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सवाईमाधोपुर का प्रसिद्ध चमत्कारजी जैन मंदिर

 सवाईमाधोपुर का प्रसिद्ध चमत्कारजी जैन मंदिर चमत्कारजी जैन मंदिर सवाई माधोपुर में स्थित है। यह दिगंबर जैन समुदाय का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक आकर्षण है जिसे "चमत्कार जी अतिशय क्षेत्र" भी कहा जाता है। यह सवाईमाधोपुर के रेलवे स्टेशन मुख्य मार्ग पर स्थित है। यहाँ मूल नायक चमत्कार जी (भगवान आदिनाथ या ऋषभदेव जी ) है। यहाँ के मंदिर में भगवान आदिनाथ की 6 इंच ऊँची पद्मासन मुद्रा में स्फटिक मणि (सफेद क्वार्टज) से निर्मित मुख्य प्रतिमा स्थापित है।  मंदिर में दो वेदियां हैं। सामने की वेदी में बैठने की मुद्रा में मूल नायक भगवान पद्मप्रभु की मूर्ति स्थापित है, जो कि गहरे लाल पत्थर से बनी 1 फीट 3 इंच ऊँची है और इसे विक्रम संवत 1546 में स्थापित किया गया था। भगवान चंद्रप्रभु, पंच बाल यति और अन्य तीर्थंकरों की अन्य कलात्मक मूर्तियाँ भी यहाँ देखने लायक हैं। इसके पीछे दूसरी वेदी है जहाँ मूल नायक श्री चमत्कार जी की मूर्ति स्थापित है और अन्य प्राचीन मूर्तियाँ भी यहाँ स्थापित हैं। कहा जाता है कि यह प्रतिमा जोगी नामक किसान को अपने खेत को जोतते समय प्राप्त हुई थी। भगवान आदि

राजस्थान के चारण साहित्य के ऐतिहासिक प्रबंध काव्य-

काव्य तथा लेखक :- 1. वीरभायण - बादर ढाढी 2. अचलदास खींची री वचनिका - गाडन शिवदास 3. राव रिणमल रो रूपक - गाढण पसाइत 4. गुण जोधायण - गाढण पसाइत 5. कान्हड़दे प्रबंध - पद्मनाभ 6. राव हमीरदेव चौपाई - भाउंड व्यास 7. राव जैतसी रो पाछड़ी छन्द - बीठू सूजा 8. रावल माला रो गुण - बारहठ आसा 9. पृथ्वीराज रासो - चंदबरदाई 10. झूलणा महाराज रायसिंघजी रा - सांदू माला 11. झूलणा दीवाण श्री प्रतापसिंघजी रा - सांदू माला 12. झूलणा अकबर पातशाह जी रा - सांदू माला 13. पाबूजी रा छंद - बीठू मेहा 14. गोगाजी रसावला - बीठू मेहा 15. ग्रंथराज - गाहण गोपीनाथ 16. वरसरलपुरगढ़ विजय - जोगीदास 17. सूरजप्रकाश - करणीदान 18. रतन जसप्रकाश - सागरदान 19. सूरदातार रो संवाद - बारठ सांकर

