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Showing posts with the label Welfare plans of Rajasthan

राजस्थान की योजनाएँ Swa Vivek Jila Vikas Yojna - राजस्थान की स्व-विवेक जिला विकास योजना

राजस्थान की स्व-विवेक जिला विकास योजना - योजना का परिचय - राज्य में क्षेत्र के विकास की आवश्यकता एवं आपातकालीन परिस्थितियों का सामना करने, रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु जिला कलक्टर्स के स्तर पर स्व-विवेक से निर्णय लेकर विकास कार्य कराये जाने हेतु वर्ष 2005-06 में स्व-विवेक जिला विकास योजना लागू की गई हैं। योजना के उद्देश्य - क्षेत्र की आवश्यकता एवं उत्पन्न आपातकालीन परिस्थितियों में क्षेत्र में जन-आंकाक्षाओं के अनुरूप कार्य स्वीकृत कर रोजगार के अवसर सृजित करना। सामुदायिक परिसम्पत्तियों एवं आधारभूत भौतिक सम्पत्तियों का सृजन। स्थानीय समुदाय को रोजगार की उपलब्धता एवं उनके जीवन स्तर में सुधार। योजना का वित्त पोषण - योजना शत-प्रतिशत राज्य वित्त पोषित है। योजना की विशेषताएं - यह राज्य के केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही लागू है। इस योजनान्तर्गत जिला कलक्टर्स द्वारा क्षेत्र की आवश्यकता, जन आकांक्षाओं एवं आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये विकास कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं। इस प्रकार इस योजनान्तर्गत एक तरफ आपात कालीन परिस्थितियों का सामना क

राजस्थान की योजनाएँ Magra Area Development Programme - मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम

राजस्थान की ग्रामीण विकास की योजनाएँ - मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम कार्यक्रम का परिचय -  राजस्थान राज्य के दक्षिणी-मध्य के जनजाति उपयोजना क्षेत्र के अलावा वह क्षेत्र जो पहाड़ियों से घिरा हुआ है तथा जहां अन्य पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक लोगों का अधिवास है, को मगरा क्षेत्र कहा जाता है। मगरा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के साथ-साथ इस क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं के विकास हेतु वर्ष 2005-06 में मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।   उद्देश्य - प्रदेश का मगरा क्षेत्र जिसमें अन्य पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक लोग निवास करते हैं, राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछड़ा हुआ है। मगरा क्षेत्रीय विकास योजना के दिशा निर्देशों से निम्न उद्देश्यों की पूर्ति हो सकेगी:-  मगरा क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढ़ांचागत विकास। सामुदायिक एवं अन्य आधारभूत भौतिक परिसम्पत्ति सृजन। श्री योजना में शामिल 5 मूल आधारभूत सुविधाएं यथा ग्राम स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्रामीण आंतरिक सड़के, शिक्षा एवं ग्राम में रोशनी की व्यवस

राजस्थान की योजनाएँ - Kailsah Mansarovar Yatra Yojna of Devesthan Depatment Rajasthan

देवस्थान विभाग की कैलाश मानसरोवर दर्शन यात्रा योजना  Kailsah Mansarovar Yatra Yojna of Devesthan Depatment Rajasthan क्या है योजना का नाम-   कैलाश मानसरोवर यात्रा हेतु श्रद्धालुओं को सहायता योजना कब प्रारंभ हुई थी ये योजना - 1 अप्रैल 2011 से क्या है योजना का उद्देश्य - योजना का उद्देश्य विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से कैलाश मानसरोवर की यात्रा सफलतापूर्वक सम्पन्न करने वाले राजस्थान के स्थाई मूल निवासी श्रद्धालुओं को रुपये 1,00,000/- (अक्षरे एक लाख रुपये) प्रति यात्री की सहायता प्रदान करना। कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा का संक्षिप्त परिचय- जिन धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक महत्व के कारण कैलाश मानसरोवर की यात्रा जानी जाती है, वे अनेक धर्मों तक व्यापक है। हिन्दू परंपरा के अनुसार यह भगवान महादेव शिव का निवास स्थान भी है और मिथकों का सुमेरु एवं स्वर्गीय कल्पना का सेतु भी है। कैलाश पर्वत पर ही जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ( 'भगवान आदिनाथ') ने अपना मोक्ष पाया था। तिब्बत अपने आप में बौद्ध धर्म

