1. मदरसों का पंजीकरण- मदरसा बोर्ड का गठन जनवरी, 2003 में किया गया। उस समय इसमें कुल 1635 मदरसे वक्फ बोर्ड से स्थानांतरित होकर आए। मदरसा बोर्ड के गठन से लेकर अब तक कुल 3025 मदरसों का पंजीकरण किया गया है।
2. नियुक्तियां-
हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक ज्ञान विषय की प्रारंभिक स्तर की स्कूली शिक्षा की व्यवस्था के लिए बोर्ड द्वारा शिक्षा सहयोगियों की नियुक्ति की गई है। इसके अंतर्गत वर्तमान में 1793 शिक्षा सहयोगी बोर्ड के द्वारा पंजीकृत मदरसों में कार्यरत हैं। सरकार की घोषणा के अनुरूप मदरसों में 3500 शिक्षा सहयोगियों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है तथा अब तक 1870 शिक्षा सहयोगियों को मदरसा आवंटन किया जा चुका है।
3. कंप्यूटर शिक्षा-
मदरसों में कंप्यूटर शिक्षा हेतु राज्य सरकार द्वारा 500 कंप्यूटर शिक्षा सहयोगियों के पदों का सृजन किया है, अब तक 487 कंप्यूटर शिक्षा सहयोगियों की नियुक्ति की जा चुकी है।
4. कक्षा आठ तक क्रमोन्नति-
मुख्यमंत्री की घोषणा वर्ष 2009-10 के क्रम में मदरसा शिक्षा को कक्षा 8 तक क्रमोन्नति संबंधी आदेश राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए है। इसके अंतर्गत 251 मदरसों की कक्षा 8 तक क्रमोन्नति कर दी गई है तथा अन्य के लिए प्रक्रिया जारी है।
5. मदरसा बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत मदरसों में कार्यरत 1793 शिक्षा सहयोगियों को प्रतिमाह का नियमित भुगतान किया जा रहा है।
6. मदरसा बोर्ड के पंजीकृत 3025 मदरसों में लगभग 2.01 लाख छात्र-छात्राएं है।
7. इस सत्र में 7200 बच्चों को अल्पसंख्यक प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति हेतु चयनित किया गया।
8. नामांकित विद्यार्थियों को बोर्ड के माध्यम से कक्षा 1 से 8 तक निशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण किया जा रहा है। साथ ही कक्षा 1 से 5 तक की उर्दू की पुस्तकें भी उपलब्ध करवाई जा रही है।
9. राज्य सरकार के निर्देशानुसार मदरसों में भी पोषाहार वितरण की व्यवस्था की जा रही है।
10. SFG व TLM राशि-
मदरसों में प्रभावी नवाचार युक्त एवं नवीन विधाओं में शिक्षण करवाने तथा मदरसे की प्रारंभिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रतिवर्ष प्रत्येक मदरसे को स्कूल फेसिलिटी ग्रान्ट (SFG) एवं टीचिंग लर्निग मेटेरियल (TLM) के लिए रु. 5500 /- की राशि जिसमें SFG हेतु रु 5000/- एवं TLM हेतु रु 500 /- वार्षिक प्रति मदरसा सर्व शिक्षा अभियान द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है।
11. प्रशिक्षण-
मदरसों के शिक्षा सहयोगियों को आधुनिक नवचारयुक्त विधाओ से शिक्षण कार्य करने एवं उनकी कार्य क्षमता में वृद्धि हेतु सर्व शिक्षा अभियान द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस वर्ष अमेरिकन सेन्टर द्वारा मदरसा शिक्षा सहयोगियों को अंग्रेजी का प्रशिक्षण तथा रिजनल कॉलेज, अजमेर द्वारा भाषागत शिक्षण का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
12. खेलकूद प्रतियोगिताएँ-
सर्व शिक्षा अभियान द्वारा मदरसों में नामांकित बच्चों में भी खेलकूद के प्रति रूचि पैदा करने और खेल प्रतिभाओं के विकास हेतु मदरसा स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन सभी जिलों में किया जा रहा है।
13. मदरसा प्रमाणपत्र को मान्यता-
पंजीकृत मदरसों में उत्तीर्ण परीक्षाओं के प्रमाणपत्र को शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्रदान की गई है, जिससे यहाँ पढ़ने वाले बच्चे मदरसा की टी. सी. के आधार पर राजकीय/ मान्यता प्राप्त विद्यालयों में आगामी कक्षाओं में प्रवेश लेकर शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैँ।
14.शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना-
विशेष प्रयास करके मदरसों से उत्तीर्ण विद्यार्थियों को राजकीय एवं मान्यता प्राप्त विद्यालयों में स्कूली शिक्षा हेतु शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा गया है।
15. कक्ष निर्माण व भवन मरम्मत कार्य-
बोर्ड में पंजीकृत 200 मदरसों का नोडल मदरसों के रूप में चयन कर भवन निर्माण, मरम्मत, चारदीवारी, पुताई एवं लघु प्रकृति के निर्माण कार्य करवाने हेतु बोर्ड द्वारा प्रति मदरसा अधिकतम एक लाख रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। इस हेतु 65 मदरसों के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है।
