Skip to main content

Posts

राजस्थान के लोकनाट्य - "तुर्रा कलंगी" ख्याल

इसका प्रारंभिक रूप दो दलों का जमीन पर बैठ कर किसी विषय पर गायकीबद्ध शास्त्रार्थ करना रहा था। अतः इस प्रकार के ख्याल 'बैठकी ख्याल' या 'बैठकी दंगल' भी कहलाए। इनमें मुकाबला होने के कारण ही इन्हें दंगल कहा जाता है। इसमें भाग लेने वाले दल को अखाड़ा और अखाड़े के मुखिया को उस्ताद कहा जाता है। लोक नाट्यों में "तुर्रा - कलंगी" ख्याल कम - से -कम चार सौ से पाँच सौ वर्ष पुराना है। दो पीर संतों शाहअली और तुकनगीर ने "तुर्रा - कलंगी" ख्यालों का प्रवर्तन किया। ये वस्तुतः एक नहीं अपितु मेवाड़ की ख्याल परंपरा के दो भाग है। कहा जाता है कि एक बार मध्यप्रदेश के चंदेरी गाँव के ठाकुर ने दंगलबाज संत तुकनगीर और फकीर शाहअली को न्यौता देकर दंगल कराया तथा तुकनगीर को तुर्रा व शाह अली को कलंगी का सम्मान दिया। तब से दो अखाड़े बने जो तुर्रा और कलंगी के नाम से प्रसिद्ध हुए। तुर्रा व कलंगी पगड़ी पर सजाए या बाँधे जाने वाले दो आभूषण हैं। तुकनगीर "तुर्रा" के पक्षकार थे तथा शाह अली "कलंगी" के। तुर्रा को शिव और कलंगी को पार्वती का प्रतीक माना जाता है। इन दोनों खिलाड़ियों न

राजस्थान के लोक नाट्य - "शेखावटी ख्याल"

शेखावटी ख्याल - इस लोक नाट्य शैली की प्रमुख विशेषताएँ- (i) अच्छा पद संचालन (ii) पूर्ण सम्प्रेषित होने वाली शैली, भाषा व मुद्रा में गीत गायन। शब्दों से अधिक स्वर महत्वपूर्ण छटा लिए हुए। (iii) वाद्यों की उचित संगत, जिनमें हारमोनियम, सारंगी, शहनाई, बाँसुरी, नगाड़ा तथा ढोलक प्रमुख हैं। इस शैली के मुख्य खिलाड़ी चिड़ावा के नानूराम थे। उनका स्वर्गवास 60 वर्ष से अधिक समय हो चुका है, लेकिन वे अपने पीछे स्वचरित ख्यालों की एक धरोहर छोड़ गए हैं। उनमें से कुछ निम्नलिखित है- (i) हीर रांझा (ii) राजा हरिश्चन्द्र (iii) भर्तृहरि (iv) जयदेव कलाली (v) ढोला मरवण (vi) आल्हादेव। नानूराम चिड़ावा निवासी मुसलमान थे। किन्तु सभी जाति व संप्रदाय के लोग उन्हें बड़े सम्मान के उनकी कला के लिए आज भी सभी याद करते हैं। उनके योग्यतम शिष्यों में एक दूलिया राणा थे जिनके परिवार के लोग आज भी इन ख्याल का अखाड़ा लगाते हैं तथा इनमें होने वाले व्यय को वहन करते हैं। दूलिया राणा स्री चरित्रों को बड़ी कुशलता से निभाते थे। दूलिया राणा की मृत्यु के बाद उनके पुत्र सोहन लाल व पोते बनारसी आज भी साल में आठ महीनों तक इन ख्यालो

राजस्थान के लोक नाट्य - " जयपुरी ख्याल"

