला जीतकर कांस्य पदक हासिल किया। भारतीय महिला टीम की वी. ज्योति सुरेखा, मुस्कान किरार और राज कौर ने तुर्की को 229-226 से हराया और कांस्य पदक जीत लिया। इससे पहले क्वार्टर फाइनल में महिला टीम ने हॉलैंड को 219-213 से हराया था लेकिन सेमीफाइनल में उसे अमेरिका से 226-227 से हार का सामना करना पड़ा था। चीनी ताइपे ने अमेरिका को हराकर विश्व चैंपियशिप का खिताब अपने नाम किया जबकि दूसरे स्थान पर रही अमेरिका की टीम को रजत पदक से मिला।

 नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की पांचवीं बैठक आयोजित -

15 जून 2019 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की शासी परिषद् यानी गवर्निंग काउंसिल की पांचवीं बैठक का आयोजन किया गया। इसमें जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल, 26 मुख्यमंत्रियों, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल, विशेष तौर पर आमंत्रित सदस्यों और पदेन सदस्यों के तौर पर केंद्रीय मंत्रियों ने हिस्सा लिया। नीति आयोग के उपाध्यक्ष, सदस्यों, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।
काउंसिल की पांचवीं बैठक से पहले कार्यसूची कुछ इस प्रकार थीः

1. वर्षाजल संचयन

2. सूखे की स्थिति और राहत उपाय

3. आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम – उपलब्धियां और चुनौतियां

4. कृषि में परिवर्तन: ढांचागत सुधारों की जरूरत के साथ इन पर विशेष बलः

  • क. कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम
  • ख. आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए)

5. चरमपंथ प्रभावित जिलों पर विशेष ध्यान के साथ सुरक्षा संबंधी मसले


क्या संगठन है नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल का -




नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में निम्नांकित सदस्य होते हैं -
  1. भारत के प्रधानमंत्री, 

  2. सभी राज्यों और विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री 

  3. अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल

  4. पदेन सदस्यों के रूप में चार केंद्रीय मंत्री और 

  5. विशेष आमंत्रितों के तौर पर तीन केंद्रीय मंत्री। 

यह देश की एक प्रमुख संस्था है जिसका जिम्मा विकास के कथानक को आकार देने में राज्यों की सक्रिय हिस्सेदारी के साथ राष्ट्रीय विकास वरीयताओं, क्षेत्रों और रणनीतियों के एक साझे दृष्टिकोण को विकसित करना है।

कब कब हुई है नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठकें -


  • पहली बैठक 8 फरवरी, 2015 को - सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने और राज्यों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से राष्ट्रीय विषयों को संबोधित करने जैसे नीति आयोग के प्रमुख कार्यों को तय किया था।

  • दूसरी बैठक 15 जुलाई, 2015 को -

  • तीसरी बैठक 23 अप्रैल, 2017 को - रणनीति और विजन दस्तावेजों के माध्यम से देश के विकास कार्यक्रम को आकार देने में का कार्य।

  • चौथी बैठक 17 जून, 2018 को - किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उठाए गए कदम और आयुष्मान भारत, पोषण अभियान एवं मिशन इंद्रधनुष जैसी अग्रणी योजनाओं के अंतर्गत हुई प्रगति की समीक्षा हुई।

  • पांचवीं  बैठक 15 जून, 2019 को



नीति आयोग का काम राज्यों के साथ लगातार ढांचागत सहयोग पहल और तंत्रों के जरिए सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना है और इस बात को मान्यता देना है कि मजबूत राज्य ही मजबूत देश बनाते हैं। नीति आयोग रणनीतिक, दीर्घकालिक नीतिगत रूपरेखा और कार्यक्रम पहलों को तैयार करने, उनके क्रियान्वयन में सहयोग करने और उनकी प्रगति व प्रभाव की निगरानी करने का प्रयास करता है।

ये है वर्तमान का पुनर्गठित नीति आयोग  ---


नई केंद्र सरकार बनने के बाद नीति आयोग का पुनर्गठन किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था (नीति) आयोग का पुनर्गठन निम्नलिखित रूप में करने को मंजूरी दी -

अध्यक्ष  -- प्रधानमंत्री

उपाध्यक्ष -- डॉ. राजीव कुमार

पूर्णकालिक सदस्य                      

(i) श्री वी. के. सारस्वत

(ii) प्रो. रमेश चंद

(iii) डॉ. वी. के. पॉल

पदेन सदस्य -              

(i) श्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री

(ii) श्री अमित शाह, गृह मंत्री

(iii) श्रीमती निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री

(iv) श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री; ग्रामीण विकास मंत्री;  पंचायती राज मंत्री

विशेष आमंत्रित सदस्य -                        

(i) श्री नितिन जयराम गडकरी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री;  सूक्ष्म, लघु  एवं मध्यम उद्यम मंत्री

(ii) श्री थावर चंद गहलोत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री

(iii) श्री पीयूष गोयल, रेल मंत्री; वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री

(iv) श्री राव इंद्रजीत सिंह, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार);  नियोजन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

साहित्य अकादमी ने की बाल एवं युवा पुरस्कार-2018 की घोषणा -

साहित्य अकादमी ने 15 जून को इस साल के साहित्‍य अकादमी बाल साहित्‍य पुरस्‍कार 2019 के लिए 22 लेखकों तथा युवा पुरस्‍कार 2019 के लिए 23 लेखकों के चयन की घोषणा कर दी है।



बाल साहित्‍य पुरस्‍कार के लिए पुरस्‍कार उन पुस्‍तकों से संबंधित हैं, जो पुरस्‍कार वर्ष के पहले के 5 वर्षों की अवधि में (यानी 1 जनवरी, 2013 तथा 31 दिसम्‍बर, 2017 के बीच) पहले प्रकाशित हुई हों। लेकिन प्रारंभिक 10 वर्षों के दौरान यानी 2010 से 2019 तक पुरस्‍कार एक लेखक को बाल साहित्‍य में उसके सम्‍पूर्ण योगदान के आधार पर दिया जा सकता है।


