राजस्थान के लोकगीत- लोकगीत विवरण 1. मोरिया इस लोकगीत में ऐसी लड़की की व्यथा है , जिसका विवाह संबंध निश्चित हो गया है किन्तु विवाह होने में देरी है। 2. औल्यू ओल्यू का मतलब 'याद आना' है। दाम्पत्य प्रेम से परिपूर्ण विलापयुक्त लयबद्ध गीत जिसमें पति के लिए भंवरजी , कँवरजी का तथा पत्नी के लिए मरवण व गौरी का प्रयोग किया गया है। 3. घूमर गणगौर अथवा तीज त्यौहारों के अवसर पर स्त्रियों द्वारा घूमर नृत्य के साथ गाया जाने वाला गीत है , जिसके माध्यम से नायिका अपने प्रियतम से श्रृंगारिक साधनों की मांग करती है। 4. गोरबंध गोरबंध , ऊंट के गले का आभूषण है। मारवाड़ तथा शेखावटी क्षेत्र में इस आभूषण पर गीत गोरबंध नखरालो गीत गाया जाता है। इस गीत से ऊँट के शृंगार का वर्णन मिलता है। 5. कुरजां कुरजां साइबेरिया से आने वाला सारस पक्षी है। यह लोकप्रिय गीत में कुरजां पक्षी को संबोधित करते हुए विरहणियों द्वारा अपने प्रि
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