16. कम्प्यूटरीकरण-
मदरसों में कंप्यूटर शिक्षा को लागू करने के लिए 1200 कम्प्यूटर मय प्रिन्टर के उपलब्ध करा अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा दी जा रही है।
17. कंप्यूटर प्रशिक्षण-
मदरसों में बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा देने तथा उन्हें नवीनतम तकनीक के सहारे विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कार्यरत शिक्षा सहयोगियों को माइक्रोसोफ्ट एकेडमी के सौजन्य से 13 दिवसीय कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया गया।
18. मिड-डे-मील हेतु बर्तन वितरण-
प्रदेश के 1350 मदरसों में मिड-डे-मील संबंधी 13 प्रकार के बर्तन यथा - स्टील जग, दो एल्यूमिनियम छोटे-बड़े भगोने मय ढक्कन, चालीस थाली, गिलास-24, छोटी बड़ी चम्मच, तवा, कढाई, चकला, बेलन, स्टील परात, गैस भटटी आदि वितरण किए गए। गैस कनेक्शन हेतु गैस एजेन्सियों से अनुबन्ध की कार्यवाही कर कनेक्शन उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
19. बोर्ड द्वारा 2000 मदरसों में बच्चों के बैठने हेतु प्रति मदरसा 2 फर्श तथा दरिया क्रय कर उपलब्ध करवाएँ गए हैं।
20. उर्दू की पुस्तकों का निर्माण-
मदरसों में वर्तमान में परम्परागत रूप से निर्मित सालों पुरानी उर्दू की पाठ्य पुस्तकों से तालीम दी जा रही थी। लम्बे समय से यह आवश्यकता महसूस की जा रही थी कि जदीद तकनीक से मौजूद जरूरतों को पेशेनजर रखते हुए उर्दू की पाठ्य पुस्तक एवं पाठयक्रम निर्मित किए जाए। इसी के तहत नवीन पाठयक्रम पर आधारित कक्षा 1 से 5 वीं तक उर्दू की पाठ्यपुस्तके राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मण्डल ने प्रकाशित की तथा मदरसों में इनका वितरण किया गया।
21. शिक्षण सामग्री वितरण-
1869 मदरसों में प्रति मदरसा 4550 /- रुपए मूल्य की शिक्षण सामग्री यथा- दरी पट्टी, कुर्सी, ब्लैक बोर्ड, बाल्टी, रस्सी, घड़ी, विश्व, भारत व राजस्थान के नक़्शे एवं हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, उर्दू, पहाड़े, आदि के चार्ट वितरित किए गए है।
2. नियुक्तियां-
हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक ज्ञान विषय की प्रारंभिक स्तर की स्कूली शिक्षा की व्यवस्था के लिए बोर्ड द्वारा शिक्षा सहयोगियों की नियुक्ति की गई है। इसके अंतर्गत वर्तमान में 1793 शिक्षा सहयोगी बोर्ड के द्वारा पंजीकृत मदरसों में कार्यरत हैं। सरकार की घोषणा के अनुरूप मदरसों में 3500 शिक्षा सहयोगियों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है तथा अब तक 1870 शिक्षा सहयोगियों को मदरसा आवंटन किया जा चुका है।
3. कंप्यूटर शिक्षा-
मदरसों में कंप्यूटर शिक्षा हेतु राज्य सरकार द्वारा 500 कंप्यूटर शिक्षा सहयोगियों के पदों का सृजन किया है, अब तक 487 कंप्यूटर शिक्षा सहयोगियों की नियुक्ति की जा चुकी है।
4. कक्षा आठ तक क्रमोन्नति-
मुख्यमंत्री की घोषणा वर्ष 2009-10 के क्रम में मदरसा शिक्षा को कक्षा 8 तक क्रमोन्नति संबंधी आदेश राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए है। इसके अंतर्गत 251 मदरसों की कक्षा 8 तक क्रमोन्नति कर दी गई है तथा अन्य के लिए प्रक्रिया जारी है।
5. मदरसा बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत मदरसों में कार्यरत 1793 शिक्षा सहयोगियों को प्रतिमाह का नियमित भुगतान किया जा रहा है।
6. मदरसा बोर्ड के पंजीकृत 3025 मदरसों में लगभग 2.01 लाख छात्र-छात्राएं है।
7. इस सत्र में 7200 बच्चों को अल्पसंख्यक प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति हेतु चयनित किया गया।
8. नामांकित विद्यार्थियों को बोर्ड के माध्यम से कक्षा 1 से 8 तक निशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण किया जा रहा है। साथ ही कक्षा 1 से 5 तक की उर्दू की पुस्तकें भी उपलब्ध करवाई जा रही है।
9. राज्य सरकार के निर्देशानुसार मदरसों में भी पोषाहार वितरण की व्यवस्था की जा रही है।
10. SFG व TLM राशि-