राजस्थान का नामकरण-

राजस्थान का नामकरण- वर्तमान राजस्थान के लिए पहले किसी एक नाम का प्रयोग नहीं मिलता है। इसके भिन्न-भिन्न क्षेत्र अलग-अलग नामों से जाने जाते थे।  वर्तमान बीकानेर और जोधपुर का क्षेत्र महाभारत काल मे ‘जांगल देश’ कहलाता था। इसी कारण बीकानेर के राजा स्वयं को ‘जंगलधर बादशाह’कहते थे।  जांगल देश का निकटवर्ती भाग सपादलक्ष (वर्तमान अजमेर और नागौर का मध्य भाग) कहलाता था, जिस पर चौहानों का अधिकार था।  अलवर राज्य का उत्तरी भाग कुरु देश , दक्षिणी और पश्चिमी मत्स्य देश और पूर्वी भाग शूरसेन देश के अन्तर्गत था।  भरतपुर और धौलपुर राज्य तथा करौली राज्य का अधिकांश भाग शूरसेन देश के अन्तर्गत थे। शूरसेन राज्य की राजधानी मथुरा, मत्स्य राज्य की विराटनगर और कुरु राज्य की इन्द्रप्रस्थ थी।  उदयपुर राज्य का प्राचीन नाम ‘ शिवि ’ था, जिसकी राजधानी ‘ मध्यमिका ’ थी। आजकल ‘ मध्यमिका ’ ( मज्झमिका ) को “ नगरी ” कहते हैं। यहाँ पर मेव जाति का अधिकार रहा, जिस कारण इसे मेदपाट अथवा प्राग्वाट भी कहा जाने लगा।  डूँगरपुर, बाँसवाड़ा के प्रदेश को वागड़ कहते थे।  जोधपुर के राज्य को मरु अथवा मारवाड़ कहा जाता था। जोधपुर

***राजस्थान साहित्य अकादमी के वर्ष 2012-13 के पुरस्कार***

राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर द्वारा शनिवार 24 मार्च 2013 को वर्ष 2012-13 के विभिन्न पुरस्कारों की घोषणा की गई। ये इस प्रकार हैं- 1. सर्वोच्च मीरा पुरस्कार- भवानी सिंह(जयपुर) को उनकी कथाकृति "मांणस तथा अन्य कहानियों" पर। पुरस्कार स्वरूप 75 हजार रूपए व प्रशस्ति-पत्र। 2. "देवराज उपाध्याय" पुरस्कार- डॉ. रेणु शाह (जोधपुर) को उनकी कृति "साहित्यालोचन : विविध रंग" पर। 3. कन्हैयालाल सहल पुरस्कार-  कोटा के डॉ. अतुल चतुर्वेदी को व्यंग्य कृति "घोषणाओं का वसंत" पर। 4. मरूधर मृदुल युवा लेखन पुरस्कार- अंजीव अंजुम (दौसा) को लघुकथा कृति "समझौता" पर। 5. विजयसिंह पथिक साहित्यिक पत्रकारिता एवं रचनात्मक पुरस्कार- ईशमधु तलवार (जयपुर) को। 6. कविता विधा का 'सुधीन्द्र' पुरस्कार- हरीश करमचन्दानी (जयपुर) को काव्यकृति "समय कैसा भी हो" पर । 7. 'रांगेय राघव' पुरस्कार- सावित्री रांका (जयपुर) को कथाकृति "पन्ने जिन्दगी के" पर। 8. 'डॉ. आलम शाह खान अनुवाद पुरस्कार'-  इंदु शर्मा (जयपुर) को उनकी अनुदित

राजस्थान सामान्य ज्ञान-
***राजस्थान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें***

* पाली नगर बांडी नदी के किनारे स्थित है।  * माही नदी को " वागड़ की गंगा" कहते हैं। यह डूंगरपुर तथा बाँसवाड़ा के मध्य सीमा बनाती है। * सोम नदी उदयपुर तथा डूंगरपुर के बीच सीमा बनाती है।  * चर्मण्वती और कामधेनू चंबल नदी को कहते हैं।  * रूपारेल नदी को वराह नदी भी कहा जाता है।  * बनास नदी को वन की आशा भी कहते हैं।  * हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी के पाट को नाली कहते हैं।  * घग्घर नदी को मृत नदी के नाम से भी जाना जाता है। * चंबल नदी द्वारा निर्मित 100 किमी लंबा गार्ज (महाखड्ड) भैंसरोडगढ़ (चित्तौड़गढ़) से कोटा तक है।  * डूंगरपुर जिले में बेणेश्वर त्रिवेणी संगम स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ माही, सोम तथा जाखम नदियों का संगम होता है। * चंबल नदी द्वारा बनाया गया चूलिया जल प्रपात भैंसरोड़गढ़ (चित्तौड़गढ़) के निकट है। * चंबल नदी अपेक्षाकृत कम वर्षा वाले भागों से अधिक वर्षा वाले भागों की ओर प्रवाहित होती है इसलिए इसमें वर्ष भर जल विद्यमान रहता है। * चंबल नदी की अपवाह प्रणाली वृक्षाकार या पादपाकार है।  * राज्य में सबसे अधिक सतही जल चंबल नदी में उपलब्ध है। इस मामले म