बाल साहित्य पुरस्कार 2019 के विजेताओं की पूरी सूची निम्नांकित है -

  1. असमिया में कहानी संकलन 'मिलि, अमिया अरु एखोन नदी' के लिए स्विमिम नसरीन
  2. बाङ्ला में समग्र योगदान के लिए नबनीता देबसेन
  3. बोडो में लोक-कथा 'सोलोबाथा खावनासोंग दे' के लिए लख्मीनाथ ब्रह्म
  4. डोगरी में कविता संकलन 'लरजां' के लिए विजय शर्मा
  5. अंग्रेजी में इतिहास 'इंडिया थ्रू आर्केलोजी: एक्सवेटिंग हिस्ट्री' के लिए देविका कारिअपा
  6. गुजराती में समग्र योगदान के लिए कुमारपाल देसाई
  7. हिंदी में कहानी संकलन 'काचू की टोपी' के लिए गोविंद शर्मा
  8. कन्नड में उपन्यास 'काडु कानासिना बीडिगे' के लिए चंद्रकांथ करादल्लि
  9. कश्मीरी में कविता संकलन 'शुरिन हुंद नाजी' के लिए नाजी मुनव्वर
  10. कोंकणी में कहानी संकलन 'चिटकुल्या चिंकीचें विशाल विश्व' के लिए राजश्री बंदोदकर कारपुरकर
  11. मलयाळम् में समग्र योगदान के लिए मलयथ अप्पुन्नी
  12. मणिपुरी में नाटक 'थवायशींगी थवाय' के लिए आर. के. सणहणबी चणु
  13. मराठी में उपन्यास 'जंगल खाजिन्याचा शोध' के लिए सलीम सरदार मुल्ला
  14. नेपाली में कविता संकलन 'चराको चिरबिर भूराको किरकिर' के लिए भाबिलाल लामिछाने
  15. ओड़िया में समग्र योगदान के लिए बीरेन्द्र कुमार सामंतराय
  16. पंजाबी में उपन्यास 'एलियंस दी धरती ते' के लिए पवन हरचांदपुरी
  17. संस्कृत में कविता संकलन 'चित्वा तृणं तृणम्' के लिए संजय चौबे
  18. संताली में कविता संकलन 'झारूम झाः' के लिए लक्ष्मण चंद्र सारेन
  19. सिंधी में समग्र योगदान के लिए वीना शृंगी
  20. तमिळ में समग्र योगदान के लिए देवी नचिअप्पन 'देइवनइ'
  21. तेलुगु में कहानी संकलन 'थाथा माता वर्राल मोटा' के लिए बेलागम भीमेश्वर राव
  22. उर्दू में कहानी संकलन 'साइंस के दिलचस्प मज़ामीन' के लिए मोहम्मद खलील

साहित्‍य अकादमी युवा पुरस्‍कार 2019-


कविता की ग्‍यारह पुस्‍तकें, लघु कथा की छह पुस्‍तकें, पांच उपन्‍यास तथा एक साहित्‍य आलोचना की पुस्‍तक को साहित्‍य अकादमी युवा पुरस्‍कार 2019 प्राप्‍त हुए हैं। यह पुरस्‍कार उन पुस्‍तकों से संबंधित हैं, जिनका प्रकाशन पुरस्‍कार वर्ष की 1 जनवरी को 35 वर्ष या उससे कम आयु के लेखकों ने किया है।

साहित्य अकादमी युवा पुरस्‍कार 2019 के विजेता 23 लेखकों की पूरी सूची निम्नांकित है -


युवा पुरस्‍कार 2019 के लिए चयनित कविता विधा के लेखक -

  1. रुजब मुशाहारी (बोडो), 
  2. अनुज लुगुन (हिंदी), 
  3. सागर नाज़िर (कश्मीरी), 
  4. अनुजा अकथुट्टु (मलयाळम्), 
  5. जितेन ओइनाम्बा (मणिपुरी), 
  6. सुशील कुमार शिंदे (मराठी), 
  7. करन बिराहा (नेपाली), 
  8. युवराज भट्टराई (संस्कृत),
  9. गुहिराम किस्कू (संताली),
  10. किरन परयाणी ’अनमोल’ (सिंधी) और
  11. सबरीनाथन (तमिऴ).


युवा पुरस्‍कार 2019 के लिए चयनित कहानी विधा के लेखक - 

  1. संजीब पॉल डेका (असमिया),
  2. सुनील कुमार (डोगरी),
  3. तनुज सोलंकी (अंग्रेज़ी),
  4. अजय सोनी (गुजराती),
  5. हेमंत अइया (कोंकणी) और
  6. कीर्ति परिहार (राजस्थानी) 

युवा पुरस्‍कार 2019 के लिए चयनित उपन्यास विधा के लेखक -


  1. मोमिता (बाङ्ला),
  2. फकीर (श्रीधर बनवासी जी.सी.) (कन्नड),
  3. यदविंदर सिंह संधू (पंजाबी),
  4. गड्डम मोहन राव (तेलुगु) और
  5. सलाम अब्दुस समद (उर्दू)

युवा पुरस्‍कार 2019 के लिए चयनित साहित्यिक आलोचना विधा के लेखक -

  1. शिशिरा बेहेरा (ओडिया)

शिक्षा विभाग का 'वृक्ष मित्र अभियान’ -


शिक्षा राज्य मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने 24 जून को राजकीय विद्यालयो में ‘वृक्ष मित्र अभियान’ की शुरूआत की घोषणा की। इसके तहत प्रदेश के सभी राजकीय विद्यालयों में जितने नए नामांकन किए जाएंगे, उतने ही नए पेड़ विद्यालय प्रांगण में नए विद्यार्थियों के नाम से लगाए जाएंगे। विद्यार्थियों को वृक्ष लगाने की भावना से जोड़ उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करने के लिए ‘वृक्ष मित्र’ अभियान चले जायेगा।

परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा अग्रदूत -

परिवहन विभाग प्रदेश की हर पंचायत समिति में 50-50 सड़क सुरक्षा अग्रदूत तैयार करेगा जो सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में स्वयंसेवक की तरह काम करेंगे। परिवहन मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया कि विभाग द्वारा करीब 15 हजार सड़क सुरक्षा अग्रदूतों को विशेष मोनोग्राम के साथ हैलमेट प्रदान करने की योजना पर काम किया जा रहा है। इनको परिवहन विभाग और एनजीओ के माध्यम से सड़क सुरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। क्षेत्र में कोई भी सड़क दुर्घटना होने या मार्ग जाम होने की स्थिति में भी ये अग्रदूत प्रशासन का सहयोग करेंगे।

 

राज्यसभा सांसद व राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदन लाल सैनी का निधन





राजस्थान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष एवं राज्यसभा संसद श्री मदन लाल सैनी का फेफड़ों में संक्रमण के कारण नई दिल्ली में निधन हो गया। 75 वर्षीय श्री मदन लाल सैनी की पिछले कई दिनों से सेहत खराब थी तथा इसी के चलते उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां 24 जून को उनका आज निधन हो गया। ज्ञातव्य है कि श्री मदन लाल सैनी को पिछले साल जून में ही राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। उस वक्त के अध्यक्ष श्री अशोक परनामी के पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने बाद पार्टी में हुए ढाई महीने तक के गहन मंथन के बाद आखिर में मदन लाल सैनी को पार्टी अध्यक्ष बनाने पर सहमति बनी थी।

1952 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक से जुड़े श्री सैनी जनसंघ के समय से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के प्रदेश मंत्री का पद भी संभाला था। विद्यार्थी यूनियन, श्री कल्याण कालेज, सीकर के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।

वे 1990 में झुंझुनूं के उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं तथा बीजेपी पार्टी में प्रदेश महामंत्री और प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 13 जुलाई 1943 को राधाकृष्णपुर, सीकर में पिता श्री बालूराम सैनी एवं माता श्रीमती मोहनी देवी के घर जन्मे श्री सैनी भारतीय मजदूर संघ एवं भारतीय किसान मोर्चा से भी जुड़े रहे हैं। श्री सैनी 1972 - 84 में अखिल भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री रहे तथा 1984-90 तक अखिल भारतीय कृषि मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री रहे। वे 1990-97 तक भा.ज.पा. के प्रदेश मंत्री रहे।

इनका विवाह 21 May 1961 को श्रीमती पतासी देवी के साथ हुआ था। इनके एक पुत्र व छह पुत्रियां हैं। श्री सैनी ने स्कूली शिक्षा एस.के. हाई स्कूल, सीकर से तथा बी.ए. एस.के. कॉलेज, सीकर से किया था। इसके अलावा उन्होंने एल.एल.बी. की शिक्षा राजस्थान विश्वविद्य़ालय, जयपुर से प्राप्त की थी। पेशे से वे किसान, मजदूर संघ के सदस्य, लेखक, अधिवक्ता, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता व खिलाड़ी रहे हैं। हाई स्कूल में फुटबाल, कबड्डी, खो-खो, ऊंची कूद, लंबी कूद, दौड़ में और नाटकों में भाग लिया तथा खेल प्रतियोगिताओं में सम्मान और पुरस्कार जीते। वे अगस्त 1984 में भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि के रूप में असंगठित श्रमिकों संबंधी संगोष्ठि में भागीदारी करने के लिए यू.एस.ए. लंदन (यू.के.) और जर्मनी की यात्रा कर चुके है।

अन्य दिवंगत पूर्व सांसद व विधायक -

सोलहवीं लोक सभा में राजसमन्द बीजेपी सांसद का निधन-

पूर्व सांसद (सोलहवीं लोकसभा) श्री हरिओम सिंह राठौड का 27 मई, 2019 को निधन हो गया। श्री राठौड़ अपने सार्वजनिक जीवन में वर्ष 1995 से 2000 तक जिला प्रमुख भी रहे। श्री हरिओम सिंह राठौड़ का 27 मई, 2019 को निधन हो गया।

पूर्व विधायक श्री राजेश का 1 मई, 2019 को निधन -

चौमूं के पूर्व विधायक श्री राजेश का 1 मई, 2019 को निधन हो गया। श्री राजेश आठवीं राजस्थान विधान सभा में थानागाजी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस (आई) के विधायक रहे। विधान सभा के कार्यकाल के दौरान आप विशेषाधिकार समिति तथा नियम समिति के सदस्य रहे। वह संसदीय सचिव भी रहे।

विधायक रहे श्री नवलराय बच्चाणी का 24 मई को निधन-

छठी राजस्थान विधान सभी में अजमेर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से जनता पार्टी के विधायक रहे श्री नवलराय बच्चाणी का 24 मई, 2019 को निधन हो गया सामाजिक कार्यों में रूचि रखने वाले श्री बच्चाणी ने समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए अपना सक्रिय योगदान दिया। राजस्थान सिन्धी अकादमी के अध्यक्ष रहे श्री बच्चाणी को उनके योगदान के लिए अकादमी द्वारा सम्मानित भी किया गया है।

पूर्व विधायक  श्री मदनलाल मेघवाल का निधन -



पूर्व सदस्य बारहवीं राजस्थान विधानसभा श्री मदनलाल मेघवाल का 19 फरवरी, 2019 को निधन हो गया। श्री मदनलाल मेघवाल के 12 वीं राजस्थान विधान सभा में जायल निर्वाचल क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे। समाज सेवा एवं सांस्कृतिक कार्याें में रूचि रखने वाले मेघवाल अपने क्षेत्र में पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए प्रयासरत रहे।