जयपुरी ख्याल - अन्य ख्यालों से अलग जयपुरी ख्याल की कुछ अपनी विशेषताएँ है जो इस प्रकार है- (i) स्री पात्रों की भूमिका स्रियाँ निभाती हैं। (ii) यह शैली रुढ़ नहीं है बल्कि मुक्त तथा लचीली है। यह कलाकारों को नए प्रयोगों की पर्याप्त संभावनाएँ प्रदान करती है (iii) इसमें कविता, संगीत, नृत्य तथा गान व अभिनय का सुंदर समानुपातिक समावेश है। गुणवान कलाकार जयपुरी ख्यालों में हिस्सा लिया करते थे। इस शैली के कुछ लोकप्रिय ख्याल निम्नलिखित है - (१) जोगी-जोगन (२) कान-गूजरी (३) मियाँ-बीबू (४) पठान (५) रसीली तम्बोलन। सन् 1981 में "ख्याल भारमली" के कथ्य पर नई शैली में एक नाटक लिखा गया। इसके लेखक राजस्थान के प्रयोगवादी नाटककार श्री हमीदुल्ला हैं। यह नाटक राजस्थान के अलावा हैदराबाद, बैंगलोर, चैन्नई, मुम्बई, दिल्ली और लखनऊ आदि स्थानों पर भी खेला गया। इसके बहुरंगी लोक वातावरण के कारण इसे सभी स्थानों पर सराहा गया तथा कुछ प्रांतीय भाषाओं में इसका अनुवाद भी हुआ।

राजस्थान के लोक नाट्य - "कुचामनी ख्याल"

कुचामनी ख्याल - इसका उद्गम नागौर जिले का कुचामन शहर है। लोक जीवन के विख्यात लोक नाट्यकार 'लच्छीराम' द्वारा इसका प्रवर्तन किया गया। उन्होंने प्रचलित ख्याल परम्परा में अपनी शैली का समावेश किया। इस शैली की विशेषताएँ निम्नलिखित है- (i) इसका रूप गीत-नाट्य या ऑपेरा जैसा होता है। (ii) इसमें लोकगीतों की प्रधानता होती है। (iii) लय के अनुसार ही नृत्य में ताल होती है। आलापचारी की समाप्ति पर पात्र अपना कमाल दिखाते हैं। (iv) इसे खुले मंच (ओपन एयर) पर प्रस्तुत किया जाता है। मंच पर पर्दे का प्रयोग नहीं होता है। मंच के लिए तख्त का प्रयोग किया जाता है। (v) इसमें पुरुष ही स्त्री चरित्र का अभिनय करते हैं। (vi) इस ख्याल में संगत के लिए वादक ढोल, शहनाई आदि प्रयुक्त करते हैं। (vii) इसमें प्रायः नर्तक ही गाने गाते हैं लेकिन जब नर्तक की साँस उखड़ जाती है तो मंच पर बैठे अन्य सहयोगी गायक गायन जारी रखते हैं। गीत बहुत ऊँचे स्वर में गाये जाते हैं। (viii) इसमें सरल भाषा एवं सीधी बोधगम्य लोकप्रिय धुनों का प्रयोग होता है और अभिनय की कुछ सूक्ष्म भावभिव्यक्तियाँ होती है। (ix) इसमें सामाजिक स्थितियों

राजस्थान के 'ख्याल' लोकनाट्य

ख्याल : एक परिचय- ख्याल राजस्थान के लोक नाट्य की सबसे लोकप्रिय विद्या है। इसके 18 वीं शताब्दी के प्रारम्भ से ही राजस्थान में लोक नाट्यों के नियमित रुप से सम्मिलित होने के प्रमाण मिलते हैं। ख्याल शब्द खेल शब्द का अपभ्रंश है। यहां खेल से तात्पर्य नाटक खेलने से है। ख्याल के अभिनेता को 'खिलाड़ी' कहते हैं। ख्यालों की विषय-वस्तु पौराणिक या किसी पुराख्यान या ऐतिहासिक पुरुषों के वीराख्यान या लोक देवता व लोक देवियों के कल्याणकारी गाथा से जुड़ी होती है। भौगोलिक अन्तर के कारण इन ख्यालों ने भी परिस्थिति के अनुसार अलग-अलग रुप ग्रहण कर लिए। इन ख्यालों के खास प्रकार निम्नलिखित है - कुचामनी ख्याल शेखावटी ख्याल जयपुरी ख्याल तुर्रा - कलंगी ख्याल माँची ख्याल हाथरसी ख्याल। ये सभी ख्याल बोलियों में ही अलग नहीं है, बल्कि इनमें शैलीगत भिन्नता भी पाई जाती है। जहाँ कुछ ख्यालों में संगीत की महत्ता अधिक है तो दूसरों में नाटक, नृत्य और गीतों सभी की प्रधानता है। इनमें गीत प्राय: लोकगीतों पर आधारित है या शास्रीय संगीत पर। लोकगीतों एवं शास्रीय संगीत का भेद ख्याल को गाने वाले विशेष नाट्यकार पर ही आध

