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क्या होता है मोनपा या मोन शुगु | What is Monpa or Mon Shugu

मन की बात में प्रधानमंत्री द्वारा उल्लेख किया था तवांग के मोनपा हस्तनिर्मित कागज का - प्रधानमंत्री द्वारा अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में विशेष रूप से मोनपा हस्तनिर्मित कागज या “मोन शुगु” का उल्लेख किया था। इसके बाद 1000 वर्ष पुरानी धरोहर मोनपा हस्तनिर्मित कागज या “मोन शुगु” की बिक्री गति पकड़ रही है। 25 दिसंबर 2020 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में इस प्राचीन कला को पुनर्जीवित करने वाले खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने मोनपा हस्तनिर्मित कागज को रविवार (31 जनवरी) को ऑनलाइन बिक्री के लिए ई-पोर्टल www.khadiindia.gov.in पर उपलब्ध करवाया था । अपने लॉन्च के पहले दिन मोनपा हस्तनिर्मित कागज की 100 से अधिक शीट बिक्री हैं।   क्या होता है मोनपा या मोन शुगु - विशेषतः मोनपा हस्तनिर्मित कागज अरुणाचल प्रदेश के तवांग में स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले पेड़ शुगु शेंग की छाल से बनाया जाता है। इस कारण मोनपा को स्थानीय भाषा में 'मोन शुगु' भी कहा जाता है।  यह विशिष्ट पारभासी रेशेदार बनावट से पहचाना जाता है।  यह कागज भारहीन होता है लेकिन इसके प्राकृतिक रेशे इसमें लचीली मजबूती लाते हैं

क्या है केन्द्रीय विस्टा एवेन्यू | What is Central Vista Avenue

केंद्रीय विस्टा एवेन्यू का भूमि पूजन समारोह सम्पन्न केन्द्रीय विस्टा एवेन्यू का भूमि पूजन समारोह आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा आज 04 FEB 2021 किया गया। आज इस समारोह के साथ, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के विकास / पुनर्विकास के लिए काम शुरू हो गया है। क्या है केन्द्रीय विस्टा एवेन्यू- सेंट्रल विस्टा एवेन्यू उत्तर और दक्षिण ब्लॉक से इंडिया गेट तक शुरू होता है, जिसमें राजपथ, इसके आसपास के लॉन और नालियां (केनाल), पेड़ की कतारें, विजय चौक और इंडिया गेट प्लाजा सहित एक 3 किलोमीटर लंबा खंड है।  यह मूल रूप से ब्रिटिश राज के दौरान वायसराय हाउस के लिए एक भव्य जुलूस मार्ग के रूप में बनाया गया था। यह भारत की स्वतंत्रता पर भारत के लोगों और सरकार द्वारा विनियोजित किया गया था।   स्वतंत्रता के बाद सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में कुछ संशोधन कर इस जगह का परिदृश्य बदल दिया गया था।  पेड़ों की नई पंक्तियों को 1980 में जोड़ा गया था, उत्तर-दक्षिण सम्पर्क में सुधार के लिए एक नई सड़क रफी अहमद किदवई मार्ग का निर्माण किया गया था।  प्रतिवर्ष इस एवे

Rajasthan Current Affairs 2021 in Hindi 24 -31 JANUARY 2021

पंचायतों में भुगतान के लिए पूर्ववत् व्यवस्था ही रहेगी जारी-मुख्यमंत्री का निर्णय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पंचायतों की भुगतान व्यवस्था को पूर्व की भांति ही बैंकों के माध्यम से जारी रखने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से सरपंचों ने प्रदेश की पंचायतीराज संस्थाओं एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं के भुगतान के लिए बैंक खातों के स्थान पर पीडी खाता प्रणाली को लागू करने के संबंध में आ रही व्यावहारिक समस्याओं से राज्य सरकार को अवगत कराया था। इन समस्याओं के निदान के लिए रविवार 24 जनवरी को मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बैठक कर चर्चा की गई।  बैठक में निर्णय लिया गया कि पंचायतों की भुगतान व्यवस्था को पूर्ववत् जारी रखा जाए, ताकि पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास से संबंधित कार्यों में किसी तरह की व्यावहारिक बाधाएं न आए। बैठक में बताया गया कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न विषम वित्तीय परिस्थितियों के बावजूद न केवल राज्य सरकार ने कोरोना का सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन किया है, अपितु प्रदेश के विकास की गति को भी बनाए रखा है।  उल्लेखनीय है कि कोविड-19 से