पूर्व विधायक भंवरलाल बलाई का 17 मई, 2019 को निधन हो गया।

 ग्यारहवीं राजस्थान विधान सभा श्री भंवरलाल बलाई का 17 मई, 2019 को निधन हो गया। ग्यारहवीं राजस्थान विधानसभा में सूरसागर निर्वाचन क्षेत्र से इण्डियन नेशनल कांग्रेस के विधायक रहे। विधान सभा के कार्यकाल के दौरान आप पुस्तकालय समिति के सदस्य रहे। श्री भंवरलाल बलाई का 17 मई, 2019 को निधन हो गया।

पूर्व विधायक श्री शिवकिशोर सनाढ्य का 18 मार्च, 2019 को निधन

पूर्व विधायक नवीं एवं दसवीं राजस्थान विधान सभा श्री शिवकिशोर सनाढ्य का 18 मार्च, 2019 को निधन हो गया। श्री शिवकिशोर सनाढ्य नौवीं एवं दसवीं राजस्थान विधान सभा में उदयपुर निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे। वह उदयपुर यूआईटी के चेयरमैन भी रहे। उन्होंने ‘विराट पथ’ तथा पाक्षिक ‘शिक्षक संदेश’ का सम्पादन किया। श्री सनाढ्य ने ‘शिक्षा यात्रा’ पत्रिका का सम्पादन व प्रकाशन भी किया। शिवकिशोर सनाढ्य का 18 मार्च, 2019 को निधन हो गया।

 


पूर्व सातवीं राजस्थान विधान सभा श्री तेजपाल यादव सातवीं राजस्थान विधान सभा में चौमूं निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस (आई) के विधायक रहे। कृषकों के उत्थान के लिए प्रयासरत रहने वाले श्री यादव केन्द्रीय सहकारी बैंक, जयपुर के अध्यक्ष भी रहे। श्री तेजपाल यादव का 19 जून, 2019 को निधन हो गया।

राजस्थान में शिल्प की अनूठी परंपरा से युक्त पांच दिवसीय शिल्प शाला

सोमवार 24 जून को भारतीय शिल्प संस्थान और उद्यम प्रोत्साहन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय शिल्प शाला का उद्घाटन जयपुर के भारतीय शिल्प संस्थान परिसर में प्रदेश के जाने माने शिल्प गुरूओं और 150 से अधिक जिज्ञासुओं उपस्थिति में किया गया। 200 रुपये पंजीयन शुल्क को छोड़कर यह शिल्प शाला पूरी तरह निःशुल्क रखी गई। 

पांच दिवसीय शिल्प शाला में निम्नांकित शिल्प गुरू द्वारा शिल्प की बारीकियों का प्रशिक्षण दिया जायेगा -
  1. कुंदन मीनाकारी के नेशनल अवार्डी सरदार इन्दर सिंह कुदरत
  2. मीनकारी में राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त प्रीति काला
  3. मिनिएचर पेंटिंग में नेशनल अवार्डी बाबू लाल मारोठिया
  4. लाख शिल्प में नेशनल अवार्डी ऎवाज अहमद
  5. मिट्टी के बर्जन/टेराकोटा में राधेश्याम व जीवन लाल प्रजापति
  6. ब्लू पॉटरी में संजय प्रजापत और गौपाल सैनी
  7. ज्वैलरी वुडन क्राफ्ट में भावना गुलाटी
  8. हाथ ठप्पा छपाई में नेशनल अवार्डी संतोष कुमार धनोपिया
  9. हैण्ड ब्लॉक प्रिंटिंग में नेशनल अवार्डी अवधेश पाण्डेय
  10. पेपरमैशी में सुमन सोनी
  11. मेहंदी में प्रीतम जिरोतिया और मनीषा रेनीवाल
  12. हाथ कागज में अनिल पारीक
  13. कार्विंग ज्वैलरी में दीपक पालीवाल
  14. चर्मशिल्प में जितेन्द्र यादव और संतोष सैनी
  15. तारकशी में रामस्वरुप शर्मा
  16. लैण्ड स्केप पेंटिंग में शमीम निलोफर नीलम नियाज 
  17. उस्ताकला में संतोष पुरोहित। 

शिल्पशाला में 147 जिज्ञासुओं ने विभिन्न शिल्पों की बारिकियां समझने के लिए पंजीकृत कराया है। सबसे अधिक 29 युवाओं ने हैण्ड ब्लॉक प्रिंटिंग में रूचि दिखाई है। लैण्ड स्केप पेंटिंग और ब्लू पॉटरी में 18-18, मीनाकारी और मिनियचर पेंटिंग में 15-15, क्ले पॉटरी में 13, पेपरमैशी में 11, टाई डाई में 10 और लाख शिल्प में 8 कला जिज्ञासुओं ने पंजीयन कराया।


महाविद्यालयों में शिविरा की तर्ज पर तैयार हुआ 'आकाशि ' कैलेण्डर -

स्कूल शिक्षा विभाग की पत्रिका ‘शिविरा’ की तर्ज पर महाविद्यालयों के लिए ‘आकाशि’ नामक कलेंडर तैयार किया गया है तथा इसका उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने जयपुर में लोकार्पण किया। इसमें महाविद्यालय स्तर की श्रेष्ठ गतिविधियों, योजनाओं और समयबद्ध कार्यक्रम को प्रकाशित और प्रसारित किया जाएगा।

राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में लिए गए निर्णय -

 जयपुर में 26 जून को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल एवं मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए।

1. छबड़ा व कालीसिंध विद्युत गृहों का नहीं होगा विनिवेश


छबड़ा और कालीसिंध तापीय विद्युत गृह की परिचालन कार्य क्षमता और वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होने के कारण राज्य कैबिनेट ने पूर्व की सरकार के विनिवेश के निर्णय को निरस्त करते हुए इन दोनों पावर स्टेशनों का विनिवेश नहीं किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। 