राजस्थान के लोक नाट्य

राजस्थान में लोक नाट्य जन जीवन को सदैव आह्लादित करते रहे हैं। गीतों व नृत्यों की प्रधानता लिए इन लोक नाट्य में दर्शकों एवं अभिनेता के बीच दूरी प्रायः नहीं होती है। अधिकतर इनमें वेशभूषा प्रतीकात्मक ही होती है। ये लोकनाट्य अधिकतर ऐतिहासिक व पौराणिक आख्यानों पर आधारित होते हैं लेकिन आजकल इनमें समसामयिक राजनीति और शासन व्यवस्था को भी अभिव्यक्त किया जाने लगा है। वैसे तो इनमें पुरुष व स्त्री दोनों ही भाग लेते हैं लेकिन कई बार पुरुष ही स्त्री की वेशभूषा में अभिनय करते हैं। इन लोक नाट्य में राजस्थान की लोक संस्कृति की झलक मिलती है किन्तु सीमावर्ती जिलों के लोक नाट्य में पड़ोसी राज्य की संस्कृति का प्रभाव भी देखा जाता है जैसे अलवर और भरतपुर के लोकनाट्य में हरियाणा व उत्तर प्रदेश की लोक संस्कृति के मिले जुले रूप के दर्शन होते हैं तो धौलपुर एवं सवाईमाधोपुर के लोकनाट्य में ब्रज संस्कृति देखी जा सकती है। वैसे तो इन लोक नाट्य में जाति विशेष की बाध्यता नहीं है लेकिन बहुतायत में कुछ विशेष जातियों जैसे नट, भाट, भाँड आदि जाति के लोगों की होती है। यहाँ जनजाति यथा- भील, गरासिया, मीणा, सहरिया, बंजारे आदि के

समसामयिक घटनाचक्र Current affairs 8.2.2011

52 जिलों में इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना भारत सरकार ने देश के दूरदराज इलाकों में जच्चा बच्चा की ठीक ढंग से देखभाल के लिये 1000 करोड़ रुपये की इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना चयनित 52 जिलों में चलाई है और इन जिलों में करीब 14 लाख गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को योजना का लाभ मिलेगा। चुने गये 52 जिलों के आंगनबाड़ी केन्द्रों के जरिये योजना पर अमल किया जायेगा। शतप्रतिशत केन्द्र प्रायोजित इस योजना पर अमल में एकीकत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के पूरे ढांचे को उपयोग में लाया जायेगा। इसके अलावा अनुबंध के आधार पर अन्य लोगों को भी इसमें लगाया जायेगा। योजना के तहत 19 वर्ष से अधिक उम्र में पहली बार माँ बनने वाली गर्भवती और दूध पिलाने वाली माताओं को तीन किस्तों में कुल 4000 रुपये की नकद राशि अतिरिक्त सहायता के तौर पर उपलब्ध कराई जायेगी। इस योजना के 52 जिलों में राजस्थान के उदयपुर व भीलवाडा जिले शामिल है। केन्द्र व राज्य सरकारों तथा सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों को इस योजना से अलग रखा गया है। क्योंकि उन्हें मातृत्व लाभ के दौरान वेतन सहित अवकाश की सुविधा मिली हुई है। इस योजना

Forts of Rajasthan and Its Founders--राजस्थान के प्रमुख किले एवं उनके निर्माणकर्ता---Important Rajasthan GK