उदयपुर के मेनार में होता तलवारों से गैर नृत्य

आज आपको राजस्थान के एक अनोखे रंग से परिचय करवाते हैं और वो है तलवार से गैर नृत्य। यूँ तो गैर नृत्य मारवाड के बाड़मेर तथा मेवाड़ के उदयपुर व राजसमंद के गाँवों में आयोजित किया जाता है किंतु उदयपुर जिले में जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 76 पर स्थित मेनार गाँव में तलवारों से गैर नृत्य किया जाता है। मेनार मूलतः मेनारिया ब्राह्मणों का गाँव है। कहा जाता है कि एक बार इस गाँव के लोगों ने मुगल सेना को हराया था। तलवारों का यह गैर नृत्य मुगल आक्रमणकारियों पर स्थानीय वीरों की विजय की खुशी में जमरा बीज (चैत्र कृष्ण द्वितीया) पर्व पर किया जाता है। मेवाड़ में होली के उपरांत आने वाली चैत्र कृष्ण द्वितीया को जमरा बीज कहा जाता है तथा इसे उत्साह से मनाया जाता है। प्रतिवर्ष पारम्परिक रीति रिवाज के अनुसार मेनार गाँव के सभी लोग जमरा बीज पर्व पर तलवार से गैर नृत्य करते हैं। ये लोग रण वाद्य कहे जाने वाले बांकिये और ढोल की लय पर एक हाथ में तलवार और दूसरे में लाठी लेकर पारम्परिक पोशाक धोती, कुर्ता व पगड़ी में गैर खेलते हैं तो हजारों की संख्या में मौजूद दर्शकों में भी अजीब सा

**राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज- 27/3/2013**

प्रश्न 1- लोक संबंध के लिए 1973 में राजस्थान के किस शख्सियत को पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया ? अ. लक्ष्मी कुमारी चूँडावत ब. कुंवर नटवर सिंह स. बलराम जाखड़ द. डॉ नागेंद्र सिंह उत्तर- द प्रश्न 2- मल्लीनाथ जी का पशु मेला कहाँ लगता है ? अ. दिलवाड़ा ब. भीलवाड़ा स. तिलवाड़ा द. झीलवाड़ा   उत्तर- स प्रश्न 3- उदयपुर नगर क्षेत्र का प्राचीन नाम क्या था ? अ. जांगलप्रदेश ब. गिरवा स. मेदपाट द. मालव उत्तर- ब प्रश्न 4- राजस्थान मेँ कितने आखेट निषिद्ध क्षेत्र है ? अ. 7 ब. 25 स. 28 द. 33 उत्तर- द प्रश्न 5- दक्षिण राजस्थान की स्वर्ण रेखा किस नदी को कहा जाता है ? अ. सोम ब. माही स. जाखम द. बनास उत्तर- ब प्रश्न 6- वास्तु मंजरी के लेखक है ? अ. पद्मनाभ ब. सोमनाथ स. मंडन द. नाथा उत्तर- द प्रश्न 7- सिसोदिया राजवंश की कुल देवी थी ? अ. करणीमाता ब. शिलादेवी स. बाणमाता द. ज्वालामाता उत्तर- स प्रश्न 8- राजस्थान मेँ जन्मेँ प्रसिद्ध संस्कृत कवि थे ? अ. हर्ष वर्द्धन ब. कालिदास स. माघ द. बाणभट्ट उत्तर- स प्रश्न 9-