2. स्वतंत्र एजेंसी करेगी ग्रामीण विकास योजनाओं की सोशल ऑडिट


ग्रामीण एवं पंचायतीराज विभाग की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की सोशल ऑडिट के लिए एक स्वतंत्र पंजीकृत सामाजिक अंकेक्षण सोसायटी का गठन किया जाएगा। इससे विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों में जवाबदेही और पारदर्शिता आएगी तथा बेहतर क्रियान्वयन सम्भव होगा। बैठक में इस सोसायटी के गठन को मंजूरी दी गई।

3. चुनाव ड्यूटी में मृत्यु तथा स्थायी विकलांगता पर अनुग्रह अनुदान में बढ़ोतरी


कैबिनेट ने राजस्थान सिविल सर्विसेज (पेंशन) नियम, 1996 के नियम 75 में संशोधन को मंजूरी दी है। जिससे चुनाव ड्यूटी में लगे किसी कार्मिक की हादसे में सामान्य परिस्थितियों में मृत्यु होने पर अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख  रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए तथा आतंकवाद, हिंसा, बम ब्लास्ट एवं रोड माइन्स की घटना में मृत्यु होने पर अनुग्रह अनुदान राशि 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 30 लाख रुपए की गई है। साथ ही सामान्य परिस्थिति में चुनाव ड्यूटी में लगे कार्मिक की दुर्घटना में स्थायी विकलांगता पर अनुग्रह अनुदान राशि 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 7.50 लाख रुपए तथा आतंकवाद, हिंसा, बम ब्लास्ट एवं रोड माइन्स की घटना में स्थायी विकलांगता होने पर अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए की है।


4. आरयूआईडीपी की सम्पत्तियां रूडसिको को हस्तांतरित


कैबिनेट ने राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना (आरयूआईडीपी) की  31 मार्च, 2016 तक की सम्पत्तियों को एक रूपए की टोकन राशि पर रूडसिको को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि आरयूआईडीपी का विलय एक अप्रेल, 2016 को रूडसिको में किया गया था। 

5 तीन शहीदों के परिवारों को आवास


मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर में शहीद कमांडेंट श्री जितेन्द्र सिंह तथा शहीद नायब सूबेदार श्री आराम सिंह गुर्जर एवं नक्सलियों के विरूद्ध कार्रवाई में शहीद श्री होशियार सिंह यादव के परिजनों को उनके विकल्प के अनुसार राजस्थान आवासन मंडल का आवास आवंटित करने के निर्णय को मंजूरी दी है। 

6. एमएसएमई अध्यादेश को विधेयक के रूप में पुरःस्थापित करने की स्वीकृति


मंत्रिमण्डल ने बैठक में राजस्थान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेबलिशमेंट एण्ड ऑपरेशन) अध्यादेश, 2019 को प्रतिस्थापक विधेयक के रूप में विधानसभा में पुरःस्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की है। साथ ही कैबिनेट ने राजस्थान लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त (संशोधन) बिल, 2019 के प्रारूप का अनुमोदन किया और इसे राजस्थान विधानसभा के द्वितीय सत्र में पुरःस्थापित किए जाने की अनुमति भी प्रदान की। 
साथ ही बैठक में सिविल, विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग के अभियंताओं की तर्कसंगत एवं समानुपातिक रूप से पदोन्नति के लिए राजस्थान अभियांत्रिकी सेवा (भवन एवं पथ शाखा) नियम, 1954 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की और इससे संबंधित अधिसूचना राजस्थान अभियांत्रिकी सेवा (भवन एवं पथ शाखा) नियम, 2019 के प्रारूप का अनुमोदन किया।

छत्तीसगढ़ की ‘नरवा, गरूवा, घुरूवा आऊ बाड़ी’ योजनाएँ के हो सकती है राजस्थान में भी लागू -

इस हेतु समिति गठित की गई , यह समिति जल एवं पशुधन संरक्षण सहित कृषि के समग्र विकास के लिए इन योजनाओं को राजस्थान में लागू करने की संभावनाओं का करेगी अध्ययन.....



जल एवं पशुधन संरक्षण सहित कृषि के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में चलाई जा रही योजनाओं को राजस्थान में लागू करने की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए कृषि विभाग के आयुक्त की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पवन कुमार गोयल की अध्यक्षता में गुरुवार को शासन सचिवालय में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया।

छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने ‘नरवा, गरूवा, घुरूवा अऊ बाड़ी’ पर आधारित चार सूत्री योजना शुरू की है। इसके अन्तर्गत जल स्रोतों का संवर्धन (नरवा), पशुधन संरक्षण (गरूवा), जैव अवशिष्ट का संवर्धन एवं जैविक खाद का उपयोग (घुरूवा) तथा बाड़ी विकास (बाड़ी) का कार्य किया जा रहा है। साथ ही फसलों को जानवरों से बचाने के लिए ग्राम स्तर पर ‘‘गौठान योजना’’ बनाई गई है। छत्तीसगढ़ के कृषि अधिकारियों ने गत फरवरी माह में जयपुर में राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के कृषि एवं संबद्ध विभागों के प्रशासनिक सचिवों की बैठक में इन योजनाओं की संकल्पना, क्रियान्विति एवं फायदों के बारे में विस्तार से बताया था। इन योजनाओं की प्रदेश में क्रियान्विति के संबंध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है। यह योजना छत्तीसगढ़ में अभी आरंभिक चरण में है और इसके नतीजे आना शेष है। इसे राजस्थान में लागू करने की संभावना का अध्ययन करने के लिए कृषि विभाग के आयुक्त की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। समिति में आरएसीपी, उद्यानिकी, गोपालन, पशुपालन, स्वच्छ भारत मिशन, वाटरशेड के निदेशक एवं कृषि विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। समिति इन क्षेत्रों में राजस्थान में हो रहे कार्यों और छत्तीसगढ़ में हो रहे नवाचारों का अध्ययन कर राज्य में लागू करने के संबंध में अपनी रिपोर्ट देगी।