1. बयाना का किला या बिजयगढ़ या विजयगढ़- जादौन राजा बिजयसिंह 2. जोधपुर का किला या मेहरानगढ़ - राव जोधा [ 1459 में ] 3. अचलगढ़ का किला माउंट आबू- राणा कुंभा 4. भरतपुर का किला लोहागढ़ - जाट राजा सूरजमल [ 1733 में ] 5. कुंभलगढ़ का किला- राणा कुंभा 6. मांडलगढ़ का किला- चौहान शासक 7. नाहरगढ़ या सुदर्शनगढ़ [ जयपुर ] का किला- सवाई जयसिंह 8. जैसलमेर का किला या सोनार का किला- महारावल जैसलदेव 9. चित्तौड़गढ़ का किला- चित्रांगद मौर्य 10. सिवाना का किला जिला बाड़मेर- पँवार राजा वीर नारायण प्रथम 11. तारागढ़ का किला या गढ़बीठली या अजयमेरु दुर्ग अजमेर - अजयपाल सिंह चौहान 12. बीकानेर का किला या जूनागढ़- राजा रायसिंह राठौड़ 13. गागरोण का किला ( झालावाड़ ) - डोड राजा बीजलदेव [ 12 वीं सदी ] 14. डीग का किला- राजा सूरजमल 15. कोटा का किला- माधोसिंह 16. तारागढ़ बूँदी का किला- हाड़ा राजा बरसिंह [ 14 वीं सदी में ] 17. जयगढ़ का किला ( आमेर ) - राजा सवाई जयसिंह द्वितीय 18. अकबर का किला या मैग्जीन या दौलतखाना अजमेर- अकबर 19. आमेर का किला- कछवाहा राजा धोलाराय 20. ना

राजस्थान सामान्य ज्ञान - आज की क्विज 8.2.2010

1. राजस्थान में 1857 में विद्रोह का प्रारंभ कब व कहाँ हुआ? उत्तर- 28 मई को नसीराबाद में 2. कुंभलगढ़ दुर्ग के भीतर बने अंतःदुर्ग का नाम क्या है? उत्तर- कटारगढ़ 3. किस किले को दौलतखाना या मैग्जीन भी कहा जाता है? उत्तर- अकबर का किला 4. कालिकामाता मंदिर एवं कुंभश्याम मंदिर किस किले में स्थित है? उत्तर- चित्तौड़गढ़ में 5. गढ़बीठली किस किले को कहा जाता है? उत्तर- तारागढ़ अजमेर को 6. जोधपुर का मेहरानगढ़ किस पहाड़ी पर स्थित है? उत्तर- चिड़ियाटूक पहाड़ी पर 7. किस दुर्ग को अबुल फजल ने बख्तरबंद किला कहा था? उत्तर- रणथम्भौर को 8. किस किले को अभेद्य दुर्ग कहा जाता है? उत्तर- भरतपुर के लोहागढ़ को 9. जूनागढ़ किला किस नगर में है? उत्तर- बीकानेर में 10. त्रिकूट पहाड़ी पर स्थित पीले पत्थर से निर्मित बीकानेर के किले को किस नाम से जाना जाता है? उत्तर - सोनार का किला 11. शिलादेवी का मंदिर किस किले में स्थित है? उत्तर- आमेर के किले में 12. कई गुप्त सुरंगों के कारण किस किले को रहस्यमय दुर्ग कहा जाता है? उत्तर - जयगढ़ जयपुर को 13. सोनगिरी पहाड़ी पर स्थित किस किले को सुवर्णगिरि

राजस्थान सामान्य ज्ञान - आज की क्विज 7.2.10

1. सम्पूर्ण देश में समस्त सरकारी विभागों के आयोजना बजट का कितने प्रतिशत भाग नागरिक केन्द्रित ई-प्रशासन हेतु सुनिश्चित किए जाने का प्रावधान है? उत्तर- 3 प्रतिशत 2. राजस्थान पत्रिका सृजनात्मक साहित्य पुरस्कार 2010 के अंतर्गत कहानी वर्ग का प्रथम पुरस्कार किसे दिया गया? उत्तर- जोधपुर के कथाकार डॉ. सत्यनारायण की कहानी अँगूठा को 3. राजस्थान में सूचना प्रौद्योगिकी नीति का कब से लागू की गई? उत्तर- 2007 से 4. महिला सशक्तिकरण की दिशा में कृषि भूमि सहित सभी अचल सम्पत्ति के हस्तान्तरण विलेखों पर मुद्रांक शुल्क 5 प्रतिशत से घटाकर कितने प्रतिशत किया गया? उत्तर- चार प्रतिशत 5. जवाहरलाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन ( JNNURM ) के अंतर्गत राज्य के किन तीन प्रमुख शहरों का चयन किया गया था? उत्तर- जयपुर,अजमेर एवं पुष्कर का 6. कौनसी झीलों के संरक्षण एवं विकास हेतु 198.66 करोड़ का प्रावधान किया था? उत्तर- पिछोला, फतेहसागर ( उदयपुर ) आनासागर झील ( अजमेर ) एवं पुष्कर झील का 7. महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री हेतु राज्य स्तर पर प्रारंभ प्रथम हाट का ना