मदरसों में प्रभावी नवाचार युक्त एवं नवीन विधाओं में शिक्षण करवाने तथा मदरसे की प्रारंभिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रतिवर्ष प्रत्येक मदरसे को स्कूल फेसिलिटी ग्रान्ट (SFG) एवं टीचिंग लर्निग मेटेरियल (TLM) के लिए रु. 5500 /- की राशि जिसमें SFG हेतु रु 5000/- एवं TLM हेतु रु 500 /- वार्षिक प्रति मदरसा सर्व शिक्षा अभियान द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है।
11. प्रशिक्षण-
मदरसों के शिक्षा सहयोगियों को आधुनिक नवचारयुक्त विधाओ से शिक्षण कार्य करने एवं उनकी कार्य क्षमता में वृद्धि हेतु सर्व शिक्षा अभियान द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस वर्ष अमेरिकन सेन्टर द्वारा मदरसा शिक्षा सहयोगियों को अंग्रेजी का प्रशिक्षण तथा रिजनल कॉलेज, अजमेर द्वारा भाषागत शिक्षण का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
12. खेलकूद प्रतियोगिताएँ-
सर्व शिक्षा अभियान द्वारा मदरसों में नामांकित बच्चों में भी खेलकूद के प्रति रूचि पैदा करने और खेल प्रतिभाओं के विकास हेतु मदरसा स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन सभी जिलों में किया जा रहा है।
13. मदरसा प्रमाणपत्र को मान्यता-
पंजीकृत मदरसों में उत्तीर्ण परीक्षाओं के प्रमाणपत्र को शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्रदान की गई है, जिससे यहाँ पढ़ने वाले बच्चे मदरसा की टी. सी. के आधार पर राजकीय/ मान्यता प्राप्त विद्यालयों में आगामी कक्षाओं में प्रवेश लेकर शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैँ।
14.शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना-
विशेष प्रयास करके मदरसों से उत्तीर्ण विद्यार्थियों को राजकीय एवं मान्यता प्राप्त विद्यालयों में स्कूली शिक्षा हेतु शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा गया है।
15. कक्ष निर्माण व भवन मरम्मत कार्य-
बोर्ड में पंजीकृत 200 मदरसों का नोडल मदरसों के रूप में चयन कर भवन निर्माण, मरम्मत, चारदीवारी, पुताई एवं लघु प्रकृति के निर्माण कार्य करवाने हेतु बोर्ड द्वारा प्रति मदरसा अधिकतम एक लाख रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। इस हेतु 65 मदरसों के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है।
16. कम्प्यूटरीकरण-
मदरसों में कंप्यूटर शिक्षा को लागू करने के लिए 1200 कम्प्यूटर मय प्रिन्टर के उपलब्ध करा अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा दी जा रही है।
17. कंप्यूटर प्रशिक्षण-
मदरसों में बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा देने तथा उन्हें नवीनतम तकनीक के सहारे विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कार्यरत शिक्षा सहयोगियों को माइक्रोसोफ्ट एकेडमी के सौजन्य से 13 दिवसीय कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया गया।
18. मिड-डे-मील हेतु बर्तन वितरण-
प्रदेश के 1350 मदरसों में मिड-डे-मील संबंधी 13 प्रकार के बर्तन यथा - स्टील जग, दो एल्यूमिनियम छोटे-बड़े भगोने मय ढक्कन, चालीस थाली, गिलास-24, छोटी बड़ी चम्मच, तवा, कढाई, चकला, बेलन, स्टील परात, गैस भटटी आदि वितरण किए गए। गैस कनेक्शन हेतु गैस एजेन्सियों से अनुबन्ध की कार्यवाही कर कनेक्शन उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
19. बोर्ड द्वारा 2000 मदरसों में बच्चों के बैठने हेतु प्रति मदरसा 2 फर्श तथा दरिया क्रय कर उपलब्ध करवाएँ गए हैं।
20. उर्दू की पुस्तकों का निर्माण-
मदरसों में वर्तमान में परम्परागत रूप से निर्मित सालों पुरानी उर्दू की पाठ्य पुस्तकों से तालीम दी जा रही थी। लम्बे समय से यह आवश्यकता महसूस की जा रही थी कि जदीद तकनीक से मौजूद जरूरतों को पेशेनजर रखते हुए उर्दू की पाठ्य पुस्तक एवं पाठयक्रम निर्मित किए जाए। इसी के तहत नवीन पाठयक्रम पर आधारित कक्षा 1 से 5 वीं तक उर्दू की पाठ्यपुस्तके राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मण्डल ने प्रकाशित की तथा मदरसों में इनका वितरण किया गया।
21. शिक्षण सामग्री वितरण-
1869 मदरसों में प्रति मदरसा 4550 /- रुपए मूल्य की शिक्षण सामग्री यथा- दरी पट्टी, कुर्सी, ब्लैक बोर्ड, बाल्टी, रस्सी, घड़ी, विश्व, भारत व राजस्थान के नक़्शे एवं हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, उर्दू, पहाड़े, आदि के चार्ट वितरित किए गए है।
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