राजस्थान की योजनाएँ - Mewat Area Development Plan- मेवात क्षेत्रीय विकास योजना

मेवात क्षेत्रीय विकास योजना -  योजना का परिचय - अलवर एवं भरतपुर जिले का मेव बाहुल्य क्षेत्र जो मेवात क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, उसके विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1987-88 से मेवात क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। योजना के उद्देश्य - प्रदेश का मेवात क्षेत्र जिसमें अन्य पिछडी जाति एवं अल्पसंख्यक लोग निवास करते है। राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछडा हुआ है। मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के दिशा निर्देशों से निम्न उद्देश्यों की पूर्ति हो सकेगी-   मेवात क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढांचागत विकास। सामुदायिक एवं अन्य आधारभूत भौतिक परिसम्पत्ति सृजन। श्री योजना में शामिल 5 मूल आधारभूत सुविधाएं यथा ग्राम स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्रामीण आंतरिक सड़के, शिक्षा एवं ग्राम में रोशनी की व्यवस्था के कार्यों का प्राथमिकता से सम्पादन। जनसंख्या के आधार पर मेवात ग्रामीण क्षेत्र का चरणबद्ध समग्र विकास। मेवात ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुख्यालयों एवं ग्राम की जनसंख्या के आधार पर गाँवों का समग्र विकास । मेवात क

Mitigating Poverty in Western Rajasthan (MPoWeR) पश्चिमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना (एमपाॅवर)

पश्चिमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना (एमपाॅवर)- Mitigating Poverty in Western Rajasthan (MPoWeR)- परियोजना का परिचय -  राज्य सरकार द्वारा जोधपुर संभाग के छः जिलों में अन्तराष्ट्रीय कृषि विकास कोष ( IFAD ) की सहायता से पश्चिमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना Mitigating Poverty in Western Rajasthan (MPoWeR) परियोजना स्वीकृत की गई है।  योजना की कार्य अवधि पूर्व में दिसम्बर 2014 थी जिसे दो बार विस्तार करके दिसम्बर 2017 तक बढ़ाया गया, योजना समाप्ति जून 2018 थी।  राज्य के जोधपुर संभाग के बायतु (बाड़मेर), साॅकडा (जैसलमेर), बाप (जोधपुर), सांचौर (जालौर), बाली (पाली) तथा आबूरोड (सिरोही) पंचायत समितियों में यह परियोजना वर्ष 2008-09 से संचालित की जा रही है तथा दो ब्लाॅक सिरोही जिले में पिण्डवाड़ा व जोधपुर जिले में बालेसर को भी वर्ष 2016-17 सम्मिलित किया गया है।  इन दो ब्लाॅकों में राजीविका में गठित स्वयं सहायता समूहों के आय संवर्द्धन का कार्य एमपाॅवर परियोजना द्वारा किया गया।  इन पंचायत समितियों में राजस्थान सरकार द्वारा निर्धारित किये गये गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले शत

Apki Beti Yojna Rajasthan - राजस्थान सरकार की आपकी बेटी योजना

राजस्थान सरकार की आपकी बेटी योजना  क्या है आपकी बेटी योजना और कैसे करें आवेदन - बालिका शिक्षा  बढ़ावा देने के लिए यह योजना बालिका शिक्षा फाउण्डेशन , पुस्तक भवन झालाना डूंगरी, जयपुर द्वारा चलायी जा रही है। आपकी बेटी योजना के अंतर्गत राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से कक्षा 12 में पढ़ने वाली गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की ऐसी बालिकाएँ आर्थिक सहायता के लिए पात्र होती है , जिनके माता-पिता में से दोनों अथवा एक का निधन हो गया हो। इसके लिए विद्यालय के संस्था प्रधान के माध्यम से संबंधित बालिका से फॉर्म भरवाकर (मृत्यु प्रमाण पत्र, बी.पी.एल. राशन कार्ड प्रति तथा गत कक्षा की अंक तालिका के साथ)  जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भिजवाना होता है। कितनी मिलती है सहायता राशि- राज्य सरकार ने सत्र 2019-20 में ‘‘आपकी बेटी योजना‘‘ के तहत कक्षा 1 से 8 में अध्ययनरत बालिकाओं को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 2100 रुपये तथा कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत बालिकाओं के लिए आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया है। अब इन बालिकाओं को सत्र 2019-20 से बढ़ी हुई आर्थिक सहायता राशि