समसामयिक घटनाचक्र Current Affairs January 2011

राजस्थान रणजी ट्राफी में पहली बार चैम्पियन राजस्थान ने 16 जनवरी को रणजी ट्राफी सुपर लीग फाइनल में पहली पारी में मिली 33 रनों की बढ़त के आधार पर बड़ौदा को पछाड़ कर खिताब पर कब्जा जमाया और पहली बार चैम्पियन बना। अशोक मेनारिया (101) और रश्मि रंजन परिदा (89) की शानदार बल्लेबाजी तथा दीपक चाहर (15/3) की घातक गेंदबाजी की बदौलत राजस्थान क्रिकेट टीम ने 77 साल में पहली बार रणजी ट्राफी सुपर लीग खिताब जीतकर इतिहास रचा। परिदा को 'मैन ऑफ द मैच' के पुरस्कार से नवाजा गया. बड़ौदा के मोतीबाग स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में राजस्थान ने पहली पारी में मिली 33 रनों की बढ़त के आधार पर विजेता घोषित किया गया। इससे पूर्व राजस्थान आठ बार फाइनल में पहुँच चुका है तथा इस बार 37 वर्ष बाद प्लेट लीग से सुपरलीग का सफर तय कर फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहा। राजस्थान द्वारा जीत के लिए रखे गए 375 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बड़ौदा की टीम मैच के अंतिम और पांचवें दिन शनिवार को चार विकेट के नुकसान पर 28 रन बना सकी। इसके बाद मैच को ड्रॉ घोषित कर दिया गया लेकिन पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर राज

राजस्थान सामान्य ज्ञान - आज की क्विज 6. 2. 2010

1. जोधपुर जिले में माणकलाव गाँव में नशामुक्ति अभियान में उल्लेखनीय योगदान करने के लिए किसे 1986 में पद्मश्री एवं 1991 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया? उत्तर- श्री नारायण सिंह माणकलाव 2. मीरा महोत्सव का आयोजन कहां किया जाता है? उत्तर- चित्तौड़गढ़ में 3. जयपुर की इमारतों पर गुलाबी रंग करवाने का श्रेय किन्हें दिया जाता है? उत्तर- सवाई रामसिंह द्वितीय 4. रेगिस्तान का सागवान किसे कहते हैं? उत्तर- रोहिडा के वृक्ष को 5. गालव ऋषि का आश्रम स्थल कहाँ है जो वर्तमान में "मंकी वैली"के उपनाम से प्रसिद्ध है? उत्तर- गलता, जयपुर में 6. रमकडा उद्योग [सोप स्टोन के तराशे हुए खिलौने] किस जिले के प्रसिद्ध हैं? उत्तर- डूंगरपुर के 7. हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, उदयपुर के जिंक स्मेल्टर राजस्थान में कहां स्थित हैं उत्तर- देबारी व चंदेरिया में 8. किस झील पर शाहजहां द्वारा 1627 ई. में बारहदरियों का निर्माण किया गया? उत्तर- आना सागर झील 9. राजस्थान के प्रथम वित्त मंत्री कौन थे? उत्तर- चंदनमल बैद 10. देव सोमनाथ मेला किस जिले में भरता है? उत्तर- डूंगरपुर जिले