गाडिया लोहारों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास

मकान निर्माण एवं कच्चे माल हेतु अनुदान


राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना के तहत् गाडिया लोहारों को स्थायी रूप से बसाकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु विभाग द्वारा गाडिया लोहारों को भवन निर्माण एवं कच्चा माल क्रय किये जाने हेतु अनुदान योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत गाडिया लोहारों को स्थायी रूप से बसाने हेतु ग्रामीण क्षेत्र में 150 वर्ग गज एवं शहरी क्षेत्र में 50 वर्ग गज भूमि आवंटन करने का प्रावधान है। जिस गाडिया लोहार परिवार में पति व पत्नी के पास स्वंय का मकान नहीं है, वह निर्धारित प्रपत्र में प्रार्थना पत्र देकर मकान निर्माण हेतु अनुदान की मांग कर सकता है। आवंटित भूमि पर मकान निर्माण हेतु गाडिया लोहारों को निर्धारित प्रपत्र में नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र एवं भूमि का पट््टा संलग्न कर आवेदन किये जाने पर प्रति परिवार 70 हजार रूपये अनुदान राशि स्वीकृृत की जाती है। यह राशि तीन किश्तों में क्रमशः 25 हजार, 25 हजार एवं 20 हजार रुपये अनुदान के रूप में देय है। इसी प्रकार गाडिया लोहारों को स्वावलम्बी बनाने हेतु उनके व्यवसाय के लिए कच्चा माल क्रय करने हेतु एकमुश्त 5 हजार रुपये अनुदान राशि स्वीकृृत की जाती है।

राजस्‍थान राजमार्ग विकास कार्यक्रम-2 परियोजना के लिए MOU पर हस्‍ताक्षर

  1. भारत सरकार, राजस्‍थान सरकार और विश्‍व बैंक ने 27.06.2019 को राजस्‍थान राजमार्ग विकास कार्यक्रम-2 परियोजना के लिए 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर (1750 करोड़ रुपये) के ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किए। 
  2. उपर्युक्‍त ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से श्री समीर कुमार खरे और विश्‍व बैंक की ओर से कार्यवाहक कंट्री डायरेक्‍टर (भारत) श्री शंकर लाल ने हस्‍ताक्षर किए। साथ ही परियोजना संबंधी समझौते पर राजस्‍थान सरकार की ओर से लोक निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता एवं अपर सचिव श्री एम.एल.वर्मा और विश्‍व बैंक की ओर से कार्यवाहक कंट्री डायरेक्‍टर (भारत) श्री शंकर लाल ने हस्‍ताक्षर किए। 
  3. इसका उद्देश्‍य राजस्‍थान के राजमार्गों के बेहतर प्रबंधन के लिए राज्‍य की क्षमता को बढ़ाना और राजस्‍थान के चुनिंदा राजमार्गों पर यातायात के प्रवाह को बेहतर बनाना है। 
  4. विश्‍व बैंक से सहायता प्राप्‍त इस परियोजना से राज्‍य के 766 किलोमीटर लंबे 11 राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों के निर्माण, उन्‍नयन, सुधार और रखरखाव में मदद मिलेगी। 
  5. इससे ठेकों के प्रबंधन, डेटा रिपोर्टिंग, गुणवत्‍ता नियंत्रण इत्‍यादि के लिए एक ऑनलाइन परियोजना प्रबंधन प्रणाली का निर्माण करने और एक स्‍मार्ट फोन एप्‍लीकेशन को विकसित करने में भी मदद मिलेगी। 
  6. राजस्‍थान में राज्‍य राजमार्गों का विकास राष्‍ट्र स्‍तरीय कनेक्टिविटी कार्यक्रमों की सफलता के लिए अत्‍यंत आवश्‍यक है। विश्‍व बैंक की परियोजना से इस राज्‍य को न केवल अपने सड़क नेटवर्क का विस्‍तार करने में मदद मिलेगी, बल्कि इसका राज्‍य व्‍यापी परिवहन पूंजीगत निवेश के स्‍वरूप एवं कार्यान्‍वयन पर भी टिकाऊ या स्‍थायी प्रभाव पड़ेगा। 
  7. इस परियोजना से लोक निर्माण विभाग (पीडब्‍ल्‍यूडी) की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी जो राज्‍य के लगभग 70 प्रतिशत सड़क नेटवर्क के साथ-साथ राजस्‍थान राज्‍य राजमार्ग प्राधिकरण के नेटवर्क के लिए भी जवाबदेह है। 
  8. राजस्‍थान सरकार ने ‘रिसर्जेंट राजस्थान’ के अपने विजन के तहत एक प्रमुख कार्यक्रम के रूप में वित्‍त वर्ष 2014-15 में ‘राजस्‍थान राजमार्ग विकास कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया था। इस महत्‍वाकांक्षी योजना का लक्ष्‍य सार्वजनिक-निजी साझेदारियों के जरिये 20,000 किलोमीटर लंबे राज्‍य राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों को विकसित करना है। 
  9. विश्‍व बैंक से सहायता प्राप्‍त इस परियोजना से राजस्‍थान की प्रतिस्‍पर्धी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी क्‍योंकि इससे राज्‍य की आम जनता विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और विभिन्‍न गलियारों (कॉरिडोर) के आसपास स्थित छोटे केंद्रों में रहने वाले लोगों की पहुंच बुनियादी सेवाओं तक बढ़ जाएगी। 
  10. अंतरराष्‍ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (आईबीआरडी) से प्राप्‍त होने वाले 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण की परिपक्‍वता अवधि 25 साल है जिसमें 5 साल की मोहलत अवधि भी शामिल है। 
  11. इस अनुबंध का राजस्थान के कुल 13 जिलों को लाभ मिलेगा और प्रदेश के एक बड़े हिस्से में सड़क यातायात सुगम होगा। अनुबंध के तहत होने वाले सड़क विकास कार्यों से श्रीगंगानगर, बीकानेर, झुंझुनूं, चुरू, सीकर, अजमेर, टोंक, जालौर, जोधपुर, नागौर, पाली, जयपुर और भीलवाड़ा जिले लाभान्वित होंगे।