क्या है राजस्थान मैन्यूफैक्चर्ड सेंड (एम-सेंड) नीति 2020 | Rajasthan M-Sand Policy, 2020 in Hindi

मैन्यूफैक्चर्ड सेंड (एम-सेंड) पॉलिसी-2020 या एम-सेंड नीति-2020 का लोकार्पण -   मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने श्री गहलोत सोमवार 25 जनवरी को मैन्यूफैक्चर्ड सेंड (एम-सेंड) पॉलिसी-2020 या एम-सेंड नीति-2020 Rajasthan M-Sand Policy, 2020 का लोकार्पण किया।  पर्यावरण संबंधी प्रक्रिया व न्यायिक आदेशों के बाद प्रदेश में निर्माण कार्यों की आवश्यकता के अनुरूप बजरी की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। ऎसे में वर्ष 2019-20 के बजट में बजरी के दीर्घकालीन विकल्प के रूप में मैन्यूफैक्चर्ड सेंड को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एम-सेंड नीति (Rajasthan M-Sand Policy) लाने का वादा किया था, उसी को पूरा करते हुए 25 जनवरी 2021 को मैन्यूफैक्चर्ड सेंड (एम-सेंड) पॉलिसी-2020 या एम-सेंड नीति-2020 (Rajasthan M-Sand Policy, 2020) का जयपुर में लोकार्पण किया गया । इस नीति का प्रावधान Rajasthan Minor Mineral Concession (Amendment) Rules, 2021 में किया गया। है क्या है राजस्थान एम सेंड नीति 2020 की पृष्ठभूमि- प्रदेश के वृहद भौगोलिक क्षेत्रफल में अवस्थित बहुसंख्यक नदी-नालों में उपलब्ध खनिज बजरी का उत्खनन किया जाकर विभिन

देवनारायण नगर एकीकृत आवासीय योजना द्वितीय चरण 29 से | Dev Narayan Nagar Ekikrit Pashupalak Awasiy Yojna

देवनारायण आवासीय योजना द्वितीय चरण में आवेदन 29 जनवरी से स्वायत्त शासन मंत्री ने किया पुस्तिका का विमोचन स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने रविवार 24 जनवरी को देवनारायण नगर एकीकृत पशुपालक आवासीय योजना के द्वितीय चरण, कोटा में आवेदन प्राप्त करने की पुस्तिका का विमोचन कर द्वितीय चरण का शुभारम्भ किया। नगरीय विकास मंत्री ने बताया कि - योजना के दूसरे चरण में 29 जनवरी से आवेदन पत्रों की बिक्री शुरू हो जायेंगी और आवेदन 26 फरवरी तक जमा कराए जा सकते हैं।  योजना में रियायती दरों पर 555 आवास मय पशु बाड़ा तथा भूसा गोदाम,डेयरी एवं अन्य व्यावसायिक दूकानों हेतु भू-खण्डों के आवंटन हेतु आवेदन प्राप्त किये जायेंगे। आवेदन पत्र एवं पुस्तिका का शुल्क 100 रुपये हैं।  आवेदन आई सी आई सी आई बैंक की कोटा स्थित किसी भी शाखा से प्राप्त किये जा सकते हैं।  योजना के प्रथम चरण में 360 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। क्या है देवनारायण नगर एकीकृत पशुपालक आवासीय योजना- देवनारायण नगर एकीकृत पशुपालक आवासीय योजना के उद्देश्य- कोटा राजस्थान को  प्रथम कैटल फ्री शहर बनाने के उद्देश्य से यह योजना लागु की