Major Research Centers of Rajasthan - राजस्थान के प्रमुख अनुसंधान केन्द्र-

1. राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान केन्द्र - सेवर जिला भरतपुर 2. केन्द्रीय सूखा क्षेत्र अनुसंधान संस्थान - CAZRI- जोधपुर 3. केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान - अविकानगर जिला टौंक 4. राष्ट्रीय ऊँट अनुसंधान केंद्र - जोहड़बीड़, बीकानेर 5. अखिल भारतीय खजूर अनुसंधान केन्द्र - बीकानेर 6. राष्ट्रीय मरु बागवानी अनुसंधान केन्द्र - बीकानेर 7. राष्ट्रीय घोड़ा अनुसंधान केन्द्र - बीकानेर 8. सौर वेधशाला - उदयपुर 9. राजस्थान कृषि विपणन अनुसंधान संस्थान - जयपुर 10. केन्द्रीय पशुधन प्रजनन फार्म - सूरतगढ़ जिला गंगानगर 11. राजस्थान राजस्व अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान - अजमेर 12. राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्  - उदयपुर 13. सुदूर संवेदन केन्द्र - जोधपुर 14. माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं सर्वेक्षण संस्थान - उदयपुर 15. राष्ट्रीय मसाला बीज अनुसंधान केन्द्र - अजमेर 16. राष्ट्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान - जयपुर 17. केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग शोध संस्थान (सीरी) - पिलानी 18. अरबी फारसी शोध संस्थान - टौंक 1

राजस्थान सामान्य ज्ञान - आज की क्विज 5.2.2010

1. राजस्थान के सर्वाधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले जिले का नाम क्या है? उत्तर- जयपुर 2. राजस्थान की सबसे लंबी नदी कौनसी है? उत्तर- चंबल 3. राजस्थान उच्च न्यायालय का मुख्यालय कहाँ स्थित है? उत्तर- जोधपुर 4. राज्य में पूर्ण बहाव के आधार पर सबसे लंबी नदी कौनसी है? उत्तर- बनास 5. राजस्थान की प्रथम महिला मंत्री कौन थी? उत्तर- श्रीमती कमला बेनीवाल 6. राजस्थान की प्रथम राजस्थानी फिल्म कौनसी बनी थी? उत्तर- नजराणों 7. राजस्थान का अबुल फजल किसे कहते हैं ? उत्तर- मुहणोत नैणसी 8. राजस्थान की प्रथम महिला मुख्यमंत्री का नाम क्या है? उत्तर- श्रीमती वसुंधरा राजे 9. बागड़ के गॉंधी के रूप में किसे जाना जाता है? उत्तर- भोगीलाल पण्ड्या 10. किस शहर को जलमहलों की नगरी कहा जाता है? उत्तर- डीग (भरतपुर) 11. राजस्थान का कानपुर किस शहर को कहा जाता है? उत्तर- कोटा 12. राजस्थान में सर्वाधिक पशु संख्या वाला जिला कौनसा है? उत्तर- उदयपुर 13. राजस्थान का क्षेत्रफल देश के क्षेत्रफल का कितने प्रतिशत भाग है? उत्तर- 10.4 प्रतिशत (लगभग 1/10 भाग) 14. किस शहर को राजस्थान

राजस्थान सामान्य ज्ञान - आज की क्विज 4.2.2011

1. सेवण घास राज्य के किस जिले में सर्वाधिक मात्रा में पाई जाती है? उत्तर- जैसलमेर जिले में 2. हनुमानगढ़ के किले को किस नाम से जाना जाता है? उत्तर- भटनेर का किला 3. जंगली मुर्गों के लिए कौनसा अभयारण्य प्रसिद्ध है? उत्तर- माउण्ट आबू 4. उड़न गिलहरियों के लिए कौनसा अभयारण्य प्रसिद्ध है? उत्तर- प्रतापगढ़ जिले का सीता माता अभ्यारण्य 5. राजस्थानी भाषा में प्रकाशित होने वाली पत्रिका 'जागती जोत' का प्रकाशक कौन है? उत्तर- राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर 6. राजस्थान का राज्य पशु क्या है? उत्तर- चिंकारा 7. नए दामाद के ससुराल में आने पर स्त्रियों द्वारा कौनसे गीत गाए जाते हैं? उत्तर- पावणा गीत 8. गोरबंद गीत किस क्षेत्र में अत्यंत लोकप्रिय है? उत्तर- शेखावाटी क्षेत्र 9. ओल्यू गीत कब गाया जाता है? उत्तर- किसी की याद में 10. राजस्थान की लोक कलाओं, लोक संगीत के संरक्षण, लुप्त हो रही कलाओं की खोज व उनके उन्नयन तथा लोक कलाकारों को प्रोत्साहित कर उनके विकास के लिए प्रयासरत रूपायन संस्थान कहाँ स्थित है? उत्तर- बोरूंदा-जोधपुर में 11. केवलादेव