ट्राइफेड इण्डिया ने किया बाड़मेर की सुश्री रूमा देवी के साथ समझौता-

ट्राइफेड ने ग्रामीण विकास चेतना संस्था, बाड़मेर की सुश्री रूमा देवी के साथ समझौता किया है। इसके साथ फैशन परिधान की एक नई श्रृंखला प्रस्तुत की जाएगी। सुश्री रूमा देवी को राष्ट्रपति ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया है। इंडिया टूडे पत्रिका ने अपने कवर पेज पर उन्हें स्थान दिया है।

राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण यू-टयूब चैनल पर, ऐसा देश में पहली बार 

 जयपुर, 28 जून । राजस्थान विधानसभा देश की पहली विधानसभा बन गयी है जिसने सदन की सम्पूर्ण कार्यवाही का सीधा प्रसारण यू-टयूब पर शुरू किया है । विधानसभा सचिव श्री प्रमिल कुमार माथुर ने बताया कि पहली बार पंद्रहवी विधानसभा के द्वितीय सत्र में 28 जून से यू-टयूब पर विधानसभा की सम्पूर्ण कार्यवाही का सीधा प्रसारण आरम्भ किया गया है । इस चैनल के शुरू होने से विधानसभा की कार्यवाही आम जन निर्बाध रूप से देखने व सरकार के कार्यों में पारदर्शिता लाने की दृष्टि से यह एक नई पहल है। सजीव प्रसारण से आमजन अपने जन प्रतिनिधि द्वारा सदन में उठायी गयी क्षेत्र की समस्याओं, व्यक्तव्य एवं भाषणों को देख सकेंगे जिससे जनप्रतिनिधियों की भूमिका का आकलन भी हो सकेगा। विधानसभा की कार्यवाही की जानकारी के लिए ट्वीटर पर भी पेज बनाया गया है। विधानसभा द्वारा शुरू किए गए यू-टयूब पर एवं ट्वीटर पर निम्न लिंक पर देखा जा सकता है -
https://www.youtube.com/channel/UCYmQWbPTxZ2NwbPkT5yfvwQ/
https://twitter-com/RajAssembly

फसलों को बचाने के लिए किसान लगा सकेंगे सरकारी अनुदान से तारबंदी - 



  • जयपुर,28 जून। कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में  जानकारी देते के लिए बताया कि किसानों को तारबंदी हेतु पेरीफेरी (परिधि) लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि 40 हजार रूपये जो भी कम हो प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर तक अनुदान देय है।
  •  वर्ष 2019-20 में राज्य के समस्त जिलों में तिलहनी फसलों के क्षेत्रफल को मध्यनजर रखते हुए राशि 562.200 लाख रूपये का वित्तीय एवं 5 लाख 62 हजार 250 मीटर भौतिक लक्ष्यों का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। 
  • कृषि विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तिलहन के अन्तर्गत नीलगाय व अन्य जंगली जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सभी श्रेणी के कृषकों को लक्षित कर सामुदायिक आधार पर कांटेदार/ चैनलिंक तारबंदी कार्यक्रम चालू किया गया है जिसमें कम से कम 5 हैक्टेयर क्षेत्रफल हो एवं 3 कृषको का समूह हो।
  • प्रदेश में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले रोजड़ों को कृषकों द्वारा आवेदन करने पर राज्य सरकार ने वन्यजीव (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 की धारा 11 (1) (बी) के अन्तर्गत मारने हेतु अधिसूचना 03 मार्च 1994 से उप वन संरक्षकों को, 19 जनवरी 1996 व 30 अप्रेल 1997 से क्षेत्रीय वन अधिकारियों रेंजर्स एवं अधिसूचना 31 अगस्त 2000 द्वारा राज्य के समस्त जिलों में पदस्थापित जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, उप खण्ड अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक, सहायक वन संरक्षक, विकास अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं थाना प्रभारी अधिकारी को परमिट देने हेतु प्राधिकृत किया हुआ है।
  • फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली सुअरों को मारने की अनुमति देने हेतु राज्य सरकार के आदेश 31 मार्च 1998 की पालना में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, राजस्थान जयपुर द्वारा उप वन संरक्षकों को जिला कोटा, बून्दी, सवाईमाधोपुर, करौली, पाली, सिरोही, उदयपुर, चित्तौडगढ़, झालावाड़, अलवर, जयपुर, डूंगरपुर, जालौर, बीकानेर, तथा श्रीगंगानगर, में अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में वन्यजीव अभयारण्यों/राष्ट्रीय उद्यानों से 15 किलोमीटर की परिधि के बाहर प्राधिकृत किया गया है। 
  • साथ ही उप मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक/क्षेत्र निदेशक/उप निदेशक तथा उप वन संरक्षक (वन्यजीव) को अपने-अपने क्षेत्रधिकार वाले जिलों में वन्यजीव अभयारण्य /राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से 15 किलोमीटर तक की परिधि में प्राधिकृत किया गया है। 

पांच जिलों में स्थापित ईट भट्टों को जिग-जैग तकनीक में परिवर्तित करने के निर्देश    

जयपुर, 28 जून। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए राज्य के अलवर, जयपुर, जोधपुर, कोटा एवं उदयपुर जिलों में स्थापित सभी ईट भट्टों को 30 सितम्बर तक या इससे पूर्व जिग-जैग तकनीक में परिवर्तित करने के निर्देश प्रदान किये हैं। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के सदस्य सचिव ने बताया कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उक्त शहरों की शहरी या नगरीय सीमा में स्थापित सभी ईट भट्टा इकाईयों को प्राकृतिक ड्राफ्ट से इण्ड्यूस्ड ड्राफ्ट (जिग-जेग तकनीक) में परिवर्तित करने से न केवल ईट भट्टों से निकलने वाले प्रदूषक तत्वों की मात्रा में कमी आयेगी अपितु इन उद्योगो में कोयले की खपत भी कम होगी।


