जयपुर के जंतर-मंतर की तरह राज्य के 5 पहाड़ी किले चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, आमेर, रणथम्भौर तथा गागरोन को भी विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के उद्धेश्य से इसे विश्व धरोहर की सूची में शामिल किए जाने के लिए कवायद शुरू हो चुकी है। पुरातत्व विशेषज्ञों ने आशा की है कि शीघ्र ही राज्य के ये किले विश्व धरोहर की सूची में शामिल हो सकते हैं। गौरतलब है कि वर्ल्ड हेरिटेज की श्रेणी के लिए राज्य के इन 5 ऐतिहासिक स्मारकों की सूची यूनेस्को को भेजी गई थी। इसी कड़ी में इन किलों के निरीक्षण के लिए यूनेस्को की टीम दिनांक 25 अगस्त को जयपुर पंहुची जहाँ वह आमेर किले के निरीक्षण के बाद अन्य किलों को भी देखेगी। स्मारक विशेष को विश्व धरोहर में शामिल कराने के लिए ऐतिहासिक स्मारक से संबंधित पुरातत्व विभाग डोजियर (बिल) तैयार करता है। बिल में मैनेजमेंट प्लान के तहत स्मारक की वैश्विक और स्थापत्य (आर्किटेक्चरल) मूल्य व मूल स्वरूप बरकरार है या नहीं जैसे कई तथ्य जुटा कर आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) को भेजता है। एएसआई टीम स्मारक का मूल्यांकन कर यूनेस्को को अनुशंसा भेजता है। इसके पश्चात यूनेस्को की तकनीकी मूल्यांकन एजेंसी “आ
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