लोक देवता वीर तेजाजी परबतसर नागौर

लोक देवता तेजाजी का जन्म नागौर जिले में खड़नाल गाँव में ताहरजी (थिरराज) और रामकुंवरी के घर माघ शुक्ला, चौदस संवत 1130 यथा 29 जनवरी 1074 को जाट परिवार में हुआ था। उनके पिता गाँव के मुखिया थे। यह कथा है कि तेजाजी का विवाह बचपन में ही पनेर गाँव में रायमल्जी की पुत्री पेमल के साथ हो गया था किन्तु शादी के कुछ ही समय बाद उनके पिता और पेमल के मामा में कहासुनी हो गयी और तलवार चल गई जिसमें पेमल के मामा की मौत हो गई। इस कारण उनके विवाह की बात को उन्हें बताया नहीं गया था। एक बार तेजाजी को उनकी भाभी ने तानों के रूप में यह बात उनसे कह दी तब तानो से त्रस्त होकर अपनी पत्नी पेमल को लेने के लिए घोड़ी 'लीलण' पर सवार होकर अपनी ससुराल पनेर गए। रास्ते में तेजाजी को एक साँप आग में जलता हुआ मिला तो उन्होंने उस साँप को बचा लिया किन्तु वह साँप जोड़े के बिछुड़ जाने कारण अत्यधिक क्रोधित हुआ और उन्हें डसने लगा तब उन्होंने साँप को लौटते समय डस लेने का वचन दिया और ससुराल की ओर आगे बढ़े। वहाँ किसी अज्ञानता के कारण ससुराल पक्ष से उनकी अवज्ञा हो गई। नाराज तेजाजी वहाँ से वापस लौटने लगे तब पेमल से उनकी प्रथम भें

राजस्थान सामान्य ज्ञान - आज की क्विज 3.2.2011

1. पुष्कर में 19 वीं शताब्दी में बना रंगनाथजी का मंदिर किस शैली में बना है? उ. दक्षिणात्य शैली में 2. देव सोमनाथ मंदिर किस जिले में स्थित है? उ. डूंगरपुर जिले में 3. बाड़मेर जिले के किराडू के प्रसिद्ध मंदिरों में सबसे प्रमुख मंदिर कौनसा है? उ. सोमेश्वर महादेव का 4. राजस्थान में राज्य स्तरीय पशु मेले सबसे से ज्यादा किस जिले में भरते है? उ. नागौर में 5. एस्बेस्टस के उत्पादन में राज्य का स्थान कौनसा है? उ. प्रथम 6. धामण, करड एवं अंजन क्या है? उ. राजस्थान में घास की किस्में 7. ऊँट की खाल पर स्वर्ण युक्त मीनाकारी व चित्रांकन आदि करने की जैसलमेर की बहुआयामी कला का क्या नाम है? उ. उस्ता कला 8. सबसे पुरानी नहरों में से एक गंग नहर का निर्माण 1927 में फिरोजपुर पंजाब के निकट हुसैनीवाला में सतलज नदी से नहर निकाल कर किसने कराया था? उ. बीकानेर के राजा गंगासिंह ने 9. खारी नदी किस अपवाह तंत्र का अंग है? उ. बंगाल की खाड़ी 10. राजस्थान के मेवाड़ राज्य के वो कौन शासक थे जिन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पं. मदन मोहन मालवीय को आर्थिक सहयोग दिया? उ.

राजस्थान के नगरों व क्षेत्रों के उपनाम

1. गुलाबी नगर - जयपुर 2. पूर्व का पेरिस - जयपुर 3. राजस्थान का शिमला- माउंट आबू 4. राजस्थान का ह्रदय - अजमेर 5. राजस्थान का प्रवेशद्वार- भरतपुर 6. पूर्व का वेनिस - उदयपुर 7. राजस्थान का कश्मीर - उदयपुर 8. राजस्थान का गौरव - चित्तौड़गढ़ 9. राजस्थान की थर्मोपल्ली- हल्दीघाटी 10. पहाड़ों की नगरी - डूंगरपुर 11. सूर्यनगरी - जोधपुर 12. स्वर्ण नगरी - जैसलमेर 13. तीर्थराज - पुष्कर 14. तीर्थों का मामा - पुष्कर 15. राजस्थान का खजुराहो- जगत (उदयपुर) 16. राजस्थान का कानपुर - कोटा 17. सिटी ऑफ वेल्स - झालरापाटन 18. तीर्थों का भानजा - मचकुंड 19. द्वितीय काशी - बूँदी 20. झीलों की नगरी- उदयपुर 21. राजस्थान का जिब्राल्टर- तारागढ़ दुर्ग अजमेर 22. राजस्थान का वेल्लोर- भैसरोड़गढ़ दुर्ग 23. राजस्थान का अन्न भंडार- गंगानगर 24. राजस्थान का नागपुर- झालावाड़ 25. राजस्थान का डेनमार्क- बीकानेर 26. जलमहलों की नगरी- डीग जिला भरतपुर 27. रेगिस्तान का गुलाब- जैसलमेर