प्रदेश में जल संरक्षण के लिए चलेगा जल शक्ति अभियान

  • देश में गहराते जल संकट के निवारण के लिए भारत सरकार की पहल पर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, जन प्रतिनिधियों, स्वंयसेवी संगठनों की व्यापक एवं सक्रिय भागीदारी से प्रदेश के सभी खण्डों में जल शक्ति अभियान चलाया जायेगा। 
  • अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग श्री राजेश्वर सिंह के अनुसार जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन, परम्परागत एवं अन्य जलाशयों का जीर्णोंद्वार, बोरवेल रिचार्ज स्ट्रक्चर्स का रियूज, जलग्रहण क्षेत्र विकास, सधन वृक्षारोपण के कार्य बड़े पैमाने पर किये जायेगें। अभियान के तहत ब्लॉक एवं जिला जल संरक्षण योजना का निर्माण, जिसे जिला सिंचाई योजना के साथ समन्वित किया जायेगा। 
  • इसके साथ-साथ सिंचाई में निपुण जल उपयोग एवं जल उपलब्धता के अनुसार उपयुक्त फसल के चयन को प्रोत्साहित किया जायेगा एवं कृषि एवं उद्यानिकी उद्देश्यों के लिए शहरी अपशिष्ट जल का पुनर्उपयोग सुनिश्चित्त किया जायेगा।
  • भारत सरकार ने 36 राज्यों एवं संघ क्षेत्रों की 1593 पंचायत समितियों में 313 क्रिटिकल ब्लॉक्स, 1186 अति दोहित ब्लॉक्स तथा 94 न्यूनतम भू-जल उपलब्धता वाले ब्लॉक्स के रूप में पहचान की है।
  • भारत सरकार के निर्णय के अनुसार अभियान के शुभारम्भ एवं सफल क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार ने प्रत्येक जिले के लिए एक अतिरिक्त सचिव एवं संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को केन्द्रीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया जायेगा एवं आशान्वित जिलों के मामले में पूर्व में नियुक्त केन्द्रीय नोडल अधिकारी ही जल शक्ति अभियान के भी नोडल अधिकारी हाेंगे।  
  • अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को राज्य नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
  • राज्य सरकार के लगभग सभी विभागों के विभागाध्यक्षों, स्वायत्तशासी निकायों, जल प्रबन्धन एवं संरक्षण से सम्बधित विभागों के प्रतिनिधियों को राज्य स्तर पर एवं जिला स्तर पर गठित किये जाने वाले कोर ग्रुप में सम्मिलित किया जायेगा। 
  • जल शक्ति अभियान के तहत प्रदेश के सभी जिलों में जिला कोर ग्रुप के तत्वावधान में एक जुलाई को  दोपहर 3 बजे अभियान की जिला स्तरीय तैयारी बैठक आयोजित की जायेगी जिसमें जन प्रतिनिधि, जिला स्तरीय अधिकारी, स्वंयसेवी संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता, नेहरू युवा केन्द्र से सम्बधित युवा संगठन तथा एन0सी0सी0, एन0एस0एस0, स्काउट एवं गाईड से जुड़े विद्याथ्रियों आदि को आमंत्रित कर अभियान की जानकारी प्रदान की जायेगी, अभियान की सफलता के लिए कार्य योजना तैयार की जायेगी । 

कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी पत्रकारिता पुरस्कार -

इस वर्ष का कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी पत्रकारिता पुरस्कार वरिष्ठ पत्रकार श्री विनोद वाजपेयी को प्रदान किया। साथ ही सुधा कावड़िया, श्री काशीनाथ जैन, श्री रामभजन कुमावत, श्री प्रदीप कुमार शर्मा, श्री हेमराज पारीक तथा श्री भागीरथ को प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया।

छबड़ा पावर प्लान्ट में दो इकाइयों का लोकार्पण

  • बारां जिले के उपखंड छबड़ा में स्थित थर्मल पावर प्लान्ट की दो इकाइयों 5 और 6 का लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने ३० जून को किया। 
  • जापान की आधुनिक सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित छबड़ा थर्मल पावर प्लान्ट में दो नई इकाइयों के प्रारंभ होने से इस प्लान्ट की विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़कर 2320 मेगावाट हो गई है। आजादी के समय प्रदेश में 13 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था, जो बढ़कर करीब 22 हजार मेगावाट हो गया है। 
  • इसमें राज्य विद्युत उत्पादन निगम का हिस्सा 7277.35 मेगावाट है। 
  • थर्मल पावर प्लान्ट छबड़ा की इकाई 5 और 6 प्रारंभ होने से परियोजना की विद्युत उत्पादन क्षमता में 1,320 मेगावाट की वृद्धि हुई है। 
  • इस विद्युत गृह की कुल उत्पादन क्षमता 2,320 मेगावाट हो गई है। 
  • इन दोनों इकाइयों से राज्य को लगभग 316.80 लाख यूनिट प्रतिदिन प्राप्त हो रही है। 
  • इस परियोजना द्वारा विद्युत उत्पादन प्रारम्भ करने से राज्य को प्रतिदिन 3 करोड़ यूनिट अतिरिक्त बिजली उपलब्ध होगी, जिससे प्रदेश के करीब 78 लाख नये उपभोक्ताओं को लाभान्वित किया जा सकेगा।
  • थर्मल पावर प्लान्ट छबड़ा की इकाई 5 और 6 सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित है और यह प्रदेश की सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित प्रथम परियोजना है। 
  • सुपर क्रिटिकल तकनीक में कोयले की खपत कम होती है और यह उच्च दक्षता के साथ उच्च दाब तथा तापमान पर संचालित होती है। 
  • यह परियोजना कुल 2,361 बीघा भूमि पर बनी है और इसकी अनुमानित लागत 9,550.27 करोड़ रूपए है।

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