प्रधानमंत्री ने किया पराक्रम दिवस का उद्घाटन | PM inaugurated 125th Birth Anniversary of Netaji Subhas Chandra Bose

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर पराक्रम दिवस ’ का उद्घाटन- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर हुए कार्यक्रम में ‘ पराक्रम दिवस ’ Parakram Diwas के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर नेताजी पर एक स्थायी प्रदर्शनी और एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो का उद्घाटन किया गया। प्रधानमंत्री द्वारा एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया गया। इसके साथ ही नेताजी पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम “ आमरा नूतोन जोउबोनेरी दूत ” Amra Nuton Jouboneri Doot का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री ने नेताजी के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के लिए नेताजी सुभाष बोस के घर नेताजी भवन का भ्रमण किया। बाद में वह नेशनल लाइब्रेरी, कोलकाता के लिए रवाना हो गए, जहां एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार “ 21वीं सदी में नेताजी सुभाष की विरासत की समीक्षा ” और एक कलाकार शिविर का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने नेताजी के अदम्य साहस और राष

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार, 2021 | Subhash Chandra Bose Aapda Prabandhan Puraskar 2021

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार, 2021 Subhash Chandra Bose Aapda Prabandhan Puraskar 2021 भारत में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में संगठनों और व्यक्तिगत स्तर पर दिए गए अमूल्य योगदान और निःस्वार्थ सेवा को मान्यता और सम्मान देने के लिए भारत सरकार ने सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार (Subhash Chandra Bose Aapda Prabandhan Puraskar 2021) के नाम से एक वार्षिक पुरस्कार की शुरुआत की है।  इस पुरस्कार की घोषणा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर हर साल 23 जनवरी को की जाती है।  इस पुरस्कार में एक संस्थान के मामले में 51 लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र व एक व्यक्ति के मामले में 5 लाख रुपये और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। इस साल पुरस्कार के लिए 1 जुलाई, 2020 से नामांकन मांगे गए थे। पुरस्कार योजना के लिए संस्थानों और व्यक्तिगत रूप से 371 आवेदन मिले थे। वर्ष 2021 के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार निम्नांकित को प्राप्त हुआ है- (i) सस्टेनेबल एनवायरमेंट एंड इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सोसायटी (संस्थागत श्रेणी में)  (ii) डॉ. राजेंद्र कुमार भंडारी (व्यक्तिगत श्रेणी में) को आपदा प

केरल प्रवासी राजस्थानी संवाद-2021 मुख्यमंत्री गहलोत हुए शामिल | CM Gahlot Participated in Kerala Prawasi Rajasthani Samwad 2021

केरल प्रवासी राजस्थानी संवाद-2021 (Kerala Prawasi Rajasthani Samwad 2021) में मुख्यमंत्री गहलोत हुए शामिल मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने शनिवार 23 जनवरी को केरल के तिरुवनंतपुरम में राजस्थान फाउंडेशन और राजस्थान संघ, तिरुवनंतपुरम द्वारा आयोजित प्रवासी राजस्थानियों के साथ संवाद कार्यक्रम Kerala Prawasi Rajasthani Samwad 2021 को संबोधित किया। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस कार्यक्रम में कहा कि राजस्थान में तेल, गैस के अतिरिक्त पोटाश और सिल्वर जैसे खनिजों के बड़े भण्डार मिलने से हिन्दी सिनेमा के लोकप्रिय गीत ‘मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे-मोती... ‘ की कल्पना साकार हुई है। इन खनिजों के उत्पादन से यहां कई प्रकार के नए उद्योग-धंधों के विकास की संभावनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को प्रदेश में उपजे इन अवसरों का भरपूर लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने फूड प्रोसेसिंग सहित अनेक एमएसएमई उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए फेसिलिटेशन एक्ट, नई औद्योगिक नीतियां और ‘वन स्टॉप शॉप‘ जैसी सुविधाएं शुरू की हैं, जिससे उद्यमियों के लिए अधिक सकारात्मक माहौल बना है।