राजस्थान सामान्य ज्ञान - आज की क्विज 2.2.2011

1. 'बेलि क्रिसन रुक्मणी री' पुस्तक के लेखक कौन है? उ. पृथ्वीराज राठौड़ 2. पृथ्वीराज रासौ के लेखक चंद बरदाई किस शासक के राजकवि व सामंत थे? उ. अजमेर के पृथ्वीराज चौहान के 3. प्रसिद्ध प्रेमकथा 'ढोला मारु रा दोहा' के रचनाकार कौन थे? उ. कल्लोल 4. कुम्भलगढ़ दुर्ग का निर्माण महाराणा कुम्भा ने किस प्रमुख वास्तुकार व शिल्पी की देखरेख कराया था? उ. मंडन की 5. चित्तौड़गढ़ दुर्ग को राजस्थान का गौरव एवं गढ़ों का सिरमौर कहा जाता है जिसका निर्माण किस मौर्य शासक ने कराया था? उ. चित्रागंद मौर्य ने 6. चीनी मिट्टी के बर्तनों पर नीले रंग से चित्रण की कला क्या कहलाती है? उ. ब्ल्यू पॉटरी 7. पिछवाई पेंटिंग के लिए कौनसा शहर सर्वाधिक प्रसिद्ध है? उ. नाथद्वारा 8. ऊन को कूट-कूट कर तथा दबा कर बनाए जाने नमदों के लिए कौनसा शहर प्रसिद्ध है? उ. टौंक 9. चित्तौड़गढ़ जिले का कौनसा गाँव आजम प्रिंट के लिए प्रसिद्ध है? उ. आकोला 10. नीले व लाल रंग का सर्वाधिक प्रयोग 'अजरक प्रिंट' के लिए कौनसा नगर प्रसिद्ध है? उ. बाड़मेर 11. भैंसलाना किसके खनन के लिए प्रसिद्ध है? उ. क

राजस्थान सामान्य ज्ञान - आज की क्विज 1.2.2011

1. वल्लभ सम्प्रदाय के प्रवर्तक कौन थे? उ. वल्लभाचार्य 2. जसनाथी संप्रदाय की प्रधान पीठ कहाँ है? उ. कतियासर 3. निम्बार्काचार्य द्वारा प्रवर्तित निम्बार्क सम्प्रदाय को किस अन्य नाम से जाना जाता है? उ. हंस सम्प्रदाय से 4. देवी के रतजगे के समय महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले गीत या मंत्र क्या कहलाते हैं? उ. चिरजा 5. अलौकिक शक्ति द्वारा किसी कार्य को करना अथवा करवा देना क्या कहलाता है? उ. पर्चा देना 6. श्रद्धालु अपने आराध्य लोकदेवता की सोने, चाँदी, पीतल, ताँबे आदि धातुओं की बनी छोटी प्रतिकृति गले मे बाँधते है जिसे क्या कहते हैं? उ. नावा या चौकी 7. लोकमानस में सुगनचिड़ी को किस माता का स्वरूप माना जाता है? उ. आवड़ माता का 8. आवड माता जैसलमेर के किस राजवंश की कुलदेवी थी? उ. भाटी राजवंश की 9. गलियाकोट, डूंगरपुर में किस मुस्लिम संत की दरगाह है? उ. फखरुद्दीन की 10. घुड़ला त्यौहार राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में कब से कब तक मनाया जाता है? उ. चैत्र कृष्णा अष्टमी से चैत्र शुक्ल तृतीया तक 11. गलता जयपुर में किस संप्रदाय की प