Schemes of Tribal Area Development Department - जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की योजनाएँ

जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की योजनाएँ 1. आश्रम छात्रावासों का संचालन जनजाति छात्र-छात्राएं उनके निवास स्थान के नजदीक वांछित स्तर का विद्यालय नहीं होने की स्थिति में उनके परिवारों की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण दूर-दराज के विद्यालयों में अध्ययन जारी नहीं रख पाते हैं। अतः ऐसे छात्र-छात्राएं अध्ययन जारी रख सकें, इस उद्देश्य से विभाग द्वारा 356 आश्रम छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। इन छात्रावासों में 2000/- रू प्रतिमाह प्रति छात्र-छात्रा की दर से निःशुल्क आवास, भोजन, पोशाक एवं अन्य सुविधाऐं उपलब्ध करायी जाती है। आश्रम छात्रावासों में कार्यरत अधीक्षक एवं कोच को 15 प्रतिशत विशेष भत्ता एवं 10 प्रतिशत मकान किराया भत्ता दिया जा रहा है। 2. आवासीय विद्यालय संचालन योजना अनुसूचित क्षेत्र, माडा क्षेत्र तथा सहरिया क्षेत्र में छात्र-छात्राओं में शिक्षा के उन्नयन हेतु भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा आवासीय विद्यालयों का निर्माण कराया गया है। आवासीय विद्यालयों में स्वीकृत शैक्षिक/अशैक्षिक पदों पर शिक्षा विभाग से कर्मचारियों/ अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति/पदस्थापन पर लिए जाकर अध्य

कामधेनू डेयरी योजना आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर, 2018

कामधेनू डेयरी योजना  आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर, 2018 जयपुर, 21 दिसम्बर। गोपालन विभाग द्वारा आर.के.वी.वाई- रफ्तार अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 10 कामधेनू डेयरी स्थापित की जानी है। जिसमें आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर, 2018 रखी गई है। गोपालन निदेशालय के निदेशक श्री विश्राम मीना ने बताया कि कामधेनू डेयरी स्थापित करने के इच्छुक पशुपालक, गोपालक एवं लघु सीमान्त कृषक जिनके पास डेयरी की आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए जगह के अतिरिक्त एक एकड़ स्वयं की जमीन हो, इसके लिए आवेदन कर सकते है। उन्होंने बताया कि कामधेनू योजना में एक ही नस्ल की 30 देशी (गीर,थारपारकर आदि) दुधारू नयी गाये क्रय करना आवश्यक है।  श्री मीना ने बताया कि आवेदक को पशुपालन या डेयरी का तीन से पांच वर्ष का अनुभव होना जरूरी है। तथा आवेदन के पास 50 रूपये प्रति लीटर दुग्ध क्रय करने की क्षमता होनी चाहिए।  उन्होंने बताया कि योजना में महिलाओं एवं अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमान्त कृषकों को प्राथमिकता दी जायेगी। योजना के विस्तृत दिशा-निर्देश एवं श

Insurance and Pension Schemes for Construction Labours- निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना

निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना हितलाभ-    प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना में हिताधिकारी द्वारा अपने बैंक खाते से जमा कराई गयी प्रीमियम या अंशदान राशि के 50 से 100 प्रतिशत तक का मण्डल द्वारा पुनर्भरण। योजना हितलाभ मण्डल द्वारा देय अंशदान/प्रीमियम(रू.) प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना बीमित की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 2 लाख रू. बीमा राशि 12.00 (100 प्रतिशत) प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना बीमित की किसी भी कारण से मृत्यु होने पर 2 लाख रू. 165.00 (50 प्रतिशत) अटल पेंशन योजना सदस्य की 60 वर्ष की आयु होने पर 1 हजार से 5 हजार रू. मासिक पेंशन 252 से 1,746 रू. (आयु के अनुसार 1000/- पेंशन के लिए वार्षिक अंशदान का 50 प्रतिशत) भामाशाह निर्माण श्रमिक बीमा योजना (आम आदमी बीमा योजना) दुर्घटना में मृत्यु होने पर- 75,000 रू. स्थाई पूर्ण अशक्तता पर-75,000 रू. स्थाई अपूर्ण अशक्तता पर- 37,500रू सामान्य मृत्यु पर- 30,000 रू. मण्डल द्वारा शत प्रतिशत प्रीमियम राशि का भुगतान कर सभी हिताधिकारिय